खेल
डीजीसी जूनियर/सब-जूनियर गोल्फ टूर्नामेंट नई दिल्ली में शुरू
नई दिल्ली, 22 जुलाई। 15वां डीजीसी जूनियर/सब-जूनियर गोल्फ टूर्नामेंट मंगलवार को प्रतिष्ठित दिल्ली गोल्फ क्लब में शुरू हुआ, जिसमें 6 से 22 वर्ष की आयु के 180 से अधिक गोल्फ खिलाड़ी तीन दिवसीय टूर्नामेंट में भाग ले रहे हैं।
लोधी और पीकॉक दोनों कोर्स में प्रतिदिन अठारह होल खेले जाएँगे। समारोह का शुभारंभ शीर्ष जूनियर प्रतिभाओं – आईजीयू श्रेणी ए में भारत की नंबर 1 खिलाड़ी काशिका मिश्रा और कोर्स रिकॉर्ड धारक तथा नए पेशेवर खिलाड़ी दीपक यादव द्वारा किया गया, जिन्होंने हाल ही में एनसीआर कप में 10 अंडर का स्कोर बनाया था।
कौशल, एकाग्रता और दृढ़ता की परीक्षा वाले इस टूर्नामेंट में भारत के कुछ सबसे होनहार युवा गोल्फ खिलाड़ी भाग लेंगे, जिनमें हाल ही में एनसीआर कप जीतने वाले रक्षित दहिया; आईजीयू (भारतीय गोल्फ संघ) की मेरिट सूची में वर्तमान में शीर्ष रैंक वाली जूनियर खिलाड़ी काशिका मिश्रा शामिल हैं; और शान अल्वी, एक कैडी के बेटे, जिन्होंने हाल ही में लगातार पाँचवाँ IGU टूर्नामेंट जीता है।
समावेशिता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को कायम रखते हुए, दिल्ली गोल्फ क्लब ने 30 वंचित जूनियर खिलाड़ियों के लिए प्रवेश शुल्क माफ कर दिया है – जिनमें DGC के कैडियों के 15 बच्चे, गोल्फ फाउंडेशन द्वारा समर्थित गाँव जिंदली के 7 प्रतिभागी और अल्टीमेट फाउंडेशन के 8 प्रतिभागी शामिल हैं।
DGC की महिला कप्तान माला बावा ने कहा, “युवा गोल्फरों में ऐसा जुनून और दृढ़ता देखना वाकई प्रेरणादायक है। वर्षों से उषा का अटूट समर्थन उभरती प्रतिभाओं को निखारने और गोल्फ में समावेशिता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण रहा है। कैडियों के बच्चों सहित विविध पृष्ठभूमि के खिलाड़ियों की बढ़ती भागीदारी हमारे इस साझा विश्वास को दर्शाती है कि प्रतिभा कहीं से भी आ सकती है, बस उसे सही मंच की आवश्यकता होती है।”
उषा तीन दशकों से भी अधिक समय से DGC के साथ साझेदारी कर रही है और जूनियर से लेकर महिला वर्ग तक सभी श्रेणियों में गोल्फ के विकास को बढ़ावा दे रही है – और पिछले कुछ वर्षों में कई प्रतिभाशाली गोल्फरों के उदय का गवाह बनी है।
खेल
महान फुटबॉलर मेसी से मिलना और प्रैक्टिस करना मेरा सपना सच होने जैसा है: हंजला अंसारी

SPORTS
मुंबई: मुंबई भायखला के मोमिनपुरा (काला पानी) की उभरती हुई फुटबॉलर हंजला अंसारी के लिए वह पल यादगार बन गया जब उन्हें दुनिया भर में मशहूर महान फुटबॉलर लियोनेल मेसी के साथ प्रैक्टिस करने का मौका मिला। भायखला के मोमिनपुरा की हंजला अंसारी और नागपुर के अब्दुल मनन, मुसाब जमाल, फुटबॉलर महाराष्ट्र सरकार के प्रोजेक्ट महादेव के तहत चुने गए 30 खास खिलाड़ियों में शामिल थे। इस मौके पर बोलते हुए, हंजला अंसारी ने कहा कि लियोनेल मेसी जैसे महान फुटबॉलर के साथ एक ही मैदान पर प्रैक्टिस करना मेरे लिए सपना सच होने जैसा है। मैंने उन्हें हमेशा टीवी पर खेलते देखा था, आज उनके साथ ट्रेनिंग ने मेरे हौसले को एक नई ऊंचाई दी है। गौरतलब है कि दिग्गज फुटबॉलर के आगमन के मौके पर, U-13 और U-14 कैटेगरी के हजारों खिलाड़ियों में से चरणबद्ध चयन प्रक्रिया के बाद पूरे महाराष्ट्र से 120 बेहतरीन खिलाड़ियों का चयन किया गया था, जिनमें से 30 खिलाड़ियों को वानखेड़े स्टेडियम में खास मुलाकात और ट्रेनिंग का मौका दिया गया था। इनमें मुंबई का एक और नागपुर के दो मुस्लिम खिलाड़ी शामिल थे। हंजला अंसारी, जो नेशनल खिलाड़ी साबिर अंसारी के भतीजे हैं, ने फुटबॉल की शुरुआती ट्रेनिंग अपने मामा साजिद अंसारी से ली थी। बाद में, उन्होंने मदनपुरा के YMCA ग्राउंड में कोच सरफराज अंसारी की देखरेख में इलेवन स्टार टीम के लिए खेलना शुरू किया। अपनी कड़ी मेहनत और लगन की वजह से, वह मुंबई की सबसे मजबूत टीमों में से एक जुम्मी FC तक पहुंचे, जहाँ उनके खेल में और सुधार हुआ। अपने सफर के बारे में बात करते हुए, हंजला ने कहा कि मेरी सफलता में मेरे माता-पिता, मेरे दादा और मामा साजिद अंसारी और मेरे कोच का बहुत बड़ा हाथ है। उनके मार्गदर्शन और प्रोत्साहन के बिना, मैं यहाँ तक नहीं पहुँच पाता। प्रोजेक्ट महादेव के तहत सालाना स्कॉलरशिप के लिए चुने गए खिलाड़ियों में मोमिनपुरा के हंजला फरहान अंसारी और नागपुर के अब्दुल मनन और मुसाब जमाल शामिल हैं। इस स्कीम के तहत, सरकार चुने गए युवा फुटबॉल खिलाड़ियों को रहने की जगह, पढ़ाई, खाना और मॉडर्न फुटबॉल ट्रेनिंग देती है। आखिर में, हंजला अंसारी ने कहा कि मेरा सपना है कि मैं एक दिन भारत को रिप्रेजेंट करूं और देश का नाम ग्लोबल लेवल पर रोशन करूं। प्रोजेक्ट महादेव जैसी पहल हम जैसे युवा खिलाड़ियों के लिए बहुत बड़ी ब्लेसिंग है। ऑर्गेनाइजर के मुताबिक, इन चुने गए खिलाड़ियों में भविष्य के नेशनल और इंटरनेशनल फुटबॉल स्टार बनने का पोटेंशियल है।
खेल
वेस्टइंडीज के खिलाफ तीसरे टेस्ट के लिए न्यूजीलैंड टीम में एजाज पटेल और टॉम ब्लंडेल की वापसी

वेलिंगटन, 15 दिसंबर: न्यूजीलैंड के ऑफ स्पिनर एजाज पटेल को वेस्टइंडीज के खिलाफ तीसरे और आखिरी टेस्ट के लिए टीम में चुना गया है। यह मैच गुरुवार से माउंट माउंगानुई में खेला जाएगा।
एजाज पटेल को ब्लेयर टिकनर की जगह टीम में शामिल किया गया है। टिकनर दूसरे टेस्ट के दौरान वेलिंगटन में बाउंड्री पर फील्डिंग करते समय कंधे में चोट लगने के कारण बाहर हो गए थे।
37 वर्षीय एजाज पटेल वही गेंदबाज हैं, जिन्होंने वर्ष 2021 में मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भारत के खिलाफ एक टेस्ट पारी में सभी दस विकेट लिए थे। फरवरी 2020 के बाद यह उनका घरेलू जमीन पर पहला टेस्ट मैच हो सकता है।
एजाज पटेल ने आखिरी बार वर्ष 2024 में भारत दौरे के दौरान तीसरे टेस्ट में खेला था। उस मैच में उन्होंने 160 रन देकर 11 विकेट लिए थे और उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुना गया था। उस दौरे में न्यूजीलैंड ने भारत को 3–0 से हराया था।
हेड कोच रॉब वाल्टर ने कहा कि एजाज ऐसे गेंदबाज़ हैं, जिन पर टीम भरोसा कर सकती है। उन्होंने बताया कि बे ओवल की पिच पर आमतौर पर गेंद ज्यादा घूमती है और उनकी गेंदबाजी टीम के लिए फायदेमंद हो सकती है।
वाल्टर ने कहा, “तीसरे टेस्ट में एक और स्पिनर को शामिल करने से हमारे गेंदबाजी आक्रमण में थोड़ी और विविधता आएगी, साथ ही हमारे सीमर्स भी हैं जो इस सीरीज में अब तक बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।”
विकेटकीपर टॉम ब्लंडेल भी टीम में लौट आए हैं। वे पहले टेस्ट में लगी हैमस्ट्रिंग चोट के कारण दूसरा टेस्ट नहीं खेल पाए थे। कोच ने कहा कि टॉम अब पूरी तरह ठीक हो गए हैं और उनका अनुभव टीम के लिए बहुत अहम है, खासकर तब जब टीम में कुछ नए खिलाड़ी भी शामिल हैं।
ब्लंडेल की गैरमौजूदगी में डेब्यू करने वाले मिच हे अब कैंटरबरी के लिए घरेलू क्रिकेट खेलेंगे। कोच ने उनके प्रदर्शन की भी सराहना की।
तेज गेंदबाज माइकल रे, जैक फॉल्क्स, जैकब डफी और क्रिस्टियन क्लार्क तीसरे टेस्ट के लिए टीम में बने हुए हैं। माइकल रे ने वेलिंगटन टेस्ट में अपने पहले ही मैच में अच्छा प्रदर्शन किया था।
न्यूजीलैंड क्रिकेट ने बताया कि काइल जैमीसन लाल गेंद के क्रिकेट में वापसी की योजना पर अच्छी तरह आगे बढ़ रहे हैं। वे फिटनेस पर काम कर रहे हैं और सहयोगी स्टाफ के साथ मिलकर टेस्ट क्रिकेट में लौटने की तैयारी कर रहे हैं।
तीसरे टेस्ट के लिए न्यूजीलैंड टीम इस प्रकार है-
टॉम लैथम (कप्तान), टॉम ब्लंडेल, माइकल ब्रेसवेल, क्रिस्टियन क्लार्क, डेवोन कॉनवे, जैकब डफी, जैक फॉल्क्स, डेरिल मिशेल, एजाज पटेल, ग्लेन फिलिप्स, माइकल रे, रचिन रवींद्र, केन विलियमसन, विल यंग
अंतरराष्ट्रीय
इंडोनेशिया में अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन में मौत का आंकड़ा 1000 से अधिक पहुंचा

जकार्ता, 13 दिसंबर : इंडोनेशिया के सुमात्रा के तीन प्रांतों में आई बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 1,000 से ज्यादा हो गई है। इसके अलावा 218 लोगों के बारे में अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आ पाई है। नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एजेंसी (बीएनपीबी) ने शनिवार को यह जानकारी दी।
इन आपदाओं से इमारतों को काफी नुकसान पहुंचा है। बीएनपीबी की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, करीब 1,200 सार्वजनिक सुविधाओं के साथ-साथ 219 स्वास्थ्य सुविधाओं, 581 शैक्षणिक सुविधाओं, 434 दुआ और प्रार्थना की जगह, 290 ऑफिस बिल्डिंग और 145 पुलों को नुकसान हुआ है।
न्यूज एजेंसी के अनुसार, बीएनपीबी के डेटा और सूचना केंद्र के प्रमुख अब्दुल मुहरी ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सब-डिस्ट्रिक्ट के स्तर पर डेटा का सत्यापन और सिविल रिकॉर्ड के साथ क्रॉस-रेफरेंसिंग का काम चल रहा है।
उन्होंने बताया कि पीड़ितों के नाम और पते की पुष्टि की जा रही है और कई जिलों में वेरिफिकेशन की प्रक्रिया जारी है। इस बीच, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो ने शुक्रवार को आचे में आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा किया। इस दौरान इंडोनेशियाई राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार समुदाय की अलग-अलग बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए काम कर रही है।
प्रबोवो ने कहा, “हम सब मिलकर इस स्थिति को सुधारेंगे। सरकार आगे आएगी और हर चीज में मदद करेगी।” इसके साथ ही उन्होंने सभी नागरिकों से रिकवरी प्रोसेस के दौरान डटे रहने और अपना हौसला बनाए रखने की अपील की।
इंडोनेशियाई राष्ट्रपति ने उम्मीद जताई है कि बच्चों को पढ़ाने और सीखने जैसी सामुदायिक गतिविधियां जल्द ही सामान्य हो जाएंगी। इस हफ्ते की शुरुआत में, सुबियांटो ने आचे में कई प्रभावित जगहों का दौरा करने के बाद डिजास्टर रिस्पॉन्स और रिकवरी की कोशिशों पर एक मीटिंग की अध्यक्षता की। उन्होंने सेना, पुलिस, नेशनल सर्च एंड रेस्क्यू एजेंसी, बीएनपीबी और स्थानीय सरकारों को शामिल करते हुए मजबूत संयुक्त ऑपरेशन करने के निर्देश दिए।
इंडोनेशिया की एयरलांगा यूनिवर्सिटी में डिजास्टर मैनेजमेंट के लेक्चरर हिजरा सपुत्रा ने बताया कि प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियां अब भी दूर-दराज के गांवों तक नहीं पहुंची हैं, क्षेत्रीय योजना में अनुशासन का अभाव है, और पर्यावरणीय पुनर्वास की प्रक्रिया भी केवल कभी-कभार ही की जाती है।
उन्होंने कहा, “अगर हम भविष्य में जनहानि कम करना चाहते हैं, तो सुनियोजित क्षेत्रीय योजना, जलग्रहण क्षेत्र की पारिस्थितिकी पर आधारित दृष्टिकोण और क्षेत्रीय स्तर पर एकीकृत प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों के माध्यम से आपदा-रोधी क्षमता को सुदृढ़ करना अनिवार्य होगा।”
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