राजनीति
अर्नब के चैट पर कांग्रेस बोली, वर्गीकृत जानकारी लीक करना ‘देशद्रोह’

पत्रकार अर्नब गोस्वामी के कथित सोशल मीडिया चैट लीक होने पर कांग्रेस ने बुधवार को केंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए इसे ‘देशद्रोह’ बताया और बालाकोट हवाई हमले के बारे में इस तरह की वर्गीकृत जानकारी लीक होने की तत्काल जांच की मांग की। कांग्रेस ने यह भी कहा कि वह कथित चैट लीक के मुद्दे को संसद के बजट सत्र में उठाएगी।
इस मसले पर कांग्रेस नेता पूर्व रक्षामंत्री ए.के. एंटनी, पूर्व गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे, पूर्व कानून मंत्री सलमान खुर्शीद और पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा सरकार को घेरेंगे।
यहां पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए एंटनी ने कहा, “रिपब्लिक टीवी के गोस्वामी और बीएआरसी के पूर्व सीईओ के बीच लीक हुई चैट की सामग्री पूरे देश के लिए एक गंभीर मुद्दा है।”
एंटनी ने कहा कि किसी भी देशभक्त भारतीय के लिए यह एक झटका है और चिंता का विषय है, क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करता है।
कांग्रेस नेता ने कहा, “यह सशस्त्र बलों की सुरक्षा को प्रभावित करता है, विशेष रूप से वायुसेना के बहादुर योद्धाओं की सुरक्षा को। .. और जिस तरह से उन्होंने (गोस्वामी और बीएआरसी के पूर्व सीईओ) सीआरपीएफ के 40 जवानों की शहादत का जिक्र किया, वह सब हमारे लिए गंभीर चिंता का विषय है।”
उन्होंने कहा कि देश और राजनीतिक दलों के लोगों के बीच कई मुद्दों पर मतभेद हो सकते हैं, लेकिन जब देश की रक्षा की बात आती है तब धार्मिक दायरे और पार्टी लाइनों से ऊपर उठकर वे एकजुट हो जाते हैं।
एंटनी ने कहा, “लेकिन अब यह स्पष्ट है कि वर्गीकृत दस्तावेज, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा और सबसे संवेदनशील गुप्त हवाई हमलों पर भी विचार किया जा रहा था, उसके बारे में जानकारी उन लोगों को दी गई, जो इसकी उम्मीद नहीं करते थे और वे दस्तावेज हासिल करने के लिए अधिकृत नहीं थे।”
उन्होंने कहा, “गोस्वामी और बीएआरसी के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता के बीच चैट लीक होने और सीआरपीएफ के 40 जवानों की शहादत का उल्लेख करते समय जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया गया, उससे मैं बहुत दुखी और स्तब्ध हूं।”
कांग्रेस नेता ने सरकार के प्रति नाराजगी जताते हुए कहा, “बालाकोट हवाई हमले से तीन दिन पहले, एक पत्रकार को इसका विवरण कैसे मिल गया? जबकि इसका असर ऑपरेशन और उसकी प्रभावशीलता पर पड़ता।”
एंटनी ने कहा, “यहां तक कि सभी कैबिनेट मंत्रियों से यह अपेक्षा नहीं की जाती कि वे कुछ मुट्ठीभर लोगों और सेना से जुड़े लोगों को इस तरह के ऑपरेशनों के बारे में सूचित करेंगे।”
उन्होंने कहा, “ये दस्तावेज मीडिया में लीक किए गए, लेकिन पूरे मीडिया में नहीं, बल्कि केवल एक पत्रकार को और वह भी सरकार के शीर्ष पदों पर बैठे लोगों द्वारा।”
एंटनी ने कहा, “सैन्य अभियान, राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों व संवेदनशील सैन्य अभियानों के बारे में आधिकारिक जानकारी लीक करना वह भी विशेष रूप से वायुसेना के हमले के बारे में, देशद्रोह और राष्ट्र विरोधी गतिविधि है।”
इस बारे में सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए एंटनी ने कहा, “सरकार ने आजतक इस पर कुछ नहीं कहा है। मुझे यकीन है कि इन राष्ट्र विरोधी गतिविधियों या गुप्त सैन्य अभियानों की जानकारी लीक करने में चार या पांच लोग शामिल थे। इस मामले में जो भी दोषी हो उसे देशद्रोह के लिए दंडित किया जाना चाहिए।”
उन्होंने यह भी कहा कि जिस पत्रकार ने इस तरह के गुप्त सैन्य ऑपरेशन का विवरण हासिल किया, उसे सबसे पहले दंडित किया जाना चाहिए।
एंटनी ने कहा, “सरकार को तत्काल जांच का आदेश देना चाहिए और जो कोई भी जिम्मेदार है और जो भी सैन्य अभियानों की बात लीक करने का हिस्सा है, उसके प्रति दया नहीं दिखानी चाहिए और उसे दंडित किया जाना चाहिए।”
शिंदे ने कहा कि गोस्वामी ने जो किया है वह न केवल देश के लिए, बल्कि पत्रकारिता के लिए भी शर्मनाक है। पिछले कई वर्षो में किसी भी मीडिया संगठन या किसी भी पत्रकार ने ऐसा कृत्य नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि देश ने कई युद्ध और विभिन्न दलों की सरकारें देखी हैं, लेकिन आधिकारिक रहस्यों को लीक करने का ऐसा कृत्य कभी नहीं देखा गया।
पूर्व गृहमंत्री ने गोस्वामी और पार्थो दासगुप्ता की बातचीत का जिक्र करते हुए कहा, “पुलवामा में हमारे सीआरपीएफ के 40 जवानों के आतंकी हमले में मारे जाने के बाद वे जश्न मना रहे थे।”
मंगलवार को, पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी ने भी यह मुद्दा उठाते हुए सरकार की आलोचना की थी और कहा था कि एक पत्रकार को राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित संवेदनशील जानकारी लीक करना एक ‘आपराधिक कृत्य’ है और इसके पीछे जो भी लोग हैं, उन्हें जेल में डाल देना चाहिए।
राजनीति
मध्य प्रदेश के स्कूली पाठ्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर को शामिल करने की उठी मांग

भोपाल 23 मई। भारतीय सेना ने अपने शौर्य और पराक्रम के बल पर पाकिस्तान को सबक सिखाया है। मध्य प्रदेश के राजनेताओं ने मांग की है कि स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाए। ताकि ऑपरेशन सिंदूर के बारे में अगली पीढ़ी जान सके।
दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राज्य के भाजपा और कांग्रेस के नेता ऑपरेशन सिंदूर को भारतीय सेना की बड़ी सफलता मानते हैं। उनका मानना है कि सेना के शौर्य और पराक्रम को अगली पीढ़ी को भी जानना जरूरी है। यह तभी संभव है जब स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम में इसे शामिल किया जाए।
उत्तराखंड मदरसा बोर्ड ने ऑपरेशन सिंदूर को पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय पहले ही ले लिया है। ऐसे ही भोपाल से भाजपा के सांसद आलोक शर्मा ने ऑपरेशन सिंदूर को स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाए जाने की मांग करते हुए कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर को स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाए जाने से आने वाली पीढ़ी को पता चलेगा कि किस प्रकार से देश की सेना के वीर सैनिकों ने हिंदुस्तान की रक्षा की और पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया।
उन्होंने आगे कहा कि पूरा देश सिंदूर विजय का उत्सव मना रहा है, जगह-जगह तिरंगा यात्राएं निकाली जा रही हैं, देश की जनता अपनी सेना का आभार व्यक्त कर रही है और देश के कई हिस्सों के पाठ्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर को शामिल किया जा रहा है। इसलिए मध्य प्रदेश में भी इसे स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाए।
वहीं भोपाल के हुजूर क्षेत्र से भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा है कि हमारी सेना ने उतनी देर में आतंकवादियों के नौ ठिकानों को नष्ट कर दिया जितनी देर में हम होटल में नाश्ता करते हैं। स्वदेशी हथियारों से दुश्मन के ठिकानों को कब्र में बदल दिया। अगली पीढ़ी इसे जान सके, इसके लिए जरूरी है कि स्कूल के पाठ्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर को शामिल किया जाए।
भोपाल से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पूरा देश एक साथ खड़ा था और इस दौरान भारत की ओर से लड़ी गई आजादी की लड़ाई की याद आ गई। भारत की दो महिला सैन्य अधिकारियों ने जिस तरह से देश का प्रतिनिधित्व किया, उसे भुलाया नहीं जा सकता। इसलिए ऑपरेशन सिंदूर को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए। साथ में यह भी शामिल किया जाना चाहिए कि मध्य प्रदेश के दो मंत्रियों ने किस तरह से महिला सैन्य अधिकारी का अपमान किया था, जिस पर सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की, बल्कि हाई कोर्ट ने कार्रवाई के निर्देश दिए।
महाराष्ट्र
ईद-उल-अजहा और लाउडस्पीकर मुद्दे पर अबू आसिम आज़मी की सफल पैरवी, मुख्यमंत्री से मुलाकात, सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन

मुंबई: मुंबई की मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाए जाने और मस्जिदों को नोटिस मिलने के बाद मुसलमानों में चिंता और अशांति का माहौल है। इस मुद्दे को सफलतापूर्वक उठाने के बाद विधायक अबू आसिम आज़मी ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की और मस्जिद के अधिकारियों और ट्रस्टियों की बैठक आयोजित करके इस संवेदनशील मुद्दे का समाधान करने की मांग की। जिस पर मुख्यमंत्री ने बैठक बुलाने का आश्वासन दिया। मस्जिदों में लाउडस्पीकरों के मुद्दे का समाधान खोजने तथा इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने तथा धार्मिक घृणा भड़काने का प्रयास करने वालों पर अंकुश लगाने के लिए मुंबई पुलिस, मुस्लिम प्रतिनिधियों तथा मस्जिद ट्रस्टियों के साथ एक संयुक्त बैठक आयोजित की जानी चाहिए। इस संदर्भ में आज समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक अबू आसिम आजमी के नेतृत्व में मस्जिद ट्रस्टियों एवं पार्टी पदाधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से मिला और उन्हें अनुरोध ज्ञापन सौंपकर मामले पर चर्चा की।
इस पर बोलते हुए अबू आसिम आज़मी ने कहा कि मस्जिदों में अजान के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल सुप्रीम कोर्ट के नियमों के अनुसार किया जाता है। लेकिन कुछ नफरत फैलाने वाले उपद्रवी लोग जानबूझकर पुलिस और प्रशासन पर मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने का दबाव बना रहे हैं। मुस्लिम समुदाय में इस प्रकार का व्यवहार अस्वीकार्य है। इस संबंध में आज हमने वरिष्ठ मुस्लिम प्रतिनिधियों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से मुलाकात की और उनसे इस मुद्दे पर उचित दिशा-निर्देश तैयार करने का अनुरोध किया।
आजमी ने आगे कहा कि हमने प्रस्ताव रखा है कि हर शहर में पुलिस, मुस्लिम प्रतिनिधियों और मस्जिदों के ट्रस्टियों के साथ एक परामर्श बैठक आयोजित की जाए, ताकि इस संवेदनशील मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान निकाला जा सके और जो लोग इसका राजनीतिक इस्तेमाल कर रहे हैं उन पर लगाम लगाई जा सके। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई पुलिस आयुक्त देविन भारती से बात की और निर्देश दिया कि किसी भी कार्रवाई के दौरान कानून को अपने हाथ में नहीं लिया जाना चाहिए और कानून का पालन किया जाना चाहिए। उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि हमारे अनुरोध पर शीघ्र ही विद्वानों, गैर सरकारी संगठनों और अन्य सदस्यों के साथ एक बैठक बुलाई जाएगी।
बैठक के दौरान, प्रतिनिधिमंडल ने ईद-उल-अजहा और कुर्बानी के मुद्दे पर भी चर्चा की, तथा पुलिस, मुंबई नगर निगम और प्रशासन से पूर्ण सहयोग का अनुरोध किया ताकि मुसलमान ईद-उल-अजहा पर अपने धार्मिक कर्तव्यों का सम्मान और आदर के साथ पालन कर सकें, ताकि यह त्योहार शांति, सद्भाव और व्यवस्था के साथ मनाया जा सके। उस समय समाजवादी पार्टी के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष यूसुफ अब्रानी, रजिया चश्मावाला, मुहम्मद. अली शेख, सैयद शौकत, फिरोज ऑरा, मेमन समुदाय के उपाध्यक्ष और मस्जिदों के ट्रस्टी उपस्थित थे।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता बताने मास्को पहुंची कनिमोझी, क्योटो में संजय झा ने खोली पाकिस्तान की पोल

नई दिल्ली, 23 मई। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता और पाकिस्तान में जड़ जमा चुके आतंकवाद की सच्चाई से दुनिया के दूसरे देशों को अवगत कराने के लिए निकला कनिमोझी का प्रतिनिधिमंडल मास्को पहुंच चुका है। वहीं, क्योटो पहुंचे संजय झा ने भारत की सोच से जापानी राजनयिकों को अवगत कराया।
कनिमोझी के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल 23 मई की सुबह मास्को पहुंचा। इस प्रतिनिधिमंडल में समाजवादी पार्टी के लोकसभा सांसद राजीव राय, भाजपा सांसद कैप्टन ब्रिजेश, प्रेमचंद गुप्ता, आप के राज्यसभा सांसद डॉ. राजीव मित्तल, नेशनल कांफ्रेंस के मिया अल्ताफ अहमद, नेपाल, यूरोपीय संघ, बेल्जियम, लक्जमबर्ग में भारत के राजदूत रहे मंजीव पूरी और पूर्व विदेश सेवा अधिकारी और रूस में भारत के राजदूत रहे विनय कुमार शामिल हैं। रूस स्थित भारतीय दूतावास ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से प्रतिनिधिमंडल के मास्को पहुंचने की तस्वीरें शेयर की हैं।
22 मई को जदयू के राज्यसभा सांसद संजय झा के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल तीन दिवसीय दौरे पर जापान के क्योटो पहुंचा। दौरे के दूसरे दिन भारत का पक्ष रखते हुए संजय झा ने कहा, “हम दुनिया को यह बताने के लिए आए हैं कि आज भारत आतंकवाद से जूझ रहा है, कल आपका नंबर हो सकता है इसलिए तटस्थ मत रहिए। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई सभी के लिए है। पाकिस्तान आतंकवादियों को फंड देता है, उन्हें प्रशिक्षित करता है और फिर भारत में भेजता है इसलिए आतंक के खिलाफ लड़ाई सबको लड़नी होगी।”
संजय झा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में राजदूत मोहन कुमार, भाजपा सांसद डॉ. हेमांग जोशी, सीपीआई (एम) सांसद जॉन ब्रिटास, टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी, भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी, भाजपा सांसद बृज लाल और भाजपा सांसद प्रदान बरुआ और कांग्रेस के सलमान खुर्शीद शामिल हैं।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने गोलीबारी करते हुए 26 लोगों की हत्या कर दी थी। 7 मई को भारतीय सेना ने इस हमले का बदला लेते हुए जवाबी कार्रवाई की थी और पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया था। हालांकि पाकिस्तान की जनता और सैन्य क्षमता को कोई नुकसान नहीं पहुंचा लेकिन पाकिस्तानी सेना ने सीमावर्ती क्षेत्र में ड्रोन से हमले शुरू कर दिए। भारतीय सेना ने पाकिस्तान के सभी ड्रोन विफल कर दिए। भारत ने अपनी जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान की सैन्य क्षमता को बड़ा नुकसान पहुंचाया।
पाकिस्तान इस नुकसान और अपने यहां आतंकवाद के अस्तित्व को स्वीकार करने से इनकार कर रहा है और भारत से संबंधित गलत और भ्रामक खबरें दुनियाभर में फैला रहा है। भारत का हमला ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत हुआ था। इसकी सफलता से दुनिया को अवगत कराने के लिए और पाकिस्तान के झूठ को बेनकाब करने के लिए भारत सरकार ने सांसदों के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का गठन किया है और ग्रुप में अलग-अलग देशों में भेज रही है। कनिमोझी और संजय झा का प्रतिनिधिमंडल इसी के तहत मास्को और क्योटो में हैं।
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