पर्यावरण
शीतलहर के बीच दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ स्तर पर पहुंची
नई दिल्ली, 23 दिसंबर। राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, सोमवार सुबह 7:30 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 403 दर्ज किया गया जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, शहर में कोहरे की एक पतली परत छाई रही, जिससे दृश्यता कम हो गई। सुबह 5:30 बजे न्यूनतम तापमान 9.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके साथ-साथ दिन में हल्की बारिश के साथ बादल छाए रहने की संभावना है, जिससे प्रदूषण से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।
दिल्ली के कई इलाकों में एक्यूआई का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया, जिसमें वजीरपुर (464), अशोक विहार (460), मुंडका (446), बुराड़ी क्रॉसिंग (445) और आनंद विहार (443) शामिल हैं। उल्लेखनीय रूप से, द्वारका-सेक्टर 8 (393) और नजफगढ़ (372) में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ सीमा से थोड़ा नीचे रही।
दिल्ली के कई इलाकों में एक्यूआई 300 से 400 के बीच दर्ज किया गया। डॉ करणी सिंह शूटिंग रेंज में 399, द्वारका सेक्टर-8 में 389, आईजीआई एयरपोर्ट में 351, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 400, लोधी रोड में 376, मंदिर मार्ग में 400, शादीपुर में 373, श्री अरबिंदो मार्ग में 361, नजफगढ़ में 372 दर्ज किया गया।
रविवार को पीएम 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर), एक प्रमुख प्रदूषक, खतरनाक रूप से उच्च रहा, जिसमें 39 में से 37 निगरानी स्टेशनों ने ‘गंभीर प्लस’ वायु गुणवत्ता दर्ज की।
प्रदूषण की स्थिति बिगड़ने के बाद 16 दिसंबर से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के चौथे चरण को लागू किया गया है। इन कदम का उद्देश्य प्रदूषण पर लगाम लगाना है, लेकिन इनका तत्काल प्रभाव सीमित है।
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में उत्तर प्रदेश और हरियाणा को दिल्ली की तरह पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया और ग्रैप-4 और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के सख्त क्रियान्वयन पर जोर दिया। शीर्ष अदालत ने एनसीआर राज्यों को ग्रैप-4 उपायों के अनुपालन की निगरानी के लिए दिल्ली के प्रवेश बिंदुओं पर टीमें तैनात करने का भी आदेश दिया।
निवासी प्रदूषण से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं की रिपोर्ट कर रहे हैं, जिसमें श्वसन संबंधी समस्याएं और आंखों में जलन शामिल हैं। घने कोहरे और जहरीली हवा के संयोजन ने दिल्ली के लोगों के लिए जीवन को चुनौतीपूर्ण बना दिया है, कई लोग इस संकट से निपटने के लिए मजबूत और अधिक प्रभावी उपायों की मांग कर रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
इटली : तेज आंधी की वजह से गिरा पेड़, एक की मौत, आठ क्षेत्रों में खराब मौसम का अलर्ट जारी
रोम, 24 दिसंबर। इटली में तेज आंधी के दौरान एक पेड़ गिरने से 45 साल की एक महिला की मौत हो गई, जबकि एक अन्य महिला घायल हो गई, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।
सरकारी आरएआई न्यूज 24 के मुताबिक, यह हादसा सोमवार को पूर्वी रोम के एक पार्क में हुआ। रोम के अभियोजन कार्यालय ने इस मामले में अनैच्छिक हत्या की जांच शुरू कर दी है।
राष्ट्रीय नागरिक सुरक्षा चेतावनी प्रणाली के अनुसार, इटली के आठ क्षेत्र खराब मौसम के कारण संभावित खतरों के लिए येलो अलर्ट पर हैं।
स्थानीय आपातकालीन केंद्र के अनुसार, मध्य इटली के एंकोना में एक अलग घटना में, 100 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज हवाओं की वजह से एक पेड़ पास में खड़ी तीन बसों पर गिर गया।
सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य अब्रुज़ो, दक्षिणी कैलाब्रिया और सिसिली जैसे क्षेत्रों में जलवायु और पवन से संबंधित खतरों का अंदेशा जताया गया है।
इस बीच, क्षेत्रीय अधिकारियों ने सोमवार और मंगलवार के लिए मिलान में मौसम से जुड़े संभावित खतरों को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
मार्चे क्षेत्र में 76-87 किमी/घंटा की तेज हवाओं के चलने की भविष्यवाणी की गई, जिसके चलते येलो अलर्ट जारी किया गया है।
इतालवी नागरिक सुरक्षा विभाग और क्षेत्रीय प्राधिकारियों ने खराब मौसम, विशेषकर तूफानी हवाओं और संभावित बाढ़ के लिए चेतावनी जारी की है।
विभाग ने निवासियों को तटीय बाढ़ के खतरे के बारे में चेतावनी दी है, क्योंकि समुद्र की लहरें तटरेखा के पास जोखिम पैदा कर सकती हैं।
संभावित बाढ़ और जलवायु संबंधित समस्याओं के कारण, नागरिक सुरक्षा विभाग ने मध्य और दक्षिणी इटली, खासकर सेचिया और रेनो नदियों के पास के इलाकों के लिए येलो अलर्ट बढ़ा दिया है।
खराब मौसम ने मध्य मोलिसे के तटों को भी प्रभावित किया, जहां भारी बारिश और तापमान में बड़ी गिरावट आई। समुद्र में उथल-पुथल के कारण ट्रेमिटी द्वीप समूह के लिए नौका सेवाएं रद्द कर दी गईं।
पर्यावरण
कोल्ड वेव, फाग और प्रदूषण की तिहरी मार झेल रहा है एनसीआर
नोएडा, 18 दिसंबर। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में एक तरफ जहां ठंड बढ़ रही है, वहीं दूसरी तरफ प्रदूषण से हवा जहरीली होती जा रही है। ग्रेप 4 के नियम लागू कर दिए गए हैं और बुधवार सुबह से एनसीआर के लोगों का सामना घने कोहरे से भी हुआ। पहले बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सोमवार शाम को ग्रेप 3 लागू किया गया था लेकिन रात तक ग्रेप 4 लागू करने का निर्णय ले लिया गया। मौसम विभाग की मानें तो अब न्यूनतम तापमान के साथ-साथ अधिकतम तापमान में भी गिरावट दर्ज की जाएगी। बढ़ती ठंड को देखते हुए नोएडा में जिलाधिकारी के आदेश के बाद स्कूलों का समय 9 बजे का कर दिया गया है।
बुधवार सुबह घने कोहरे की चादर ने पूरे एनसीआर को ढक रखा था और वाहन चालकों की रफ्तार पर लगाम लग गई थी। विजिबिलिटी काफी कम होने की वजह से वाहन चालकों को काफी ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। मौसम विभाग की मानें तो आने वाले तीन से चार दिनों तक घना कोहरा एनसीआर में छाने की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग के मुताबिक कोल्ड वेव की वजह से न्यूनतम तापमान के साथ-साथ अब अधिकतम तापमान में भी गिरावट दर्ज की जाएगी।
वहीं दूसरी तरफ ग्रेप 4 की पाबंदियां लागू होने के बाद खुले में कचरा जलाने पर रोक रहेगी। बीएस 6 डीजल, इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसों को छोड़कर एनसीआर के रास्ते दूसरे राज्यों से दिल्ली में आने वाली डीजल बसों के दिल्ली में प्रवेश पर रोक रहेगी। इसके अलावा निर्माण कार्यों पर रोक के साथ ही निर्माण सामग्री को ढोने वाले वाहनों पर भी प्रतिबंध रहेगा। बीएस-4 और उससे नीचे के मानकों वाले हल्के वाहन, डीजल कारों पर भी पाबंदी रहेगी। ग्रेप 4 के लागू होने के बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक में काफी ज्यादा सुधार देखने को नहीं मिल रहा है। एनसीआर में एक्यूआई 300 के पार पहुंचा हुआ है। कई इलाके ऐसे हैं जहां एक्यूआई 350 तक भी पहुंच चुका है।
मौसम विभाग के मुताबिक अगर आज यानी 18 दिसंबर के तापमान की बात की जाए तो अधिकतम तापमान 23 डिग्री और न्यूनतम तापमान 8 डिग्री दर्ज किया गया है और उसके साथ-साथ घना कोहरा भी देखने को मिला। 19 दिसंबर से लेकर 22 दिसंबर तक जारी किए गए मौसम विभाग के अलर्ट के मुताबिक एनसीआर वालों को घने कोहरे का सामना करना पड़ेगा।
पर्यावरण
मीरा-भायंदर: तेज गति से चलने वाले डंपरों के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग, जान को खतरा और वायु प्रदूषण का कारण
मीरा भयंदर: भयंदर (पश्चिम) में माहेश्वरी भवन रोड पर रहने वाले लोगों, विशेषकर महिलाओं ने लापरवाही से चलाए जा रहे डंपरों के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन किया। ये डंपर न केवल उनकी जान के लिए खतरा बन रहे हैं, बल्कि भारी वायु प्रदूषण के कारण सांस संबंधी बीमारियों का कारण भी बन गए हैं।
सोमवार को स्वतःस्फूर्त आंदोलन में, निवासियों ने सड़कों पर उतरकर निर्माण स्थल की ओर जा रहे दर्जनों डंपरों को रोक दिया। स्थानीय निवासी और सामाजिक कार्यकर्ता विक्रम मुथालिया ने कहा, “चाहे दिन हो या रात, रेत और अन्य निर्माण सामग्री से भरे सैकड़ों डंपर इस सड़क पर बहुत तेज़ गति से चलते हैं, जिससे लोगों को बहुत परेशानी होती है।”
एक अन्य निवासी प्रिया सरावगी ने कहा, “हादसे के डर के अलावा, सड़क और उसके आस-पास की इमारतें धूल के गुबार से ढकी रहती हैं, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा होती हैं। इसके अलावा, जब भी डंपर सड़क से गुजरता है, तो हमारी इमारतों में कंपन होता है।”
महिलाओं ने बताया कि जब वे अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने या अन्य घरेलू काम के लिए अपने भवनों से बाहर निकलती हैं तो उन्हें चिंता होती है।
यह सड़क एक निर्माण स्थल की ओर जाती है, जो प्रभावशाली बिल्डरों के एक समूह से संबंधित है, जिन्हें स्थानीय राजनेताओं का आशीर्वाद प्राप्त है, जिसके कारण स्थानीय निवासियों द्वारा बार-बार अनुरोध किए जाने के बावजूद अधिकारी अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई करने से कतराते रहे हैं।
यह आरोप लगाया गया है कि निर्माण कंपनी के मालिकों ने किसी भी प्रकार की आपत्ति को दबाने के प्रयास में कुछ स्थानीय राजनीतिक नेताओं और पूर्व पार्षदों को निर्माण कार्य और डंपिंग सामग्री को ले जाने का ठेका दे दिया था।
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