महाराष्ट्र
सीएम उद्धव ठाकरे एक बार फिर आज महाराष्ट्र की जनता को संबोधित कर रहे हैं।

कल महाराष्ट्र दिवस है, उससे पहले महाराष्ट्र को स्थापित करने के लिए सभी लोगों को उद्धव ठाकरे ने याद किया।
सीएम ने कहा कि महाराष्ट्र की स्थापना को 61 साल हो गए। पिछले साल और इस साल लॉकडाउन की तरह ही हालात बने हुए हैं। मुझे 2010 याद आ रहा है जब महाराष्ट्र की स्थापना को 50 साल पूरे हुए थे.. आप में से कई लोग वहां आए थे.. वो एक सुवर्ण दिन था। यह काल भी जाएगा और एक सुवर्ण दिन वापस हमें देखने मिलेगा। कल ही उच्च न्यायालय ने पूछा है कि क्या पिछले साल की तरह कठोर लॉकडाउन लगाने की ज़रूरत है क्या, यह सरकार से पूछो.. मैं आपसे पूछता हूं.. मुझे नहीं लगता कि इसकी जरूरत पड़ेगी। हमारे निर्णयों से क्या असर पड़ा.. भले ही मामलों में कमी नहीं आई, लेकिन जिस रफ्तार से मामले बढ़ रहे थे, अब वैसे नहीं बढ़ रहे हैं.. अगर उसी रफ्तार में बढ़ते तो अब 9 से 10 लाख एक्टिव मरीज़ होते.. अब इस संख्या को हम 6 साढ़े 6 लाख तक रख रहे हैं.. अब भी मामले कम नहीं हुए हैं, लेकिन हमने रफ्तार कम की है। अगर आपने संयम नहीं दिखाया होता तो यह नहीं हो पाता.. इन नियमों का आपको आगे भी पालन करना होगा कुछ दिन।
CM उद्धव ने कहा- मैंने आपसे कहा था कि रोजी भले ही रुक जाए, रोटी रुकना नहीं चाहिए। कई लोगों को लगता है कि दूसरे राज्यों ने जो किया वो अभी करना चाहिए.. अगर कोई कुछ अच्छा कर रहा होगा तो हम पालन करेंगे उसका। पिछले साल मार्च महीने में कोरोना के शुरुआत में केवल 2 लैब थे, 1 कस्तूरबा में, एक पुणे में.. 29 अप्रैल 2021 की तुलना में अब 609 लैब मौजूद हैं.. टेस्टिंग को बढ़ाया गया है। पहले 80 से 85 हज़ार टेस्टिंग होती थी, अब उसे ढाई लाख से तीन लाख तक ले जाया गया है। RTPCR की तरह ही जंबो कोविड सेंटर और दूसरे कोविड अस्पतालों को शुरू किया गया है.. कई होटल में हमने प्राथमिक अस्पताल बनाए हैं.. राज्य में फिलहाल साढ़े 5 हज़ार कोविड केअर सेंटर हैं। पिछले जून में 3 लाख 36 हज़ार बेड थे, वो अब 4 लाख 21 हज़ार से ज़्यादा हैं। 86 हज़ार ऑक्सीजन बेड मौजूद हैं। 11713 वेंटिलेटर राज्य में मौजूद हैं। हम बेड बढ़ा सकते हैं, डॉक्टर, नर्स या ऑक्सिजन कैसे बढ़ाएं?
सीएम ने कहा कि कई दूसरे राज्यों से ऑक्सिजन लाने की कोशिश शुरू है.. बाहर से आने वाले ऑक्सिजन और ऑक्सिजन के यातायात को भी पैसे दे रहे हैं। समय और ऑक्सिजन लाने की पूरी कोशिश जारी है। अगर मामले बढ़ते हैं तो परेशानी बढ़ सकती है, लेकिन अच्छी बात यह है कि मामले बढ़ नहीं रहे हैं.. और कट-टु-कट ऑक्सिजन मौजूद है। हमें हर रोज़ 50 हज़ार रेमडेसिविर की ज़रूरत है। केंद्र हमें 26 हज़ार इंजेक्शन शुरुआत में दे रहे थे, उसके बाद प्रधानमंत्री से बात करने के बाद 43 हज़ार देने की अनुमति दी गई। फिलहाल 35 हज़ार इंजेक्शन दिया जा रहा है। मैं राज्य के डॉक्टर और सभी परिवारवालों को कहना चाहता हूं कि WHO और हमारे कई अधिकारियों ने कहा है कि रेमडेसिविर की अगर ज़रूरत नहीं होगी तो मत दें, बेवजह देने पर इसका असर होता है शरीर पर.. इसका फैसला डॉक्टर को लेने दें कि इस इंजेक्शन की ज़रूरत है या नहीं। आप पूछेंगे कि हम बाहर से ऑक्सिजन कबतक लाएंगे.. कल ही मैंने राज्य के सभी जिलाधिकारियों से बात कर सभी सरकारी अस्पतालों में ऑक्सिजन निर्माण करने के प्लांट को शुरू करने की बात की है.. एक प्लांट को शुरू करने के लिए 20 से 25 दिन लगते हैं.. कुछ दिनों में सारे प्लांट शुरू होंगे और अगर तीसरी लहर आती है, जो हम नहीं चाहते हैं कि आए, लेकिन अगर ऐसा हुआ तो ऑक्सिजन की कमी नहीं होगी।
सीएम ने कहा कि लिक्विड ऑक्सिजन मिल सकता है, गैस ऑक्सिजन को लाना आसान नहीं है, इसलिए हम गैस ऑक्सिजन के पास ही कोविड अस्पताल बना रहे हैं। राज्य सरकार अपने खर्च पर 300 से ज़्यादा PSA ऑक्सिजन प्लांट लगा रही है। जो हम टेस्ट करते हैं, उसमें से 60 से 70 फीसदी टेस्ट RTPCR है, बाकी एंटीजन… पिछले कुछ दिनों में हमने देखा कि कुछ जगहों पर दुर्घटना देखने को मिली.. अस्पतालों पर भी दबाव बढ़ा है.. लगातार ऑक्सिजन गैस, ऐसी सबकुछ शुरू है। नासिक की दुर्घटना के अगले दिन मैंने उस अस्पताल के कर्मचारियों से बात कर रहा था, लोग रोने लगे… वो बता रहे थे कि जिन्हें वो बचाने की कोशिश कर रहे थे, उन्हें नहीं बचा पाए। बरसात का मौसम आ रहा है.. मैंने लोगों से जंबो सेंटर के स्ट्रक्चरल ऑडिट करने के आदेश दिए हैं, दुर्घटना टालने का प्रयत्न जारी है.. किसी जंबो सेंटर में बरसात में पानी ना घुस सके, कोई परेशानी ना हो.. इसके लिए हम काम कर रहे हैं। इस क्षेत्र में काम करने वाले सभी से कहता हूं कि अगर आपको कुछ ऐसा दिखाई दे जिससे परेशानी बढ़ सकती है, खतरा बढ़ सकता है तो आप इसके बारे में वरिष्ठ को बताएं।
उद्धव ने कहा कि दुनिया के कई जगहों पर एक वेव के बाद दूसरी वेव, तीसरी वेव भी आ चुकी है। कोई कह नहीं सकता है कि तीसरी लहर नहीं आ सकती। हम तीसरी लहर से लड़ने के लिए तैयारी कर रहे हैं.. अगर तीसरी लहर आती है तो उसका इस तरह घातक नज़ारा देखने को ना मिले, इसके लिए तैयारी की जा रही है। अगर तीसरी लहर आती है और वापस कुछ पाबंदी लगाने पड़े तो इसका असर अर्थव्यवस्था पर ना पड़े, इसके लिए तैयारी शुरू है और कई उद्योगपतियों से बात की जा रही है। शुरुआत में कुछ लोग कह रहे थे कि लॉकडाउन मत लगाओ, हम इसे सहन नहीं करेंगे.. अब देश के कई राज्यों ने इसे किया है।
सीएम उद्धव ने कहा कि हमने टीकाकरण का काम शुरू किया है और 1 करोड़ 58 लाख लोगों को टीका लगाया गया है, जो देश में सबसे ज़्यादा है। हम टीकाकरण, अस्पताल और टेस्टिंग मे आगे हैं, लेकिन मामले भी हमारे यहां ज़्यादा है। 18 से 44 साल के 6 करोड़ लोग हमारे राज्य में हैं जिनके लिए 12 करोड़ टीका चाहिए। हमारे लिए लोगों की जान ज़रूरी है। 12 करोड़ टीके के लिए जितना पैसा लगेगा, वो हम एक ही बार एक चेक से देकर टीका खरीदने के लिए तैयार हैं लेकिन ऑक्सिजन, रेमडेसिविर की तरह ही वैक्सीन भी सीमित है। सीरम, भारत बॉयोटेक के साथ बातचीत शुरू है..लेकिन यह दोनों उत्पादक हैं उनके पास हमारे लिए इतने डोज़ नहीं हैं। कुछ लोगों को लग रहा है कि केंद्र वैक्सीन मुफ्त दे रहा है.. नहीं है। केंद्र इस महीने हमें 18 लाख वैक्सीन दे रहा है.. हमें 12 करोड़ वैक्सीन चाहिए। जिस तरह ब्रिटेन ने अपने एक बड़े तबके को पहली वैक्सीन दी है, वही हम करने की कोशिश कर रहे हैं। कल से हम 18 से 44 साल के नागरिकों को वैक्सीन दे रहे हैं.. जैसे जैसे वैक्सीन मिलेगा, वो हम देंगे। युवाओं के आने के साथ ही उत्साह आता है.. हमने देखा कि ऐप हैंग हो रहा है। मैंने आज पीएम को पत्र लिखकर मांग की है कि हर एक राज्य का अपना ऐप हो या हर राज्य को अपना ऐप बनाने की अनुमति दी जाए, ताकि आसानी हो सके इससे लोगों को जानकारी मिलेगी कि कब जाना है और कहां जाना है। हम जल्द से जल्द वैक्सीन लाने की कोशिश कर रहे हैं, जून महीने में बड़े पैमाने पर वैक्सीन मिलने का अनुमान है.. मैं आपसे विनती करूंगा कि वैक्सीनशन सेंटर पर भीड़ ना करें। कल पहली वैक्सीन दी जाएगी, आखिरी नहीं, यह समझिए.. हमारी तैयारी है कि लोगों को वैक्सीन दी जाए। शुरुआत में कुछ परेशानी होगी, आप भीड़ ना करें.. मुझे डर लगता है कि कहीं वैक्सीनेशन सेंटर पर भीड़ के वजह से कोरोना ना बढ़े, इसलिए भीड़ ना करें। कल से जैसे-जैसे वैक्सीन उपलब्ध होगी, वैसे हम वैक्सीन बढ़ाएंगे। अब तक हमारे पास केवल 3 लाख वैक्सीन आई है 18 से 44 साल के लोगों के लिए।
महाराष्ट्र
मुंबई में 300 करोड़ रुपये की साइबर ठगी के शिकार सुरक्षित, ऑनलाइन ठगी से सावधान रहने की अपील, डिजिटल गिरफ्तारी जैसी कोई चीज नहीं

मुंबई: मुंबई क्राइम ब्रांच मुंबई साइबर सेल ने ऑनलाइन धोखाधड़ी के पीड़ितों से 300 करोड़ रुपये सुरक्षित किए हैं। इन पीड़ितों ने धोखाधड़ी की 1930 शिकायतें दर्ज कराई थीं, जिस पर पुलिस ने एनसीआर पोर्टल पर शिकायत दर्ज कर फंड ट्रांसफर पर रोक लगा दी है और बैंक खाते से धनराशि का हस्तांतरण रोक दिया है। साइबर सेल हेल्पलाइन को 13,19,403 कॉल प्राप्त हुए जिनमें शेयर ट्रेडिंग, नौकरी धोखाधड़ी और अन्य योजनाओं का लालच देकर धोखाधड़ी की शिकायतें मिलीं। साइबर सेल ने जनवरी 2024 से जुलाई 2025 तक साइबर अपराधों में शामिल 11,063 मोबाइल फोन नंबरों को बंद और ब्लॉक कर दिया है। मुंबई पुलिस आयुक्त देविन भारती के निर्देश पर संयुक्त पुलिस आयुक्त लक्ष्मी गौतम, डीसीपी पुरुषोत्तम कराड ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया। साइबर सेल ने नागरिकों से अपील की है कि साइबर धोखाधड़ी के मामलों में वृद्धि हुई है अगर कोई सीबीआई पुलिस या सरकारी अधिकारी बनकर डिजिटल और साइबर गिरफ्तारी की धमकी देता है, तो इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दें। फर्जी वेबसाइटों के जरिए शेयर ट्रेडिंग का लालच भी लाखों रुपये का दिया जा रहा है। सोशल मीडिया पर ऐसे लुभावने विज्ञापन देकर धोखाधड़ी की जाती है, इसलिए नागरिकों को इससे सतर्क रहने की जरूरत है।
महाराष्ट्र
मुंबई: ड्रग्स मामले में समीर शब्बीर शेख को 15 साल की जेल और 1 लाख का जुर्माना

drugs
मुंबई: मुंबई शहर में ड्रग्स और नशीले पदार्थों की तस्करी करने वालों के खिलाफ एंटी नारकोटिक्स सेल (एएनसी) को बड़ी कामयाबी मिली है। मुंबई में ड्रग तस्कर समीर शब्बीर शेख (32) को मुंबई बांद्रा यूनिट ने 12 मई 2022 को 110 ग्राम एमडी मेफेडोन के साथ गिरफ्तार किया था। इस मामले में पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई की और अब अदालत ने इस मामले में आरोपी को दोषी पाते हुए 15 साल की जेल और 1 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट, मारपीट और अन्य अपराधों सहित कुल 9 मामले दर्ज हैं।
महाराष्ट्र
मुंबई की यातायात समस्या गंभीर, उत्तरभारती राज ठाकरे के निशाने पर

RAJ THACKERAY
मुंबई: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने एक बार फिर सरकार की आलोचना की और कहा कि शहरी नक्सलवाद की बजाय शहरी व्यवस्था बहुत जरूरी है क्योंकि मुंबई, ठाणे, नासिक समेत सभी शहरों में ट्रैफिक की समस्या बेहद चिंताजनक है। पहले जहां 50 लोग रहते थे, अब यहां 500 लोग रहते हैं। ट्रैफिक की समस्या बेहद गंभीर हो गई है। नो पार्किंग और पार्किंग की समस्या ऐसी है कि कोई कहीं भी गाड़ी पार्क कर देता है, पार्किंग का कोई प्रबंध नहीं है। ऐसे में सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ बैठक के दौरान राज ठाकरे ने नगर नियोजन और पार्किंग समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की और एक खाका भी पेश किया। इसके बाद मीडिया को संबोधित करते हुए राज ठाकरे ने कहा कि मुंबई समेत अन्य शहरों में बाहरी लोग भी रहते हैं और उन्हें शहर के बारे में कोई जानकारी नहीं है। वे कहीं भी अपनी गाड़ियां पार्क कर देते हैं। ये बाहरी लोग अक्सर रिक्शा, टैक्सी और कार चलाते हैं इसके साथ ही राज ठाकरे ने एक डायग्राम भी जारी किया है जिसमें उन्होंने बताया है कि फुटपाथ पर पेंट और साइन के ज़रिए पार्किंग और नो-पार्किंग की पहचान कैसे की जा सकती है।
साथ ही, उन्होंने यह भी सुझाव दिया है कि शहर में कई छोटे-छोटे मैदान हैं, इन मैदानों में भी अंडरग्राउंड पार्किंग की व्यवस्था की जा सकती है। इससे मैदान बचेंगे और पार्किंग की सुविधा भी उपलब्ध होगी। राज ठाकरे ने एक बार फिर बाहरी लोगों यानी उत्तर भारत के निवासियों की आलोचना की और कहा कि प्रयागराज की आबादी 40 लाख है, ऐसे में अगर यहाँ से कुछ लोग शहरों में जाते हैं तो इससे यहाँ के शहरों को कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि हमारे पास डीपी तो है लेकिन टीपी यानी टाउन प्लानिंग नहीं है, यह बहुत दुखद है, सरकार को इस पर ध्यान देने की ज़रूरत है। राज ठाकरे ने कहा कि शहरों में बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य चल रहा है, जिसमें कई अवैध निर्माण भी शामिल हैं। धारावी की ज़मीन अडानी को विकास परियोजनाओं के लिए दे दी गई है। उन्होंने कहा कि सिर्फ़ पुल और मेट्रो से शहर की ट्रैफ़िक और दूसरी समस्याओं का समाधान नहीं होगा, इसके लिए वाहनों को नियंत्रित करने पर ध्यान देने की ज़रूरत है। राज ठाकरे ने कहा कि दूसरे राज्यों का विकास होना चाहिए और प्रवासियों को नियंत्रित किया जाना चाहिए। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने एक बार फिर सरकार की आलोचना की और कहा कि शहरी नक्सलवाद की बजाय शहरी व्यवस्था बहुत जरूरी है क्योंकि मुंबई, ठाणे, नासिक समेत सभी शहरों में ट्रैफिक की समस्या बेहद चिंताजनक है। पहले जहां 50 लोग रहते थे, अब यहां 500 लोग रहते हैं। ट्रैफिक की समस्या बेहद गंभीर हो गई है। नो पार्किंग और पार्किंग की समस्या ऐसी है कि कोई कहीं भी गाड़ी पार्क कर देता है, पार्किंग का कोई प्रबंध नहीं है। ऐसे में सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ बैठक के दौरान राज ठाकरे ने नगर नियोजन और पार्किंग समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की और एक खाका भी पेश किया। इसके बाद मीडिया को संबोधित करते हुए राज ठाकरे ने कहा कि मुंबई समेत अन्य शहरों में बाहरी लोग भी रहते हैं और उन्हें शहर के बारे में कोई जानकारी नहीं है। वे कहीं भी अपनी गाड़ियां पार्क कर देते हैं। ये बाहरी लोग अक्सर रिक्शा, टैक्सी और कार चलाते हैं इसके साथ ही राज ठाकरे ने एक डायग्राम भी जारी किया है जिसमें उन्होंने बताया है कि फुटपाथ पर पेंट और साइन के ज़रिए पार्किंग और नो-पार्किंग की पहचान कैसे की जा सकती है। साथ ही, उन्होंने यह भी सुझाव दिया है कि शहर में कई छोटे-छोटे मैदान हैं, इन मैदानों में भी अंडरग्राउंड पार्किंग की व्यवस्था की जा सकती है। इससे मैदान बचेंगे और पार्किंग की सुविधा भी उपलब्ध होगी। राज ठाकरे ने एक बार फिर बाहरी लोगों यानी उत्तर भारत के निवासियों की आलोचना की और कहा कि प्रयागराज की आबादी 40 लाख है, ऐसे में अगर यहाँ से कुछ लोग शहरों में जाते हैं तो इससे यहाँ के शहरों को कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि हमारे पास डीपी तो है लेकिन टीपी यानी टाउन प्लानिंग नहीं है, यह बहुत दुखद है, सरकार को इस पर ध्यान देने की ज़रूरत है। राज ठाकरे ने कहा कि शहरों में बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य चल रहा है, जिसमें कई अवैध निर्माण भी शामिल हैं। धारावी की ज़मीन अडानी को विकास परियोजनाओं के लिए दे दी गई है। उन्होंने कहा कि सिर्फ़ पुल और मेट्रो से शहर की ट्रैफ़िक और दूसरी समस्याओं का समाधान नहीं होगा, इसके लिए वाहनों को नियंत्रित करने पर ध्यान देने की ज़रूरत है। राज ठाकरे ने कहा कि दूसरे राज्यों का विकास होना चाहिए और प्रवासियों को नियंत्रित किया जाना चाहिए।
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