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Monday,07-April-2025
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अर्नब के चैट पर कांग्रेस बोली, वर्गीकृत जानकारी लीक करना ‘देशद्रोह’

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पत्रकार अर्नब गोस्वामी के कथित सोशल मीडिया चैट लीक होने पर कांग्रेस ने बुधवार को केंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए इसे ‘देशद्रोह’ बताया और बालाकोट हवाई हमले के बारे में इस तरह की वर्गीकृत जानकारी लीक होने की तत्काल जांच की मांग की। कांग्रेस ने यह भी कहा कि वह कथित चैट लीक के मुद्दे को संसद के बजट सत्र में उठाएगी।

इस मसले पर कांग्रेस नेता पूर्व रक्षामंत्री ए.के. एंटनी, पूर्व गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे, पूर्व कानून मंत्री सलमान खुर्शीद और पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा सरकार को घेरेंगे।

यहां पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए एंटनी ने कहा, “रिपब्लिक टीवी के गोस्वामी और बीएआरसी के पूर्व सीईओ के बीच लीक हुई चैट की सामग्री पूरे देश के लिए एक गंभीर मुद्दा है।”

एंटनी ने कहा कि किसी भी देशभक्त भारतीय के लिए यह एक झटका है और चिंता का विषय है, क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करता है।

कांग्रेस नेता ने कहा, “यह सशस्त्र बलों की सुरक्षा को प्रभावित करता है, विशेष रूप से वायुसेना के बहादुर योद्धाओं की सुरक्षा को। .. और जिस तरह से उन्होंने (गोस्वामी और बीएआरसी के पूर्व सीईओ) सीआरपीएफ के 40 जवानों की शहादत का जिक्र किया, वह सब हमारे लिए गंभीर चिंता का विषय है।”

उन्होंने कहा कि देश और राजनीतिक दलों के लोगों के बीच कई मुद्दों पर मतभेद हो सकते हैं, लेकिन जब देश की रक्षा की बात आती है तब धार्मिक दायरे और पार्टी लाइनों से ऊपर उठकर वे एकजुट हो जाते हैं।

एंटनी ने कहा, “लेकिन अब यह स्पष्ट है कि वर्गीकृत दस्तावेज, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा और सबसे संवेदनशील गुप्त हवाई हमलों पर भी विचार किया जा रहा था, उसके बारे में जानकारी उन लोगों को दी गई, जो इसकी उम्मीद नहीं करते थे और वे दस्तावेज हासिल करने के लिए अधिकृत नहीं थे।”

उन्होंने कहा, “गोस्वामी और बीएआरसी के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता के बीच चैट लीक होने और सीआरपीएफ के 40 जवानों की शहादत का उल्लेख करते समय जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया गया, उससे मैं बहुत दुखी और स्तब्ध हूं।”

कांग्रेस नेता ने सरकार के प्रति नाराजगी जताते हुए कहा, “बालाकोट हवाई हमले से तीन दिन पहले, एक पत्रकार को इसका विवरण कैसे मिल गया? जबकि इसका असर ऑपरेशन और उसकी प्रभावशीलता पर पड़ता।”

एंटनी ने कहा, “यहां तक कि सभी कैबिनेट मंत्रियों से यह अपेक्षा नहीं की जाती कि वे कुछ मुट्ठीभर लोगों और सेना से जुड़े लोगों को इस तरह के ऑपरेशनों के बारे में सूचित करेंगे।”

उन्होंने कहा, “ये दस्तावेज मीडिया में लीक किए गए, लेकिन पूरे मीडिया में नहीं, बल्कि केवल एक पत्रकार को और वह भी सरकार के शीर्ष पदों पर बैठे लोगों द्वारा।”

एंटनी ने कहा, “सैन्य अभियान, राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों व संवेदनशील सैन्य अभियानों के बारे में आधिकारिक जानकारी लीक करना वह भी विशेष रूप से वायुसेना के हमले के बारे में, देशद्रोह और राष्ट्र विरोधी गतिविधि है।”

इस बारे में सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए एंटनी ने कहा, “सरकार ने आजतक इस पर कुछ नहीं कहा है। मुझे यकीन है कि इन राष्ट्र विरोधी गतिविधियों या गुप्त सैन्य अभियानों की जानकारी लीक करने में चार या पांच लोग शामिल थे। इस मामले में जो भी दोषी हो उसे देशद्रोह के लिए दंडित किया जाना चाहिए।”

उन्होंने यह भी कहा कि जिस पत्रकार ने इस तरह के गुप्त सैन्य ऑपरेशन का विवरण हासिल किया, उसे सबसे पहले दंडित किया जाना चाहिए।

एंटनी ने कहा, “सरकार को तत्काल जांच का आदेश देना चाहिए और जो कोई भी जिम्मेदार है और जो भी सैन्य अभियानों की बात लीक करने का हिस्सा है, उसके प्रति दया नहीं दिखानी चाहिए और उसे दंडित किया जाना चाहिए।”

शिंदे ने कहा कि गोस्वामी ने जो किया है वह न केवल देश के लिए, बल्कि पत्रकारिता के लिए भी शर्मनाक है। पिछले कई वर्षो में किसी भी मीडिया संगठन या किसी भी पत्रकार ने ऐसा कृत्य नहीं किया है।

उन्होंने कहा कि देश ने कई युद्ध और विभिन्न दलों की सरकारें देखी हैं, लेकिन आधिकारिक रहस्यों को लीक करने का ऐसा कृत्य कभी नहीं देखा गया।

पूर्व गृहमंत्री ने गोस्वामी और पार्थो दासगुप्ता की बातचीत का जिक्र करते हुए कहा, “पुलवामा में हमारे सीआरपीएफ के 40 जवानों के आतंकी हमले में मारे जाने के बाद वे जश्न मना रहे थे।”

मंगलवार को, पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी ने भी यह मुद्दा उठाते हुए सरकार की आलोचना की थी और कहा था कि एक पत्रकार को राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित संवेदनशील जानकारी लीक करना एक ‘आपराधिक कृत्य’ है और इसके पीछे जो भी लोग हैं, उन्हें जेल में डाल देना चाहिए।

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राजनीति

हम बिहार का चेहरा बदलना चाहते हैं : राहुल गांधी

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पटना, 7 अप्रैल। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि हिंदुस्तान की सच्चाई की रक्षक संविधान है। भगवान बुद्ध, गुरु नानक, कबीर ऐसे कई महापुरुष हैं, जिन्हें हिंदुस्तान मानता है। भीमराव अंबेडकर ने दलितों की लड़ाई लड़ी, लेकिन यह उन्हें दलितों ने ही सिखाया। उन्होंने उनके दर्द को समझा और उसके बाद उनकी लड़ाई लड़ी।

राहुल गांधी ने पटना में संविधान सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी की जिम्मेदारी है कि जो गरीब लोग हैं, जो कमजोर लोग हैं, ईबीसी, ओबीसी, गरीब, दलित इन सबको जोड़कर, इज्जत देकर आगे बढ़े। कांग्रेस पार्टी को जिस गति और जिस मजबूती से बिहार में काम करना चाहिए था, वो नहीं किया।

उन्होंने कहा कि हम अपनी गलती से समझे हैं और अब हम बिना रुके पूरी शक्ति के साथ बिहार के गरीब, कमजोर, ओबीसी, ईबीसी, दलित और महादलित को लेकर हम एक साथ आगे बढ़ेंगे।

उन्होंने तेलंगाना के जातीय गणना को पारदर्शी बताते हुए कहा कि वहां जाति का पूरा का पूरा डेटा हमारे हाथ में है। बहुत सारे लोग बहुत तरह की बात करते हैं कि जाति जनगणना नहीं होनी चाहिए, लेकिन हम लोग चाहते हैं कि देशभर में जातीय जनगणना हो।

उन्होंने आरक्षण को लेकर कहा कि आज तेलंगाना में देखेंगे तो वहां बड़ी कंपनियों के मालिक, उसके सीईओ, प्रबंधन में ओबीसी, ईबीसी, दलित और महादलित के लोग नहीं मिलेंगे, लेकिन मजदूर वर्ग की सूची में यही लोग मिलेंगे।

उन्होंने कहा कि मैं 50 फीसदी आरक्षण की इस दीवार को तोड़कर फेंक दूंगा। इस देश को दस-पंद्रह लोग चला रहे हैं। जातीय जनगणना एक क्रांतिकारी कदम है, इससे देश की सच्चाई पता चलेगी।

उन्होंने एक आईआईटी प्रोफेसर का उदाहरण देते हुए कहा कि भले ही आप डॉक्टर, प्रोफेसर या कोई बड़े आदमी बन जाएं, मगर सिस्टम आपको आपका काम सही से नहीं करने देगा। अगर आप डॉक्टर हैं, दलित वर्ग से आते हैं और कोई अस्पताल खोलना चाहते हैं, तो आपको लोन नहीं मिलेगा। बैंक से लोन मिल भी जाएगा तो ब्यूरोक्रेट अड़ंगा लगा देंगे। उन्होंने इस सिस्टम में सुधार की जरूरत बताई।

उन्होंने कहा कि हम बिहार का चेहरा बदलना चाहते हैं। जो बिहार में हुआ है और जो आज बिहार में हो रहा है, जो एनडीए की सरकार बिहार में कर रही है, उससे हम लड़ रहे हैं और उसे हम हराने जा रहे हैं।

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राजनीति

पीएम मुद्रा योजना में 10 वर्षों में बांटे गए 32 लाख करोड़ रुपए से अधिक के लोन

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नई दिल्ली, 7 अप्रैल। पीएम मुद्रा योजना के तहत 10 वर्षों में 32.61 लाख करोड़ रुपए वैल्यू के 52 करोड़ से अधिक लोन दिए गए हैं। यह जानकारी आधिकारिक आंकड़ों में दी गई।

पीएम मुद्रा योजना 8 अप्रैल, 2015 को लॉन्च हुई थी और मंगलवार को इस योजना को 10 वर्ष पूरे हो रहे हैं।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस योजना से छोटे शहरों और गांवों तक कारोबार को बढ़ाने में मदद मिली है। इससे पहली बार कारोबार करने वाले लोगों को प्रोत्साहन मिला है।

एसकेओसीएच की “आउटकम्स ऑफ मोदीनॉमिक्स 2014-24″ रिपोर्ट के अनुसार, ”2014 से हर साल औसतन कम से कम 5.14 करोड़ व्यक्ति-वर्ष रोजगार सृजित हुए हैं, जिसमें अकेले पीएमएमवाई ने 2014 से प्रति वर्ष औसतन 2.52 करोड़ स्थिर और टिकाऊ रोजगार जोड़े हैं। इस परिवर्तन का एक उदाहरण जम्मू-कश्मीर है, इसे मुद्रा योजना के तहत अत्यधिक लाभ हुआ है और 20,72,922 मुद्रा लोन स्वीकृत किए गए हैं।”

वित्त मंत्रालय के डेटा के मुताबिक, ”इस योजना से महिलाओं को सशक्त बनाने में मदद मिली और 70 प्रतिशत से अधिक लोन महिला उद्यमियों द्वारा लिए गए हैं, जिससे उनकी वित्तीय स्वतंत्रता बढ़ी है और लैंगिक समानता में योगदान मिला है।”

पीएम मुद्रा योजना के तहत पिछले नौ वर्षों में प्रति महिला दिए जाने वाले लोन की राशि 13 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़कर 62,679 रुपए हो गई। वहीं, प्रति महिला वृद्धिशील जमा राशि 14 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़कर 95,269 रुपए हो गई।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की सराहना की है और कहा कि यह योजना, जो महिला उद्यमिता पर विशेष ध्यान देने के साथ जमानत-मुक्त लोन प्रदान करती है, ने महिलाओं के स्वामित्व वाले एमएसएमई की संख्या को बढ़ाने में मदद की है, जो अब 28 लाख से अधिक हो गए हैं।

एसबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में मुद्रा योजना ने 52 करोड़ से अधिक लोन खाते खोलने में मदद की है, जो उद्यमशीलता गतिविधि में भारी उछाल को दर्शाता है।

पीएम मुद्रा योजना के तहत, किशोर लोन (50,000 से 5 लाख रुपए), जो बढ़ते व्यवसायों का समर्थन करते हैं, वित्त वर्ष 2016 में 5.9 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 44.7 प्रतिशत हो गए हैं, जो छोटे उद्योगों की वास्तविक प्रगति को दर्शाता है।

तरुण श्रेणी (5 लाख से 10 लाख रुपए) भी तेजी से आगे बढ़ रही है, जो साबित करती है कि मुद्रा केवल व्यवसाय शुरू करने के बारे में नहीं है, बल्कि उन्हें बढ़ाने में मदद करती है।

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महाराष्ट्र

मुंबई पुलिस आधुनिक प्रयोगशालाओं और प्रौद्योगिकी से लैस है: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

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मुंबई: साइबर अपराध और साइबर धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए मुंबई पुलिस ने खुद को आधुनिक तकनीक से लैस कर लिया है। तदनुसार, मुंबई पुलिस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हाथों एक फोरेंसिक लैब, एक विशेष वैन, एक इंटरसेप्ट वैन और अन्य आधुनिक उपकरणों सहित तीन साइबर लैब का उद्घाटन किया। इस अवसर पर बोलते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि साइबर धोखाधड़ी और ऑनलाइन धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस को आधुनिक बनाया गया है और पुलिस साइबर धोखाधड़ी से लेकर अन्य अपराधों को सुलझाने के लिए इन आधुनिक उपकरणों का उपयोग करेगी।
फडणवीस ने कहा कि जिस तरह से आज लोगों को ऑनलाइन बेवकूफ बनाकर डिजिटल गिरफ्तारी जैसी घटनाएं हो रही हैं, उसी तरह पुलिस ने इन घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए जांच के तरीकों से लेकर अन्य चीजों में महत्वपूर्ण क्रांति ला दी है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सहायता के लिए पुलिस थानों में विशेष सहायता कक्ष भी स्थापित किए गए हैं, जिनमें महिलाओं को तत्काल सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए एक विशेष वैन भी तैयार की गई है ताकि उन्हें तुरंत मदद मिल सके। इस कार्यक्रम में मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक पनसालकर, विशेष पुलिस आयुक्त देविन भारती, संयुक्त पुलिस आयुक्त सत्यनारायण चौधरी और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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