अंतरराष्ट्रीय
चीन के कर्मचारियों ने यूएस में टिकटॉक यूजर्स का डेटा एक्सेस किया

इंटरनेट की दिग्गज कंपनी बाइटडांस के चीन स्थित कर्मचारियों ने बार-बार यूएस टिकटॉक यूजर्स के बारे में डेटा एक्सेस किया है। एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है। बजफीड न्यूज के अनुसार, 80 से अधिक आंतरिक टिकटॉक (बाइटडांस के स्वामित्व वाली) बैठकों से लीक हुए ऑडियो का हवाला देते हुए, चीन में इंजीनियरों की सितंबर 2021 और जनवरी 2022 के बीच अमेरिकी डेटा तक पहुंच थी।
ऑडियो फाइलों के अनुसार, “यूएस (टिकटॉक) के कर्मचारियों के पास डेटा को अपने दम पर एक्सेस करने की अनुमति या ज्ञान नहीं था।”
सितंबर 2021 की बैठक में टिकटॉक के ट्रस्ट और सुरक्षा विभाग के एक सदस्य ने कहा, “चीन में सब कुछ देखा जाता है।”
एक अन्य बैठक में, एक टिकटॉक निदेशक ने बीजिंग स्थित एक इंजीनियर को ‘मास्टर एडमिन’ के रूप में संदर्भित किया, जिसकी ‘हर चीज तक पहुंच है।’
ऑडियो टेप से पता चलता है कि कंपनी ने “कानून निर्माताओं, उसके यूजर्स और जनता को गुमराह किया है कि अमेरिका में संग्रहीत डेटा अभी भी चीन में कर्मचारियों द्वारा एक्सेस किया जा सकता है।”
टिकटॉक के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी का लक्ष्य अमेरिकी उपयोगकर्ता डेटा की सुरक्षा के बारे में किसी भी संदेह को दूर करना है।
शुक्रवार को प्रकाशित रिपोर्ट में प्रवक्ता के हवाले से कहा गया, “इसलिए हम उनके क्षेत्रों में विशेषज्ञों को नियुक्त करते हैं, अपने सुरक्षा मानकों को मान्य करने के लिए लगातार काम करते हैं और हमारे बचाव का परीक्षण करने के लिए सम्मानित, स्वतंत्र तीसरे पक्ष को लाते हैं।”
2020 में, तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने डेटा गोपनीयता और सुरक्षा चिंताओं पर टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी थी कि चीनी सरकार अमेरिकी यूजर्स की व्यक्तिगत जानकारी एकत्र करने के लिए बाइटडांस का उपयोग कर सकती है।
ट्रम्प ने एक कार्यकारी आदेश में लिखा, टिकटॉक के “डेटा संग्रह से चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को अमेरिकियों की व्यक्तिगत और मालिकाना जानकारी तक पहुंच की अनुमति देने का खतरा है।”
टिकटॉक ने शुक्रवार को कहा कि उसने अमेरिकी यूजर्स के डेटा को देश के भीतर ओरेकल सर्वर में स्थानांतरित कर दिया है।
भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए 2020 में कई अन्य चीनी स्वामित्व वाले ऐप के साथ-साथ शॉर्ट-वीडियो मेकिंग ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया था।
अंतरराष्ट्रीय
फिलिस्तीनी अथॉरिटी के प्रमुख ने ‘गाजा डील की प्रगति’ को बताया ‘रचनात्मक’

नई दिल्ली, 4 अक्टूबर : फिलिस्तीनी अथॉरिटी के प्रमुख महमूद अब्बास ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हमास की प्रतिक्रिया को सकारात्मक बताने वाली घोषणा का स्वागत किया है। अब्बास के अनुसार, यह प्रतिक्रिया बंधकों की रिहाई और रचनात्मक वार्ता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे मध्य पूर्व में स्थायी शांति की उम्मीद जगी है।
फिलीस्तीनी अथॉरिटी अध्यक्ष के कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, “हम इन बयानों का स्वागत करते हैं क्योंकि ये सभी बंधकों को रिहा करने और इस महत्वपूर्ण चरण में रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाने की इच्छा का संकेत देते हैं, जिसमें सभी को सर्वोच्च स्तर की राष्ट्रीय जिम्मेदारी निभाने की आवश्यकता है।” बयान में युद्ध समाप्त करने के लिए समझौते की दिशा में ट्रंप और अरब तथा मुस्लिम देशों को प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया गया है।
बयान में कहा गया है, “अब हमारे लिए जो महत्वपूर्ण है वह पूर्ण युद्धविराम के लिए तत्काल प्रतिबद्धता, सभी बंधकों और कैदियों की रिहाई, संयुक्त राष्ट्र संगठनों के माध्यम से मानवीय सहायता की तत्काल आपूर्ति, विस्थापन या विलय की रोकथाम सुनिश्चित करना और पुनर्निर्माण प्रक्रिया की शुरुआत है।”
इसमें इजरायल की नसीहत भी दी गई है। लिखा है, ” हम इन प्रयासों की सफलता सुनिश्चित करने के लिए संबंधित मध्यस्थों और साझेदारों के साथ काम करना जारी रखेंगे, जिससे एक स्थायी शांति स्थापित हो सके जो फिलिस्तीन पर इजरायली कब्जे को समाप्त किया जा सके।”
अपने बयान में पीए प्रमुख ने धार्मिक स्थलों पर हमले और विस्थापितों की समस्या का जिक्र करते हुए अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी को संबोधित करते हुए कहा, “अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इजरायल को उसके सभी एकतरफा कदमों को रोकने के लिए मजबूर करे जो अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करते हैं।”
अब्बास ने आगे कहा कि एक स्वतंत्र, संप्रभु फिलिस्तीनी राज्य, इजरायल के साथ, इस क्षेत्र में स्थिरता के लिए एक स्वाभाविक साझेदार है, और अब एक स्थायी शांति का समय आ गया है जो क्षेत्र के सभी लोगों के लिए सुरक्षा और न्याय की गारंटी दे।
व्यापार
आरबीआई की नई गाइडलाइंस कल से लागू, बैंकों को एक दिन में ही क्लियर करना होगा चेक

नई दिल्ली, 3 अक्टूबर: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की नई गाइडलाइंस के मुताबिक, 4 अक्टूबर से सभी बैंकों को एक दिन की अवधि में ही चेक क्लियर करना होगा। इससे चेक के जरिए भुगतान करना तीव्र और आसान हो जाएगा। मौजूदा समय में चेक को क्लियर होने में एक से दो दिन का समय लगता है।
एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक समेत कई बैंकों ने 4 अक्टूबर से एक ही दिन में चेक क्लियर होने की जानकारी अपने ग्राहकों को दी है।
नई व्यवस्था के तहत 4 अक्टूबर से जमा किए गए चेक उसी दिन कुछ ही घंटों में क्लियर हो जाएंगे। दोनों बैंकों ने ग्राहकों से चेक बाउंस होने से बचने के लिए पर्याप्त बैलेंस रखने और देरी या अस्वीकृति से बचने के लिए सभी चेक विवरण सही-सही भरने का आग्रह किया है।
आरबीआई की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया कि नए सिस्टम को दो चरणों में लागू किया जाएगा। पहला फेस 4 अक्टूबर, 2025 से 3 जनवरी, 2026 तक के लिए लागू होगा, जबकि दूसरा फेस 3 जनवरी के बाद से लागू होगा।
आरबीआई ने नए सिस्टम के काम करने के बारे में विस्तार के जानकारी देते हुए कहा कि इसमें एक सिंगल प्रेजेंटेशन सेशन होगा, जिसमें चेक को सुबह 10 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक पेश करना होगा।
इसके तहत चेक प्राप्त करने वाली बैंक को चेक को स्कैन करके क्लिरिंग हाउस को भेजना होगा। इसके बाद क्लिरिंग हाउस की उस चेक की इमेज को राशि अदा करने वाले बैंक के पास भेजेगा।
इसके बाद कॉन्फॉर्मेशन सेशन सुबह 10 बजे से लेक शाम के 7 बज तक होगा। इसमें राशि अदा करने वाले बैंक को उस चेक पर सकारात्मक या नकारात्मक कॉन्फॉर्मेशन देनी होगी।
यहां बड़ी बात यह है कि हर चेक का एक ‘आइटम एक्सपायरी टाइम’ होगा, जिस समय तक कॉन्फॉर्मेशन देनी आवश्यक है।
साथ ही, बैंकों ने ग्राहकों से सुरक्षा बढ़ाने के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम का उपयोग करने का भी आग्रह किया गया है, जिसके तहत सत्यापन के लिए चेक का मुख्य विवरण पहले से जमा करना अनिवार्य है। खाताधारकों को 50,000 रुपए से अधिक के चेक जमा करने से कम से कम 24 कार्य घंटे पहले बैंक को खाता संख्या, चेक संख्या, तिथि, राशि और लाभार्थी का नाम बताना होगा।
चेक प्रस्तुत करते समय बैंक इन विवरणों की पुष्टि करेंगे। यदि जानकारी मेल खाती है, तो चेक क्लियर कर दिया जाएगा, अन्यथा, अनुरोध अस्वीकार कर दिया जाएगा और चेक जारीकर्ता को विवरण दोबारा जमा करना होगा।
अंतरराष्ट्रीय
फिलीपींस में भूकंप की घटना पर पीएम मोदी ने जताया दुख, अब तक 69 लोगों की मौत

मनीला, 1 अक्टूबर : फिलीपींस में 6.9 की तीव्रता से आए भूकंप के बाद का भयावह मंजर सामने आया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर दुख जताया है। वहीं नागरिक सुरक्षा कार्यालय (ओसीडी) ने बताया कि भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 69 हो गई।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताते हुए ‘एक्स’ पर लिखा, “फिलीपींस में आए भूकंप से हुई जान-माल की हानि और व्यापक क्षति के बारे में जानकर मुझे गहरा दुख हुआ। मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। इस कठिन समय में भारत फिलीपींस के साथ एकजुटता से खड़ा है।”
ओसीडी के उप-प्रशासक और सहायक सचिव बर्नार्डो राफेलिटो एलेजांद्रो ने ब्रीफिंग में बताया कि भूकंप के केंद्र बोगो शहर में 30 लोगों की मौत हो गई, मेडेलिन शहर में 10, सैन रेमिगियो शहर में 22, तबोगोन शहर में पांच और सोगोड और तबुएलन नगर पालिकाओं में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई।
उन्होंने कहा कि पीड़ितों की मौत घरों और इमारतों की ढही हुई दीवारों के नीचे दबने से हुई। राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं प्रबंधन परिषद (एनडीआरआरएमसी) ने शुरुआत में बताया कि कम से कम 147 लोग घायल हुए हैं।
शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के अनुसार, सहायक सचिव ने घायलों और लापता लोगों के बारे में नए आंकड़े जारी नहीं किए हैं, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
फिलीपींस ज्वालामुखी एवं भूकंप विज्ञान संस्थान ने शुरुआत में बताया था कि मंगलवार रात स्थानीय समयानुसार 9:59 बजे सेबू प्रांत में 6.7 तीव्रता का भूकंप आया। हालांकि, बाद में फिर तीव्रता को संशोधित कर 6.9 कर दिया गया। भूकंप का केंद्र बोगो शहर से लगभग 19 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में, 5 किलोमीटर की गहराई में था।
बता दें कि मध्य फिलीपींस के कई पड़ोसी प्रांतों के साथ-साथ दक्षिणी फिलीपींस के कुछ क्षेत्रों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। फिलीपींस ज्वालामुखी एवं भूकंप विज्ञान संस्थान की ओर से साझा जानकारी के अनुसार मंगलवार रात से 600 से ज्यादा झटके दर्ज किए गए।
बता दें कि फिलीपींस प्रशांत महासागर के “रिंग ऑफ फायर” क्षेत्र में स्थित है, जो भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधि के लिए एक्टिव माना जाता है।
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