राजनीति
ममता बनर्जी की डॉक्टरों के साथ बैठक पर विवाद, मरीजों की देखभाल पर उठे सवाल

कोलकाता, 24 फरवरी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सोमवार को 675 सीनियर और जूनियर डॉक्टरों के साथ होने वाली बैठक को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।
विवाद इस बात पर है कि इतनी बड़ी संख्या में डॉक्टरों की बैठक में भागीदारी से राज्य के विभिन्न चिकित्सा संस्थानों में रोगी देखभाल सेवाओं पर प्रभाव पड़ेगा या नहीं।
इस बैठक को “डॉक्टरों का सम्मेलन” और “चिकित्सा सेवा ही मानव सेवा है” नाम दिया गया है, जिसमें राज्य के मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के डॉक्टर शामिल होंगे। राज्य स्वास्थ्य विभाग की अधिसूचना के अनुसार, विभिन्न जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओएच) को अपने अधीनस्थ “संकाय, छात्र, रेजिडेंट डॉक्टर और चिकित्सा अधिकारियों” को बैठक के लिए नामित करने को कहा गया है।
पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम द्वारा जारी निर्देश में कहा गया कि यह नामांकन तभी किया जाए जब यह सुनिश्चित हो कि रोगी देखभाल सेवाएं प्रभावित न हों।
हालांकि, सवाल उठ रहे हैं कि इतने डॉक्टरों की गैरमौजूदगी में जिलों की स्वास्थ्य सेवाएं सामान्य रूप से कैसे संचालित होंगी। यह बैठक कोलकाता में एक सरकारी ऑडिटोरियम में सुबह 11.30 बजे से शुरू होगी।
विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने राज्य के मुख्य सचिव और स्वास्थ्य सचिव से स्पष्टीकरण की मांग करते हुए कहा, “जब 675 डॉक्टरों को सम्मेलन में भाग लेने का निर्देश दिया गया है, तो मरीजों की देखभाल प्रभावित कैसे नहीं होगी?” उन्होंने इस पर भी सवाल उठाया कि “क्या यह सम्मेलन वास्तव में एक राजनीतिक भाषण का मंच है?”
शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि यह सम्मेलन “राज्य सरकार के वेतनभोगी डॉक्टरों पर नियंत्रण दिखाने का प्रयास है।” उन्होंने यह भी याद दिलाया कि पिछले साल कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के साथ हुई जघन्य घटना के बाद डॉक्टरों ने राज्यव्यापी आंदोलन किया था और स्वास्थ्य प्रणाली की खामियों को उजागर किया था।
अधिकारी के अनुसार, “इस सम्मेलन के जरिए सरकार डॉक्टरों पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है।”
राष्ट्रीय समाचार
अदाणी ग्रुप मध्य प्रदेश में 1.10 लाख करोड़ रुपये करेगा निवेश, 1.2 लाख नौकरियां होंगी पैदा

भोपाल, 24 फरवरी। भारत के लीडिंग इंटीग्रेटेड व्यापार समूह अदाणी ग्रुप की ओर से मध्य प्रदेश में पंप स्टोरेज, सीमेंट, खनन, स्मार्ट मीटर और थर्मल ऊर्जा जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में 1.1 लाख करोड़ रुपये के भारी निवेश का ऐलान किया गया।
सोमवार को राज्य की राजधानी में शुरू हुए दो दिवसीय ‘मध्य प्रदेश ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट 2025’ में गई इस घोषणा से दशक के अंत तक 1,20,000 से अधिक नौकरियां पैदा होंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस समिट का उद्घाटन किया गया।
गौतम अदाणी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के दूरदर्शी नेतृत्व में मध्य प्रदेश के निवेश केंद्र में तब्दील होने की प्रशंसा करते हुए इस बात पर जोर दिया कि ये निवेश वित्तीय लेन-देन से कहीं बढ़कर हैं।
गौतम अदाणी ने कहा, “ये साझा यात्रा में मील का पत्थर है, जो मध्य प्रदेश को भारत के औद्योगिक और आर्थिक परिदृश्य में सबसे आगे ले जाएंगे।”
अदाणी ग्रुप ने पहले ही मध्य प्रदेश के पावर, इंफ्रास्ट्रक्चर, मैन्युफैक्चरिंग, लॉजिस्टिक्स और कृषि-व्यवसाय क्षेत्रों में 50,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जिससे 25,000 से अधिक नौकरियां पैदा हुई हैं।
नया निवेश राज्य के औद्योगिक इकोसिस्टम को और मजबूत करने के लिए तैयार है, जो भारत की आत्मनिर्भरता और इनोवेशन की महत्वाकांक्षाओं के साथ जुड़ा है।
गौतम अदाणी ने 1 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश के बारे में राज्य सरकार के साथ चल रही बातचीत के बारे में भी बताया।
इसमें एक स्टेट-ऑफ-द-आर्ट ग्रीनफील्ड स्मार्ट सिटी, एक हवाई अड्डा परियोजना और एक महत्वाकांक्षी कोयला गैसीकरण पहल की योजनाएं शामिल हैं।
मध्य प्रदेश ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट 2025 ने नए आर्थिक अवसरों की खोज करने और अंतर-क्षेत्रीय निवेश को बढ़ावा देने के लिए उद्योग जगत के नेताओं, नीति निर्माताओं और वैश्विक निवेशकों को आकर्षित किया है।
गौतम अदाणी ने हाल ही में अपने बेटे जीत की शादी के उपलक्ष्य में सामाजिक कार्यों के लिए 10,000 करोड़ रुपये दान करने की घोषणा की थी।
इस उदार दान का उद्देश्य वंचितों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और कौशल विकास में किफायती और सुलभ विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना है।
राजनीति
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और 6 मंत्रियों ने विधानसभा सदस्य के रूप में शपथ ली

नई दिल्ली, 24 फरवरी। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार को अपने मंत्रिमंडल के साथ विधानसभा सदस्य के रूप में शपथ ली। विधानसभा का पहला सत्र सोमवार सुबह शुरू हुआ और सभी नवनिर्वाचित विधायकों ने शपथ लेंगे।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ मंत्री प्रवेश वर्मा, आशीष सूद, कपिल मिश्रा, रविंदर सिंह इंद्राज, पंकज कुमार सिंह और मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी शपथ ली। विधानसभा में विपक्ष की नेता आतिशी सहित आम आदमी पार्टी (आप) के 22 विधायकों ने भी पहले सत्र के दौरान शपथ ली।
इससे पहले भाजपा के विधायक अरविंदर सिंह लवली ने दिल्ली विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ ली थी।
दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने गांधी नगर के विधायक को राज निवास में शपथ दिलाई। अरविंदर सिंह चार बार विधायक रह चुके हैं। वह नए अध्यक्ष के चुने जाने तक अध्यक्ष का कार्यभार संभालेंगे।
दिल्ली विधानसभा का पहला सत्र तीन दिनों तक चलेगा। सत्र की शुरुआत भाजपा विधायक अरविंदर सिंह लवली ने प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ लेकर की। उपराज्यपाल (एल-जी) विनय कुमार सक्सेना ने राज निवास पर लवली को शपथ दिलाई।
विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव दोपहर 2 बजे होगा। विधानसभा बुलेटिन के अनुसार, उपराज्यपाल सक्सेना 25 फरवरी को सदन को संबोधित करेंगे। इसके बाद नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट पेश की जाएगी।
बता दें कि रेखा गुप्ता ने गुरुवार को रामलीला मैदान में एक बड़े समारोह में दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। इस शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा शासित राज्यों के कई मुख्यमंत्री भी शामिल हुए थे। रेखा गुप्ता, शीला दीक्षित, सुषमा स्वराज और आतिशी के बाद दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री बन गई हैं। वह मदन लाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज के बाद दिल्ली में मुख्यमंत्री बनने वाली चौथी भाजपा नेता हैं।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
जॉर्डन और अरब लीग ने फिलिस्तीनियों के विस्थापन का किया विरोध

अम्मान, 24 फरवरी। जॉर्डन और अरब लीग ने इस बात पर जोर दिया है कि फिलिस्तीनियों को उनकी भूमि से या उनके ही देश के अंदर से नहीं हटाया जाना चाहिए।
जॉर्डन के विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, रविवार को अम्मान में जॉर्डन के विदेश मंत्री अयमान सफादी और अरब लीग के महासचिव अहमद अबुल घीत के बीच बैठक हुई। इस दौरान दोनों नेताओं ने कहा, “गाजा को उसके निवासियों को विस्थापित किए बिना फिर से बनाया जा सकता है।”
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने इस योजना को अमल में लाने के लिए अरब देशों के समर्थन और मिस्र की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी चर्चा की।
सफादी और अबुल घीत ने संयुक्त अरब सहयोग को मजबूत करने, क्षेत्रीय घटनाक्रमों की समीक्षा करने और अगले महीने होने वाले आपातकालीन अरब शिखर सम्मेलन की तैयारियों पर भी बात की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि “अरब देशों को मिलकर साझा चुनौतियों का सामना करना चाहिए और अपने हितों की रक्षा के लिए समन्वय बढ़ाना चाहिए।”
दोनों नेताओं ने गाजा में युद्ध विराम को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा, “गाजा पट्टी में पर्याप्त और सतत मानवीय सहायता सुनिश्चित की जानी चाहिए।” उन्होंने कब्जे वाले पश्चिमी तट में हालात बिगड़ने से रोकने की जरूरत पर भी जोर दिया और कहा, “इजरायल को अपने अवैध कदमों को तुरंत समाप्त करना चाहिए।”
उन्होंने दोहराया, “1967 की सीमाओं के आधार पर एक स्वतंत्र और संप्रभु फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना ही क्षेत्र में स्थिरता और न्यायपूर्ण शांति लाने का एकमात्र तरीका है।” इस राज्य की राजधानी पूर्वी यरूशलम होनी चाहिए।
इसके अलावा, उन्होंने सीरिया की स्थिति पर भी चर्चा की और कहा, “सीरियाई लोगों को उनके देश के पुनर्निर्माण में सहायता दी जानी चाहिए, जिससे वहां स्थिरता और सुरक्षा बहाल हो सके।” उन्होंने आतंकवाद को खत्म करने और सीरिया के सभी समुदायों के अधिकारों की रक्षा करने की जरूरत को भी रेखांकित किया।
-
व्यापार5 years ago
आईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध2 years ago
भगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
अपराध3 years ago
बिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
न्याय6 months ago
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अनन्य2 years ago
उत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
अपराध2 years ago
पिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
महाराष्ट्र5 years ago
31 जुलाई तक के लिए बढ़ा लॉकडाउन महाराष्ट्र में, जानिए क्या हैं शर्तें
-
राजनीति4 months ago
आज रात से मुंबई टोल-फ्री हो जाएगी! महाराष्ट्र सरकार ने शहर के सभी 5 प्रवेश बिंदुओं पर हल्के मोटर वाहनों के लिए पूरी तरह से टोल माफ़ करने की घोषणा की