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पीएम मोदी के नेतृत्व में किसान तेजी से इनोवेशन और क्लीन एनर्जी को अपना रहे : प्रल्हाद जोशी

नई दिल्ली, 21 अक्टूबर : केंद्रीय न्यू और रिन्यूएबल एनर्जी मंत्री प्रल्हाद जोशी ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसान तेजी से इनोवेशन और क्लीन एनर्जी को अपना रहे हैं।
इसके साथ केंद्रीय मंत्री ने एक सक्सेस स्टोरी भी साझा की और बताया कि कैसे एक किसान खेत में सोलर पैनल लगाकर 25,000 यूनिट्स बिजली का प्रतिदिन उत्पादन कर रहा है। इसके साथ ही, इन पैनल्स के नीचे खेती को भी जारी रखा है।
जोशी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’पर लिखा, “ऊपर लगे सौर पैनलों से प्रतिदिन 25,000 यूनिट बिजली पैदा होती है, जबकि नीचे उन्हीं खेतों में हरी-भरी फसलें लहलहाती है। यह इस बात का एक शानदार उदाहरण है कि कैसे भारत के किसान प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में इनोवेशन और स्वच्छ ऊर्जा को अपना रहे हैं।”
इससे पहले, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत ने इस वर्ष अप्रैल-सितंबर की अवधि में रिकॉर्ड 25 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता जोड़ी है और लगभग 125 गीगावाट सौर क्षमता के साथ, भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “भारत ने अप्रैल-सितंबर 2025 (वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही) में रिकॉर्ड 25 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता जोड़कर स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उज्जवल और टिकाऊ भविष्य के दृष्टिकोण को दर्शाती है और इसके जरिए देश रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व की ओर अपनी यात्रा को गति दे रहा है।”
वर्तमान में देश में स्थापित कुल बिजली क्षमता में गैर-जीवाश्म स्रोतों की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से अधिक हो गई है, जिससे भारत ने अपने रिन्यूएबल एनर्जी लक्ष्यों को निर्धारित समय से पांच वर्ष पहले ही पूरा कर लिया है।
अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) के 8वें सत्र के उद्घाटन समारोह के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत की सफलता की कहानी केवल संख्या की नहीं, बल्कि लोगों की है। यह आयोजन 27 से 30 अक्टूबर तक राष्ट्रीय राजधानी में होने वाला है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
अमेरिका ने 1 लाख डॉलर की एच-1बी वीजा फीस पर दी सफाई, मौजूदा वीजा धारक रहेंगे मुक्त

वॉशिंगटन, 21 अक्टूबर: विदेशी पेशेवरों को बड़ी राहत देते हुए अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (डीएचएस) ने एच-1बी वीजा की 1 लाख डॉलर आवेदन फीस पर नया दिशा-निर्देश जारी किया है। इसमें कई छूटें और अपवाद शामिल किए गए हैं।
नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, जो लोग एफ-1 (छात्र) वीजा से एच-1बी वीजा श्रेणी में स्विच कर रहे हैं, उन्हें यह भारी शुल्क नहीं देना होगा। इसी तरह, अमेरिका के भीतर रहकर वीजा में संशोधन, स्थिति परिवर्तन या अवधि बढ़ाने के लिए आवेदन करने वाले एच-1बी वीजा धारकों पर भी यह शुल्क लागू नहीं होगा।
इसके अलावा, मौजूदा एच-1बी वीजा धारकों को देश में आने-जाने पर किसी तरह की रोक नहीं होगी। यह शुल्क केवल उन नए आवेदकों पर लागू होगा जो अमेरिका के बाहर हैं और जिनके पास मान्य एच-1बी वीजा नहीं है। नई आवेदन प्रक्रिया के लिए ऑनलाइन भुगतान लिंक भी जारी किया गया है।
यह स्पष्टीकरण ऐसे समय आया है जब अमेरिकी वाणिज्य मंडल ने इस फैसले के खिलाफ ट्रंप प्रशासन पर मुकदमा दायर किया है। संगठन ने इस फीस को “गैरकानूनी” बताते हुए कहा कि इससे अमेरिकी व्यवसायों पर “गंभीर आर्थिक असर” पड़ेगा और कंपनियों को या तो अपने श्रम खर्च में भारी बढ़ोतरी करनी पड़ेगी या फिर कुशल विदेशी कर्मचारियों की भर्ती कम करनी होगी।
ट्रंप प्रशासन के खिलाफ यह दूसरी बड़ी कानूनी चुनौती है। इससे पहले, श्रमिक संघों, शिक्षा विशेषज्ञों और धार्मिक संस्थाओं के समूह ने भी 3 अक्टूबर को मुकदमा दायर किया था।
ट्रंप ने 19 सितंबर को हस्ताक्षरित इस घोषणा पर कहा था कि इसका उद्देश्य “अमेरिकी नागरिकों को रोजगार का प्रोत्साहन देना” है। हालांकि, इस फैसले से मौजूदा वीजा धारकों में भ्रम की स्थिति बन गई थी कि क्या वे अमेरिका लौट पाएंगे या नहीं।
व्हाइट हाउस ने 20 सितंबर को आईएएनएस से कहा था कि यह “एक बार लिया जाने वाला शुल्क” है, जो केवल नए वीजा आवेदनों पर लागू होगा, न कि नवीनीकरण या मौजूदा वीजा धारकों पर।
बता दें कि 2024 में भारतीय मूल के पेशेवरों को कुल स्वीकृत एच-1बी वीजाओं में 70 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी मिली थी। इसका कारण था वीजा स्वीकृति में लंबित मामलों का भारी बैकलॉग और भारत से आने वाले उच्च कौशल वाले आवेदकों की बड़ी संख्या।
व्यापार
अमेरिका-भारत व्यापार समझौते की उम्मीदों के बीच इस सप्ताह निफ्टी और सेंसेक्स में 2 प्रतिशत से अधिक की तेजी दर्ज

मुंबई, 18 अक्टूबर: भारतीय शेयर बाजार विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की शॉर्ट कवरिंग और मजबूत घरेलू संकेतों के बीच सप्ताह के अंत में बढ़त के साथ बंद हुए।
भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों में स्पष्टता से बाजार में आशावाद को बल मिला, दोनों पक्षों ने नवंबर तक समझौते के पहले चरण को पूरा करने पर सहमति व्यक्त की।
प्रमुख बैंकिंग शेयरों में मजबूत खरीदारी के चलते निफ्टी बैंक ने एक नया मुकाम हासिल किया और बाजार में उत्साह बना रहा।
फाइनेंशियल सेक्टर में परिसंपत्ति गुणवत्ता को लेकर चिंताएं कम होने और त्योहारी तिमाही में बेहतर बिक्री वृद्धि की उम्मीदों से निवेशकों का विश्वास बढ़ा।
सप्ताह के दौरान बेंचमार्क सूचकांक निफ्टी और सेंसेक्स में क्रमशः 2.10 और 2.04 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिसमें एफएमसीजी, फार्मा और ऑटो सूचकांकों का इस तेजी में प्रमुख योगदान रहा।
विश्लेषकों ने कहा कि रियल्टी, स्वास्थ्य सेवा और बैंकिंग जैसे क्षेत्रों में व्यापक सुधार के साथ-साथ उपभोग-आधारित क्षेत्रों में भी तेजी देखी गई।
वैश्विक विवेकाधीन खर्च की चिंताओं और अमेरिकी बैंकिंग सिस्टम में परिसंपत्ति गुणवत्ता पर बढ़ते दबाव के कारण आईटी शेयर दबाव में रहे।
मीडिया और मेटल शेयरों में भी मुनाफावसूली देखी गई, जिससे सूचकांकों की कुल बढ़त सीमित रही।
हालांकि, व्यापक बाजार ने जोरदार तेजी के बाद राहत की सांस ली, निफ्टी मिडकैप 100 में 0.57 प्रतिशत और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 0.05 प्रतिशत की मामूली गिरावट आई, जो निवेशकों द्वारा चुनिंदा मुनाफावसूली का संकेत रहा।
बजाज ब्रोकिंग रिसर्च के विश्लेषकों ने कहा, “वीकली चार्ट पर निफ्टी ने हायर हाई और हायर लो के साथ एक बड़ा बुल कैंडल बनाया है, जो तेजी के जारी रहने का संकेत देता है। सूचकांक तीन महीने के सिमेट्रिकल ट्रायंगल कंसोलिडेशन पैटर्न से ऊपर निकल गया, जो सकारात्मक रुझान का संकेत देता है।”
उन्हें उम्मीद है कि आने वाले हफ्तों में सूचकांक 25,900 और फिर 26,200 के स्तर की ओर बढ़ेगा।
छुट्टियों से प्रभावित दिवाली के इस संक्षिप्त सप्ताह में, अमेरिकी मुद्रास्फीति, रोजगार और भारत के पीएमआई आंकड़ों जैसे प्रमुख आर्थिक आंकड़ों के जारी होने के मद्देनजर निवेशक सतर्क बने रह सकते हैं।
निवेशक मौजूद अर्निंग सीजन और प्रमुख वैश्विक केंद्रीय बैंकों के नीतिगत संकेतों पर भी नजर रख रहे हैं।
व्यापार
हरे निशान में खुला भारतीय शेयर बाजार, निफ्टी 25,240 स्तर से ऊपर कर रहा कारोबार

मुंबई, 15 अक्टूबर: भारतीय शेयर बाजार बुधवार को हरे निशान में खुला। शुरुआती कारोबार में आईटी और फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर में खरीदारी देखी जा रही है।
सुबह करीब 9.27 बजे, सेंसेक्स 324.34 अंक या 0.40 प्रतिशत की बढ़त के साथ 82,354.32 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 103.30 अंक या 0.41 प्रतिशत की बढ़त के साथ 25,248.80 पर कारोबार कर रहा था।
ब्रॉडकैप सूचकांकों में, निफ्टी मिडकैप 100 में 0.54 प्रतिशत और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 0.24 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई।
सेक्टोरल फ्रंट पर निफ्टी ऑटो 0.32 प्रतिशत, निफ्टी आईटी 0.79 प्रतिशत, निफ्टी पीएसयू बैंक 0.54 प्रतिशत, निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज 0.36 प्रतिशत और निफ्टी फार्मा 0.19 प्रतिशत की बढ़त में रहे।
बाजार जानकारों ने कहा, “सकारात्मक संकेतों के अभाव और एफआईआई द्वारा नए सिरे से बिकवाली के कारण बाजार में गिरावट अल्पकालिक चुनौतियों का कारण बन रही है। यह समझना जरूरी है कि बाजार के लिए सबसे बड़ी चुनौती कमजोर आय वृद्धि है और यही एफआईआई की बिकवाली का मूल कारण है। दूसरी तिमाही के नतीजों से मार्केट सेंटीमेंट बदलने की संभावना कम है, क्योंकि जीएसटी रेट कट के बाद खरीदारी आगे बढ़ाने से सितंबर में कॉर्पोरेट बिक्री प्रभावित हुई थी। लेकिन, सितंबर के बाद स्थिति अलग रही।”
उन्होंने आगे कहा, “ऑटोमोबाइल और घरेलू सामानों की बिक्री तेजी से हो रही है और कम ब्याज दरों के दौर में, दरों में और कटौती के साथ, यह मांग बनी रहेगी। ये सकारात्मकताएं दूसरी तिमाही के नतीजों के सीजन में नहीं, बल्कि तीसरी तिमाही के नतीजों में दिखाई देंगी। बाजार जल्द ही इसे नजरअंदाज करना शुरू कर देगा और तभी एक अच्छी मार्केट रैली शुरू होगी और बनी रहेगी।”
इस बीच, सेंसेक्स पैक में बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस, एनटीपीसी, एलएंडटी और भारती एयरटेल टॉप गेनर्स थे। वहीं, टेक महिंद्रा, एक्सिस बैंक, टाइटन, इंफोसिस और टाटा मोटर्स टॉप लूजर्स थे।
अमेरिकी मार्केट में पिछले ट्रेडिंग सेशन में डाउ जोंस 0.44 प्रतिशत या 202.88 अंक की बढ़त के साथ 46,270.46 पर बंद हुआ। वहीं, एसएंडपी 500 इंडेक्स 10.41 अंक या 0.16 प्रतिशत की गिरावट के साथ 6,644.31 और नैस्डेक 172.91अंक या 0.76 प्रतिशत की गिरावट के साथ 22,521.70 पर लाल निशान में बंद हुआ।
लगभग सभी एशियाई बाजार सुबह हरे निशान पर बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे । चीन का शंघाई इंडेक्स 0.10 प्रतिशत की बढ़त में रहा। जापान का निक्केई 1.35 प्रतिशत की बढ़त में रहा। दक्षिण कोरिया का कोस्पी 1.99 प्रतिशत की बढ़त में कारोबार कर रहा था, जबकि हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स 1.33 प्रतिशत की बढ़त में रहा।
विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) 14 अक्टूबर को शुद्ध विक्रेता रहे और उन्होंने 1,508.53 करोड़ रुपए के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 3,661.13 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे।
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