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हेट स्पीच मामले में दिल्ली पुलिस की अंतिम रिपोर्ट लगभग तैयार
नई दिल्ली, 30 जनवरी : दिल्ली पुलिस ने सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय को सूचित किया कि 2021 में राष्ट्रीय राजधानी में एक धार्मिक सभा में दिए गए कथित घृणास्पद भाषण पर उसकी अंतिम रिपोर्ट लगभग तैयार है। शीर्ष अदालत ने दिल्ली पुलिस से कहा कि मामले में आरोपियों के खिलाफ उठाए गए एहतियाती कदमों के बारे में उसे सूचित करें। मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और जे.बी. परदीवाला ने पुलिस को उठाए गए निवारक कदमों के बारे में सूचित करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया। दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के.एम. नटराज ने कहा कि जांच काफी हद तक पूरी हो चुकी है और अंतिम रिपोर्ट लगभग तैयार है। उन्होंने कहा, इसे पुनरीक्षण के लिए भेजा गया है और हम कम से कम समय में अंतिम रिपोर्ट दाखिल करेंगे।
याचिकाकर्ता तुषार गांधी का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता शादन फरासत ने तर्क दिया कि दिल्ली पुलिस को कुछ अतिरिक्त पहलुओं को स्पष्ट करना चाहिए और पुलिस हलफनामे के अनुसार उल्लेख किया कि पुलिस ने सुदर्शन न्यूज के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक और संपादक सुरेश चव्हाणके की आवाज का नमूना एकत्र करने के लिए मार्च में तारीख तय की है।
फरासत ने कहा कि इसे तेजी से किया जाना चाहिए और दूसरी बात, इन लोगों के संबंध में निवारक कदम क्या हैं? इन व्यक्तियों द्वारा इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृति न हो इसके लिए उन्होंने क्या कदम उठाए हैं? पीठ ने दिल्ली पुलिस के वकील से याचिकाकर्ता के वकील की दलील को देखने को कहा।
दिल्ली पुलिस के जांच अधिकारी ने एक हलफनामे में कहा कि दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता विक्रम बिधूड़ी, जो प्रतिभागियों में से एक थे, से पूछताछ की गई है, और सुदर्शन न्यूज के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके से 1 नवंबर, 2022 को पूछताछ की गई।
हलफनामे में कहा गया है कि कथित अभद्र भाषा वाले वीडियो की जांच की गई है और प्रतिलेख तैयार किया गया है।
फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी, दिल्ली ने सुरेश चव्हाणके की आवाज के नमूने की रिकॉडिर्ंग के लिए 17 मार्च की तारीख तय की है। इसके बाद उनकी आवाज की रिकॉडिर्ंग के नमूने की यूट्यूब से डाउनलोड किए गए वीडियो/ऑडियो से तुलना की जाएगी। हलफनामे में कहा गया है, मामले की जांच निष्पक्ष और बिना किसी पक्षपात के की जा रही है।
पुलिस ने यह हलफनामा शीर्ष अदालत द्वारा पारित 13 जनवरी के आदेश के अनुपालन में दायर किया, जिसमें जांच अधिकारी को 19 दिसंबर, 2021 को हुई घटना के बाद से जांच को आगे बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों को दर्ज करने का निर्देश दिया गया है। पुलिस ने भी जांच अधिकारी को निर्देश दिया है।
पुलिस ने शीर्ष अदालत को बताया कि उसने ऑडिटोरियम बुक करने वाले हिंदू युवा वाहिनी दिल्ली के प्रमुख राजीव कुमार, कार्यक्रम आयोजित करने वाले महासचिव सचिन वशिष्ठ और बैठक में शामिल होने वाले आशुतोष शर्मा से पूछताछ की और यूट्यूब पर वीडियो अपलोड किया।
कुछ अन्य प्रतिभागियों, जो इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे, की पहचान की गई है और उनकी जांच की जानी बाकी है।
हलफनामे में कहा गया है, एक मसौदा ‘अंतिम रिपोर्ट’ तैयार की गई है और इसे जांच के लिए अभियोजन शाखा को भेजा गया है। हालांकि, सरकारी वकील द्वारा कुछ बिंदु उठाए गए हैं और उन बिंदुओं पर जांच की जा रही है।
13 जनवरी को, सुप्रीम कोर्ट ने पांच महीने के अंतराल के बाद दिसंबर 2021 में गोविंदपुरी में धर्म संसद में किए गए कथित घृणास्पद भाषणों पर प्राथमिकी दर्ज करने और आज तक गिरफ्तारी या चार्जशीट दाखिल नहीं करने के लिए दिल्ली पुलिस की खिंचाई की थी।
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महागठबंधन का घोषणापत्र बिहार की जनता की ‘उम्मीद’ : मुकेश सहनी

पटना, 29 अक्टूबर: विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी ने महागठबंधन की तरफ से जारी किए गए घोषणापत्र जनता की उम्मीद बताया। सहनी महागठबंधन की ओर से उप-मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं।
उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में दावा किया कि जो काम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले 20 सालों में सत्ता में रहते नहीं कर पाएं, हम लोग सत्ता में आने के बाद उस काम को हर कीमत पर पूरा करके रहेंगे। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रदेश का कोई भी व्यक्ति विकास से अछूता नहीं रहे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास प्रदेश के विकास के लिए कोई भी विजन नहीं है। अगर होता, तो आज प्रदेश की स्थिति ऐसी नहीं होती। आज की तारीख में हमारे लोगों को दूसरे राज्यों में मजदूरी करने के लिए जाना पड़ता है। उनकी भी ख्वाहिश है कि वो भी अपने ही प्रदेश में रहे। अपने परिवार के बीच में अपने लोगों के बीच में रहे।
साथ ही, उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास बिहार के विकास के लिए कोई योजना भी नहीं है। यही कारण है कि वो हमारे मेनिफेस्टो की नकल कर रहे हैं, क्योंकि उनके पास बिहार के विकास को लेकर कोई विजन नहीं है। आप देख लीजिए, जितनी भी योजनाएं वो वर्तमान में बिहार में चला रहे हैं, उसकी जड़े कहीं न कहीं महागठबंधन से मिलती जुलती है। इससे यह साफ जाहिर होता है कि इनके पास बिहार के विकास को लेकर कोई लेना-देना नहीं है। ये लोग कभी-भी बिहार के विकास के बारे में नहीं सोचते हैं। इन लोगों का एकमात्र मकसद सिर्फ सत्ता में बने रहना होता है।
उन्होंने कहा कि हमने कहा था कि ‘माय बहन मान योजना’ के तहत सभी को 2,500 रुपये दिया जाएगा, तो नीतीश कुमार ने भी इस योजना की नकल शुरू कर दी। उन्होंने बिहार के लोगों को 10 हजार रुपये देने का ऐलान कर दिया। इसके बाद हमने विधवा पेंशन के तहत 1100 रुपये देने का बात की, तो इन लोगों ने 15,00 रुपये देने का ऐलान कर दिया। जब हमने कहा था कि हम 200 यूनिट बिजली फ्री करेंगे, तो उन्होंने फ्री बिजली देने का ऐलान कर दिया। ये काम तो वो पहले भी कर सकते थे। लेकिन, हमारी घोषणा के बाद ही क्यों किया? इससे यह साफ जाहिर होता कि इन लोगों के पास बिहार के विकास के लिए कोई लेना देना नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि हमने ऐलान किया है कि बिहार में सभी लोगों को नौकरी दी जाएगी और वो हम देकर रहेंगे। जिस तरह से हमने अब तक सभी जनकल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने का काम किया है, ठीक उसी प्रकार से हम लोगों को बिहार में नौकरी देकर रहेंगे। लेकिन, दुख की बात है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री मोदी नहीं चाहते हैं कि बिहार के लोगों को नौकरी मिले। ये लोग सिर्फ चाहते हैं कि बिहार के लोग दूसरे राज्यों में नौकरी के लिए जाए। लेकिन, अब इस तरह की स्थिति को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते हैं।
इसके अलावा, उन्होंने ‘जननायक’ को लेकर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि कोई भी जन्म से नहीं, बल्कि कर्म से जननयाक होता है। हमें उस रास्ते पर चलना होगा। इस बारे में किसी भी प्रकार की गलत बात का प्रचार करने से बचना होगा, ताकि हमारे लोग गुमराह नहीं हों। राहुल गांधी, तेजस्वी यादव सहित कई नेता जननायक बन सकते हैं। इसके लिए सिर्फ आपको उस रास्ते पर चलना होगा।
उन्होंने कहा कि अब समय आ चुका है कि हम लोग खुलकर विकास करें। लेकिन, यह दुख की बात है कि हमारे नेता 80 करोड़ लोगों को 5 किलो अनाज देकर कह रहे हैं कि यही विकास है। ऐसा करके ये लोग देश के लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
साथ ही, उन्होंने कहा कि अगर कोई सत्ता में रहते हुए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करके किसी को परेशान करेगा, तो मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हम भी जब सत्ता में आएंगे, तो इस तरह की स्थिति को हर कीमत पर रोकने की कोशिश करेंगे। हम ऐसा नहीं होने देंगे। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रदेश में किसी भी व्यक्ति के हितों के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं हो।
उन्होंने एसआईआर पर कहा कि हम इस पर क्या ही कहेंगे। अब अगर किसी ने मन बना ही लिया है कि वो वोट चोरी करके रहेगा, तो करें। अब क्या ही कर सकते हैं।
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रेलवे ने स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ से निपटने के लिए किए विशेष इंतजाम, तीन स्तरीय वार रूम बनाया : अश्विनी वैष्णव

मुंबई, 23 अक्टूबर : भारतीय रेलवे ने स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ से निपटने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं और इसके लिए डिवीजन, जोनल और बोर्ड लेवल पर तीन वार रूम बनाए गए हैं और स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ के हिसाब से निर्णय लिए जा रहे हैं।
मीडिया से बातचीत करते हुए वैष्णव ने वार रूम के काम करने के तरीके पर कहा कि हमने 10,700 ट्रेनों को चलाया है यानी आईआरटीसीटी के जरिए उनकी समय सारणी जारी कर दी गई है, जबकि करीब 3,000 ट्रेनों को रिजर्व में रखा है, जिससे अचानक भीड़ भड़ने पर ट्रेनों की आपूर्ति को बढ़ाया जा सके।
उदाहरण देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सूरत के उधना रेलवे स्टेशन पर 18 अक्टूबर को काफी भीड़ देखी गई थी। उस समय वार रूम से आसपास के स्टेशनों पर रखी गई रिजर्व ट्रेनों को बुलाया गया और तुरंत समस्या को सुलझाया गया।
वहीं, इसी तरह की स्थिति एक दिन अंबाला देखी गई, तो जलंधर और उसके आसपास रिजर्व रखी गई ट्रेनों की आपूर्ति बढ़ाकर भीड़ को स्टेशन पर कम कर दिया गया है।
उन्होंने आगे बताया कि इस साल बिहार में गंतव्य की संख्या को बढ़ाकर 18 कर दिया गया है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 7 था।
भारतीय रेलवे ने यात्रियों की भारी भीड़ पर नजर रखने और उनका प्रबंधन करने के लिए रेल भवन में भी एक वॉर रूम स्थापित किया है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि यह कमांड सेंटर वास्तविक समय पर निगरानी रखने में सक्षम है और अधिकारियों को भीड़भाड़, यात्रियों की शिकायतों और संभावित घटनाओं का तुरंत समाधान करने में सक्षम बनाता है।
वॉर रूम सम्पूर्ण भारतीय रेलवे नेटवर्क की देखरेख करने वाली एक प्रभावी प्रणाली के रूप में विकसित हो चुका है, जिसमें रेलवे बोर्ड, जोनल और डिवीजन स्तर पर 80 से अधिक वॉर रूम सक्रिय हैं।
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यमन के हूती समूह ने दागी बैलेस्टिक मिसाइल, इजरायली सेना ने हवा में किया नष्ट

सना, 26 सितंबर। यमन के हूती समूह ने गुरुवार रात इजरायल पर मिसाइल दागी। इसके बाद बेन गुरियन हवाई अड्डे पर हवाई यातायात अस्थायी रूप से रोक दिया गया। जान बचाने के लिए हजारों इजरायली लोगों को शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।
शुक्रवार को हूती द्वारा संचालित अल-मसीरा टीवी पर प्रसारित एक बयान में, हूती सैन्य प्रवक्ता याह्या सरिया ने कहा कि गुरुवार रात दक्षिणी तेल अवीव के जाफा क्षेत्र में एक ‘संवेदनशील लक्ष्य’ की ओर हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल दागी गई।
यह मिसाइल हमला गाजा पट्टी के फिलिस्तीनी क्षेत्र पर इजरायल के अटैक और यमन की राजधानी सना पर कुछ घंटे पहले हुए इजरायली हवाई हमलों के जवाब में किया गया था।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सरिया ने चेतावनी दी कि बाब अल-मंडेब जलडमरूमध्य और लाल सागर के संकरे पानी से गुजरने वाले सभी वाणिज्यिक और सैन्य जहाजों को हूती बलों को अपनी पहचान बतानी होगी। ऐसा नहीं करने पर उन पर हमला किया जाएगा।
गुरुवार रात एक बयान में इजरायली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने कहा कि हवाई रक्षा प्रणालियों ने यमन में हूतियों द्वारा दागी गई एक मिसाइल को रोक दिया।
यह हमला गुरुवार शाम सना में हूती ठिकानों पर इजरायल के कई हवाई हमलों के कुछ घंटों बाद हुआ, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई और 142 लोग घायल हो गए।
आईडीएफ ने कहा कि सना पर हमले दक्षिणी इजरायली शहर ईलात पर 25 सितंबर को हूती ड्रोन हमले के जवाब में किए गए, जिसमें 20 लोग घायल हो गए थे।
सरकारी प्रसारक कान के अनुसार, ड्रोन एक बड़े समुद्र तट परिसर में फटा था। इजरायल की वायु रक्षा प्रणाली ने ड्रोन को रोकने का दो बार प्रयास किया, लेकिन असफल रही थी। यह हमला यहूदी नववर्ष रोश हशाना के दौरान हुआ था, जब ईलात में इजरायली पर्यटकों की भीड़ थी।
राजधानी सना सहित उत्तरी यमन के अधिकांश हिस्से पर नियंत्रण रखने वाले हूती नवंबर 2023 से इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन हमले कर रहा है और लाल सागर में इजरायल से जुड़े जहाजों को निशाना बना रहा है।
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