राजनीति
चुनाव आयोग द्वारा अजीत पवार गुट को ‘असली एनसीपी’ के रूप में मान्यता देने पर आदित्य ठाकरे ने चुनाव आयोग की आलोचना की; कहते हैं, ‘पूरी तरह से समझौता’

पूर्व मंत्री और शिवसेना (यूबीटी) विधायक आदित्य ठाकरे ने मंगलवार को भारतीय चुनाव आयोग की आलोचना करते हुए कहा कि उसने ‘पूरी तरह से समझौता कर लिया’ है और कहा कि अजित पवार गुट को ‘असली एनसीपी’ घोषित करके चुनाव आयोग एक बार फिर धोखेबाज साबित हुआ है। संगठन।
चुनाव आयोग ने मंगलवार को याचिकाकर्ता अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट के पक्ष में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के भीतर विवाद का निपटारा कर दिया। पोल पैनल ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में अजीत पवार गुट को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का नाम और प्रतीक प्रदान किया, जिसका आगामी चुनावों पर असर पड़ेगा।
चुनाव आयोग के फैसले की आलोचना करते हुए, आदित्य ठाकरे ने एक्स पर पोस्ट किया, “जब चुनाव आयोग खुद चोरी को वैध बनाना शुरू कर देता है, तो आप जानते हैं कि लोकतंत्र बर्बाद हो गया है। चुनाव आयोग अब एक बार फिर से धोखाधड़ी साबित हुआ है, पूरी तरह से समझौता (ईसी) ) वे अब सभी को दिखा रहे हैं कि हम अब एक स्वतंत्र और निष्पक्ष लोकतंत्र नहीं हैं।
“आयोग ने शरद पवार गुट को अपने नए राजनीतिक गठन के लिए एक नाम का दावा करने और तीन प्राथमिकताएं प्रदान करने का एक बार का विकल्प प्रदान किया। रियायत का उपयोग 7 फरवरी 2024 को दोपहर 3 बजे तक किया जाना है।
छह महीने से अधिक समय तक चली 10 से अधिक सुनवाई के बाद यह निर्णय लिया गया।
पोल पैनल ने कहा कि यह निर्णय याचिका की स्थिरता के निर्धारित परीक्षणों के बाद लिया गया है, जिसमें पार्टी संविधान के लक्ष्यों और उद्देश्यों का परीक्षण, पार्टी संविधान का परीक्षण और संगठनात्मक और विधायी बहुमत का परीक्षण शामिल है।
ईसीआई के फैसले की सराहना करते हुए, अजीत पवार ने कहा, “मामला चुनाव आयोग के समक्ष था। एक अलग मामला विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष भी है। उस मामले पर भी सुनवाई हुई है और हमें उम्मीद है कि जल्द ही हमारे पास परिणाम होगा। मैं इसका स्वागत करता हूं।” अजित पवार ने कहा, “चुनाव आयोग का फैसला। हम इस फैसले को विनम्रतापूर्वक स्वीकार करते हैं। हम बहुत खुश हैं और उन्हें धन्यवाद देते हैं।”
पिछले साल 2 जुलाई को, अजीत पवार ने महा विकास अघाड़ी (एमवीए) छोड़ दिया और पांचवीं बार महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री बनने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए खेमे में शामिल हो गए।
शरद पवार गुट, जो वर्तमान में राज्य विधानसभा में विपक्ष में है, से आठ विधायकों को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में ले गए। शरद पवार एनसीपी के संस्थापक और अजित पवार के चाचा हैं।
चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देगा पवार खेमा!
हालांकि, शरद पवार खेमे ने कहा कि पार्टी चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ लड़ेगी।
एनसीपी संस्थापक शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने कहा कि यूबीटी (शिवसेना) को भी शिवसेना में दरार पर इसी तरह के फैसले का सामना करना पड़ा था और देश में ‘अदृश्य शक्ति’ है जो इस तरह के आयोजन कर रही है।
“मुझे लगता है कि जो शिव सेना के साथ हुआ वही आज हमारे साथ हो रहा है। इसलिए, यह कोई नया आदेश नहीं है। बस नाम बदल दिए गए हैं लेकिन सामग्री वही है। हम लड़ेंगे। हम निश्चित रूप से सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।” , “सुप्रिया सुले ने संवाददाताओं से कहा।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत किया
इस बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने फैसले का स्वागत किया और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि चुनाव आयोग द्वारा लिया गया निर्णय ‘योग्यता के आधार पर’ है। “लोकतंत्र में बहुमत महत्वपूर्ण है। आज बहुमत अजित पवार के साथ है। इसलिए, चुनाव आयोग ने योग्यता के आधार पर यह निर्णय लिया। लोकतंत्र में बहुमत एक बार फिर साबित हुआ है। यह योग्यता आधारित निर्णय है। महायुति” शिंदे ने संवाददाताओं से कहा, ”महाराष्ट्र में काम कर रहा हूं। अजित पवार को मेरी शुभकामनाएं।”
राजनीति
अमृतसर में पीआरटीसी और पनबस कर्मचारियों का प्रदर्शन, पांच जिलों में किया चक्का जाम

अमृतसर, 23 अक्टूबर : पंजाब रोडवेज ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (पीआरटीसी) और पनबस के कर्मचारियों ने गुरुवार को अमृतसर सहित पांच जिलों में चक्का जाम कर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार पर उनकी मांगें पूरी न करने का आरोप लगाया।
कर्मचारियों ने विभिन्न मांगों को लेकर अमृतसर के गोल्डन गेट पर ही बैठकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिससे हाईवे पर लंबा जाम लग गया और यातायात पूरी तरह ठप हो गया।
प्रदर्शन की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचा। पुलिस ने कर्मचारियों को समझाने का प्रयास किया, जिसके बाद दोनों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। मौके पर मौजूद कुछ पत्रकारों ने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारियों ने उनसे बदसलूकी की।
किसान नेता बलजीत सिंह ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि सरकार हमारी मांग नहीं मान रही है। इसलिए हम लोग विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हो गए हैं। हम लोगों ने इससे पहले भी सरकार को आगाह किया था कि हमारी मांग नहीं मानी जाएगी तो हम लोग सड़क पर उतर सकते हैं। जब बात नहीं सुनी गई तब हम उतरे। अब विरोध प्रदर्शन के बाद सरकार और मैनेजमेंट के साथ उनकी सहमति बन गई है।
उन्होंने कहा कि मैनेजमेंट ने एडीसीपी हरपाल सिंह की टीम के साथ बातचीत के बाद 31 अक्टूबर तक टेंडर प्रक्रिया को स्थगित करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही 28 अक्टूबर को यूनियन के साथ विशेष बैठक रखने का भी ऐलान किया गया। बैठक के बाद इसमें अंतिम फैसला लिया जाएगा।
बलजीत सिंह ने कहा कि यदि सरकार से उसके बाद भी समाधान नहीं हुआ, तो अगली रणनीति का ऐलान किया जा सकता है। सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की नाकामियों के कारण कर्मचारियों को बार-बार सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
एडीसीपी जगजीत सिंह वालिया ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि गोल्डन गेट पर लगा जाम अब खोल दिया गया है और यातायात सुचारू रूप से शुरू हो गया है। सरकार की ओर से कर्मचारियों के साथ बातचीत कर अगली तारीख तय कर दी गई है और शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।
राजनीति
‘मोदीज मिशन’ : वडनगर से प्रधानमंत्री कार्यालय तक के सफर पर किताब होगी लॉन्च

नई दिल्ली, 23 अक्टूबर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की असाधारण जिंदगी और राजनीतिक सफर पर लिखी गई बायोग्राफी की लिस्ट में ‘मोदीज मिशन’ नाम की एक नई किताब भी शामिल होने वाली है। इस किताब को शुक्रवार को मुंबई में लॉन्च किया जाएगा।
जाने-माने लेखक बर्जिस देसाई की लिखी यह किताब, वडनगर में एक साधारण बचपन से लेकर प्रधानमंत्री ऑफिस (पीएमओ) तक पीएम मोदी के असाधारण सफर के बारे में है।
महाराष्ट्र के राज्यपाल आचार्य देवव्रत शुक्रवार को किताब को रिलीज करेंगे। इस इवेंट में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के अलावा कई जाने-माने लोग भी शामिल होंगे।
लेखक के मुताबिक, ”’मोदीज मिशन’ कोई बायोग्राफी नहीं, बल्कि आइडिया की कहानी है। किताब में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी मुश्किलों और अनगिनत चुनौतियों के बावजूद देश को जगाने वाले एक जरिया के तौर पर उभरने पर बात की है।”
इस किताब में पीएम मोदी के बचपन और जवानी के शुरुआती अनुभवों के बारे में बताया गया है, जिसने उनकी सामाजिक-आर्थिक सोच और गवर्नेंस को लेकर उनके नजरिए को बनाया है। यह किताब उन झूठों को ‘बेनकाब’ करने की कोशिश करती है, जो इंटेलेक्चुअल एलीट के एक हिस्से ने गवर्नेंस को ‘पटरी से उतारने’ के लिए पीएम मोदी के बारे में फैलाए हैं।
यह किताब भारत के सांस्कृतिक गर्व को मजबूत करने और एक अच्छा वेलफेयर स्टेट बनाने के लिए पीएम मोदी की लगातार कोशिशों का एक पूरा लेकिन आसान ब्यौरा भी देती है।
यह इस बात पर भी रोशनी डालती है कि कैसे पीएम मोदी की लीडरशिप ने भारत की समग्र एकाग्रता को बढ़ाया और पारदर्शी, परिणाम से जुड़े शासन को पक्का किया। भारतीय अर्थव्यवस्था के फॉर्मलाइजेशन से लेकर आर्टिकल 370 को हटाने तक, यह किताब पीएम मोदी के बड़े फैसले लेने के तरीकों को बताती है।
बर्जिस देसाई मुंबई के एक वकील और लेखक हैं। उन्होंने कई किताबें लिखी हैं, जिनमें पारसी कल्चर पर बहुत पसंद की गई किताबें, ‘ओह! दोज पारसीज’ और ‘द बावाजी’ शामिल हैं। ‘मोदीज मिशन’ किताब के पब्लिशर रूपा पब्लिकेशन्स हैं।
किताब की पहले से तारीफ करते हुए, देश के जाने-माने इंडस्ट्रियलिस्ट आनंद महिंद्रा ने कहा, ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21वीं सदी के सबसे ज्यादा देखे जाने वाले लीडर्स में से एक हैं। यह किताब बताती है कि कैसे उन्होंने बिना थके भारत को दुनिया में ऊपर उठाने की कोशिश की है।”
अपराध
ओड़िशा: संबलपुर में फर्जी नौकरी दिलाने वाले रैकेट का भंडाफोड़, दो गिरफ्तार

संबलपुर, 23 अक्टूबर : ओड़िशा के संबलपुर पुलिस ने एक बड़े फर्जी नौकरी घोटाले का पर्दाफाश करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है। बुर्ला पुलिस ने इस कार्रवाई में आरोपियों के पास से 62 लाख रुपए नकद भी बरामद किए हैं। ये लोग फर्जी कंपनी बनाकर लोगों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनसे पैसे लेते थे।
आरोपियों पर विभिन्न संस्थानों में नौकरी दिलाने के नाम पर सैकड़ों लोगों से करीब 2 करोड़ रुपए की ठगी करने का आरोप है। वे लोगों को सफाई कर्मचारी की नौकरी दिलाने के नाम पर झांसे में लेते थे और प्रत्येक उम्मीदवार से 12 हजार रुपए कमीशन ले लेते थे।
संबलपुर के एसपी मुकेश कुमार भामू ने बताया, “आरोपियों ने एक फर्जी ‘आरमैक्स प्राइवेट लिमिटेड’ नाम की कंपनी बनाई थी, जिसमें वह लोगों को लाकर नौकरी दिलाने के नाम पर हर व्यक्ति से पैसा लेते थे। इसके साथ ही लोगों को विश्वास दिलाते थे कि आप लोगों को हर महीने 12 हजार रुपए दिए जाएंगे।”
उन्होंने बताया कि आरोपी ने शुरू में लोगों का विश्वास जीतने के लिए उन्हें छोटे-मोटे काम दिए थे और कुछ लोगों को पैसा भी दे दिया था। इसके बाद उन्होंने ‘आरमैक्स प्राइवेट लिमिटेड’ नाम पर फर्जी नियुक्ति पत्र भी जारी कर दिए थे। आरोपी की पहचान राहुल और पद्मावती के रूप में हुई है।
एसपी ने बताया कि धीमे-धीमे उन्होंने चार जिलों से लगभग 1,500 से 2,000 लोगों से पैसा ले लिए थे, जिसके बाद हमने इन्हें गिरफ्तार कर कई लोगों के पैसे वापस कर दिए और 62 लाख रुपए जब्त किए। शिकायतों के आधार पर बुर्ला पुलिस ने छापेमारी कर उन्हें गिरफ्तार किया।
एसपी मुकेश कुमार भामू ने बताया कि मामले की जांच जारी है। शुरूआती पूछताछ में कई दस्तावेज मिले हैं जिसमें कितने लोगों से पैसा लिया गया है उसकी जानकारी लिखी हुई है। आरोपियों ने अन्य लोगों का भी नाम बताया कि पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों और ठगी के शिकार हुए पीड़ितों का पता लगाने की कोशिश कर रही है। इसके लिए टीम का भी गठन किया गया है। वह जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लेगी।
उन्होंने बताया कि कई एजेंटों का भी नाम सामने आ रहा है जो लोगों को कंपनी में लाया करते थे; उनकी जांच की जा रही है। अगर वे भी इस गिरोह में शामिल हैं, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
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