राष्ट्रीय
राज्य में किलों पर अतिक्रमण हटाने और रोकने के लिए जिलास्तरीय समिति – सांस्कृतिक कार्य मंत्री ॲड. आशिष शेलार

मुंबई प्रतिनिधि : राज्य में किलों पर अतिक्रमण हटाने और भविष्य में अतिक्रमण न हो, इसके लिए जिल्हाधिकारियों की अध्यक्षता में जिलास्तरीय समिति का गठन किया गया है, इस बात की जानकारी राज्य के सांस्कृतिक कार्य मंत्री ॲड. आशिष शेलार ने आज पत्रकार सम्मेलन में दी।
मंत्री शेलार ने कहा कि महाराष्ट्र राज्य में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के तहत 47 केंद्र संरक्षित किले और राज्य पुरातत्व विभाग के तहत 62 राज्य संरक्षित किले हैं। इन किलों के संरक्षण और सांस्कृतिक धरोहर को सुरक्षित रखने के लिए अतिक्रमण रोकना अत्यंत आवश्यक है।
“केंद्र और राज्य संरक्षित किलों के साथ-साथ लगभग 300 असंरक्षित किलों पर अतिक्रमण हो रहा है, जो शासन के ध्यान में आया है। इससे किलों की सुंदरता नष्ट हो रही है और कानून व्यवस्था भी खतरे में पड़ सकती है,” शेलार ने कहा। मुख्यमंत्री के निर्देशों के तहत इन अतिक्रमणों को हटाने के लिए जिलास्तरीय समिति गठित की गई है।
समिति के सदस्यों में संबंधित पुलिस आयुक्त, जिल्हा परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला पुलिस अधीक्षक, नगर परिषद के अधिकारी, वन क्षेत्राधिकारी, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारी, राज्य पुरातत्व विभाग के अधिकारी, और संबंधित प्राधिकरणों के अधिकारी शामिल होंगे।
समिति को 31 जनवरी 2025 तक किलों पर अतिक्रमण की सूची तैयार करके शासन को प्रस्तुत करना होगा। इसके बाद, 1 फरवरी 2025 से 31 मई 2025 तक अतिक्रमण हटाने का काम तय समय में किया जाएगा। सभी अतिक्रमण हटाने के बाद, समिति यह सुनिश्चित करेगी कि पुनः अतिक्रमण न हो।
समिति हर महीने बैठक करेगी और उसका रिपोर्ट शासन को प्रस्तुत किया जाएगा। मंत्री शेलार ने कहा कि इस कार्यवाही के द्वारा राज्य के किलों की सुरक्षा और संरक्षण सुनिश्चित होगा।
अंतरराष्ट्रीय
पाकिस्तान : लाहौर स्थित वाल्टन एयरपोर्ट के पास सुनाई दी धमाके की आवाज

लाहौर, 8 मई। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मचा हुआ है। इस बीच, पाकिस्तान के लाहौर में धमाकों से जुड़ी खबरें सामने आई हैं। बताया जा रहा है कि लाहौर में एक के बाद एक कई धमाकों की आवाज सुनी गई है।
लाहौर पुलिस के मुताबिक लाहौर के वाल्टन रोड पर जोरदार धमाका हुआ है। करीब 2 से 3 ब्लास्ट हुए हैं। इन धमाकों की आवाज इतनी तेज थी कि लोग घरों से बाहर निकल आए।
फिलहाल धमाकों की वजह और जानमाल के नुकसान का पता नहीं चल पाया है। साथ ही पुलिस मौके पर पहुंच गई है और किसी को भी घटनास्थल पर जाने नहीं दे रही है।
लाहौर में धमाकों से जुड़ी यह खबर उस समय सामने आई है, जब 6-7 मई की दरमियानी रात को भारतीय सेना ने पहलगाम हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया। भारतीय सेना ने पाकिस्तान स्थित नौ आतंकवादी ठिकानों को तबाह कर दिया।
पाकिस्तान के इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशन (आईएसपीआर) के प्रमुख जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने बताया कि इन हवाई हमलों में कम से कम 26 लोगों की मौत हुई और 46 घायल हुए हैं। ये हमले पीओके और पंजाब प्रांत के उन इलाकों में हुए जहां भारत के अनुसार आतंकियों के ठिकाने थे।
इस स्थिति को देखते हुए पाकिस्तान में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। सभी सरकारी अस्पतालों को तैयार रहने को कहा गया है, देश की हवाई सीमाएं 24 से 36 घंटे के लिए बंद कर दी गई हैं, इस्लामाबाद और पंजाब के सभी स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं और सुरक्षा बलों को सतर्क कर दिया गया है।
इस बीच, भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि अगर भारत अपने आक्रामक रुख से पीछे हटता है, तभी यह तनाव खत्म हो सकता है।
ब्लूमबर्ग से बात करते हुए ख्वाजा आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान को अपनी सुरक्षा का पूरा हक है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने हमला शुरू नहीं किया, बल्कि केवल भारत के हमले का जवाब दिया है।
अंतरराष्ट्रीय
‘ऑपरेशन सिंदूर’ : भारत की एयर स्ट्राइक में मारे गए 70 से अधिक आतंकी

नई दिल्ली, 7 मई। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकियों के नौ ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की, जिसमें 70 से अधिक आतंकवादी मारे गए।
ये हमले नौ लक्षित स्थानों- मुजफ्फराबाद, कोटली, बहावलपुर, रावलकोट, चकस्वरी, भीमबर, नीलम घाटी, झेलम और चकवाल में किए गए। इन हमलों में 60 से अधिक आतंकवादी घायल हो गए।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में सरकार ने बुधवार सुबह मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि ये कार्रवाई नपी-तुली और गैर-उत्तेजित प्रकृति की, आनुपातिक और जिम्मेदाराना थी, जो पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद और भारत पर हमलों के निरंतर समर्थन के खिलाफ थी।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि लक्ष्यों का चयन विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर किया गया और इसका उद्देश्य आतंकी ढांचे को ध्वस्त करना और आतंकियों को बेदम करना था।
उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सीमा पार आतंकवाद का जवाब देने और उसे रोकने के देश के अधिकार का प्रतिनिधित्व करता है।
मिस्री के अलावा प्रेस कॉन्फ्रेंस को भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने भी संबोधित किया।
उन्होंने पाकिस्तान स्थित आतंकी समूहों और उनके भारत पर हमलों से लक्षित ठिकानों के संबंधों पर प्रकाश डाला।
नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमलों के जरिए भारत ने दिखाया कि वह अब सीमा पार आतंकवाद या इसे बढ़ावा देने वाली सरकारी संस्थाओं की मिलीभगत को बर्दाश्त नहीं करेगा।
भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने ऐतिहासिक अभियान में रात को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचे पर हमले किए।
सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रात भर चले ऑपरेशन की लगातार निगरानी कर रहे थे।
भारत ने पाकिस्तान और पीओके में उन ठिकानों पर हमला किया, जहां से आतंकवादी हमलों की योजना बनाई जा रही थी और उन्हें अंजाम दिया जा रहा था।
भारत ने बयान में कहा, “हमारी कार्रवाई केंद्रित, संतुलित रही। पाकिस्तानी सैन्य सुविधाओं को निशाना नहीं बनाया गया। भारत ने लक्ष्यों के चयन और कार्रवाई के तरीके में काफी संयम दिखाया।”
अंतरराष्ट्रीय
पाक मंत्री भारत के खिलाफ उगल रहे थे जहर, विदेशी मीडिया ने करा दी बोलती बंद, याद दिलाया उनके रक्षा मंत्री का बयान

नई दिल्ली, 7 मई। भारत के एयर स्ट्राइक को लेकर पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार विदेशी मीडिया के सामने गिड़गिड़ाते दिखे। अपना पक्ष रखने की कोशिश में भारत पर अनर्गल आरोप लगाने लगे, लेकिन उन्हें करारा जवाब दिया गया। एंकर ने उन्हें पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान याद दिला दिया।
तरार ने दावा किया कि पाकिस्तान में कोई आतंकी शिविर नहीं है और उसने हमेशा पश्चिमी सीमा पर आतंकियों से लड़ाई की है।
उनसे सवाल किया गया कि भारत आतंकी शिविरों को निशाना बनाने की बात कर रहा है, हमारे यहां ऐसा नहीं है। इस पर एंकर ने रोकते हुए रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के हाल ही में दिए बयान का जिक्र किया।
याद दिलाया कि खुद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक सप्ताह पहले इसी शो में स्वीकार किया था कि पाकिस्तान ने दशकों तक आतंकी गुटों को समर्थन, फंडिंग और प्रशिक्षण दिया है। इसके अतिरिक्त, पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ और पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो भी इस नीति की सार्वजनिक रूप से स्वीकार कर चुके हैं। यहां तक कि बिलावल भुट्टो भी स्वीकार कर चुके हैं।
एंकर ने कहा, “2018 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान की सैन्य सहायता यह कहते हुए बंद कर दी थी कि पाकिस्तान आतंकियों को आश्रय दे रहा है। ऐसे में ‘पाकिस्तान में कोई आतंकी कैंप नहीं हैं’ कहना आपके ही वरिष्ठ नेताओं के बयानों के विपरीत है। आतंकवाद और आतंकवादी संगठनों को फंडिंग और समर्थन देना पाकिस्तान के इतिहास का हिस्सा रहा है और यह अब भी है।”
इसके जवाब में मंत्री ने कहा, “पाकिस्तान में कोई आतंकी शिविर नहीं हैं। हम खुद आतंकवाद के सबसे बड़े शिकार हैं। हमने आतंकवाद के खिलाफ जंग में 90,000 जानें गंवाई हैं। आज भी बलूचिस्तान और अन्य इलाकों में हमारे जवान शहीद हो रहे हैं।” पाकिस्तानी मंत्री ने दावा किया कि पाकिस्तान आतंक के खिलाफ फ्रंटलाइन स्टेट है और उसने हमेशा पश्चिमी सीमा पर आतंकियों से लड़ा है।
एंकर ने फिर इतिहास याद दिलाया तो मंत्री ने कहा, ‘जो रक्षा मंत्री ने कहा, मुझे लगता है कि उनका मतलब गलत समझा गया है। 9/11 के बाद, पाकिस्तान आज भी आतंकवाद के खात्मे में लगा सबसे अग्रणी देश है। हम दुनिया की शांति के गारंटर हैं, क्योंकि हम आतंकवादियों और बाकी दुनिया के बीच दीवार के रूप में खड़े हैं। आपको, मैं आपको पाकिस्तान आने का निमंत्रण देना चाहता हूं, आकर देखिए।’
इस पर एंकर ने कहा, “मैंने पाकिस्तान का दौरा किया है और हम जानते हैं कि ओसामा बिन लादेन भी पाकिस्तान के एबटाबाद में पाया गया था।”
एंकर ने प्रश्न किया कि भारत ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का ज़िम्मेदार पाकिस्तान को ठहराया था। उस हमले में सुरक्षाबलों पर घातक हमला हुआ था, जिसकी जिम्मेदारी ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ नामक समूह ने ली थी, जिसे लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी संगठन माना जाता है। इस पर पाक मंत्री ने कहा, “भारत के पास कोई सबूत नहीं है। हम जांच के लिए तैयार थे, हमने यहां तक कहा कि यूएन, यूके जैसे देशों को शामिल करें लेकिन भारत ने जांच से इनकार कर दिया और सीधे हमला कर दिया।”
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