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सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम विवाद के छांव में 2023 में नोटबंदी, सीएए अहम फैसले देगा

नई दिल्ली, 26 दिसंबर : साल 2022 के आखिरी चरण में हाईकोर्टों में न्यायाधीशों की नियुक्ति में देरी को लेकर केंद्र और न्यायपालिका के बीच टकराव के कई बिंदु सामने आए। चल रहे विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने शीर्ष अदालत में पदोन्नति के लिए पांच हाईकोर्टों के न्यायाधीशों के नाम की स्वीकृति दी है, जो केंद्र से मंजूरी के लिए लंबित है।
सुप्रीम कोर्ट 2023 में 1,000 और 500 रुपये के पुराने नोटों को बंद करने के केंद्र के 2016 के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाएगा और कई मुद्दों की जांच भी करेगा, विशेष रूप से दिल्ली सरकार-केंद्र के बीच विवाद, शिवसेना के उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुटों के बीच कानूनी लड़ाई, पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 को चुनौती देने वाली याचिकाएं और नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) आदि के खिलाफ 200 से अधिक याचिकाओं पर फैसले आने हैं।
शीर्ष अदालत ने 2022 में भारत के तीन प्रधान न्यायाधीशों (सीजेआई) को देखा। एन.वी. रमना – जो अप्रैल 2021 में 48वें सीजेआई बने और अगस्त 2022 में रिटायर हुए। उन्होंने केंद्र और न्यायपालिका के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखा और उच्च न्यायपालिका में कई नियुक्तियां कीं।
सीजेआई यू.यू. ललित के छोटे कार्यकाल का बड़ा हिस्सा कॉलेजियम सिस्टम या जजों की नियुक्ति में देरी के मुद्दों पर बहस में बीता। मगर कोई हलचल नजर नहीं आई। हालांकि, उनके कार्यकाल के अंत में और मौजूदा सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ के कार्यकाल की शुरुआत से पहले कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम सिस्टम की आलोचना की थी।
रिजिजू ने मीडिया के एक कार्यक्रम में कहा था कि जज केवल उन ही लोगों की नियुक्ति करते हैं, जिन्हें वे जानते हैं और उनके पसंदीदा व्यक्ति हमेशा सबसे योग्य नहीं होते। बाद में कानून मंत्री ने जमानत याचिकाओं और तुच्छ जनहित याचिकाओं को लंबे समय बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किए जाने और लंबी न्यायिक कार्यवाही की भी आलोचना की।
मंत्री के बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा में अपने पहले अभिभाषण में कॉलेजियम सिस्टम की आलोचना करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा था कि राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) संसद द्वारा प्रस्ताव पारित किया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे पूर्ववत रखा।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने हाईकोर्टो के पांच जजों के नाम शीर्ष अदालत में नियुक्ति के लिए भेजे थे : जस्टिस पंकज मितल, मुख्य न्यायाधीश, राजस्थान हाईकोर्ट (मूल उच्च न्यायालय (पीएचसी) : इलाहाबाद), जस्टिस संजय करोल, मुख्य न्यायाधीश, पुणे हाईकोर्ट (पीएचसी : हिमाचल प्रदेश), जस्टिस पी.वी. संजय कुमार, मुख्य न्यायाधीश, मणिपुर हाईकोर्ट (पीएचसी : तेलंगाना), जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह, जज, पटना हाईकोर्ट और अशोक मिश्रा, जज, इलाहाबाद हाईकोर्ट। चूंकि केंद्र ने कॉलेजियम प्रणाली की आलोचना तेज कर दी है, उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रभावित हुई है।
केंद्र के नो-होल्ड्स-बैरड हमलों पर न्यायपालिका से तीखी प्रतिक्रिया आई और उच्च न्यायालय ने उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति में विलंब पर केंद्र को फटकार लगाने का आदेश दिया।
इस महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान की योजना के लिए यह आवश्यक है कि कानून सम्मत निर्णय हो और संसद को कानून बनाने का अधिकार हो, लेकिन शीर्ष अदालत केंद्र के खिलाफ अवमानना याचिका की सुनवाई के क्रम में इसकी जांच कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट 2023 में 2 जनवरी को 1,000 रुपये और 500 रुपये मूल्यवर्ग के करेंसी नोटों के विमुद्रीकरण के केंद्र के 2016 के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाएगा और बाद में यह चुनाव आयोग और मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम जैसी प्रणाली की मांग करने वालों की याचिकाओं पर भी फैसला देगा।
शीर्ष अदालत दिल्ली-केंद्र विवाद, महाराष्ट्र राजनीतिक संकट, पूजा के स्थान (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 को चुनौती देने वाली याचिकाओं, सीएए के खिलाफ 200 से अधिक याचिकाओं की सुनवाई भी करेगा।
शीर्ष अदालत ने 2022 में कई महत्वपूर्ण मामलों में फैसला दिया – पांच न्यायाधीशों की पीठों ने 3:2 बहुमत से सरकारी नौकरी में आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण को कायम रखा, धन शोधन रोकथाम अधिनियम के तहत संपत्ति जब्त करने, तलाशी लेने और गिरफ्तार करने की प्रवर्तन निदेशालय की शक्तियों को कायम रखा और इसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जिस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे और 63 अन्य लोगों को 2002 के गोधरा कांड के पीछे बड़ी साजिश में एसआईटी की दी हुई क्लीन चिट को कायम रखा।
अक्टूबर 2022 में शीर्ष अदालत ने डीयू के पूर्व प्रोफेसर जी.एन. साईंबाबा के नक्सलियों से संबंध मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को निलंबित कर दिया।
हालांकि, अगस्त 2022 में इसने भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी 82 वर्षीय कवि और कार्यकर्ता पी. वरवरा राव को चिकित्सा आधार पर जमानत दे दी और नवंबर 2022 में शीर्ष अदालत ने सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा और एक अन्य आरोपी को जमानत दे दी। सर्वोच्च न्यायालय ने 11 मई को राजद्रोह के औपनिवेशिक युग के दंडात्मक प्रावधान को रोक दिया।
शीर्ष अदालत ने केंद्र और राज्य सरकारों से यह भी कहा कि केंद्र द्वारा कानून की समीक्षा पूरी होने तक भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए के तहत देशद्रोह के प्रावधान के तहत कोई भी प्राथमिकी दर्ज करने से परहेज करें।
31 अक्टूबर को भारत के अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमनी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि केंद्र भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान आपराधिक कानूनों की समीक्षा करने की प्रक्रिया में है, जो देशद्रोह को अपराध मानता है। एजी ने कहा था कि संसद के शीतकालीन सत्र में कुछ हो सकता है और केंद्र को अतिरिक्त समय देने का अनुरोध का किया था, ताकि उचित कदम उठाए जा सकें।
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झारखंड हाईकोर्ट ने डीजीपी पद पर अनुराग गुप्ता की नियुक्ति और सरकार की नियमावली पर किया जवाब तलब

रांची, 16 जून। झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में डीजीपी के पद पर अनुराग गुप्ता की नियुक्ति के मामले में भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए राज्य सरकार, केंद्र सरकार और यूपीएससी सहित सभी प्रतिवादियों को जवाब दाखिल करने का एक और मौका दिया है। मामले की अगली सुनवाई 15 जुलाई को निर्धारित की गई है।
चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इसके पहले इस याचिका पर 24 मार्च को सुनवाई की थी और सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए 16 जून तक जवाब देने को कहा था। मरांडी ने अपनी याचिका में कहा है कि डीजीपी के पद पर गुप्ता की नियुक्ति में यूपीएससी की गाइडलाइन्स और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना की गई है।
याचिका में झारखंड की मुख्य सचिव अलका तिवारी, गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल, डीजीपी अनुराग गुप्ता, डीजीपी चयन समिति के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश रत्नाकर भेंगरा, समिति के सदस्य पूर्व डीजीपी नीरज सिन्हा को प्रतिवादी बनाया गया है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने पिछली सुनवाई के दौरान अदालत को बताया था कि राज्य सरकार ने बिना किसी गंभीर आरोप के आईपीएस अधिकारी अजय कुमार सिंह को कार्यकाल पूरा किए बगैर डीजीपी के पद से हटाकर इस पद पर अनुराग गुप्ता को नियुक्त कर दिया, जबकि उनका कार्यकाल 14 फरवरी 2025 तक था।
मरांडी की ओर से दायर अवमानना याचिका में सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का भी हवाला दिया गया है, जिसके अनुसार डीजीपी के चयन के लिए राज्य सरकार की ओर से भेजे जाने वाले आईपीएस अधिकारियों के पैनल से यूपीएससी तीन बेहतर छवि और कार्यकाल वाले नामों का चयन करता है और इसके बाद राज्य की सरकार इनमें से किसी एक को कम से कम दो वर्ष के लिए डीजीपी पद पर नियुक्त करती है।
इसी नियम के तहत राज्य सरकार ने 14 फरवरी 2023 को अजय कुमार सिंह को डीजीपी बनाया था, लेकिन उन्हें बिना किसी आरोप के कार्यकाल पूरा होने के पहले ही पद से हटा दिया गया। याचिका में प्रकाश सिंह बनाम भारत सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से पारित आदेश को दरकिनार करने और कोर्ट के आदेश की अवमानना का आरोप लगाया गया है। यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार ने डीजीपी की नियुक्ति के लिए जो चयन समिति बनाई है, उसमें एक संघ लोक सेवा आयोग और एक झारखंड लोक सेवा आयोग का नामित सदस्य रखना अनिवार्य है, लेकिन सरकार ने अपने ही इस नियम का अनुपालन नहीं किया। जिस चयन समिति ने डीजीपी पद पर नियुक्ति के लिए अनुराग गुप्ता के नाम की अनुशंसा की, उसकी बैठक में यूपीएससी और जेपीएससी का कोई सदस्य नहीं था।
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तमिलनाडु: पश्चिमी घाट क्षेत्र में लगातार बारिश से बांधों का जलस्तर बढ़ा

तिरुनेलवेली, 16 जून। दक्षिण-पश्चिम मानसून के तेज होने से तमिलनाडु के कई इलाकों में लगातार बारिश हो रही है। खासकर पश्चिमी घाट क्षेत्र में बारिश ने परेशानी बढ़ा दी है। इसके कारण तिरुनेलवेली जिले के बांधों में जलस्तर काफी बढ़ गया है। पश्चिमी घाट क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण इन बांधों में जलस्तर और बढ़ने की उम्मीद है।
जानकारी के मुताबिक, पिछले तीन दिनों में पापनासम डैम का जलस्तर 6 फीट बढ़कर 130.20 फीट पर पहुंच गया है। बांध में प्रति सेकंड 5222 क्यूबिक फीट पानी आ रहा है और सिंचाई के लिए प्रति सेकंड 1400 क्यूबिक फीट पानी छोड़ा जा रहा है।
पिछले तीन दिनों में सर्वलार डैम का जलस्तर 10 फीट बढ़कर 142.12 फीट पर पहुंच गया। मणिमुथर डैम का जलस्तर 94 फीट पर है, जिसमें 619 क्यूबिक फीट प्रति सेकंड का इनफ्लो और सिंचाई के लिए 75 क्यूबिक फीट प्रति सेकंड का आउटफ्लो है।
इसके पहले बारिश के चलते तमिलनाडु के कोयंबटूर में आयोजित होने वाला लोकप्रिय इकोटूरिज्म कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा। ये कार्यक्रम हर शनिवार, रविवार और त्यौहारी छुट्टियों पर आयोजित होता है, जिसके लिए पर्यटकों को पहले से बुकिंग करानी पड़ती है।
कोयंबटूर जिले के मेट्टुपलायम में भवनिया नदी पर स्थित पिल्लूर डैम के जलाशय क्षेत्र परालीकाड में 2007 से लगातार इकोटूरिज्म कार्यक्रम रखा जाता है, जो 14 जून को रद्द कर दिया गया। मौसम विभाग ने कोयंबटूर और नीलगिरी जिलों में अगले तीन दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी दी। मौसम का ऑरेंज अलर्ट जारी होने के बाद वन विभाग ने कार्यक्रम रद्द करने का फैसला लिया।
इकोटूरिज्म का मुख्य आकर्षण डैम के जलाशय में स्थानीय नावों से की जाने वाली यात्रा है, जो जंगल के बीच झील जैसा दृश्य पेश करती है। पर्वतीय चोटियों और घने जंगलों के बीच बसे इस क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को खूब लुभाती है। हालांकि, भारी बारिश की संभावना के चलते एहतियातन 14 और 15 जून को इकोटूरिज्म कार्यक्रम को रद्द करने की घोषणा की गई।
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मुंबई पुलिस के डीसीपी का आंतरिक तबादला: दत्ता नलावडे को जोन 10 और असलम शेख को जोन 6 में तैनात किया गया

मुंबई: मुंबई पुलिस में आंतरिक तबादले किए गए हैं, जिसके तहत कृष्णकांत उपाध्याय को जोन 3 में स्थानांतरित किया गया है, वे पहले पुलिस मुख्यालय 1 में थे। डीसीपी डिटेक्शन दत्ता नलावड़े को जोन 10 और सचिन गंजाल को प्रिवेंटिव में स्थानांतरित किया गया है। महेश चामटे को प्रोटेक्शन से जोन 12, जोन 6 नुनाथ धुले को एंटी नारकोटिक्स सेल, जोन 7 विजय कांत सागर को सी प्रोटेक्शन पोर्ट जोन, प्रशांत परदेसी मंत्रालय से ट्रैफिक साउथ, निमित गोयल को एलए से एसटीएफ ईओडब्ल्यू, जोन 3 दत्तात्रे कांबले को एसबी 1, पुरुषोत्तम कराड साइबर क्राइम, असलम शेख को जोन 6 में स्थानांतरित किया गया है। राकेश ओला को जोन 7, राज तिलक रोशन को डिटेक्शन क्राइम ब्रांच, डीसीपी.
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