महाराष्ट्र
डिजाइनर ‘रिश्वत’ मामले में पत्नी के बचाव में उतरे फडणवीस: ‘अमृता ने रोका, लेकिन…’

महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को अपनी पत्नी अमृता फडणवीस के विवाद पर प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिसमें कथित तौर पर एक डिजाइनर द्वारा उसे (डिजाइनर के) पिता को एक आपराधिक मामले से मुक्त कराने के लिए रिश्वत की पेशकश की गई थी। “अनिल जयसिंघानी की बेटी अनुष्का ने मेरी पत्नी से संपर्क किया और खुद को एक डिजाइनर बताया। उसने कहा कि उसके पिता को गलत मामले में फंसाया गया है, जिस पर अमृता ने उसे एक पत्र लिखने के लिए कहा, जिसमें उसने अपने पिता को छुड़ाने के लिए 1 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की।” फडणवीस ने कहा। “अमृता ने उसे ब्लॉक कर दिया लेकिन उसने वीडियो वायरल करने की धमकी देते हुए एक वीडियो भेजा और कहा कि अगर हमने उसके पिता के खिलाफ सभी मामले वापस नहीं लिए। एक वीडियो में, अनुष्का को एक बैग में पैसे भरते और बाद में अमृता को बैग सौंपते हुए देखा जा सकता है।” ,” फडणवीस ने कहा। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस ने अनीक्षा नाम की एक डिजाइनर और उनके पिता के खिलाफ कथित रूप से 1 करोड़ रुपये की रिश्वत देने की शिकायत दर्ज कराई है। 20 फरवरी को मालाबार हिल पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई है।
अमृता ने अपनी शिकायत में कहा है कि वह और अनिक्षा 16 महीने से अधिक समय से संपर्क में थे और कुछ मौकों पर उनके घर भी आ चुके हैं। वे पहली बार 2021 में मिले थे। उन्होंने कहा कि अनीक्षा एक कपड़े, आभूषण और जूते डिजाइनर थीं और उन्होंने अपने उत्पादों के प्रचार के लिए उनसे संपर्क किया था। कि अनिक्षा ने कथित तौर पर अमृता को सटोरियों के बारे में जानकारी देने की पेशकश की, जिससे वे पैसा कमा सकते थे और डिजाइनर के पिता को एक आपराधिक मामले में फँसाने के लिए 1 करोड़ रुपये की पेशकश भी की। कथित तौर पर, अनीक्षा ने कई बार डिप्टी सीएम निवास का दौरा किया और अमृता फडणवीस को उनके द्वारा डिज़ाइन किए गए उत्पादों को भेजा, कुछ जिन्हें उन्होंने सार्वजनिक कार्यक्रमों में पहना और बाद में वापस कर दिया।
शिकायत के अनुसार, 16 फरवरी को जब अनीक्षा ने अपने पिता को एक मामले से बचाने के लिए 1 करोड़ रुपये की पेशकश की और अमृता ने उससे संपर्क करने से रोक दिया तो चीजें बहुत खराब हो गईं। 18 और 19 फरवरी को एक अज्ञात नंबर से धमकी भरे वीडियो क्लिप, वॉयस नोट्स और कई मैसेज आए। अमृता ने आरोप लगाया कि महिला और उसके पिता अप्रत्यक्ष रूप से उसे धमकी दे रहे थे और उसके खिलाफ साजिश कर रहे थे। पुलिस ने अनीक्षा और उसके पिता पर आईपीसी की धारा 120 (बी), धारा 8 और 12 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत मामला दर्ज किया है। आईई रिपोर्ट में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि मामले में जांच चल रही है और कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है अब तक किया गया है।
महाराष्ट्र
2006 मुंबई ट्रेन ब्लास्ट मामला: बॉम्बे हाईकोर्ट ने सभी 12 आरोपियों को बरी किया, कहा- “प्रॉसिक्यूशन केस साबित करने में पूरी तरह विफल रहा”

मुंबई, 21 जुलाई 2025 — साल 2006 में हुए मुंबई लोकल ट्रेन धमाकों के मामले में बड़ा फैसला सामने आया है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस केस में दोषी ठहराए गए सभी 12 आरोपियों को बरी कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि अभियोजन (प्रॉसिक्यूशन) पक्ष आरोपियों के खिलाफ केस साबित करने में “पूरी तरह नाकाम” रहा।
यह फैसला न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे और न्यायमूर्ति गौरी गोडसे की खंडपीठ ने सुनाया। इससे पहले 2015 में एक विशेष एमसीओका (MCOCA) अदालत ने इनमें से कुछ को फांसी और बाकी को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट ने इन सज़ाओं को पलटते हुए कहा कि जांच में गंभीर खामियां थीं और प्रस्तुत साक्ष्य अपर्याप्त व असंगत थे।
पृष्ठभूमि: देश को हिला देने वाला हमला
11 जुलाई 2006 को मुंबई की लोकल ट्रेनों में शाम के व्यस्त समय के दौरान लगातार सात बम धमाके हुए थे। इन विस्फोटों में 189 लोगों की मौत हुई थी और 800 से अधिक घायल हुए थे। हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था और पुलिस ने व्यापक कार्रवाई करते हुए 12 लोगों को गिरफ्तार किया था।
इन सभी पर आरोप था कि वे प्रतिबंधित संगठन सिमी (SIMI) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़े थे और उन्होंने प्रेशर कुकर में बम रखकर ट्रेनों में विस्फोट किया।
कोर्ट की टिप्पणियाँ
हाईकोर्ट ने कहा कि एंटी-टेररिज़्म स्क्वाड (ATS) द्वारा की गई जांच में गंभीर खामियां थीं। कोर्ट ने विशेष रूप से इस बात पर चिंता जताई कि अधिकतर केस केवल स्वीकृत बयानों पर आधारित था, जिनकी पुष्टि स्वतंत्र साक्ष्यों से नहीं की जा सकी।
जजों ने यह भी कहा कि FIR दर्ज करने में देरी हुई और MCOCA के तहत आरोपियों के बयानों को लेने की प्रक्रिया में भी अनियमितताएं थीं। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि न्याय की प्राप्ति के लिए ईमानदार और निष्पक्ष जांच आवश्यक है।
मानवाधिकार और कानूनी प्रभाव
इस फैसले के बाद देश में गलत आरोप और लंबी न्याय प्रक्रिया को लेकर नई बहस छिड़ गई है। कई मानवाधिकार संगठनों ने फैसले का स्वागत किया है और जांच अधिकारियों की जवाबदेही तय करने की मांग की है।
वहीं महाराष्ट्र सरकार ने फैसले पर चिंता जताई है और सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के विकल्पों पर विचार कर रही है।
कोर्ट के बाहर की प्रतिक्रियाएं
कोर्ट परिसर के बाहर बरी हुए आरोपियों के परिजन भावुक हो गए। कई लोगों ने 17 साल जेल में गुजारे हैं। एक वकील ने कहा, “न्याय में देरी हुई है, लेकिन अंततः न्याय मिला है। यह फैसला दिखाता है कि संवेदनशील मामलों में जल्दबाज़ी से न्याय नहीं हो सकता।”
वहीं, हमले के पीड़ितों के परिजन इस फैसले से दुखी हैं और उनका कहना है कि यह निर्णय उन घावों को फिर से खोल देता है जो कभी भरे ही नहीं थे।
महाराष्ट्र
महारास्ट्र के कोंकण रीजन के रत्नागिरी जिले में दुखद घटना की खबर सामने आई है,रत्नागिरी के टूरिस्ट प्लेस आरे-वारे बीच पर बड़ा हादसा –ठाणे जिले के मुंब्रा इलाके के चार पर्यटकों की डूबकर मौत

रत्नागिरी के प्रसिद्ध आरे-वारे समुद्र किनारे आज शनिवार शाम एक भीषण हादसा सामने आया, जहां ठाणे-मुंब्रा से आए चार पर्यटकों की समुद्र में डूबकर मौत हो गई। मृतकों में तीन महिलाएं और एक पुरुष शामिल हैं। हादसा शाम करीब 6:30 बजे हुआ जब ये पर्यटक बीच पर नहाने के दौरान समुद्र की तेज लहरों की चपेट में आ गए।
मृतकों की पहचान इस प्रकार हुई है:
उज़मा शेख (उम्र 18 वर्ष)
उमेरा शेख (उम्र 29 वर्ष)
जैनब काज़ी (उम्र 26 वर्ष)
जुनैद काज़ी (उम्र 30 वर्ष)
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह सभी रत्नागिरी में अपने रिश्तेदारों से मिलने आए थे और शनिवार को समुद्र तट पर घूमने निकले थे। मौसम विभाग की चेतावनी और स्थानीय मछुआरों की हिदायतों के बावजूद सभी पर्यटक rough sea (खारे और उग्र समुद्र) में उतर गए। बारिश और खराब मौसम के चलते समुद्र में लहरें बहुत उग्र थीं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, चारों लोग समुद्र में मस्ती कर रहे थे, तभी अचानक एक तेज लहर आई और उन्हें खींच ले गई। स्थानीय ग्रामीण और मछुआरे तुरंत बचाव के लिए समुद्र में कूदे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। लगभग 30 मिनट के भीतर सभी चार शव बरामद कर लिए गए।
घटना की जानकारी मिलते ही रत्नागिरी पोलीस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक राजेंद्र यादव अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और पंचनामा व प्राथमिक जांच शुरू की। शवों को रत्नागिरी सिविल हॉस्पिटल में पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है।
आरे-वारे बीच पर पहले से ही ‘नो स्विमिंग’, ‘खतरनाक समुद्र’ जैसे चेतावनी बोर्ड लगे हैं। इसके बावजूद हर वर्ष भारी संख्या में पर्यटक इन चेतावनियों को नजरअंदाज कर समुद्र में उतरते हैं, जिससे हादसे होते हैं। स्थानीय प्रशासन और कोस्ट गार्ड बार-बार मानसून के दौरान समुद्र में न उतरने की अपील करता है
घटना के बाद स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि आरे-वारे बीच जैसे संवेदनशील इलाकों में गार्ड तैनात किए जाएं, तथा मानसून में पर्यटन पर प्रतिबंध लगाया जाए।
यह हादसा एक बार फिर चेतावनी देता है कि प्राकृतिक सौंदर्य के आकर्षण में लापरवाही जानलेवा हो सकती है। प्रशासन ने भी आमजन से अपील की है कि मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें और समुद्री क्षेत्रों में सुरक्षा निर्देशों को अनदेखा न करें।
महाराष्ट्र
आग्रीपाड़ा में लक्ज़री कार चोरी का मामला सुलझा, दो कुख्यात अपराधी गिरफ्तार

मुंबई, 19 जुलाई 2025 – आग्रीपाड़ा पुलिस ने एक लक्ज़री कार चोरी के मामले को सुलझाते हुए दो शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है और एक महंगी स्कोडा कार बरामद की है।
यह घटना 11 जुलाई 2025 की है, जब डॉ. आनंदराव नाईक रोड, आग्रीपाड़ा स्थित सूयश टूर्स एंड ट्रैवेल्स की स्कोडा कार (MH01DW 4778) चोरी हो गई थी। इस मामले में आग्रीपाड़ा पुलिस थाने में FIR क्रमांक 332/2025 के तहत भारतीय दंड संहिता की धारा 379 (चोरी), 317(2), और 3(5) के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया।
तकनीकी निगरानी और गुप्त जानकारी के आधार पर पुलिस ने दो आदतन अपराधियों को गिरफ्तार किया:
- मोहिद्दीन उर्फ काका शेख दुरैश, उम्र 19 वर्ष, निवासी नागपाड़ा
- वाजिद अंजुम खान, उम्र 24 वर्ष, निवासी चूनाभट्टी
दोनों आरोपियों को क्रमशः 16 और 17 जुलाई को गिरफ्तार कर आग्रीपाड़ा पुलिस स्टेशन लाया गया।
पूछताछ में पता चला कि आरोपी चोरी की गई कार को बेचने की योजना बना रहे थे। पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए उक्त स्कोडा कार को बरामद कर लिया।
जांच में यह भी सामने आया कि ये दोनों आरोपी अन्य इलाकों में वाहन चोरी की वारदातों में भी लिप्त हैं। अब तक इनकी गिरफ्तारी के चलते कुल छह चोरी की गई गाड़ियाँ बरामद की जा चुकी हैं। इनकी गिरफ्तारी से कई और लंबित वाहन चोरी के मामलों को सुलझाने में मदद मिलने की संभावना है।
यह ऑपरेशन आग्रीपाड़ा पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक और क्राइम डिटेक्शन टीम के नेतृत्व में किया गया।
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