अंतरराष्ट्रीय समाचार
तुर्की-सीरिया भूकंप में मरने वालों की संख्या 5,000 के पार

अंकारा/दमिश्क, 7 फरवरी : तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप से मरने वालों की संख्या 5,000 से अधिक हो गई है। खराब मौसम के बीच तुर्की और सीरिया में बचावकर्मी मलबे में फंसे और लोगों को खोजने में जुटे हैं। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, टीवी पर देश को संबोधित करते हुए तुर्की के उपराष्ट्रपति फुअत ओकटे ने कहा कि सोमवार को आए भूकंप के कारण देश में मरने वालों की कुल संख्या फिलहाल 3419 है, जबकि कम से कम 20534 लोग घायल हुए हैं। वहीं देश के आपदा और आपातकालीन प्रबंधन प्राधिकरण (एएफएडी) ओरहान तातार के एक अधिकारी ने कहा कि भूकंप की वजह से करीब 11,000 इमारतें क्षतिग्रस्त हुई हैं। इसके अलावा 25,000 इमरजेंसी रिस्पांडर वर्तमान में प्रभावित क्षेत्रों में काम कर रहे हैं।
बचावकर्मी घायलों को ले जाने और तलाशी अभियान में मदद के लिए कम से कम 10 जहाजों और 54 विमानों का इस्तेमाल कर रहे हैं। एएफएडी ने यह भी कहा कि खोज और बचाव अभियान में मदद के लिए 65 देशों के 2,660 कर्मियों को भेजा गया है। अधिकारियों ने कहा कि सीरिया में मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,602 हो गई है, जबकि घायलों की संख्या 3,649 है। आधिकारिक तौर पर सीरिया नागरिक सुरक्षा के रूप में जाने जाने वाले व्हाइट हेल्मेट्स के अनुसार, सैकड़ों परिवार अभी भी ढही हुई इमारतों के मलबे के नीचे फंसे हुए हैं।
सीएनएन ने ट्विटर पर व्हाइट हेल्मेट्स के हवाले से कहा कि उत्तर पश्चिमी सीरिया के विद्रोहियों के कब्जे वाले हिस्सों में 790 से अधिक लोगों के मारे जाने और 2,200 से अधिक के घायल होने की पुष्टि हुई है। हालांकि, मरने वालों की संख्या में बढ़ोतरी की उम्मीद है क्योंकि सैकड़ों परिवार अभी भी मलबे के नीचे दबे हैं। उत्तर पश्चिमी सीरिया में भूकंप से 210 से अधिक इमारतें नष्ट हो गईं।
संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ, अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, रूस, भारत, जापान, इराक, ईरान, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, ग्रीस और पाकिस्तान की सरकारों से प्रभावित क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय सहायता भेजी जा रही है। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बीच तुर्की और सीरिया में आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने कहा है कि भारी बारिश और हिमपात खोज और बचाव प्रयासों में बाधा डाल रहे हैं।
भूकंप ने पूरे तुर्की में तीन हवाई अड्डों को भी काफी नुकसान पहुंचाया है, जिससे सहायता वितरण के लिए भी चुनौतियां पैदा हुई हैं। तुर्की के दक्षिणी प्रांत कहामनमारस में सोमवार सुबह 4.17 बजे 7.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके कुछ मिनट बाद गजियांटेप प्रांत में 6.4 तीव्रता का भूकंप आया।
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) के अनुसार, 7.8 तीव्रता के भूकंप का केंद्र गाजियांटेप में नूरदागी से 23 किमी पूर्व में 24.1 किमी की गहराई में था। दोपहर करीब 1.30 बजे 7.5 तीव्रता का तीसरा झटका कहारनमारास में आया। पूरे दिन में 60 से अधिक झटके दर्ज किए गए।
यूएसजीएस के अनुसार, सोमवार के भूकंप को तुर्की में 1939 के बाद से अब तक का सबसे शक्तिशाली भूकंप माना जा रहा है। इस परिमाण के भूकंप दुर्लभ हैं, दुनिया में कहीं भी, हर साल औसतन पांच से कम आते हैं। पिछले 25 वर्षों में तुर्की में 7.0 या उससे अधिक के सात भूकंप आए हैं, लेकिन सोमवार का भूकंप सबसे शक्तिशाली था। भूकंप इतना शक्तिशाली था कि इसे साइप्रस, लेबनान और इजराइल तक में महसूस किया गया था।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
चीन के 41वें अंटार्कटिका अभियान ने मुख्य कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया

बीजिंग, 9 अप्रैल। चीन के प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय से मिली खबर के अनुसार, ‘श्वेलोंग’ (स्नो ड्रैगन) नामक ध्रुवीय वैज्ञानिक निरीक्षण आइसब्रेकर जहाज शांगहाई लौट आया और चीन के 41वें अंटार्कटिका अभियान दल ने अपने मुख्य कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया।
जानकारी के अनुसार, चीन के 41वें अंटार्कटिक अभियान दल में देश-विदेश की 118 इकाइयों के 516 लोग शामिल हैं। ‘श्वेलोंग’ जहाज 1 नवंबर, 2024 को दक्षिण चीन के क्वांगतोंग प्रांत की राजधानी क्वांगचो से रवाना हुआ और 159 दिनों तक सफर किया, जिसमें कुल 27,000 समुद्री मील से अधिक की यात्रा की।
वहीं, ‘योंगशेंग’ जहाज 20 नवंबर, 2024 को पूर्वी चीन के च्यांगसू प्रांत के चांगच्याकांग बंदरगाह से रवाना हुआ और इस साल 23 जनवरी को अपना सर्वेक्षण मिशन पूरा किया, जो 65 दिनों तक चला और लगभग 11,000 समुद्री मील की दूरी तय की। उधर, ‘श्वेलोंग 2’ जहाज इस समय रॉस सागर की संयुक्त यात्रा पर है और जून में इसके शांगहाई लौटने की उम्मीद है।
बताया गया है कि अभियान दल ने महाद्वीपीय सीमांत बर्फ के पिघलने और मोटी परत वाली बर्फ जैसी कठिनाइयों को पार करते हुए चोंगशान स्टेशन, ग्रेट वॉल स्टेशन और छिनलिंग स्टेशन पर सामग्री और कर्मियों को उतारने का काम पूरा किया, अंटार्कटिका प्रायद्वीप, एस्ट्रोनॉट सागर, प्राइड्ज खाड़ी, अमुंडसेन सागर, रॉस सागर और अन्य जलक्षेत्रों में व्यापक सर्वेक्षण, निगरानी और वैज्ञानिक एवं तकनीकी परियोजनाएं पूरी कीं।
इनके अलावा, अभियान दल ने चोंगशान स्टेशन, ग्रेट वॉल स्टेशन, छिनलिंग स्टेशन, खुनलुन स्टेशन, थाईशान स्टेशन और ग्रोव माउंटेन में इंजीनियरिंग और समर्थन क्षमता निर्माण, थलीय और समुद्र तटीय पारिस्थितिक पर्यावरण सर्वेक्षण, अंतर्देशीय और हवाई सर्वेक्षण और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग जैसे कार्यों को पूरा किया।
इस वर्ष चीन के ध्रुवीय वैज्ञानिक निरीक्षण की 40वीं वर्षगांठ है। इस मौके पर आयोजित मौजूदा वैज्ञानिक निरीक्षण ने तकनीकी नवाचार, ध्रुवीय उपकरणों के स्वतंत्र अनुसंधान एवं विकास के बड़े पैमाने पर अनुप्रयोग तथा अंतर्राष्ट्रीय आदान-प्रदान एवं सहयोग में नई सफलताएं प्राप्त कीं, इसके साथ ही, काम करने का समय और क्षेत्रीय विस्तार जैसे पहलुओं में एक रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है।
इसने भविष्य के बड़े पैमाने पर, उच्च तीव्रता वाले, अंतर्राष्ट्रीय और अंतःविषयक व्यापक ध्रुवीय वैज्ञानिक निरीक्षण के लिए बहुमूल्य अनुभव संचित किया है तथा अंटार्कटिका में तेजी से हो रहे परिवर्तनों पर गहन शोध और वैश्विक जलवायु परिवर्तन का प्रभावी ढंग से जवाब देने के लिए मजबूत समर्थन प्रदान किया है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
कनाडा में भारतीय नागरिक की चाकू घोंपकर हत्या

ओटावा, 5 अप्रैल। कनाडा के ओटावा के निकट रॉकलैंड इलाके में एक भारतीय नागरिक की चाकू घोंपकर हत्या कर दी गई, जिसके बाद स्थानीय अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई की। कनाडा में भारतीय दूतावास ने शनिवार सुबह घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि एक संदिग्ध को हिरासत में ले लिया गया है।
भारतीय दूतावास ने एक बयान जारी कर घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और पीड़ित परिवार को सहायता देने का भी ऐलान किया।
दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “ओटावा के निकट रॉकलैंड में चाकू घोंपने से एक भारतीय नागरिक की दुखद मौत से हम बहुत दुखी हैं। पुलिस ने बताया है कि एक संदिग्ध को हिरासत में ले लिया गया है। हम शोक संतप्त परिजनों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए स्थानीय सामुदायिक संघ के माध्यम से निकट संपर्क में हैं।”
हालांकि चाकू मारने की घटना का विवरण अभी भी अस्पष्ट है, लेकिन स्थानीय मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि यह घटना सुबह-सुबह क्लेरेंस-रॉकलैंड क्षेत्र में हुई।
अधिकारियों ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है कि क्या यह वही मामला है जिसका उल्लेख भारतीय दूतावास ने किया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हत्या की चल रही जांच के तहत ओन्टारियो प्रांतीय पुलिस (ओपीपी) ने क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ा दी है।
पुलिस ने रॉकलैंड निवासियों को भी चेतावनी जारी की है, जिसमें उन्हें सलाह दी गई है कि वे कानून प्रवर्तन की गतिविधियों में वृद्धि की अपेक्षा करें, जबकि अधिकारी अपराध से जुड़ी परिस्थितियों की जांच जारी रखेंगे।
कनाडा स्थित दूतावास ने जनता को आश्वासन दिया कि वह इस कठिन समय में पीड़ित परिवार को सभी आवश्यक सहायता प्रदान कर रहा है।
चाकू घोंपने के पीछे का मकसद अभी भी स्पष्ट नहीं है और जांच जारी है। दूतावास ने स्थानीय अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क बनाए रखने का वादा किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि परिवार को उनकी ज़रूरत के मुताबिक सहायता मिले और मामले से जुड़ी आगे की कार्रवाई में मदद मिले।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
प्रधानमंत्री मोदी ने बिम्सटेक देशों के बीच व्यापार और पर्यटन को बढ़ाने के लिए यूपीआई लिंक का दिया प्रस्ताव

बैंकॉक, 4 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को भारत के यूपीआई को बिम्सटेक देशों के पेमेंट सिस्टम से जोड़ने का प्रस्ताव दिया। इससे ग्रुप के सदस्य देशों के बीच व्यापार और पर्यटन बढ़ाने में मदद मिलेगी।
इसके अलावा, सात देशों (बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार और थाईलैंड) के समूह की छठी समिट में प्रधानमंत्री मोदी ने स्थानीय करेंसी में रीजन में व्यापार बढ़ाने के लिए बिम्सटेक चेम्बर ऑफ कॉमर्स स्थापित करने का प्रस्ताव दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने 28 मार्च को म्यांमार और थाईलैंड में आए
बिम्सटेक समिट में बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में समृद्धि, सुरक्षा और समावेशिता के प्रति साझा प्रतिबद्धता को साकार करने के लिए बैंकॉक विजन 2030 को अपनाया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने बिम्सटेक समूह के दायरे और क्षमताओं को लगातार बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया, गृह मंत्रियों के तंत्र को संस्थागत बनाने का स्वागत किया और भारत में पहली बैठक आयोजित करने की पेशकश की।
उन्होंने आगे कहा कि यह मंच साइबर अपराध, साइबर सुरक्षा खतरों, आतंकवाद, साथ ही नशीली दवाओं और मानव तस्करी के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इस संबंध में, मैं 2025 में इसकी पहली बैठक भारत में आयोजित करने का प्रस्ताव करता हूं।
थाईलैंड द्वारा आयोजित बिम्सटेक समिट में भारत, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार, श्रीलंका और भूटान के शीर्ष नेता भाग ले रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि एक स्वतंत्र, खुला, सुरक्षित और संरक्षित हिंद महासागर हमारी साझा प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा, “आज साइन हुए समुद्री परिवहन समझौते से व्यापारिक नौवहन और माल परिवहन में सहयोग मजबूत होगा और व्यापार में तेजी आएगी।”
विनाशकारी भूकंप में हुई जानमाल की हानि पर अपनी संवेदना व्यक्त की और आपदा की तैयारी, राहत और पुनर्वास पर सहयोग के लिए भारत में बिम्सटेक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर डिजास्टर मैनेजमेंट की स्थापना का प्रस्ताव रखा।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में एक सस्टेनेबल मैरीटाइम ट्रांसपोर्ट सेंटर की स्थापना की भी बात की। उन्होंने कहा, “यह केंद्र समुद्री नीतियों में क्षमता निर्माण, अनुसंधान, नवाचार और समन्वय पर ध्यान केंद्रित करेगा और समुद्री सुरक्षा में सहयोग को भी बढ़ावा देगा।”
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