अंतरराष्ट्रीय
सीडब्ल्यूजी 2022 : भारोत्तोलन में हरजिंदर कौर ने भारत के लिए कांस्य पदक जीता

भारतीय भारोत्तोलक हरजिंदर कौर ने यहां राष्ट्रमंडल खेलों में महिलाओं की 71 किलोग्राम भारवर्ग में कांस्य पदक जीता, जबकि इंग्लैंड की सारा डेविस ने स्वर्ण पदक जीतने के लिए कई रिकॉर्ड तोड़े।
पंजाब में नाभा के पास मेहस गांव की रहने वाली 25 वर्षीय हरजिंदर ने स्नैच में 93 और क्लीन एंड जर्क में 119 किलोग्राम वजन उठाया और प्रतियोगिता में कुल 212 किलोग्राम वजन उठाया और एक समय में सोचा था कि वह एलेक्सिस के रूप में एक पदक से हार गई थी। अंतिम रजत पदक विजेता कनाडा की एशवर्थ ने क्लीन एंड जर्क में अपने सीजन के सर्वश्रेष्ठ 123 किलोग्राम भार उठाकर स्टैंडिंग में 214 तक का स्कोर बनाया।
हरजिंदर भाग्यशाली रहीं, क्योंकि नाइजीरिया के जॉय ओगबोन एजे को तीन प्रयासों में क्लीन एंड जर्क में 125 किलोग्राम भार उठाने में नाकाम रहने का सामना करना पड़ा। चूंकि उसने हरजिंदर से सात किलो अधिक 100 किलो वजन उठाया था, अगर नाइजीरियाई सफल होता तो भारतीय चौथे स्थान पर खिसक जाती।
हरजिंदर का कांस्य पदक सोमवार को राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के लिए तीसरा पदक था जिसमें जुडोका सुशीला देवी और विकास यादव ने रजत और कांस्य पदक जीता। इससे भारत के कुल नौ पदक हो गए – तीन स्वर्ण, तीन रजत और तीन कांस्य। हरजिंदर का कांस्य पदक भारत ने इस खेलों में अब तक भारोत्तोलन क्षेत्र में जीता सातवां पदक था।
हालांकि, ऐसा लग रहा था कि पिछले दो दिनों में छह पदक जीतने के बाद भारत भारोत्तोलन में एक बंजर दिन होगा। इससे पहले सुबह में, अजय सिंह एक किलोग्राम से कांस्य पदक हार गए और जिस तरह से हरजिंदर ने स्नैच में अपने पहले प्रयास में नो लिफ्ट के साथ शुरुआत की।
एक किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाली हरजिंदर ने घर पर चफिंग मशीन पर काम करके अपनी मांसपेशियों का निर्माण किया है, उसने अपने पहले प्रयास के लिए 90 किलो वजन से शुरुआत की, लेकिन वह असफल रहीं। उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में इसे उठा लिया और अपने तीसरे और अंतिम प्रयास में 93 किलोग्राम तक वजन उठाया।
इसने उन्हें सारा डेविस (103 – स्नैच में राष्ट्रमंडल खेलों का रिकॉर्ड), नाइजीरिया की एज को 100 और ऑस्ट्रेलिया की कियाना रोज इलियट के पीछे चौथे स्थान पर रखा, जिन्होंने कुल 94 अंक हासिल किए।
हरजिंदर ने क्लीन एंड जर्क में चीजों के व्यवस्थित होने का इंतजार किया और अपने पहले प्रयास में 113 के साथ शुरुआत की, जबकि डेविस 120 किग्रा से चूक गए, जैसा कि एज ने 125 पर किया था। वह शीर्ष स्थान पर पहुंच गई, लेकिन जल्द ही नीचे धकेल दी गई/ सारा डेविस ने अपने दूसरे प्रयास में 120 का भार उठाया। कोशिश करना। एशवर्थ की तरह हरजिंदर 116 पर सफल हुए। ईज फिर से 125 उठाने में विफल रहा।
हरजिंदर के लिए चीजें कठिन हो गईं, क्योंकि उसने अपने तीसरे प्रयास में 119 भार उठाने के बाद अपने कुल में तीन और किलोग्राम जोड़े, लेकिन कनाडा के एशवर्थ ने 123 को उठाकर आगे बढ़ाया, इस प्रकार डेविस के 229 के साथ 214 किलोग्राम के साथ दूसरे स्थान पर पहुंच गया।
अगर नाइजीरिया की ईज अपने तीसरे प्रयास में 125 को उठाने में कामयाब होती, तो उसका कुल स्कोर 225 हो जाता, जिससे हरजिंदर चौथे स्थान पर पहुंच जातीं।
साथी भारोत्तोलकों मीराबाई चानू, पूनम यादव, बिंदिया और कुछ पुरुष भारोत्तोलकों द्वारा प्रेरित हरजिंदर अंत में कांस्य पदक का दावा करने के लिए पर्याप्त प्रदर्शन करने में सफल रहे।
पदक समारोह के बाद हरजिंदरने कहा, “मैं कांस्य से खुश हूं, क्योंकि आज मेरा दिन अच्छा नहीं रहा और मैं अपनी क्षमता के अनुसार सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर सका। शुरुआत में चीजें अच्छी नहीं लग रही थीं, लेकिन अंत में भाग्य ने मेरा साथ दिया।”
अंतरराष्ट्रीय
ओबामा ने ईरान को बहुत कुछ दिया, मैं नहीं देने वाला: ट्रंप

वाशिंगटन, 30 जून। ईरान पर भविष्य में क्या अमेरिका हमला करेगा या नहीं, फिलहाल इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है। ईरान के उप-विदेश मंत्री अमेरिका के साथ भविष्य में किसी भी कूटनीतिक और न्यूक्लियर वार्ता पर शर्त रख चुके हैं। ऐसे में ट्रंप ने कहा है कि अब वह ईरान से बात नहीं कर रहे हैं।
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर लिखा, “मैं ईरान को कुछ भी नहीं दे रहा हूं। ओबामा की तरह, जिन्होंने ‘परमाणु हथियार जेसीपीओए (जो अब समाप्त हो जाएगा) के तहत अरबों डॉलर का भुगतान किया था। इतना ही नहीं, मैं उनसे इस विषय पर बात भी नहीं करने वाला हूं, क्योंकि हमने उनकी न्यूक्लियर फैसिलिटी को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।”
ट्रंप शुक्रवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर चुके थे, जिनमें कहा गया था कि उनके प्रशासन ने सिविलियन एनर्जी प्रोड्यूसिंग न्यूक्लियर प्रोग्राम बनाने के लिए ईरान को 30 बिलियन डॉलर तक की मदद करने की चर्चा की थी।
रविवार को ‘बीबीसी’ से बातचीत में माजिद तख्त-रवांची ने कहा था कि अमेरिका को ईरान के खिलाफ किसी भी हमले से इनकार करना चाहिए। इसके साथ ही उप-विदेश मंत्री ने कहा कि ईरान के खिलाफ भविष्य के हमलों पर ट्रंप प्रशासन की स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।
माजिद ने बताया कि अमेरिका ने मध्यस्थ देशों से कहा है कि वह ईरान के साथ बातचीत करना चाहता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि वह भविष्य में हमले करेगा या नहीं।
अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर फैसिलिटी नतांज, फोर्डो और इस्फाहान को नष्ट किया था। इस फैसले के साथ अमेरिका इजरायल-ईरान के बीच संघर्ष में कूद पड़ा था।
इसके जवाब में ईरान ने कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद ट्रंप ने ईरान-इजरायल के बीच युद्ध विराम की घोषणा की थी।
अंतरराष्ट्रीय
ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरु ने ट्रंप-नेतन्याहू के खिलाफ जारी किया ‘फतवा’

तेहरान, 30 जून। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ने एक ‘फतवा’ जारी करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को ‘ऊपर वाले का दुश्मन’ बताया है। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरुओं में से एक हैं।
शीर्ष शिया धर्मगुरु ने अपने फतवे में कहा, “कोई भी व्यक्ति या शासन जो नेता या मरजा को धमकाता है, उसे ऊपर वाले का दुश्मन माना जाता है।”
सेमी-ऑफिशियल मेहर समाचार एजेंसी के अनुसार, “रविवार को अपने ऑफिस के एक बयान में शिराजी ने दुनियाभर के मुसलमानों से ऐसी धमकियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने को कहा है। शिराजी ने कहा है कि अगर कोई मुस्लिम जो अपने मुस्लिम कर्तव्य का पालन करता है, उसे अपने अभियान में कठिनाई या नुकसान उठाना पड़ता है, तो उसे ऊपर वाले की राह में एक योद्धा के रूप में इनाम से नवाजा जाएगा।”
फतवे में कहा गया है, “मुसलमानों या इस्लामी देशों के जरिए उस दुश्मन को दिया जाने वाला कोई भी सहयोग या समर्थन हराम या निषिद्ध है। दुनियाभर के सभी मुसलमानों के लिए यह जरूरी है कि वह इन दुश्मनों को उनके शब्दों और गलतियों पर पछतावा करवाएं।”
रिपोर्ट्स के अनुसार यह फतवा राष्ट्रपति ट्रंप और इजरायली अधिकारियों के ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के खिलाफ कथित धमकियों के बाद आया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि उन्होंने खामेनेई को ‘एक बहुत ही भयावह और अपमानजनक मौत’ से बचाया है। इसके साथ ही ट्रंप ने ईरानी सर्वोच्च नेता के ऊपर इजरायल पर जीत के बारे में गलत बयान देने का आरोप लगाया।
हाल ही में इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने एक इंटरव्यू में कहा कि ईरान के साथ अपने 12-दिवसीय संघर्ष के दौरान, इजरायल ने खामेनेई को खत्म करने की कोशिश की, लेकिन इस ऑपरेशन को अंजाम देने का मौका कभी नहीं आया।
कैट्ज ने इजराइल के ‘चैनल 13’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “अगर वह हमारी नजर में होते, तो हम उन्हें मार गिराते। हम खामेनेई को खत्म करना चाहते थे, लेकिन कोई ऑपरेशनल मौका नहीं था।”
इजरायल ने 13 जून को ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ शुरू किया, जिसमें ईरान की प्रमुख सैन्य और न्यूक्लियर एसेट्स को निशाना बनाया गया। इसके बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष बढ़ गया।
जवाबी कार्रवाई में, ईरान ने इजरायली शहरों और बाद में कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। तेहरान के इस कदम से पहले फोर्डो, नतांज और इस्फाहान में उसकी न्यूक्लियर फैसिलिटी पर अमेरिकी हमले हुए थे।
संघर्ष के बारह दिन बाद ट्रंप ने दोनों देशों के बीच युद्धविराम की घोषणा की।
अंतरराष्ट्रीय
सीजफायर की उम्मीदों के बीच गाजा में इजरायली सैनिक की मौत

यरूशलम, 30 जून। उत्तरी गाजा पट्टी में एक इजरायली सैनिक की मौत की सूचना सामने आई है, जिसकी जानकारी इजरायली सेना ने दी है।
‘सिन्हुआ समाचार एजेंसी’ के अनुसार सेना ने बताया है कि 401वीं ब्रिगेड की 601वीं कॉम्बैट इंजीनियरिंग बटालियन के सार्जेंट यिसरायल नतन रोसेनफेल्ड (20) लड़ाई के दौरान मारे गए।
इजरायल के सरकारी स्वामित्व वाले ‘कान टीवी’ ने बताया कि रोसेनफेल्ड की मौत जबालिया में एक विस्फोटक उपकरण की वजह से हुई। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां सेना ने उत्तरी गाजा में एक नियोजित बफर जोन के हिस्से के रूप में चौकियों के निर्माण की तैयारी में इमारतों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया था।
जून की शुरुआत से गाजा पट्टी में 21 इजरायली सैनिक मारे गए हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2023 तक सैनिकों की मौत का आंकड़ा 880 तक पहुंच चुका था।
इससे पहले रविवार को, फिलिस्तीनी सूत्रों ने उत्तरी गाजा में भारी बमबारी की सूचना दी। गाजा स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इजरायली हमलों में करीब 88 लोग मारे गए और 365 घायल हो गए।
इजरायली डिफेंस फोर्सेज ने गाजा के भीड़भाड़ वाले रिहायशी इलाकों के अलावा स्कूल, स्टेडियम और शरणार्थी टेंट को निशाना बनाया।
यह हमला तब हुआ जब इजरायली सेना ने नई इवैक्युएशन वॉर्निंग जारी की। इस चेतावनी में गाजा शहर और जबालिया के निवासियों से तुरंत अल-मवासी क्षेत्र की ओर जाने को कहा गया।
यह हमले ऐसे समय पर हुए, जब एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगले हफ्ते तक सीजफायर का संकेत दिया था, लेकिन इजरायल की इस कार्रवाई ने इन उम्मीदों को धूमिल कर दिया है।
इस बीच, गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने रविवार को बताया कि अक्टूबर 2023 से इजरायली सैन्य अभियानों में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या कम से कम 56,500 हो गई है।
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