राजनीति
पीएम की सुरक्षा में सेंध संबंधी नड्डा के आरोप का कांग्रेस ने किया खंडन

प्रधानमंत्री के मार्ग में बुधवार को सुरक्षा नियम तोड़े जाने को लेकर राजनीतिक विवाद छिड़ गया है। कांग्रेस ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा लगाए गए आरोपों का कड़ा खंडन किया है और कहा कि हुसैनीवाला का दौरा पीएम के मूल कार्यक्रम का हिस्सा नहीं था। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि फिरोजपुर में कोई भीड़ नहीं थी, जहां प्रधानमंत्री सभा को संबोधित करने वाले थे, इसलिए यात्रा रद्द कर दी गई।
सुरजेवाला ने नड्डा को सलाह दी कि “शांत रहें और औचित्य की भावना को मत खोएं।”
सुरजेवाला ने कहा, “पीएम की रैली के लिए 10,000 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था। एसपीजी और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर सभी व्यवस्थाएं की गई थीं। हरियाणा/राजस्थान के भाजपा कार्यकर्ताओं की सभी बसों के लिए भी रूट बनाया गया था। पीएम ने हुसैनीवाला की सड़क यात्रा करने का फैसला किया। सड़क मार्ग से यात्रा करना उनके मूल कार्यक्रम का हिस्सा नहीं था।”
उन्होंने कहा कि भाजपा नेता किसानों से बातचीत कर रहे थे। “किसान मजदूर संघर्ष समिति (केएमएससी) पीएम के दौरे का विरोध कर रही है और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत ने उनके साथ दो दौर की बातचीत की है।”
उन्होंने भाजपा को किसानों से किए वादों को पूरा नहीं करने की याद दिलाई। “क्या आप जानते हैं कि केएमएससी और किसान पीएम मोदी का विरोध क्यों कर रहे हैं? उनकी मांगें हैं : गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करें। हरियाणा, दिल्ली और यूपी में किसानों के खिलाफ आपराधिक मामले वापस लें। मरने वाले 700 किसानों के परिजनों को मुआवजा दें। एमएसपी पर समिति बनाएं और एक त्वरित निर्णय लें।”
उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के बाद मोदी सरकार ने इन वादों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया।
उन्होंेने कहा, “आखिरकार, रैली रद्द करने का कारण यह है कि भाजपा के किसान विरोधी रवैये के कारण मोदी जी को सुनने के लिए भीड़ नहीं जुटी। हम पर दोषारोपण बंद कीजिए और आत्मनिरीक्षण करो। रैलियां कीजिए, लेकिन पहले किसानों की सुनिए!”
कांग्रेस बुधवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को जवाब दे रही थी। नड्डा ने कहा था कि कांग्रेस सरकार ने भारी हार के डर से राज्य में प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों को विफल करने के लिए हर संभव कोशिश की।
नड्डा ने अपने सिलसिलेवार ट्वीटों में कहा, “निर्वाचकों के हाथों भारी हार के डर से, पंजाब में कांग्रेस सरकार ने राज्य में पीएम नरेंद्र मोदी जी के कार्यक्रमों को विफल करने के लिए हर संभव कोशिश की।”
नड्डा ने दावा किया कि पंजाब की कांग्रेस सरकार ने अपनी घटिया हरकतों से दिखा दिया है कि वे विकास विरोधी हैं और स्वतंत्रता सेनानियों के लिए भी उनके मन में कोई सम्मान नहीं है।
प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को सुरक्षा में सेंध के कारण पंजाब के फिरोजपुर की अपनी निर्धारित यात्रा रद्द कर दी।
महाराष्ट्र
यातायात पुलिस ने 10 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना वसूला। 556 करोड़

मुंबई: ‘मुंबई वन स्टेट वन चालान’ डिजिटल पोर्टल के जरिए मुंबई ट्रैफिक पुलिस विभाग ने 1 जनवरी 2024 से 28 फरवरी 2025 के बीच 556 करोड़ 64 लाख 21 हजार 950 रुपये (₹5,564,219,050) के चालान वसूले हैं। यह खुलासा एक आरटीआई आवेदन के जरिए हुआ है। उक्त अवधि के दौरान पोर्टल पर कुल 1,81,613 ऑनलाइन शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 1,07,850 शिकायतें खारिज कर दी गईं। यानि लगभग 59% शिकायतें खारिज कर दी गईं।
सूचना का अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता अनिल गलगली ने ई-चालान शिकायतों के बारे में मुंबई यातायात पुलिस से जानकारी मांगी थी। मुंबई यातायात पुलिस के अनुसार, वाहन के प्रकार (जैसे दोपहिया, चार पहिया, माल वाहन, यात्री वाहन, आदि) के आधार पर प्राप्त शिकायतों का वर्गीकरण ‘एक राज्य एक चालान’ पोर्टल पर उपलब्ध नहीं है, जिसके कारण वर्तमान में विशिष्ट वाहन श्रेणियों पर की गई कार्रवाई का विश्लेषण करना असंभव है।
शिकायत जांच प्रक्रिया:
सभी शिकायतों की जांच मल्टीमीडिया सेल, यातायात मुख्यालय, वर्ली, मुंबई में की जाती है। इसमें वाहन की तस्वीरों और आसपास के दृश्य साक्ष्यों की समीक्षा शामिल है। यदि चित्र या साक्ष्य स्पष्ट नहीं हैं, तो उसे जांच के लिए संबंधित यातायात विभाग या पुलिस स्टेशन को भेजा जाता है। चालान को बरकरार रखने या रद्द करने का अंतिम निर्णय स्थानीय जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद ही किया जाएगा।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने कहा कि ई-चालान प्रणाली को पारदर्शी बनाना समय की मांग है। नागरिकों को अपने विचार प्रस्तुत करने का पूर्ण एवं निष्पक्ष अवसर दिया जाना चाहिए तथा प्रत्येक शिकायत की निष्पक्ष एवं गहन जांच की जानी चाहिए।
राष्ट्रीय समाचार
छत्तीसगढ़ : सुरक्षाबलों ने 26 नक्सलियों को किया ढेर, एक जवान शहीद

नारायणपुर, 21 मई। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। यहां कोंडागांव के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों ने बुधवार को मुठभेड़ में 26 नक्सलियों को मार गिराया है। इस मुठभेड़ में एक जवान शहीद भी हुआ है।
नक्सलियों के पास से सुरक्षाबलों ने बड़ी मात्रा में गोला बारूद और हथियार बरामद किए है। इसकी जानकारी खुद राज्य के गृह मंत्री विजय शर्मा ने दी।
उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है, 26 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया गया है। इस मुठभेड़ में कई बड़े नक्सली भी मारे गए हैं। विजय शर्मा ने बताया कि इस मुठभेड़ में एक जवान भी शहीद हुआ है, जबकि एक जवान घायल हुआ है। सर्च ऑपरेशन इलाके में जारी है।
इस मुठभेड़ में एक करोड़ के इनामी नक्सली नम्बाला केशवराव उर्फ वसवा राजू को भी ढेर कर दिया गया है। वह छत्तीसगढ़ के नारायणपुर और बीजापुर इलाके का कुख्यात नक्सली रहा है। उसके ऊपर 1 करोड़ का इनाम है। हालांकि अभी उसकी मौत की औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों की संख्या और बढ़ सकती है।
वहीं छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम अरुण साव ने मिडिया से बात करते हुए कहा कि राज्य में हमारी डबल इंजन की सरकार बनने के बाद नक्सलियों के उन्मूलन पर लगातार काम कर रही है। सुरक्षाबल के जवान दुर्गम इलाके में जाकर नक्सलियों का सफाया कर रहे हैं और नारायणपुर में 24 से ज्यादा नक्सली मारे गए हैं। निश्चित तौर बस्तर मार्च 2026 तक पूरी तरह से नक्सल मुक्त हो जाएगा।
इससे पहले सुरक्षा बलों ने कर्रेगुट्टा पहाड़ी क्षेत्र में चलाए गए संयुक्त अभियान में 31 नक्सलियों को मार गिराया था। इसके साथ ही भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किए गए थे।
सीआरपीएफ के डीजी ने जानकारी दी थी कि नक्सल विरोधी अभियान की शुरुआत 2014 में हुई थी, लेकिन 2019 के बाद से इस अभियान ने अधिक गति पकड़ी है। जवानों के लिए देश भर में संयुक्त प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है, जिससे उनकी रणनीतिक और सामरिक क्षमताओं में वृद्धि हुई है।
उन्होंने बताया था कि जहां 2014 में 35 जिले नक्सली गतिविधियों के केंद्र हुआ करते थे, वहीं 2025 तक यह संख्या घटकर मात्र 6 जिलों तक सीमित रह गई है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के समन्वित प्रयासों के चलते नक्सली हिंसा में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है की गई है।
राजनीति
मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए सरकार ने किया सांसदों का प्रतिनिधिमंडल भेजने का प्रयोग : संजय राउत

मुंबई, 21 मई। शिवसेना (यूबीटी) नेता और राज्यसभा सांसद संजय राऊत ने विदेशों में भारतीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को भेजने पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार इस तरह का प्रयोग मुख्य मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए करती रहती है। सबसे पहले हमें पड़ोसी देश में जाना चाहिए।
सांसद संजय राउत ने मिडिया से बातचीत के दौरान कहा कि चीन ने खुलकर पाकिस्तान का साथ दिया है। ऐसे में चीन जाकर पाकिस्तान को बेनकाब करना चाहिए। पड़ोसी देश आपको पूछता नहीं है। आप यूरोप, यूएस और अफ्रीकी देशों में जा रहे हैं, जिनका भारत और पाकिस्तान युद्ध से कोई लेना-देना नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह डेलिगेशन छोटे छोटे देशों में भेजे जा रहे हैं। इससे हमारी विदेश नीति से क्या संबंध है, खासकर भारत और पाकिस्तान के संदर्भ में। पड़ोसी देश के साथ आपके रिश्ते अच्छे नहीं हैं, इसलिए आप वहां नहीं जाना चाहते हैं।
संजय राउत ने कहा कि केंद्र सरकार यह कैसे तय कर सकती है कि किस पार्टी से कौन सा सांसद प्रतिनिधिमंडल में जाएगा। आपने आनन-फानन में नाम तय कर लिया है। ममता बनर्जी की टीएमसी से आपने यूसुफ पठान का नाम तय कर दिया, ममता ने साफ मना कर दिया कि यह नहीं चलेगा। उन्होंने अभिषेक बनर्जी का नाम दिया। अभिषेक इन मामलों में अधिक अनुभवी हैं।
पार्टी के फैसले से खुश रहने के सवाल पर संजय राउत ने कहा कि मैं पार्टी का फैसला हमेशा से मानता रहा हूं, लेकिन इस डेलिगेशन वाले मसले से कुछ हासिल होने वाला नहीं है।
बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए भारत सरकार ने दुनिया के प्रमुख देशों में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने का फैसला किया है। इसको लेकर हालांकि राजनीति शुरू हो चुकी है। खासकर विभिन्न पार्टियों के सांसदों के नाम को लेकर विपक्षी दलों ने आपत्ति जताई है।
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