राष्ट्रीय समाचार
लखनऊ एयरपोर्ट पर 15 जुलाई तक दिन में आठ घंटे बंद रहेंगी उड़ानें

लखनऊ, 1 मार्च। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रनवे की मरम्मत और आधुनिकीकरण के चलते शनिवार, 1 मार्च से 15 जुलाई तक हर रोज सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक उड़ानों की आवाजाही बंद रहेगी।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से मंजूरी मिलने के बाद यह कार्य शुरू होने जा रहा है। इन साढ़े महीनों के दौरान बड़ी संख्या में यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ सकती है, खासकर उन यात्रियों को जिन्होंने एडवांस में अपने टिकट बुक करा रखे हैं।
लखनऊ एयरपोर्ट ने अपनी वेबसाइट पर यात्रियों को सलाह दी है कि वे अपनी उड़ानों की स्थिति के बारे में जानने के लिए संबंधित एयरलाइंस से संपर्क करें। अनुमान है कि हर रोज 35 या उससे अधिक उड़ानें रद्द हो सकती हैं।
लखनऊ हवाई अड्डे से इस साल जनवरी में रोजाना औसतन 21 से ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय और लगभग 109 घरेलू उड़ानों का परिचालन हुआ। वहीं, अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों की संख्या 1.09 लाख और घरेलू यात्रियों की संख्या 4.77 लाख से अधिक रही।
पर्यावरण
उत्तर प्रदेश : गंगा ही नहीं, स्थानीय नदियों के किनारे भी तय दायरे में होगी प्राकृतिक खेती

लखनऊ, 1 मार्च। जन, जमीन और जल के लिए संजीवनी है रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती। इन सबका हित, खेती बाड़ी के स्थाई और टिकाऊ विकास पहले कार्यकाल से ही योगी सरकार की प्राथमिकता रही है। सरकार इसे लगातार विस्तार देने के साथ इसके लिए भरपूर पैसा और किसानों को प्रोत्साहन भी दे रही है।
इसके लिए बीज से लेकर बाजार तक सरकार प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों के साथ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद हर संभव मंच से किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
इसी क्रम में सरकार ने तय किया है कि अब सिर्फ गंगा ही नहीं, स्थानीय नदियों के दोनों किनारे पर 5/5 किलोमीटर के दायरे में सिर्फ प्राकृतिक खेती होगी। इस बाबत 1886 क्लस्टर बनाए जाएंगे। सरकार इस पर 270.62 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
हाल में हुई राज्य स्तरीय कृषि समिति की बैठक में इस कार्ययोजना को मंजूरी भी मिल चुकी है। इसके पूर्व कैबिनेट में भी प्राकृतिक खेती और खेत तालाब योजना के लिए 1191.51 करोड़ रुपए की मंजूरी मिली थी। हाल ही में योगी सरकार की ओर से प्रस्तुत बजट में भी नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग के तहत प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए 124 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
सरकार की योजना है कि प्रदेश में गंगा सहित सभी स्थानीय नदियों, जिन जिलों से गुजरती हैं, उनके दोनों किनारों पर एक दायरे में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन दिया जाए। ऐसी खेती जिसमें रासायनिक खादों और जहरीले कीटनाशकों की जगह उपज बढ़ाने और फसलों के सामयिक संरक्षण के लिए पूरी तरह जैविक उत्पादों का प्रयोग हो ताकि लीचिंग रिसाव के जरिए रासायनिक खादों एवं कीटनाशकों का जहर इन नदियों में घुलकर उन्हें प्रदूषित न कर सके।
उल्लेखनीय है कि गंगा के तटवर्ती 27 जनपदों में पहले से ही नमामि गंगे योजना चलाई जा रही है, जिसके अंतर्गत रसायन मुक्त खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। अद्यतन आंकड़ों के अनुसार गंगा के किनारे के 1000 से अधिक गांवों में प्राकृतिक खेती हो रही है। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के 54 जनपदों में परंपरागत कृषि विकास योजना संचालित की जा रही है। सरकार की मंशा निराश्रित गोवंश के नाते सबसे प्रभावित बुंदेलखंड को प्राकृतिक खेती के लिहाज से उत्तर प्रदेश का हब बनाना है।
योगी सरकार-1 से ही यह सिलसिला शुरू हो चुका है। जिन करीब 5000 क्लस्टर्स में 18000 से अधिक किसान लगभग 10 हजार हेक्टेयर में प्राकृतिक खेती कर रहे हैं, उनमें नमामि गंगा योजना के तहत करीब 3300 क्लस्टर्स में लगभग 6500 हेक्टेयर में प्राकृतिक खेती हो रही है। इस खेती से जुड़े किसानों की संख्या एक लाख से अधिक है। इस तरह देखा जाए तो जैविक खेती का सर्वाधिक रकबा गंगा के मैदानी इलाके का ही है।
इंडो-गंगेटिक मैदान का यह इलाका दुनिया की सबसे उर्वर भूमि में शुमार होता है। इसी नाते ऑर्गेनिक फार्मिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से नवंबर 2017 में इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट ग्रेटर नोएडा में आयोजित जैविक कृषि कुंभ में विशेषज्ञों ने यह संस्तुति की थी कि गंगा के मैदानी इलाकों को जैविक खेती के लिए आरक्षित किया जाए। चूंकि हर साल आने वाली बाढ़ के कारण इस क्षेत्र की मिट्टी बदलकर उर्वर हो जाती है, इस नाते पूरे क्षेत्र में जैविक खेती की बहुत संभावना है। यही वजह है कि योगी सरकार-2 में गंगा के किनारे के सभी जिलों में जैविक खेती को विस्तार दिया गया। अब सरकार इसे और विस्तार देने जा रही है।
राजनीति
पीएम मोदी 1 मार्च से तीन दिवसीय गुजरात दौरे पर, राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की बैठक की करेंगे अध्यक्षता

नई दिल्ली, 1 मार्च। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार से तीन दिवसीय गुजरात दौरे पर रहेंगे। अपने दौरे के दौरान पीएम मोदी सोमनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए भी जाएंगे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पीएम मोदी शनिवार (1 मार्च) शाम को लगभग 7 बजे जामनगर पहुंचेंगे और वहीं रात्रि विश्राम करेंगे। 2 मार्च (रविवार) को पीएम मोदी दोपहर 12 बजे जामनगर के रिलायंस वनतारा जाएंगे। वनतारा पशु बचाव केंद्र का दौरा करने का कार्यक्रम है। रिलायंस इंडस्ट्रीज और रिलायंस फाउंडेशन द्वारा जामनगर में रिफाइनरी परिसर के भीतर लगभग 3,000 एकड़ क्षेत्र में स्थापित वनतारा एक अत्याधुनिक पशु बचाव, संरक्षण और पुनर्वास केंद्र है।
अपने प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री मोदी विश्व प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर का प्रबंधन करने वाले श्री सोमनाथ ट्रस्ट की एक बैठक की अध्यक्षता भी करेंगे। 3 मार्च को पीएम मोदी सुबह 6 बजे गिर राष्ट्रीय उद्यान में सफारी से अपने दिन की शुरुआत करेंगे और एशियाई शेरों को देखेंगे। वह जूनागढ़ जिले के सासन में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (एनबीडब्ल्यूएल) की बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
इस तरह की बैठकों में वन्यजीवों से संबंधित राष्ट्रीय स्तर के मुद्दों पर चर्चा की जाती है और उन्हें अंतिम रूप दिया जाता है। यह बैठक इसलिए खास है क्योंकि इसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री करेंगे। एनबीडब्ल्यूएल में 47 सदस्य हैं, जिनमें सेना प्रमुख, विभिन्न राज्यों के सदस्य, इस क्षेत्र में काम करने वाले गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि, मुख्य वन्यजीव वार्डन और विभिन्न राज्यों के सचिव शामिल हैं।
बैठक के बाद प्रधानमंत्री सासन में कुछ महिला वन कर्मचारियों से बातचीत करेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री गिर सोमनाथ जिले में स्थित सोमनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे। सोमनाथ से वह राजकोट हवाई अड्डे पहुंचेंगे और दिल्ली के लिए रवाना होंगे।
आपदा
उत्तराखंड हिमस्खलन : सीएम धामी ने किया आपदा नियंत्रण कक्ष का दौरा

देहरादून, 1 मार्च। उत्तराखंड में आए हिमस्खलन की वजह से सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के 52 श्रमिकों के फंसने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार शाम आपदा नियंत्रण कक्ष का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को बचाव कार्य तेजी से करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री धामी लगातार राहत और बचाव कार्यों पर नजर बनाए हुए हैं और यह सुनिश्चित करने में लगे हैं कि सभी प्रभावित लोगों को सुरक्षित निकाला जाए और हर संभव मदद दी जाए। उन्होंने कहा कि सभी एजेंसियां युद्धस्तर पर काम कर रही हैं ताकि फंसे हुए मजदूरों को जल्द से जल्द सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।
उन्होंने एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी और सेना से भी मिलकर तेजी से बर्फ हटाने की अपील की।
मुख्यमंत्री धामी ने जोशीमठ में अस्थायी नियंत्रण कक्ष स्थापित करने की घोषणा की, जिससे बचाव कार्यों की बेहतर निगरानी की जा सके। उन्होंने रिपोर्टर्स से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), गृह मंत्रालय (एचएमओ) और रक्षा मंत्रालय (आरएमओ) लगातार हालात की जानकारी ले रहे हैं। भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर भी तैयार हैं और मौसम साफ होते ही उन्हें बचाव कार्य में लगाया जाएगा। कुछ बचाव दल सड़क के रास्ते भी भेजे गए हैं।
इसके अलावा, सरकार ने उन मजदूरों के परिवारों की मदद के लिए एक हेल्पलाइन शुरू की है जो विभिन्न राज्यों से आए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, “हम बस यही प्रार्थना कर रहे हैं कि सभी लोग सुरक्षित बाहर आ जाएं।”
उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि अब तक 33 मजदूरों को बचा लिया गया है, जबकि 22 मजदूर अभी भी लापता हैं। खराब मौसम की वजह से बचाव कार्य में मुश्किलें आ रही हैं।
पहले खबर आई थी कि 57 मजदूर फंसे हैं, लेकिन बाद में साफ हुआ कि इनमें से 2 मजदूर छुट्टी पर थे। इस तरह कुल 55 मजदूर हिमस्खलन की चपेट में आए थे, जिनमें से 33 को बचा लिया गया है और बाकी 22 की तलाश जारी है।
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की सूची के अनुसार, फंसे हुए श्रमिक बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं। हालांकि, 10 मजदूरों के गृह राज्य की जानकारी सूची में नहीं दी गई है।
सुमन ने बताया कि हिमस्खलन वाली जगह पर करीब सात फीट ऊंची बर्फ जमा हो गई है, जिससे बचाव कार्य मुश्किल हो रहा है। फिर भी, 65 से ज्यादा जवान इस अभियान में जुटे हुए हैं।
-
व्यापार5 years ago
आईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध2 years ago
भगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
अपराध3 years ago
बिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
न्याय6 months ago
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अनन्य2 years ago
उत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
अपराध2 years ago
पिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार1 week ago
नासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा
-
महाराष्ट्र5 years ago
31 जुलाई तक के लिए बढ़ा लॉकडाउन महाराष्ट्र में, जानिए क्या हैं शर्तें