राजनीति
दिल्ली हिंसा : 10 सितंबर तक ताहिर हुसैन की ईडी हिरासत बढ़ी

दिल्ली के एक अदालत ने सोमवार को आप के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन की प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत अवधि 10 सितंबर तक बढ़ा दी। ताहिर उत्तरी-पूर्वी दिल्ली हिंसा से जुड़े एक मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी के हिरासत में हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को पूर्व नेता की और नौ दिन की हिरासत को बढ़ाने की मांग करते हुए कोर्ट का रुख किया था। एजेंसी ने पहले भी कहा था कि फरवरी में हुए दिल्ली हिंसा के संबंध में उनके खिलाफ दर्ज तीन एफआईआर में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत अपराध दर्ज हुए हैं।
ईडी की ओर से पेश अधिवक्ता अमित महाजन और नवीन कुमार मट्टा ने कहा कि हुसैन ने कई कंपनियों के खातों से धोखाधड़ी कर फर्जी तरीके से धन हस्तांतरित कर आपराधिक साजिश रची।
ईडी ने अपनी दलील में कहा, “ये पैसे अपराध के माध्यम से एकत्र किए गए हैं, जिसका इस्तेमाल तब विभिन्न अन्य अपराधों को करने के लिए किया गया था। हमें उसकी आगे की रिमांड की आवश्यकता है, जिससे कई अन्य दस्तावेजों के संबंध में उससे पूछताछ हो सके।”
वकीलों ने यह भी कहा कि ईडी ने विभिन्न परिसरों में तलाशी भी ली है और आरोपी के पास से कई गुप्त दस्तावेज और डिजिटल उपकरण बरामद किए गए और जब्त किए गए हैं।
ईडी द्वारा दायर याचिका में कहा गया है, “व्हाट्सएप चैट, जाली चालान और अन्य अपराध संबंधी दस्तावेज बरामद किए गए हैं।”
वहीं 27 अगस्त को पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) ने हुसैन की सदस्यता रद्द कर दी थी और वह अब आम आदमी पार्टी (आप) से नगर पार्षद नहीं हैं। उनका नाम दंगे में आने के कारण उन्हें पद से निलंबित कर दिया गया।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
‘वोक एआई’ पर ट्रंप ने लगाई पाबंदी, एग्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी

वाशिंगटन, 24 जुलाई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सरकारी एजेंसियों में वोक (डब्ल्यूओकेई) एआई के उपयोग पर रोक लगाने का एक कड़ा एग्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी कर दिया है। अपने आदेश में ट्रंप ने आरोप लगाया है कि ऐसे एआई से फैक्ट्स प्रभावित होते हैं।
ट्रंप ने अपने आदेश में कहा, कई एआई सिस्टम्स विविधिता, समानता, समावेशन (डाइवर्सिटी, इक्विटी, इंक्लूजन यानी डीईआई) जैसे वैचारिक एजेंडों से प्रभावित हैं, जिससे इतिहास, विज्ञान और तथ्यों की विश्वसनीयता पर आंच आती है।”
आदेश में स्पष्ट किया गया है कि अब से एजेंसियां केवल उन्हीं लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स (एलएलएम) को खरीद सकेंगी जो सत्य और वैचारिक तटस्थता के दो सिद्धांतों का गंभीरता से पालन करेंगे।
इस आदेश में कई अहम बातें कही गई हैं, जैसे कि एआई को वैचारिक रूप से तटस्थ बनाना जरूरी होगा। ट्रंप प्रशासन के मुताबिक, एआई मॉडल्स को सिर्फ सच्चाई और फैक्ट्स के आधार पर जवाब देने चाहिए। उन्हें किसी विचारधारा, जैसे डीईआई, को तवज्जो नहीं देनी चाहिए। इसके साथ ही इसमें लिखा गया है कि एलएलएम विक्रेताओं को ये सुनिश्चित करना होगा कि मॉडल किसी एक पक्ष से प्रभावित न हो, वरना उनका अनुबंध रद्द कर दिया जाएगा।
इसके साथ ही ट्रंप ने ये भी दावा किया कि उनका देश दुनिया का उन्नत एआई ढांचा तैयार करेगा। उन्होंने कहा, ” मेरा प्रशासन यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव साधन का उपयोग करेगा कि संयुक्त राज्य अमेरिका पृथ्वी पर कहीं भी सबसे बड़ा, सबसे शक्तिशाली और सबसे उन्नत एआई बुनियादी ढांचे का निर्माण और रखरखाव कर सके।”
वोक शब्द मूल रूप से एक सकारात्मक सामाजिक शब्द था, जिसका मतलब- सामाजिक अन्याय, नस्लवाद, लैंगिक भेदभाव, अलगाववाद जैसे मुद्दों के प्रति लोगों को जागरूक करना है, लेकिन हाल के वर्षों में इसका अर्थ और इस्तेमाल बदल चुका है। ये शब्द इन दिनों खुद को पोलिटिकली करेक्ट साबित करने की कोशिश के तहत किया जाता है।
अपराध
सांगली ड्रग्स फैक्ट्री केस: मुंबई क्राइम ब्रांच ने केमिकल सप्लायर को गुजरात से किया गिरफ्तार

CRIME
मुंबई, 24 जुलाई। 256 करोड़ रुपए के ड्रग्स मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच ने बड़ी कार्रवाई करते हुए केमिकल सप्लायर को गिरफ्तार किया है। क्राइम ब्रांच का दावा है कि यह आरोपी मुस्तफा और ताहिर डोला को ड्रग्स बनाने के लिए रसायन सप्लाई करता था। यह मामला महाराष्ट्र के सांगली जिले में पकड़ी गई ड्रग्स फैक्ट्री से जुड़ा है।
मुंबई क्राइम ब्रांच ने केमिकल सप्लाई करने वाले आरोपी को गुजरात से गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान 34 वर्षीय बृजेश के रूप में हुई है। क्राइम ब्रांच के अनुसार, बृजेश ही डोला और कुब्बावाला को ड्रग्स बनाने के लिए जरूरी रसायन मुहैया कराता था। वह सिंथेटिक ड्रग्स के निर्माण में उपयोग होने वाले रॉ मटेरियल की आपूर्ति कर रहा था।
फिलहाल आरोपी बृजेश को 29 जुलाई तक पुलिस कस्टडी में रखा गया है। इस दौरान कड़ी पूछताछ में कई राज खुलने की संभावनाएं हैं।
पिछले साल सांगली जिले में ड्रग्स बनाने वाली एक फैक्ट्री पकड़ी गई थी। क्राइम ब्रांच टीम ने खुफिया जानकारी के आधार पर छापेमारी कर इस फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया था। मुंबई पुलिस मामले में अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि 126.14 किलोग्राम एमडी ड्रग्स जब्त किया। इसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 256 करोड़ रुपए बताई गई।
ताहिर डोला अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के करीबी सहयोगी सलीम का बेटा है, जबकि मुस्तफा उसका भांजा है। मुस्तफा को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से गिरफ्तार कर भारत लाया गया था और ताहिर डोला को भी गिरफ्तार किया गया। पुलिस के मुताबिक, सलीम दाऊद के उस विश्वसनीय सर्कल का हिस्सा है, जो भारत में ड्रग्स तस्करी का नेटवर्क संभालता है। अवैध कारोबार में सलीम का बेटा ताहिर और भांजा मुस्तफा भी मदद करते थे। इसी कारण उन्हें आरोपी बनाया गया।
सलीम डोला का नाम ड्रग्स केस में पहले भी आया था, जब मुंबई क्राइम ब्रांच की एंटी नारकोटिक्स सेल ने सांताक्रुज में 100 किलोग्राम फेंटानिल ड्रग्स जब्त की थी। हालांकि, सांगली मामले में सलीम अभी फरार है।
मनोरंजन
‘उदयपुर फाइल्स’ फिल्म पर जमीयत चीफ अरशद मदनी ने सुप्रीम कोर्ट में जताई आपत्ति

नई दिल्ली, 24 जुलाई। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। उन्होंने फिल्म पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह भारतीय मुसलमानों को आतंकवाद के समर्थक के रूप में दर्शाती है, जो सांप्रदायिक वैमनस्य को बढ़ावा दे सकती है।
मदनी ने दावा किया कि कथित तौर पर फिल्म में भारतीय मुसलमानों को पाकिस्तान के आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति रखने वाला या उनके इशारे पर काम करने वाला दिखाया गया है। उन्होंने इसे दुर्भावनापूर्ण और सांप्रदायिक सद्भाव के लिए खतरा बताया और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से गठित स्क्रीनिंग कमेटी के आदेश पर भी सवाल उठाए।
उन्होंने कहा कि मंत्रालय उनकी आपत्तियों का समाधान करने में विफल रहा और केवल कमेटी की रिपोर्ट पर भरोसा किया। कमेटी ने फिल्म में सिर्फ छह मामूली बदलावों का सुझाव दिया, जो उनके मुताबिक अपर्याप्त हैं। मदनी ने आरोप लगाया कि सरकार ने सेंसर बोर्ड (सीबीएफसी) के सदस्यों को ही स्क्रीनिंग कमेटी में शामिल किया, जबकि जमीयत ने सेंसर बोर्ड के सर्टिफिकेट को ही चुनौती दी थी। यह हितों के टकराव का मामला है। उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसी कमेटी का गठन नहीं करना चाहिए था। जमीयत ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि फिल्म के निर्माताओं को निर्देश दिया जाए कि वे एक निजी स्क्रीनिंग आयोजित करें, ताकि कोर्ट में सुनवाई कर रहे जज फिल्म की सामग्री और मंशा को समझ सकें।
मदनी का कहना है कि यह फिल्म न केवल भारत-पाकिस्तान के मुद्दे पर केंद्रित है, बल्कि यह भारतीय मुसलमानों को गलत तरीके से प्रस्तुत करती है, जिससे देश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ सकता है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है।
‘उदयपुर फाइल्स’ एक अपकमिंग हिंदी क्राइम थ्रिलर फिल्म है, जो 28 जून 2022 को उदयपुर में कन्हैया लाल साहू की निर्मम हत्या की वास्तविक घटना से प्रेरित है। भारत एस. श्रीनाथ और जयंत सिन्हा की ओर से निर्देशित इस फिल्म में विजय राज, रजनीश दुग्गल और प्रीति झांगियानी मुख्य भूमिकाओं में हैं। यह फिल्म दर्जी कन्हैया लाल की हत्या, इसके बाद की सामाजिक-राजनीतिक चुप्पी और न्याय की लड़ाई को दर्शाती है।
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