राजनीति
शिंदे सरकार के विस्तार के साथ विवाद शुरू, इस नेता को मंत्री बनाने पर बरसी बीजेपी नेता चित्रा वाघ
महाराष्ट्र की शिंदे- फडणवीस सरकार का 40 दिन बाद विस्तार तो हो गया। लेकिन विस्तार होते ही विवाद की शुरुआत भी हो चुकी है। इस विवाद की जड़ बने हैं विधायक संजय राठौड़। जिन्होंने आज शिंदे गुट की तरफ से मंत्री पद की शपथ ली है। बीजेपी नेता चित्र वाघ ने संजय राठौड़ को मंत्री बनाए जाने का खुला विरोध किया है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की बेटी पूजा चव्हाण की मौत का जिम्मेदार कोई और नहीं बल्कि संजय राठौड़ हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री शिंदे की तरफ से उनको मंत्री पद दिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। चित्रा वाघ ने कहा कि भले ही राठौड़ को मंत्री बना दिया गया हो लेकिन उनके खिलाफ मेरी लड़ाई जारी रहेगी। आपको बता दें कि बीते वर्ष पूजा चव्हाण नाम की लड़की ने आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में पूर्व वन मंत्री संजय राठौड़ पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप बीजेपी नेता चित्र वाघ ने लगाया था। उन्होंने इस मामले को काफी जोर-शोर से उठाया था। उन्होंने पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए लड़ाई लड़ी थी। हालांकि अब यह सवाल चित्रा वाघ से भी पूछा जाएगा कि क्या वह एक ऐसी सरकार में शामिल पार्टी का हिस्सा रहेंगी। जिसके दामन पर अब दाग लगता हुआ नजर आ रहा है।
महाराष्ट्र की पूर्व महिला एवं बाल विकास मंत्री यशोमती ठाकुर ने चित्रा वाघ पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि संजय राठौड़ को मंत्री पद दिए जाने पर चित्रा वाघ की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रही हूं। आखिर बीजेपी का वह कौन सा वॉशिंग पाउडर है? जिसमें कपड़े और चरित्र दोनों साफ कर दिए जाते हैं। वहीं शिवसेना नेता और मुंबई की पूर्व महापौर किशोरी पेडनेकर ने भी संजय राठौड़ के मंत्री बनाए जाने पर ईडी सरकार की आलोचना की है। चित्रा वाघ को घेरते हुए उन्होंने कहा कि जिस संजय राठौड़ का मंत्री पद छीनने के लिए चित्रा वाघ और बीजेपी के तमाम नेताओं ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था। आज उसी इंसान को दोबारा, उन्हीं की सरकार में मंत्री बनाया गया है। आखिर यह क्या चल रहा है।
पूजा चव्हाण बीड़ जिले की रहने वाली एक टिक टॉक स्टार स्टार थी। अंग्रेजी सीखने के लिए वह अपने भाई के साथ पुणे शहर में रह रही थी। उसी इमारत में कथित रूप से उसने कूदकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में संजय राठौड़ पर बीजेपी नेता चित्रा वाघ ने आरोप लगाया था कि राठौड़ ने पूजा चव्हाण को आत्महत्या के लिए उकसाया था। पूजा और संजय राठौड़ की कई ऑडियो क्लिप्स भी वायरल हुई थी। जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि आवाज संजय राठौड़ की है। पूजा की आत्महत्या के बाद लगातार बीजेपी इस मामले पर महाविकास अघाड़ी सरकार और शिवसेना को घेर रही थी। जबकि लड़की का परिवार संजय राठौड़ पर कुछ भी बोलने से बचता रहा था। हालांकि बाद में पूजा की चचेरी दादी शांता राठौड़ ने यह खुलासा किया था कि राठौड़ ने पूजा के माता-पिता का मुंह बंद करने के लिए 5 करोड़ रुपए दिए हैं।
महाराष्ट्र
चक्रवात ‘दितवा’ ने तमिलनाडु में मचाई तबाही, भारी बारिश और उड़ानें रद्द

मुंबई — गंभीर चक्रवाती तूफान ‘दितवा’ (Cyclone Ditwah) दक्षिणी राज्य तमिलनाडु को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है, जिसके कारण भारी बारिश, तेज हवाएं चल रही हैं और हवाई यात्रा में व्यापक व्यवधान उत्पन्न हुआ है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने तमिलनाडु के कई जिलों के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है, क्योंकि चक्रवात तटरेखा के करीब पहुंच रहा है। अधिकारियों ने तटीय क्षेत्रों में रहने वाले निवासियों से स्थिति बिगड़ने पर घर के अंदर रहने और आवश्यक सावधानी बरतने का आग्रह किया है।
भारी बारिश के कारण कई प्रमुख शहरों और कस्बों में जलभराव हो गया है, जिससे दैनिक जीवन प्रभावित हुआ है और यातायात ठप पड़ गया है। बाढ़ से संबंधित किसी भी आपात स्थिति में सहायता के लिए आपदा प्रतिक्रिया टीमों को तैनात किया गया है।
मुंबई में अधिकारी दक्षिण की स्थिति पर नजर रख रहे हैं, हालांकि महाराष्ट्र पर मौसम का तत्काल प्रभाव कम है। फिर भी, मुंबई से संचालित होने वाली एयरलाइंस ने चेन्नई और अन्य प्रभावित दक्षिणी हवाई अड्डों के लिए कई उड़ानें रद्द और विलंबित होने की पुष्टि की है। यात्रियों को हवाई अड्डे की यात्रा करने से पहले उड़ान की स्थिति पर नवीनतम अपडेट के लिए अपनी संबंधित एयरलाइनों से संपर्क करने की दृढ़ता से सलाह दी जाती है।
तमिलनाडु में राज्य आपदा प्रबंधन इकाइयां हाई अलर्ट पर हैं, राहत प्रयासों का समन्वय कर रही हैं और यदि स्थिति और बिगड़ती है तो संभावित निकासी कार्यों की तैयारी कर रही हैं।
राजनीति
शीतकालीन सत्र के पहले दिन कांग्रेस सांसद ने लोकसभा में दिया स्थगन प्रस्ताव, एसआईआर प्रक्रिया रोकने की मांग

नई दिल्ली, 1 दिसंबर: कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने सोमवार को लोकसभा में एक स्थगन प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें देश के 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में चल रही स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) प्रक्रिया को तुरंत रोकने की मांग की गई है। टैगोर ने इसे ‘अभूतपूर्व संकट’ से जोड़ते हुए गंभीर सवाल उठाए।
अपने नोटिस में टैगोर ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा लागू की गई यह प्रक्रिया एकतरफा, तानाशाही और बिना किसी तैयारी के शुरू कर दी गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग ने न तो शिक्षकों से कोई चर्चा की, न राज्यों के साथ समन्वय किया और न ही जनता की परेशानियों का ध्यान रखा।
टैगोर ने अपने प्रस्ताव में कहा कि यह एसआईआर प्रक्रिया एक एकाधिकारवादी, अचानक लागू की गई और अत्यधिक दबाव वाली कवायद बन चुकी है।
सांसद ने कहा कि बीएलओ शिक्षक दिन-रात काम करने को मजबूर हैं। वे कक्षा और चुनावी कार्य के बीच फंसे हुए हैं। कई लोग थकावट के कारण गिर पड़े, कुछ की मौत हो गई और कुछ ने आत्महत्या तक कर ली। इसके बावजूद चुनाव आयोग ने अब तक कोई जांच नहीं कराई है और न ही राज्यों या केंद्रशासित प्रदेशों के हिसाब से बीएलओ की मौतों के आंकड़े जारी किए हैं।
टैगोर ने इसे ‘संस्थागत क्रूरता’ करार दिया। उन्होंने कहा कि न तो आत्महत्याओं की निगरानी की कोई व्यवस्था है, न मानसिक स्वास्थ्य सहायता, न मुआवजा प्रावधान और न किसी प्रकार का आपातकालीन प्रोटोकॉल।
उन्होंने कहा कि आम जनता भी इस प्रक्रिया की वजह से भ्रम, घबराहट, बार-बार होने वाले सत्यापन और अविश्वास की स्थिति से गुजर रही है।
कांग्रेस सांसद ने कहा, “जब मतदाता सूची तैयार करने वाले कर्मचारी ही भारी दबाव में गिरने लगें, तो लोकतंत्र की विश्वसनीयता भी गिर जाती है।”
लोकसभा के सामने उन्होंने पांच प्रमुख मांगें रखीं। 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में एसआईआर प्रक्रिया को तुरंत निलंबित किया जाए। हर एक बीएलओ की मौत और आत्महत्या की राष्ट्रीय स्तर पर पूरी जांच की जाए। प्रभावित परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाए। चुनावी प्रक्रियाओं में सुधार कर बीएलओ को सुरक्षित वातावरण मिले और चुनाव आयोग को तलब कर इस अव्यवस्थित लागू प्रक्रिया का स्पष्टीकरण मांगा जाए।
महाराष्ट्र
मुंबई मौसम अपडेट: दिसंबर की शुरुआत में शहर में धूप के साथ धुंध; AQI 277 पर अस्वस्थ, वडाला और BKC में वायु गुणवत्ता गंभीर

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मुंबई: मुंबई ने सोमवार को दिसंबर का स्वागत एक ठंडी, सुहावनी सुबह के साथ किया, जहाँ साफ़ नीला आसमान और हल्की सर्द हवा ने निवासियों को हफ़्ते की ताज़गी भरी शुरुआत दी। लेकिन इस सुहावने मौसम के नीचे धुंध और धुंध की एक लगातार परत के रूप में एक चिंताजनक सच्चाई छिपी हुई थी, जिसने दृश्यता कम कर दी और शहर की वायु गुणवत्ता में भारी गिरावट का संकेत दिया।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने दिन भर आसमान साफ़ रहने और अधिकतम तापमान 31°C के आसपास और न्यूनतम तापमान 15°C तक गिरने का अनुमान लगाया है, जो मुंबई की सर्दियों के मौसम के लिए सामान्य है। हालाँकि सुबह की ठंडी हवाएँ थोड़ी राहत दे रही थीं, लेकिन कम दृश्यता और धूसर आकाश ने संकेत दिया कि रात भर प्रदूषण का स्तर बढ़ गया था।
प्रदूषण में यह उछाल कुछ समय की राहत के बाद आया है। अक्टूबर में हुई भारी बारिश ने निलंबित कणों और प्रदूषकों को धो डाला था, जिससे मुंबईवासियों को कुछ समय के लिए स्वच्छ हवा और बेहतर मौसम का अनुभव मिला था। हालाँकि, बारिश बंद होते ही, प्रदूषक फिर से तेज़ी से जमा हो गए, जिससे यह लाभ नष्ट हो गया और नवंबर में शहर की वायु गुणवत्ता फिर से अस्वास्थ्यकर स्तर पर पहुँच गई।
आज सुबह AQI.in के आंकड़ों के अनुसार, मुंबई का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक 277 रहा, जो इसे अस्वस्थ श्रेणी में रखता है। यह नवंबर की शुरुआत में देखे गए मध्यम स्तर से काफ़ी गिरावट दर्शाता है। शहर के कई इलाकों के निवासियों ने आँखों में जलन, हल्की जलन की गंध और धुंधले आसमान की शिकायत की, जो PM2.5 के बढ़े हुए स्तर के स्पष्ट संकेत हैं।
शहर के औद्योगिक और उच्च यातायात वाले क्षेत्रों में सबसे खराब वायु गुणवत्ता सूचकांक दर्ज किया गया। वडाला ट्रक टर्मिनल 387 के खतरनाक वायु गुणवत्ता सूचकांक के साथ सूची में सबसे ऊपर रहा, जो गंभीर श्रेणी में पहुँच गया। चेंबूर (335) और बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (320) में भी गंभीर स्तर दर्ज किया गया, जबकि वर्ली (314) और देवनार (312) में भी गंभीर प्रदूषण की स्थिति बनी रही।
उपनगरों में, हालाँकि स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर थी, फिर भी हवा की गुणवत्ता खराब बनी रही। गोवंडी और कांदिवली पूर्व में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 157 दर्ज किया गया, जिससे वे खराब श्रेणी में आ गए। मुलुंड पश्चिम (187), भांडुप पश्चिम (190), और बोरिवली पूर्व (197) जैसे इलाके भी खराब श्रेणी में ही रहे। मामूली अंतर के बावजूद, मुंबई का अधिकांश हिस्सा धुंध की चादर में लिपटा रहा, जो पूरे महानगरीय क्षेत्र में व्यापक प्रदूषण का संकेत देता है।
संदर्भ के लिए, 0-50 तक के AQI मान को अच्छा, 51-100 को मध्यम, 101-150 को खराब, 151-200 को अस्वास्थ्यकर तथा 200 से ऊपर के मान को गंभीर या खतरनाक माना जाता है।
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