अपराध
अमेरिकी राज्य इलिनोइस में गोलीबारी, 2 की मौत
अमेरिकी राज्य इलिनोइस की राजधानी स्प्रिंगफील्ड में कॉफी डिस्पेंसर बनाने वाली एक कंपनी के कर्मचारी ने संयंत्र में गोलीबारी की जिससे दो लोगों की मौत हो गई है, जबकि एक गंभीर रूप से घायल है। एक स्थानीय मीडिया के हवाले से सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बताया कि शुक्रवार की सुबह बन-ओ-मैटिक संयंत्र या प्लांट में शूटिंग की यह वारदात हुई।
संदिग्ध माइकल कोलिन्स (48) हमले के बाद मौके से फरार हो गया और बाद में अपनी ही कार में मृत पाया गया। उसकी बॉडी के पास दो हैंडगन पाए गए जिससे पता चलता है कि उसने अपने आप को ही गोली मार अपनी जान ले ली।
पुलिस अधिकारियों को प्लांट में दो पीड़ितों के शव मिले हैं। ये दोनों ही पुरूष हैं, जिनमें से एक की उम्र 20 साल की उम्र के आसपास और दूसरे की उम्र 60 के करीब है। इनके अलावा लगभग 50 वर्ष की एक महिला पाकिर्ंग में गंभीर से घायल अवस्था में पाई गई हैं, जिन्हें अस्पताल ले जाया गया है। वहां की स्थानीय मीडिया ने एक न्यूज कॉन्फ्रेंस के दौरान स्प्रिंगफील्ड पुलिस प्रमुख केनी विंसलो के हवाले से इस बात की जानकारी दी।
विंसलो ने कहा कि संदिग्ध उन्हीं तीन पीड़ितों का सहकर्मी था।
पुलिस का मानना है कि गोलीबारी में सिर्फ कोलिन्स ही शामिल था हालांकि ऐसा करने के पीछे उसका मकसद क्या था इसकी जांच की जा रही है।
अपराध
ग्वालियर में झूठी इज्जत की खातिर बेटी की गोली मारकर हत्या
ग्वालियर, 15 जनवरी। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में ऑनर किलिंग का मामला सामने आया है, जहां पिता ने अपने भतीजे के साथ मिलकर बेटी की गोली मारकर हत्या कर दी।
लड़की का नाम तनु था और वह 18 जनवरी को होने वाली शादी के लिए तैयार नहीं थी। पिता और चचेरे भाई की गोली का शिकार बनी तनु गुर्जर महाराजपुरा थाने में रहती थी। वह पिछले छह साल से अपने प्रेमी के साथ रिलेशन में थी। घर वालों ने जबरदस्ती तनु की शादी तय कर दी थी।
18 जनवरी को तनु की शादी होने वाली थी। घर में हल्दी आदि की रस्में भी चल रही थीं। इसी दौरान तनु ने शादी से इंकार कर दिया। तनु के शादी से इंकार पर परिजन नाराज थे। तनु ने दो दिन पहले एक वीडियो पुलिस अधिकारियों को भेजकर सोशल मीडिया पर वायरल किया था, जिसमें उसने कहा था कि वह किसी और युवक से प्रेम करती है, लेकिन पिता उसकी मर्जी के बगैर कहीं और शादी करना चाहते हैं।
इसके बाद पुलिस द्वारा नजर रखी जा रही थी। इसी बीच पिता और चचेरा भाई तनु को एक कमरे में ले गए और गोली मार दी। वहीं पुलिस ने पिता और भतीजे के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है। बेटी की गोली मारकर हत्या करने के बाद पिता मौके पर ही मौजूद रहा और उसे बेटी की हत्या का कोई पछतावा नहीं है।
तनु का एक वीडियो सोशल मीडिया पर है, जिसमें वह कह रही है कि मेरा नाम तनु गुर्जर है, मेरे पापा का नाम महेश और मां का नाम ममता गुर्जर है। मैं एक लड़के से प्यार करती हूं, छह साल से उसके साथ रिलेशन में हूं। घर वाले पहले हमारी शादी के लिए मान गए थे, लेकिन बाद में मुकर गए। अब वो मुझे मारते हैं और जान से मारने की धमकी देते हैं। मैं जिससे प्यार करती हूं, वह आगरा में रहता है। अगर मुझे कुछ हुआ तो मेरी मौत के जिम्मेदार मेरे घर वाले होंगे। वो मुझ पर शादी करने का दबाव बना रहे हैं, लेकिन मैं यह नहीं कर सकती हूं।
अपराध
बंगाल : ‘एक्सपायरी’ सलाइन से मौत मामला, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कई अंगों के फेल होने की बात आई सामने
कोलकाता, 15 जनवरी। पश्चिम मिदनापुर जिले में एक सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 10 जनवरी को कथित तौर पर एक्सपायर रिंगर लैक्टेट दिए जाने के बाद मरने वाली महिला मामोनी रुइदास की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें उसकी मौत के पीछे मल्टी ऑर्गन फेलियर और सेप्टीसीमिया होने का संकेत दिया गया है।
मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी महिला के शरीर में जहरीले तरल पदार्थ की मौजूदगी की बात कही गई है। इस बात ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या पीड़िता को सलाइन के अलावा ऑक्सीटोसिन भी दिया गया था ताकि जहरीले तरल पदार्थ के असर को नियंत्रित रखा जा सके।
इस मामले में पहले से ही दो जांच की जा रही हैं, पहली राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित समिति और दूसरी राज्य पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) कर रहा है।
पिछले सप्ताह पश्चिम मिदनापुर जिले के उक्त सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में पांच महिलाएं कथित तौर पर एक्सपायरी रिंगर लैक्टेट दिए जाने के बाद बीमार पड़ गई थीं। इनमें से एक महिला की अस्पताल में मौत हो गई।
इसके बाद अन्य चार महिलाओं को उसी अस्पताल की क्रिटिकल केयर यूनिट और इंटेंसिव केयर यूनिट में उपचार के लिए रखा गया। उनमें से तीन को उनकी चिकित्सा स्थिति में तेज गिरावट के बाद कोलकाता के सरकारी एस.एस.के.एम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में स्थानांतरित करना पड़ा।
इस घटना ने गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं, क्योंकि एक्सपायरी आरएल सलाइन कथित तौर पर पश्चिम बंगा फार्मास्युटिकल लिमिटेड से आई थी, जो कि पहले कर्नाटक सरकार और बाद में पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रतिबंधित की गई कंपनी थी।
इसके बाद राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों-सह-उप-प्रधानाचार्यों और जिलों के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में पश्चिम बंगा फार्मास्युटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा आपूर्ति किए गए कंपाउंड सोडियम लैक्टेट इंजेक्शन (आरएल) के मौजूदा स्टॉक को पूरी तरह से बंद कर दें।
बाद में, राज्य सरकार ने राज्य में सभी स्वास्थ्य सेवा संस्थाओं से उक्त कंपनी द्वारा आपूर्ति की गई सभी दवाओं के स्टॉक को हटाने का भी निर्देश दिया।
इस घटना ने राज्य की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में इसी तरह के मामलों को लेकर चिंताएं फिर से पैदा कर दी हैं।
अपराध
ठाणे क्राइम ब्रांच ने तीन बांग्लादेशी महिलाओं को किया गिरफ्तार
मुंबई, 15 जनवरी। देश के अलग-अलग राज्यों में अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है। इसी क्रम में ठाणे जिले में अवैध रूप से रह रही तीन बांग्लादेशी महिलाओं को गिरफ्तार किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ये महिलाएं ठाणे जिले के डोंबिवली इलाके के मानपाड़ा पुलिस थाने के अंतर्गत कोलेगांव में अनिल पाटिल चॉल में रह रही थीं। इन महिलाओं को ठाणे क्राइम ब्रांच यूनिट-4 ने गिरफ्तार किया है।
ठाणे क्राइम ब्रांच के अनुसार, गिरफ्तार महिलाओं की पहचान रोजीना बेगम (29), तंजिला खातून (22) और शेफाली बेगम (23) के रूप में हुई है। सभी महिलाएं बांग्लादेश के जेसोर जिले के नवापारा इलाके की रहने वाली हैं।
बता दें कि 1 जनवरी से लेकर 11 जनवरी तक मुंबई के विभिन्न इलाकों से 26 से अधिक बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है। इसके बाद अब तीन महिलाओं को गिरफ्तार किया गया है।
मुंबई पुलिस ने मुंबई में रह रहे अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ अभियान चलाकर शहर के मुस्लिम बहुल इलाकों, गोवंडी, शिवाजी नगर, मानखुर्द, देवनार, चूनाभट्टी और घाटकोपर से कई बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया था। इन गिरफ्तारियों में कई ऐसे लोग भी हैं जो 10 से 15 सालों से मुंबई में रह रहे थे।
पुलिस ने इन घुसपैठियों के पास से बर्थ सर्टिफिकेट, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों को बरामद किए थे। जांच में सभी दस्तावेज फर्जी पाए गए। पुलिस के अनुसार, इन घुसपैठियों के दस्तावेज एजेंटों द्वारा बनाए गए थे, जो 5 से 10 हजार रुपये लेकर इन घुसपैठियों के लिए फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट और अन्य जरूरी दस्तावेज तैयार करते थे, जिनकी मदद से उनका आधार कार्ड भी बनवाया गया था।
मुंबई पुलिस के डीसीपी नवनाथ ढवले ने बीते दिनों कहा था कि अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशियों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है।
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