अपराध
देवघर रोपवे हादसा : 6 महीने बाद भी कोई जांच रिपोर्ट नहीं, किसी पर नहीं हुआ कोई एक्शन

झारखंड के देवघर की त्रिकूट पहाड़ी पर इसी साल 10 अप्रैल को हुए रोपवे हादसे की दर्दनाक यादें अब भी लोगों के जेहन से उतरी नहीं हैं, लेकिन अब शायद ही किसी को फिक्र है कि हादसे की जांच के लिए सरकार ने जो हाईलेवल कमेटी बनाई थी उसकी रिपोर्ट कहां है? हकीकत यह है कि जिस कमेटी को दो महीने में जांच पूरी कर सरकार को रिपोर्ट सौंपनी थी, उसने तकरीबन छह माह बाद भी यह टास्क पूरा नहीं किया है।
हादसों के तुरंत बाद तो सरकारें जबर्दस्त तेजी दिखाती हैं और उसके कुछ दिनों बाद किस तरह पूरा का पूरा सिस्टम बेफिक्री की चादर ओढ़कर सो जाता है, यह उसी का एक आदर्श उदाहरण है।
याद दिला दें कि झारखंड के प्रसिद्ध धार्मिक पर्यटन केंद्र देवघर के त्रिकूट पर्वत पर बीते 10 अप्रैल की शाम लगभग 6 बजे रोपवे का एक तार टूट जाने की वजह से तीन लोगों की मौत हो गई थी, जबकि डेढ़ दर्जन से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे।
रोपवे की 24 में से 23 ट्रॉलियों पर सवार कुल 78 लोग पहाड़ी और खाई के बीच हवा में फंस गये थे। इनमें से 28 लोगों को उसी रोज सुरक्षित निकाल लिया गया था, जबकि 48 लोग 36 से लेकर 45 घंटे तक बगैर कुछ खाए-पिए पहाड़ी और खाई के बीच हवा में लटके रह गए। वायुसेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी और आर्मी के लगातार 45 घंटे के जोखिम भरे ऑपरेशन के बाद हवा में लटके इन 48 में से 46 लोगों को बचा लिया गया था, जबकि रेस्क्यू के दौरान दो लोगों की मौत हो गई थी।
एक व्यक्ति की मौत ट्रॉली गिरने से पहले ही हो गई थी। तब यह बात सामने आई थी कि रोपवे चलाने वाली कंपनी ने न तो मापदंडों के अनुसार इसका मेंटेनेंस किया था और न ही सेफ्टी ऑडिट में सामने आई खामियों को दूर करने की जरूरत समझी थी।
हादसे से तीन हफ्ते पहले ही एक सरकारी एजेंसी ने 1,770 मीटर लंबे इस रोपवे का सेफ्टी ऑडिट किया था और इसमें करीब 24 खामियां बताई थीं। इन्हें नजरअंदाज कर रोपवे का संचालन धड़ल्ले से किया जा रहा था।
हादसे के बाद झारखंड सरकार ने 19 अप्रैल को राज्य के वित्त सचिव अजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में जांच समिति के गठन का नोटिफिकेशन जारी किया था। नोटिफिकेशन में कहा गया था कि कमेटी दो महीने में रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। आप हैरान हो सकते हैं, लेकिन सच यह है कि जिस कमेटी को दो महीने यानी 60 दिनों में रिपोर्ट देनी थी, वह पूरे 70 दिन बाद घटनास्थल पर जांच के लिए पहुंची।
अब बताया जा रहा है कि रोपवे के जिस शाफ्ट के टूटने से यह हादसा हुआ था, उसकी मेटालर्जिकल लैब से जांच रिपोर्ट आने में देर होने की वजह से कमेटी अपनी रिपोर्ट तैयार नहीं कर पाई है। इस प्रकरण में हैरान करने वाली बात यह भी है कि मेटालर्जिकल लैब की रिपोर्ट करीब एक माह पहले ही राज्य के पर्यटन विभाग को मिल चुकी है, लेकिन यह अब तक जांच कमेटी तक नहीं पहुंची है।
इसी हफ्ते जब गुजरात के मोरबी का हादसा सामने आया तो रोपवे हादसे की जांच कमेटी ने पर्यटन विभाग को पत्र लिखकर मेटालर्जिकल लैब की रिपोर्ट की मांग की है। अब कहा जा रहा है कि जल्द ही कमेटी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप देगी।
पिछले साले 27 मई को यास तूफान के दौरान रांची के पास कांची नदी पर हाराडीह-बुढ़ाडीह पुल पर 13 करोड़ की लागत से बना पुल उद्घाटन के पहले ही बह गया था। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने तब इसकी जांच के लिए हाई लेवल कमेटी बनाने की घोषणा करते हुए कहा था कि भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जांच कमेटी में पथ निर्माण विभाग के अभियंता प्रमुख मुरारी भगत को अध्यक्ष बनाया गया था। इसके अलावा भवन निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता जेपी सिंह सदस्य थे। कमेटी को पुल ढहने के कारणों की जांच कर एक माह में रिपोर्ट देने को कहा गया था। डेढ़ साल बाद भी न तो इस मामले की जांच रिपोर्ट का कोई अता-पता है और न ही किसी पर कोई कार्रवाई हो पाई है।
वर्ष 2017 में हजारीबाग के सदर प्रखंड के डंडई कलां में सेवाने नदी पर बना पुल मात्र चार साल में धंस गया था। यह पुल जब बना, तभी इसके घटिया निर्माण की शिकायत आई।
जांच में भी यह बात साबित हुई तो 2013 में विशेष प्रमंडल के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता गोपाल राम रजक को सस्पेंड किया किया था। ठेकेदार को फिर से पुल का पिलर बनाने का निर्देश दिया गया था, लेकिन पहली ही बारिश में पुल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।
दरअसल झारखंड में घटिया निर्माण कार्य की वजह से बीते एक दशक में तीन दर्जन से भी ज्यादा पुल ध्वस्त हुए हैं, लेकिन किसी भी मामले में दोषियों को चिह्न्ति कर उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई हुई हो, ऐसा कोई उदाहरण नहीं है। कुछ अधिकारी कुछ महीनों के लिए सस्पेंड जरूर हुए, लेकिन इससे ज्यादा बड़ी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
मसलन, रांची के सोनाहातू में बलमाडीह के पास कांची नदी पर पुल धंसने, पलामू के चैनपुर में शाहपुर-गढ़वा मार्ग पर तहले नदी के ऊपर बने पुल के बह जाने, चैनपुर में ही कोयल नदी पर बने पुल के ध्वस्त होने, धनबाद के निरसा में पुसई नदी पर स्थित पुल के क्षतिग्रस्त होने जैसे कई हादसे हुए हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर आईवॉश का खेल चलता रहा।
राज्य में अब भी ऐसे कई पुल हैं, जो हर रोज खतरों को दावत दे रहे हैं। मसलन धनबाद में झारखंड और बंगाल को जोड़ने वाला चिरकुंडा-बराकर पुल क्षतिग्रस्त हो गया है। इसके दो पिलर ध्वस्त होने की कगार पर पहुंच गए हैं। चिरकुंडा की ओर से पुल के दूसरे पिलर के नीचे की मिट्टी व पत्थर हट चुके हैं, जबकि चौथे पिलर में दरार आ गई है। यह पुल कभी भी ध्वस्त हो सकता है।
अगर ऐसा हुआ तो जान-माल की भारी क्षति तो होगी ही, साथ ही झारखंड व बंगाल का संपर्क भी टूट जाएगा। इस पुल का निर्माण वर्ष 1925 में कुमारधुबी इंजीनियरिंग वर्कस लिमिटेड (केईडब्ल्यू) ने किया था। पुल पर लगे शिलापट्ट पर साफ लिखा है कि अधिकतम 10 टन भार लेकर कोई भी वाहन गुजर सकता है। मगर इस निर्देश की धज्जियां उड़ाते हुए हर रोज मालवाहक वाहन यहां से होकर गुजरते हैं।
इसी तरह हजारीबाग जिले में दारू और टाटीझरिया प्रखंड को आपस में जोड़ने वाली सेवाने नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त होकर एक तरफ धंसता जा रहा है, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इस पुल का निर्माण कुछ वर्ष पूर्व करोड़ों रुपये की लागत से बनकर तैयार हुआ था और बेहद कम समय में यह पुल खतरनाक ढंग से क्षतिग्रस्त हो गया है। यह पुल धनबाद, गिरिडीह, गोमिया, बोकारो आदि को जोड़ने वाली मुख्य सड़क पर स्थित है।
बराकर नदी के बजरा घाट पर धनबाद-जामताड़ा को जोड़ने वाला पुल बालू के अवैध खनन के कारण खतरे में है। लातेहार जिला मुख्यालय में औरंगा नदी पुल भी नदी में बालू के अंधाधुंध खनन की वजह से खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। खूंटी जिले के तोरपा में गोविंदपुर-उरमी रोड में कारो नदी पर बना पुल बीते अगस्त महीने में क्षतिग्रस्त हो गया। पुल का एक हिस्सा नीचे झुक चुका है और यह किसी भी रोज बड़े हादसे का कारण बन सकता है।
अपराध
नवी मुंबई: वाशी रेलवे स्टेशन पर 19 वर्षीय कॉलेज छात्रा से छेड़छाड़ के आरोप में व्यक्ति गिरफ्तार

नवी मुंबई: वाशी रेलवे स्टेशन पर शनिवार सुबह एक 19 वर्षीय कॉलेज छात्रा के साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ की गई, जब वह फोन पर बात कर रही थी। सुबह करीब 11:40 बजे हुई इस चौंकाने वाली घटना ने एक बार फिर सार्वजनिक परिवहन स्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंताएँ बढ़ा दी हैं।
पुलिस के मुताबिक, युवती प्लेटफॉर्म पर अपनी ट्रेन का इंतज़ार कर रही थी, तभी एक आदमी उसके पास आकर खड़ा हो गया। जब वह अभी भी कॉल पर थी, तभी आरोपी ने कथित तौर पर उसे गलत तरीके से छुआ। हैरान और परेशान होकर, युवती तुरंत स्टेशन पर ड्यूटी पर तैनात एक महिला राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) कर्मी के पास गई और उसे घटना की जानकारी दी।
वाशी जीआरपी की वरिष्ठ निरीक्षक किरण उंद्रे ने कहा, “शिकायतकर्ता सुबह करीब 11.40 बजे कॉलेज से घर लौट रही थी, तभी आरोपी प्लेटफॉर्म पर उसके पास आकर खड़ा हो गया। जब वह कॉल पर बात कर रही थी, तो आरोपी ने उसे गलत तरीके से छुआ। पीड़िता ने तुरंत ड्यूटी पर मौजूद एक महिला जीआरपी कर्मी को इसकी सूचना दी। इस बीच, आरोपी फरार हो गया था,” मीडिया रिपोर्ट के अनुसार।
जीआरपी अधिकारियों ने स्टेशन पर लगे सीसीटीवी फुटेज की तुरंत जाँच की और आरोपी की पहचान कर ली। तलाश शुरू की गई और घटना के दो दिन बाद ही सोमवार को संदिग्ध को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया गया। वरिष्ठ निरीक्षक उंद्रे ने पुष्टि की, “सीसीटीवी से आरोपी की तस्वीर प्राप्त की गई और उसे सोमवार को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया गया।”
पुलिस ने कहा कि आरोपी पर छेड़छाड़ और महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने से संबंधित भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत आरोप लगाए जाएंगे।
इस साल की शुरुआत में, वाशी जीआरपी ने 1 जुलाई की रात पनवेल-सीएसएमटी जाने वाली ट्रेन में 17 साल की एक लड़की का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में 21 साल के एक युवक को गिरफ्तार किया था। वाशी जीआरपी की वरिष्ठ निरीक्षक किरण उंद्रे ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी की पहचान इंद्रजीत मुखिया के रूप में हुई है, जो खारघर स्थित एक मिठाई की दुकान पर काम करता है। पीड़िता की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, आरोपी मुखिया पर भारतीय न्याय संहिता और पोक्सो अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।
अपराध
मुंबई: चेंबूर के प्रमिला बार में सेक्स रैकेट का भंडाफोड़, मैनेजर-मालिक समेत 3 गिरफ्तार

मुंबई, 7 अक्टूबर: मुंबई पुलिस ने चेंबूर के आरसी मार्ग स्थित प्रमिला बार एंड रेस्टोरेंट में छापेमारी कर एक बड़े सेक्स रैकेट का पर्दाफाश किया। बार और रेस्टोरेंट की आड़ में वेश्यावृत्ति का धंधा फलफूल रहा था। पुलिस ने बार मैनेजर, मालिक और एक ग्राहक को गिरफ्तार किया, जबकि 8 महिलाओं को वहां से सुरक्षित निकाला।
यह कार्रवाई आरसीएफ पुलिस स्टेशन को मिली एक गुप्त सूचना पर की गई। पुलिस को जानकारी मिली थी कि प्रमिला बार में बार की आड़ में यौन सेवाएं दी जा रही हैं। दोनों थानों की संयुक्त टीम ने जाल बिछाया। एक फर्जी ग्राहक को बार भेजा गया।
मैनेजर निशिकांत सदानंद साहू ने फर्जी ग्राहक को 1,000 रुपए में यौन सेवा देने का ऑफर दिया। इसके बाद फर्जी ग्राहक सहमत हो गया और उसे बार की पहली मंजिल पर ले जाया गया। वहां उसने एक ड्रिंक ऑर्डर किया। इसके बाद महिला बारटेंडर पहुंची और उसने अनुचित व्यवहार शुरू कर दिया। इस बीच पुलिस ने वहां रेड मार दी।
छापेमारी के दौरान अंबेडकर नगर, मानखुर्द की रहने वाली 41 वर्षीय महिला को फर्जी ग्राहक से पैसे लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। बार में कुल 8 वयस्क महिलाएं काम करती मिलीं, जो वेश्यावृत्ति में लिप्त थीं।
ये महिलाएं मुंबई के चेंबूर, तिलक नगर, मानखुर्द और उल्हासनगर जैसे इलाकों की रहने वाली हैं। महिलाओं को तुरंत सुरक्षित जगह पर भेज दिया गया और उन्हें काउंसलिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई।
पूछताछ में महिलाओं ने बताया कि उनके इलाकों में वेश्यावृत्ति करने वाले परिचितों ने उन्हें इस धंधे में धकेला। उन्होंने खुलासा किया कि मैनेजर निशिकांत साहू ने उन्हें बार मालिक वसंत चंद्रशेखर शेट्टी से मिलवाया, जो रैकेट चला रहे थे। मैनेजर और मालिक ने रैकेट चलाने की बात कबूल की। गिरफ्तार ग्राहक भी पूछताछ का सामना कर रहा है।
आरसीएफ पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 370 (मानव तस्करी) और अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह कार्रवाई अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। पुलिस इस धंधे में शामिल अन्य रैकेट का पता लगा रही है।
अपराध
यूपी : रायबरेली में दलित की हत्या से आक्रोश, परिजनों ने कहा- आरोपियों को दी जाए फांसी

रायबरेली, 6 अक्टूबर : उत्तर प्रदेश के रायबरेली में एक दलित व्यक्ति को चोर समझकर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई, जिससे राज्य में आक्रोश और राजनीतिक बवाल मच गया। पुलिस ने इस घटना के सिलसिले में अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।
पीड़ित की पहचान हरिओम के रूप में हुई है और स्थानीय लोगों के एक समूह ने कथित तौर पर लाठी-डंडों और बेल्ट से पीट-पीटकर हत्या कर दी।
उसके परिवार के अनुसार, हरिओम दांडेपुर जमुनापुर स्थित अपने ससुराल जा रहा था, तभी भीड़ ने उसे घेर लिया और ड्रोन चोर होने के शक में उसकी पिटाई शुरू कर दी।
रायबरेली के एएसपी संजीव कुमार सिन्हा ने पुष्टि की है कि मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है।
उन्होंने कहा, “ऊंचाहार थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति को चोर समझकर कुछ लोगों द्वारा पीट-पीटकर मार डालने के मामले में तुरंत मुकदमा दर्ज कर पांच लोगों को जेल भेज दिया गया है। बाकी आरोपियों की जल्द ही पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा और उनकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।”
सिन्हा ने यह भी बताया कि लापरवाही के आरोप में एक सब-इंस्पेक्टर समेत तीन पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है।
हरिओम की पत्नी पिंकी ने अपने पति की हत्या के लिए न्याय की मांग की है। दंपति की एक चार साल की बेटी है।
पिंकी ने आईएएनएस से बताया, “उन्होंने उसे पकड़ लिया और पीट-पीटकर मार डाला। आरोपियों को उसी तरह सजा मिलनी चाहिए जैसे मेरे पति की हत्या हुई। मुझे सरकार से न्याय चाहिए।”
हरिओम के पिता ने भी आरोपियों के लिए मौत की सजा की मांग की और बुलडोजर चलाने की भी मांग की।
उन्होंने कहा, “मेरे बेटे की हत्या कर दी गई। हमें 2 अक्टूबर को इसकी सूचना मिली। हम मांग करते हैं कि हत्यारों को मौत की सजा दी जाए और उनके घरों को बुलडोजर से गिरा दिया जाए।”
हरिओम की बहन कुसुम ने कहा, “2 अक्टूबर को मैं अस्पताल में थी, तो मेरी भाभी का फोन आया। उन्होंने मुझे कहा कि आपके भैया को कुछ लोग बांध कर मार रहे हैं। मेरा भाई कभी चोर नहीं हो सकता।”
इस घटना पर तीखी राजनीतिक प्रतिक्रिया हुई है और विपक्षी दलों ने भाजपा के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार पर दलितों और हाशिए पर पड़े समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रहने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने पीड़ित परिवार से सोमवार को मुलाकात की है। उन्होंने कहा कि पूरी कांग्रेस पार्टी पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है। हम पीड़ित परिवार को न्याय दिलाएंगे। उन्होंने मांग की है कि परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए और साथ में एक करोड़ रुपए भी दिए जाएं।
हालांकि, सरकार ने आश्वासन दिया है कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “यह एक बेहद दुखद घटना है और मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं। दोषी पाए जाने वाले सभी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अगर कोई जिम्मेदार पुलिस अधिकारी लापरवाही बरतता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
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