राजनीति
कांग्रेस ने 100 साल तक सत्ता से बाहर रहने का मन बना लिया है, टुकड़े-टुकड़े गैंग की लीडर बन गई है कांग्रेस : पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर तीखा निशाना साधते हुए कहा कि इनके कार्यकलापों से ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस ने अगले 100 सालों तक सत्ता से बाहर रहने का मन बना लिया है और इसे देखते हुए हमने भी 100 साल तक सत्ता में रहने की तैयारी कर ली है। लोक सभा में राहुल गांधी के हमले पर पलटवार करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उपदेश देने वाले यह भूल जाते हैं कि देश पर 50 साल तक उन्होंने राज किया है। एक के बाद एक कई राज्यों ( उत्तर प्रदेश, गुजरात, बिहार, पश्चिम बंगाल, नागालैंड, ओड़िसा और गोवा ) में कांग्रेस की लगातार हार और कई दशकों से इन राज्यों की सत्ता से कांग्रेस के बाहर होने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लगातार हार और खिसकते जनाधार के बावजूद कांग्रेस नेता का अहंकार जाने का नाम नहीं ले रहा है। ये गांधी जी के सपनों और आदशरे को भी नकार रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आज देश में टुकड़े-टुकड़े गैंग की लीडर बन गई है , इनके डीएनए में विभाजनकारी नीति है और ये देश के लोगों को उकसाने का प्रयास कर रही है।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का लोक सभा में जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने सरकार की कई उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि विपक्ष जमीन से जुड़ा हुआ नहीं है, इसलिए उसे देश का विकास दिखाई नहीं दे रहा है। राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कई पीढ़ियों से महलों में रहने के कारण कुछ लोग जमीन से कटे हुए हैं। ऐसे लोगों को छोटे किसानों और देश के आम लोगों से कोई मतलब नहीं है। इन लोगों को छोटे किसानों से नफरत है।
लोक सभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी और अन्य विरोधी सांसदों के हंगामे और टोका-टाकी के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर तीखा निशाना साधते हुए कहा कि कोरोना काल में कांग्रेस ने हद कर दी। कोरोना की पहली लहर के दौरान जब विश्व स्वास्थ्य संगठन समेत दुनिया के सारे एक्सपर्ट्स यह कह रहे थे कि जो जहां है वहीं पर रुके लेकिन उस दौरान मुंबई में कांग्रेस के गठबंधन वाली सरकार ने श्रमिकों को ट्रेन का टिकट दिया ताकि वो जाकर उत्तर प्रदेश, बिहार और अन्य राज्यों में कोरोना फैला सकें। दिल्ली में आप सरकार ने झुग्गी-झोपड़ी में माइक लगाकर लोगों को दिल्ली से भागने के लिए प्रेरित किया , बस दिया और आधे रास्ते में ले जाकर छोड़ दिया। इन दोनों राज्य सरकारों की वजह से यूपी, बिहार, उत्तराखंड जैसे राज्यों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े।
चर्चा के दौरान विपक्षी सांसदों द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने दावा किया कि, 100 साल के सबसे बड़े संकट के दौरान भी किसी को भूख से नहीं मरने दिया गया, 80 करोड़ से अधिक भारतीयों को मुफ्त राशन दिया गया। आज मेड इन इंडिया कोविड वैक्सीन दुनिया में सबसे प्रभावी है। हर सेक्टर में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है, युवाओं के लिए रोजगार के अवसर लगातार बढ़ रहे हैं। विभिन्न योजनाओं के तहत किसानों, महिलाओं, युवाओं और अन्य लाभार्थियों के खाते में सीधे पैसे ट्रांसफर किए गए, भ्रष्टाचार खत्म किया।
देश के उद्यमियों को विपक्षी नेता द्वारा कोरोना वायरस का वैरिएंट बताया जा रहा है, ये किस तरह की राजनीति है। उन्होंने 60 से 80 के दशक में कांग्रेस के साथ रह चुके नेताओं द्वारा नेहरू-इंदिरा सरकार को टाटा-बिरला सरकार कहने वालों के हस्र का उदाहरण देते हुए कहा कि जो लोग इतिहास से सबक नहीं लेते वो इतिहास में खो जाते हैं। गरीबों की संख्या को लेकर राहुल गांधी द्वारा बोले गए हमलों का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 1971 में गरीबी हटाओ का नारा देने वाली कांग्रेस जब गरीबी हटा नहीं पाई तो उन्होंने 2013 में गरीबी की परिभाषा बदल कर एक झटके में 17 करोड़ गरीबों को गरीबी रेखा से बाहर निकाल दिया गया। उन्होंने कहा कि इसी धोखे का जवाब देते हुए देश के गरीबों ने कांग्रेस को लोक सभा में 44 के आंकड़े पर लाकर खड़ा कर दिया है।
राहुल गांधी के दो भारत और राष्ट्रवाद को लेकर दिए गए भाषण पर हैरानी जाहिर करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि तमिल भावनाओं को भड़का कर कांग्रेस नेता अंग्रेजों के बांटो और राज करो की नीति पर चल रहे हैं।
उन्होंने रक्षा सौदे में भ्रष्टाचार खत्म करने और पारदर्शिता लाने का दावा करते हुए कहा कि रक्षा सौदे में तेजी आई है और साथ ही भारत इस क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है।
मंहगाई के मोर्चे पर विपक्ष के हमलों का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार के आखिरी 5 साल में देश में मंहगाई की दर डबल डिजिट में थी, तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम और कांग्रेस नेता मंहगाई को लेकर असंवेदनशील बयान दिया करते थे। उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार मंहगाई को नियंत्रित में रखने के लिए संकल्पित है और उन्होंने इसे नियंत्रण में रखने के लिए एक पॉलिसी बनाई है। उन्होंने दावा किया कि इन्ही प्रयासों की बदौलत 2014 से 2020 तक मंहगाई की दर 5 प्रतिशत से भी कम रही। कोरोना के बावजूद इस साल मंहगाई 5.2 प्रतिशत रही है और उसमें भी खाद्य पदार्थों की मंहगाई दर 3 प्रतिशत से भी कम रही। उन्होंने कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने तो लालकिले से मंहगाई के मोर्चे पर हाथ खड़े कर दिए थे।
दरअसल, लोक सभा में 2 फरवरी को विपक्ष की तरफ से राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की शुरूआत करते हुए राहुल गांधी ने मोदी सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा था। राहुल ने मोदी सरकार पर देश में रोजगार के अवसर खत्म करने, छोटे और मध्यम उद्योगों को खत्म करने, गरीबों और अमीरों के बीच असमानता की खाई बढ़ाने, चीन और पाकिस्तान सीमा पर गलत नीतियों की वजह से राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरा उत्पन्न करने जैसे कई तरह के गंभीर आरोप लगाते हुए सरकार की आर्थिक, औद्योगिक, सामरिक, विदेश, आंतरिक और बाह्य सुरक्षा की नीति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए थे। राहुल ने संघवाद और संवैधानिक संस्थाओं को लेकर भी प्रधानमंत्री पर तीखा हमला बोलते हुए आरोपों की झड़ी लगा दी थी। सरकार पर हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने यह भी कहा था कि यूपीए सरकार ने अपने 10 साल के कार्यकाल में 27 करोड़ लोगों को गरीबी से निकाला था और एनडीए सरकार ने 23 करोड़ लोगों को वापस गरीबी में धकेल दिया है। राहुल ने शहंशाह और राजा जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए सीधे प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा था। अन्य विरोधी दलों के नेताओं ने भी चर्चा के दौरान सरकार की नीतियों और पीएम मोदी की जमकर आलोचना की थी।
सोमवार को लोक सभा में अपने जवाबी भाषण के दौरान राहुल गांधी और अन्य विरोधी सांसदों के हमलों का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जमकर पलटवार किया, जवाबी हमला बोला और अपनी सरकार की तमाम उपलब्धियों का भी गुणगान किया।
इससे पहले सोमवार को लोक सभा में भाषण की शुरूआत करते हुए प्रधानमंत्री ने सबसे पहले भारत रत्न लता मंगेशकर को नमन करते हुए कहा कि देश ने लोगों को मोहित करने वाली, देश के लोगों को प्रेरित करने वाली आवाज को खो दिया। उन्होंने कहा कि इतने लंबे काल तक लता मंगेशकर की आवाज ने देश को मोहित किया , प्रेरित भी किया। उन्होंने लता मंगेशकर को देश की एकता और अखंडता को लेकर प्रेरक उदाहरण बताते हुए लोक सभा में अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जवाब के बाद विपक्षी दलों की तरफ से पेश किए गए सभी संशोधन प्रस्तावों को खारिज करते हुए लोक सभा ने ध्वनिमत से राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को पारित कर दिया।
पर्यावरण
चक्रवाती तूफान की वजह से तमिलनाडु में भारी बारिश की चेतावनी

चेन्नई, 27 नवंबर: दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उससे सटे श्रीलंका तट पर बन रहा वेदर सिस्टम गुरुवार को एक गहरे डिप्रेशन में बदल गया। मौसम वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि यह गुरुवार शाम तक एक साइक्लोनिक तूफान में बदल जाएगा।
रीजनल मीटियोरोलॉजिकल सेंटर (आरएमसी) ने बताया कि यह सिस्टम शनिवार तक दक्षिण-पश्चिम खाड़ी और श्रीलंका के तट से होते हुए उत्तर-पश्चिम की ओर उत्तरी तमिलनाडु, पुडुचेरी और उससे सटे दक्षिण आंध्र प्रदेश तट की ओर बढ़ने की उम्मीद है।
जब यह सिस्टम साइक्लोनिक ताकत तक पहुंच जाएगा, तो इसका नाम साइक्लोन डिटवाह रखा जाएगा। यह नाम यमन ने वर्ल्ड मेटियोरोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएमओ) और यूएन इकोनॉमिक एंड सोशल कमीशन फॉर एशिया एंड द पैसिफिक के सदस्य देशों द्वारा फाइनल की गई ट्रॉपिकल साइक्लोन के नामों की लिस्ट में दिया था।
आरएमसी ने गुरुवार को दक्षिण तमिलनाडु और डेल्टा जिलों में भारी बारिश के अपने पहले के अनुमान को दोहराया है, जिसके बाद शुक्रवार से पूरे राज्य में बारिश में तेज बढ़ोतरी होगी।
डेल्टा और आसपास के जिलों में शुक्रवार को भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है, जबकि शनिवार को उत्तरी तमिलनाडु के जिलों में भारी बारिश की उम्मीद है क्योंकि मौसम का सिस्टम तट के साथ ऊपर की ओर बढ़ रहा है।
दक्षिणी जिलों में कई दिनों तक लगातार बारिश के बाद, बुधवार को बारिश की गतिविधियां काफी कम हो गईं। गुरुवार को सुबह 8.30 बजे खत्म हुए 24 घंटों के दौरान, केवल कुछ जगहों पर हल्की बारिश का पूर्वानुमान था।
रामनाथपुरम जिले के थंगाचिमदम में सबसे ज्यादा बारिश हुई, जबकि तिरुनेलवेली के ऊथु में (जहां इस हफ्ते की शुरुआत में बड़े पैमाने पर बाढ़ आई थी) 1 सीएम बारिश रिकॉर्ड की गई। बारिश के बढ़ने की उम्मीद को देखते हुए आरएमसी ने चेन्नई, कुड्डालोर, एन्नोर, थूथुकुडी, नागपट्टिनम और कराईकल जैसे खास बंदरगाहों पर तूफान की चेतावनी के सिग्नल लगाने की सलाह दी है।
नाविकों को अगले अपडेट तक दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और आस-पास के इलाकों में जाने से सावधान किया गया है।
ताजा अपडेट के मुताबिक, समुद्र के ऊपर डीप डिप्रेशन के बने रहने की वजह से कन्याकुमारी, थूथुकुडी और तिरुनेलवेली जिलों में हल्की बारिश हो सकती है।
अपराध
स्कूल भर्ती मामला : कलकत्ता हाईकोर्ट का डब्ल्यूबीएसएससी को निर्देश, नई भर्ती परीक्षाओं की ओएमआर शीट करें पब्लिश

कोलकाता, 27 नवंबर: कलकत्ता हाई कोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन (डब्ल्यूबीएसएससी) को खास निर्देश दिया है। हाई कोर्ट ने निर्देशित किया कि पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूलों में सेकेंडरी और हायर सेकेंडरी शिक्षकों की नई भर्ती से जुड़ी कैंडिडेट्स की ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन (ओएमआर) शीट 10 दिसंबर तक पब्लिश करें।
शिक्षकों की नई भर्ती के लिए लिखित परीक्षाएं सितंबर में सेकेंडरी और हायर सेकेंडरी सेक्शन के लिए अलग-अलग आयोजित की गई थीं, और दोनों लिखित परीक्षाओं के नतीजे घोषित किए गए हैं।
कलकत्ता हाई कोर्ट की सिंगल-जज बेंच ने डब्ल्यूबीएसएससी को सेकेंडरी और हायर सेकेंडरी दोनों सेक्शन के लिए लिखित परीक्षाओं में बैठने वाले सभी उम्मीदवारों की ओएमआर शीट अलग-अलग पब्लिश करने का निर्देश दिया है। साथ ही उन्हें कमीशन की ऑफिशियल वेबसाइट पर अपलोड करने को कहा है।
गुरुवार को, जस्टिस अमृता सिन्हा ने अपनी बेंच में हायर सेकेंडरी शिक्षकों की नई भर्ती के लिए लिखित परीक्षा के नतीजे को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई के बाद यह निर्देश दिया।
इससे पहले, 19 नवंबर को, जस्टिस सिन्हा की बेंच ने डब्ल्यूबीएसएससी को राज्य के सरकारी स्कूलों में हायर सेकेंडरी शिक्षकों की नई भर्ती प्रक्रिया में इंटरव्यू के लिए क्वालिफाई करने वाले दागी उम्मीदवारों की पहचान करने और उनके नाम भी प्रकाशित करने का निर्देश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा टीचिंग और नॉन-टीचिंग दोनों पदों सहित लगभग 26,000 स्कूल नौकरियों को रद्द करने के बाद नई भर्ती प्रक्रिया आयोजित की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस साल 3 अप्रैल को कलकत्ता हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच के उस पुराने ऑर्डर को बरकरार रखा, जिसमें 2016 के लिए डब्ल्यूबीएसएससी का पूरा पैनल कैंसिल कर दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट की इस दलील को भी मान लिया कि पूरा पैनल कैंसिल करना ही होगा, क्योंकि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों के बार-बार जोर देने के बावजूद, न तो स्टेट एजुकेशन डिपार्टमेंट और न ही कमीशन ने ‘बेदाग’ कैंडिडेट्स को ‘दागी’ कैंडिडेट्स से अलग करने वाली दो अलग-अलग लिस्ट दी थीं।
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि पूरी नई भर्ती प्रक्रिया इस साल 31 दिसंबर तक पूरी करनी होगी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने ‘दागी’ शिक्षकों को नई भर्ती प्रक्रिया में हिस्सा लेने से रोक दिया था, लेकिन उसने ‘बेदाग’ टीचरों को हिस्सा लेने की इजाजत दी थी।
महाराष्ट्र
माहिम मखदूम फकीह अली माहिमी का 612वां उर्स 28 नवंबर से शुरू होगा और यह उत्सव 5 दिसंबर से मनाया जाएगा: सोहेल खंडवानी

मुंबई; मुंबई हज़रत मखदूम फ़कीह अली माहिमी (अल्लाह उन पर रहम करे) का 612वां उर्स 28 नवंबर को आस्ताना मखदूम में पूरी अकीदत और एहतराम के साथ मनाया जाएगा। 28 नवंबर को एक बड़ी सेवा होगी। अगले दिन, 29 नवंबर को आठवीं रात और संदल पेश किया जाएगा। इसके साथ ही झंडा चढ़ाने की रस्म, सुनने वालों का जमावड़ा और कुरान की तिलावत भी होगी। दरगाह कमेटी ने इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं। दरगाह को दुल्हन की तरह सजाया गया है। उर्स और मेले को देखते हुए पुलिस ने भी ज़रूरी सुरक्षा इंतज़ाम किए हैं। दरगाह कमेटी के मैनेजिंग ट्रस्टी सोहेल खंडवानी ने बताया कि उर्स और मेले को देखते हुए दरगाह प्रशासन ने ज़रूरी इंतज़ाम किए हैं। 28 नवंबर को आस्ताना मखदूम में एक बड़ी सेवा होगी और 29 नवंबर को एक बड़ी रात झंडा फहराने की रस्म, सुनने वालों का जमावड़ा और कुरान की तिलावत होगी। जायरीनों से अपील है कि वे आस्ताना मखदूम में पूरे सम्मान के साथ आएं। उन्होंने कहा कि पुलिस और दरगाह प्रशासन मिलकर सुरक्षा के इंतजाम करते हैं। इसके साथ ही, 5 दिसंबर को सालाना मेला भी लगेगा। पहला संदल पुलिस पेश करेगी और यह फेस्टिवल 14 दिसंबर तक चलेगा। इसे देखते हुए ट्रैफिक पुलिस ने ट्रैफिक रूट भी बदल दिया है। फेस्टिवल में खाने-पीने के स्टॉल और मनोरंजन के साधन भी मौजूद हैं। पुलिस फेस्टिवल के लिए 24 घंटे सेवाएं और ड्यूटी करती है। इसके साथ ही, दरगाह के वॉलंटियर भी पुलिस के साथ तैनात हैं। ट्रैफिक कंट्रोल समेत दरगाह परिसर में भी पुलिस तैनात है। सोहेल खंडवानी ने संदल कमेटी से अपील की है कि संदल पेश करने के दौरान शरिया मामलों का ध्यान रखें और शोर और ध्वनि प्रदूषण का उल्लंघन न करें और तहज़ीब और सम्मान के साथ दरगाह पर संदल पेश करें। मुंबई पुलिस का सालाना फेस्टिवल 5 दिसंबर से शुरू होगा। इसके लिए पुलिस भी तैयार है। सोहेल खंडवानी ने कहा कि पुलिस की बाबा में बहुत भक्ति है, इसलिए वे दरगाह का इंतज़ाम पूरी लगन से करते हैं और भीड़ होने पर भी पुलिस इसे अच्छे से मैनेज करती है।
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