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मध्य प्रदेश में आम जिंदगी को पटरी पर लाने की कवायद

मध्य प्रदेश में कोरोना के संक्रमण से प्रभावित हुई आम आदमी की जिंदगी को पटरी पर लाने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। जहां पूर्णबंदी को लगातार कम किया जा रहा है, वहीं योग केंद्र से लेकर जिमनेजियम आदि को खोलने की भी अनुमति दी जा रही है। बाजार व दफ्तरों में चहल-पहल बढ़ रही है, वहीं राज्य में कोरोना पीड़ितों की रिकवरी रेट 75 फीसदी के पार पहुंच गई है।
राज्य में कोरोना संक्रमण ने आम से लेकर खास तक को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। संक्रमण को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा लगातार एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। लोगों केा सोशल डिस्टेंसिंग पर अमल करने के साथ मास्क के इस्तेमाल की सलाह दी जा रही है। मास्क न लगाने वालों पर कार्रवाई की जा रही है। राज्य में वर्तमान में एक्टिव मरीजों की संख्या 9,105 है।
राज्य में इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, रतलाम को छोड़कर अन्य स्थानों पर मरीजों की संख्या में ज्यादा तेजी से इजाफा नहीं हो रहा है। इंदौर और भोपाल ही ऐसे दो जिले हैं जहां डेढ़ हजार से लेकर ढाई हजार के बीच सक्रिय मरीज है। वहीं देा जिलों ग्वालियर व जबलपुर में पांच सौ से एक हजार के बीच सक्रिय मरीज है। राज्य में 32 जिले ऐसे हैं जहां सक्रिय मरीजों की संख्या वर्तमान में सौ से कम है। अब तक इस बीमारी से 1033 मरीजों की मौत हो चुकी है।
बदलते हालातों के बीच राजधानी में कोरोना के तहत तय किए गए दिशा निर्देशों के आधार पर जिला प्रशासन ने योग केंद्र व जिमनेजियम आदि को खोलने की अनुमति देने का फैसला लिया है, तो दूसरी ओर सप्ताह में सिर्फ एक दिन रविवार को पूर्णबंदी का प्रावधान कर दिया गया है। पहले यह पूर्णबंदी रविवार के अलावा शनिवार या सोमवार को होती थी। वहीं रात 10 बजे से सुबह पांच बजे तक कर्फयू लागू है। फिलहाल शिक्षण संस्थाएं बंद हैं।
कोरोना केा लेकर लोगों में जागरुकता बढ़ाने के सरकार की ओर से प्रयास जारी हैं। इसके लिए 16 अगस्त से विषेष अभियान चलाया जाने वाला है। सामान्य होते हालातों से जहां एक ओर बाजार, दफ्तर आदि में चहल-पहल लौटी है वहीं भीड़ को रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के चलते सरकार ने फैसला लिया है कि राज्य में आगामी गणेश उत्सव, मोहर्रम, जन्माष्टमी आदि त्यौहार सार्वजनिक रूप से नहीं मनाए जा सकेंगे। गणेश प्रतिमाएं सार्वजनिक रूप से स्थापित नहीं का जा सकेंगी तथा जन्माष्टमी एवं मोहर्रम पर जुलूस व ताजिए नहीं निकाले जा सकेंगे।
राज्य के कुछ हिस्सों को छोड़कर अधिकांश जगह मरीजों की संख्या नियंत्रित होने पर सरकार ने राहत की सांस ली है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना की रिकवरी रेट लगातार बढ़ रही है तथा बड़ी संख्या में मरीज स्वस्थ होकर घर जा रहे हैं। इससे एक्टिव मरीजों की संख्या में कमी आ रही है, ये अच्छे संकेत हैं। वर्तमान में प्रदेश की रिकवरी रेट 75़1 प्रतिशत तथा एक्टिव मरीजों की संख्या 9,105 हो गई है। जहां नए 843 मरीज आए हैं वहीं 922 मरीज स्वस्थ होकर घर गए हैं।
कोरोना संक्रमण केा लेकर आम लोगों में भय कम हो और वे घर में ही रहकर इलाज करा सकें, इस दिशा में भी सरकार ने काम करना शुरु कर दिया है। मुख्यमंत्री चौहान ने अधिकारियों से कहा है कि कम लक्षण वाले कोरोना के मरीजों को सुविधा सुलभ होने पर, घर पर ही इलाज की व्यवस्था की जाए। इन मरीजों की घर पर ही नियमित मॉनिटरिंग की व्यवस्था हो।
राज्य में कोरोना की परीक्षण क्षमता भी बढ़ाई जा रही है। राज्य में मरीजों की जल्दी पहचान कर उनका इलाज किए जाने के लिए प्रदेश में कोरोना परीक्षण क्षमता लगातार बढ़ाई जा रही है। बीते रोज प्रदेश में 21 हजार 217 परीक्षण किए गए।
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यमन के हूती समूह ने दागी बैलेस्टिक मिसाइल, इजरायली सेना ने हवा में किया नष्ट

सना, 26 सितंबर। यमन के हूती समूह ने गुरुवार रात इजरायल पर मिसाइल दागी। इसके बाद बेन गुरियन हवाई अड्डे पर हवाई यातायात अस्थायी रूप से रोक दिया गया। जान बचाने के लिए हजारों इजरायली लोगों को शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।
शुक्रवार को हूती द्वारा संचालित अल-मसीरा टीवी पर प्रसारित एक बयान में, हूती सैन्य प्रवक्ता याह्या सरिया ने कहा कि गुरुवार रात दक्षिणी तेल अवीव के जाफा क्षेत्र में एक ‘संवेदनशील लक्ष्य’ की ओर हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल दागी गई।
यह मिसाइल हमला गाजा पट्टी के फिलिस्तीनी क्षेत्र पर इजरायल के अटैक और यमन की राजधानी सना पर कुछ घंटे पहले हुए इजरायली हवाई हमलों के जवाब में किया गया था।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सरिया ने चेतावनी दी कि बाब अल-मंडेब जलडमरूमध्य और लाल सागर के संकरे पानी से गुजरने वाले सभी वाणिज्यिक और सैन्य जहाजों को हूती बलों को अपनी पहचान बतानी होगी। ऐसा नहीं करने पर उन पर हमला किया जाएगा।
गुरुवार रात एक बयान में इजरायली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने कहा कि हवाई रक्षा प्रणालियों ने यमन में हूतियों द्वारा दागी गई एक मिसाइल को रोक दिया।
यह हमला गुरुवार शाम सना में हूती ठिकानों पर इजरायल के कई हवाई हमलों के कुछ घंटों बाद हुआ, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई और 142 लोग घायल हो गए।
आईडीएफ ने कहा कि सना पर हमले दक्षिणी इजरायली शहर ईलात पर 25 सितंबर को हूती ड्रोन हमले के जवाब में किए गए, जिसमें 20 लोग घायल हो गए थे।
सरकारी प्रसारक कान के अनुसार, ड्रोन एक बड़े समुद्र तट परिसर में फटा था। इजरायल की वायु रक्षा प्रणाली ने ड्रोन को रोकने का दो बार प्रयास किया, लेकिन असफल रही थी। यह हमला यहूदी नववर्ष रोश हशाना के दौरान हुआ था, जब ईलात में इजरायली पर्यटकों की भीड़ थी।
राजधानी सना सहित उत्तरी यमन के अधिकांश हिस्से पर नियंत्रण रखने वाले हूती नवंबर 2023 से इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन हमले कर रहा है और लाल सागर में इजरायल से जुड़े जहाजों को निशाना बना रहा है।
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पश्चिम रेलवे आरपीएफ, जीआरपी ने मीरा रोड स्टेशन पर महिला क्लर्क के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोपी को पकड़ा

मुंबई: भयंदर स्थित पश्चिम रेलवे की आरपीएफ टीम ने वसई रोड स्थित राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) टीम के साथ मिलकर हाल ही में मीरा रोड रेलवे स्टेशन पर एक महिला वाणिज्यिक बुकिंग क्लर्क के साथ दुर्व्यवहार करने वाले एक आरोपी का पता लगाया और उसे पकड़ लिया।
पश्चिम रेलवे के अनुसार, भयंदर चौकी की आरपीएफ टीम और वसई रोड जीआरपी ने मिलकर बदमाश की तलाश में एक संयुक्त अभियान चलाया। आरोपी की पहचान मीरा रोड (पूर्व) निवासी 48 वर्षीय अशलम अनवर खान के रूप में हुई है।
पूछताछ के दौरान आरोपी ने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली। इसके बाद, जीआरपी/वसई रोड के पुलिस निरीक्षक ने आगे की कानूनी कार्रवाई करते हुए उसे 10 सितंबर, 2025 को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संबंधित धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया।
आरपीएफ भयंदर और जीआरपी वसई रोड द्वारा की गई यह त्वरित और समन्वित कार्रवाई, न केवल यात्रियों, बल्कि कर्मचारियों की सुरक्षा, संरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने के प्रति पश्चिम रेलवे की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
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बिहार एसआईआर मामला: सुप्रीम कोर्ट से विपक्ष को बड़ा झटका, ड्राफ्ट वोटर लिस्ट की समय सीमा बढ़ाने से इनकार

नई दिल्ली, 1 सितंबर: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिहार एसआईआर (में विशेष गहन पुनरीक्षण) मामले में विपक्षी दलों को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर दावे और आपत्ति दर्ज करने की समय सीमा 1 सितंबर से आगे बढ़ाने की मांग को खारिज कर दिया है। हालांकि, कोर्ट ने आयोग के आश्वासन को रिकॉर्ड पर लिया कि 1 सितंबर की समय सीमा के बाद भी लोग अपनी आपत्तियां और दावे दर्ज कर सकेंगे।
आयोग ने स्पष्ट किया कि नामांकन की अंतिम तारीख तक मतदाता सूची में नाम जोड़ने और हटाने का काम जारी रहेगा। इस मामले में अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी।
चुनाव आयोग के वकील एकलव्य द्विवेदी ने कहा, “आज की सुनवाई में दो याचिकाएं दायर की गईं। मुख्य मांग थी कि आधार कवरेज को 65 प्रतिशत की बजाय सभी 7.2 करोड़ मतदाताओं तक बढ़ाया जाए और समयसीमा को भी बढ़ाया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों मांगों को खारिज कर दिया है। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने ईसीआई का डाटा नोट किया है कि 99.5 प्रतिशत लोगों का आवेदन हो चुका है और कोर्ट ने आयोग के आश्वासन को रिकॉर्ड पर लिया है कि 1 सितंबर की डेडलाइन के बाद भी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट को लेकर लोग अपनी आपत्ति या दावा पेश कर सकते हैं।”
उन्होंने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने आधार की मांग को भी नकारा है। कोर्ट ने माना है कि आधार का उद्देश्य नागरिकता को साबित करने का नहीं बल्कि पहचान को साबित करने का है। आधार कार्ड को ‘डेट ऑफ बर्थ’ का आधार माना जा सकता है।”
चुनाव आयोग ने कोर्ट को बताया कि ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जिला निर्वाचन अधिकारियों और बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर प्रकाशित की गई है। समाचार पत्रों में विज्ञापन भी जारी किए गए हैं। आयोग ने कहा कि 1 सितंबर से 25 सितंबर तक दावे और आपत्तियां दर्ज करने के लिए पर्याप्त समय है और इसके बाद भी कोई रोक नहीं है।
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि 30 सितंबर के बाद भी आवेदन स्वीकार किए जाएंगे और सही दावों को मतदाता सूची में शामिल किया जाएगा।
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने ‘बिहार स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी’ के चेयरमैन को निर्देश दिया कि वे पैरा-लीगल वॉलेंटियर्स को मतदाताओं की मदद के लिए नोटिफिकेशन जारी करें, ताकि दावे और आपत्तियां दर्ज करने में सहायता मिल सके।
याचिकाकर्ताओं ने मांग की थी कि आधार कार्ड को स्वीकार करने का आदेश केवल 65 लाख लोगों तक सीमित नहीं रहना चाहिए। इस पर कोर्ट ने कहा कि यदि आधार कार्ड के कारण किसी का नाम मतदाता सूची में शामिल नहीं हुआ, तो उनकी सूची 8 सितंबर को कोर्ट के समक्ष पेश की जाए।
इससे पहले, याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण ने उच्च न्यायालय में तर्क दिया कि 22 अगस्त को कोर्ट ने आधार कार्ड को दस्तावेज के रूप में स्वीकार करने का आदेश दिया था, लेकिन चुनाव आयोग पारदर्शिता के अपने निर्देशों का पालन नहीं कर रहा।
उन्होंने आशंका जताई कि कई ‘रिन्यूमेरेशन फॉर्म’ ब्लॉक लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) द्वारा भरे गए हैं। भूषण ने यह भी कहा कि आयोग कुछ मतदाताओं को नोटिस जारी कर रहा है, जिसमें दस्तावेजों में कमी का हवाला दिया जा रहा है।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में छूट गए लोग आधार कार्ड के साथ दावा पेश कर सकते हैं। हालांकि, आधार की अहमियत को मौजूदा कानूनी प्रावधानों से अधिक नहीं बढ़ाया जा सकता। कोर्ट ने यह भी कहा कि आयोग को कानून के तहत आधार की वैधानिकता को स्वीकार करना होगा।
इस मामले की अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी, जिसमें कोर्ट आधार कार्ड के आधार पर मतदाता सूची में शामिल न किए गए लोगों की सूची पर विचार करेगा।
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