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Monday,22-December-2025
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मुख्यमंत्री का अखिलेश पर पलटवार, बोले, ‘भाजपा सरकार में लड़के हैं गलती कर देते हैं वाली सोच नहीं’

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 यूपी विधान सभा में मंगलवार को कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार और विपक्ष में तीखी नोंक झोंक हुई। नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के आरोपों का सिलसिलेवार जवाब देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भाजपा सरकार अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करती है। भाजपा की सरकार में ये नहीं कहा जाता कि लड़के हैं गलती कर देते हैं। यूपी में 18वीं विधानसभा के प्रथम सत्र के दूसरे दिन विधानमंडल में राजनीति दलों के नेताओं ने राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा की। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों को लेकर सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने चंदौली, प्रयागराज और ललितपुर की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि यूपी में महिलाओं के खिलाफ सर्वाधिक अपराध हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री योगी ने नेता प्रतिपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि सरकार अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टालरेंस के तहत कार्रवाई हो रही है। चुस्त दुरूस्त कानून व्यवस्था के मसले पर देश में यूपी आज नंबर वन है इसीलिए जनता ने हमें दूसरी बार मौका दिया है। सरकार अपराधियों के खिलाफ अभियान जारी रखेगी, हत्या, लूट, दुष्कर्म जैसी घटनाओं में कमी आई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव के दौरान और उसके बाद भी कुछ लोगों ने शाति व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश की थी लेकिन उसे नाकाम किया गया। उन्होंने बिना किसी दल या नेता का नाम लिए कहा कि कुछ लोगों की अच्छे ढंग से गर्मी शांत हो रही है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है पिछले पांच साल से यूपी में कही दंगा नही हुआ, कोई कर्फ्यू नहीं लगा, कानून व्यवस्था के मामले में यूपी एक नजीर बना, एक लाख से ज्यादा लाउस्पीकर उतरवाए गए, सड़कों पर अलविदा की नमाज नहीं होने दी गई और सारे धर्मो के पर्व शांति पूर्वक संपन्न कराए गए। यही नहीं अपराधियों माफियाओं की कमर तोड़ने की गरज से दो हजार करोड़ की संपत्ति जब्त की गई। इस मौके पर उन्होंने आजमगढ़ में जहरीली शराब से हुई मौतों का उल्लेख करते हुए कहा कि इस घटना का मुख्य आरोपी समाजवादी पार्टी से संबंध था।

उन्होंने कहा कि इसी तरह की कई घटनाओं में एक दल विशेष के लोगों की संलप्तिता पाई गई। उन्होंने इस मौके पर यह भी कहा कि कानून व्यवस्था की दुहाई देने वाले दल यह न भूले कि उनके नेता ने कहा था कि लड़के हैं लड़कों से गलती हो जाती है। इससे पूर्व कार्य स्थगन के प्रस्ताव के पर नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था का उल्लेख करते हुए कहा कि जीरों टालरेंस की बात करने वाली सरकार में जितनी आपराधिक घटनाएं हो रही हैं वह सरकार के दावे को खोखला साबित करने के लिए काफी है।

कहा कि सदन में राज्यपाल के अभिभाषण करने से एक दिन पूर्व ही 19 साल की एक लड़की के साथ दुष्कर्म जैसी घटना हुईं, महिला अपराधों में इस समय यूपी नंबर वन है गंभीर घटनाओं में भी सरकार संवेदनशील नहीं है। कानून-व्यवस्था की दुहाई देने वाली सरकार में दो दिन पूर्व रामपुर के एक थाने में बीजेपी कार्यकर्ता की पिटाई कर दी गई।

अपने भाषण के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस वक्तव्य का भी उल्लेख किया। जिसमें उन्होंने कहा था कि कार्यकर्ता दलाली बंद कर दें अधिकारियों को मैं सुधार दूंगा, नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री की इस स्वीकारोक्ति से स्पष्ट है कि पिछले पांच साल से यूपी में दलाली चल रही थी, नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पुलिस प्रशासन को खुली छूट दे दी गई है जो दबिश के नाम पर दबंगई दिखा रही है। कार्य स्थगन के जरिए ही सुभासपा विधान मंडल दल के नेता ओम प्रकाश राजभर ने गाजीपुर में अपने उपर हुए हमले का मामला उठाते हुए कहा कि वहां का पुलिस और जिला प्रशासन अपराधियों के साथ खड़ा है, पीड़ित होने के बावजूद पुलिस ने मेरे खिलाफ ही केस दर्ज कर लिया है इसपर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि महानिरीक्षक कानून व्यवस्था की रिपोर्ट के अनुसार उल्लिखित मामले में जांच चल रही है इस पर ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि उन्हें पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं है इसलिए इसकी जांच किसी दूसरी एजेंसी से कराई जाए। उनकी इस मांग को सरकार ने खारिज कर दिया। विधान सभा में आज बजट सत्र की समयअवधि कम किए जाने का मामला सपा सदस्य मनोज पांडे व लालजी वर्मा ने उठाते हुए कहा कि बजट सत्र के दिन कम करके लोगों को अपनी बात रखने से वंचित कर रही है। इस पर संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि बजट सत्र की अवधि कम किए जाने का मुद्दा उठाने वाले दलांे को याद रखना चाहिए कि उन्होंने अपनी सरकारों में कितने दिन बजट सत्र चलाया था।

संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि अभी तक कार्य मंत्रणा समिति की बैठक के अनुसार आगामी 28 जून तक सदन की कार्यवाही चलने का कार्यक्रम निर्धािरत है लिहाजा विपक्ष के सदस्यों का अभी से बजट सत्र कम किए जाने की शंका निर्मूल है।

महाराष्ट्र

मुंबई: बच्चा चोरी के शक में रिक्शा ड्राइवर की पिटाई। पुलिस का दावा है कि बुर्का पहने रिक्शा ड्राइवर ने किराया वसूलने के लिए ऐसा किया।

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मुंबई : विक्रोली पार्क साइट पर बच्चा चोरी की अफवाह के बाद अफरा-तफरी मच गई और एक ऑटो रिक्शा ड्राइवर पर भीड़ ने हमला कर दिया, जब वह बुर्का पहनकर विक्रोली मदीना मस्जिद की गली में अपना किराया लेने गया था। इस दौरान लोगों को शक हुआ कि बच्चा चोरी करने आया है, जिसके बाद भीड़ ने उसकी पिटाई कर दी, लेकिन पुलिस मौके पर पहुंची और फिर उसे अपनी कस्टडी में ले लिया।

पूछताछ में पता चला कि बच्चा बुर्का पहनकर चोरी करने नहीं बल्कि किराया लेने आया था। उसने बुर्का इसलिए पहनाया था ताकि कोई उसे पहचान न सके और वह आसानी से अपना किराया लेकर वापस जा सके, लेकिन बदकिस्मती से लोगों ने उसे पकड़ लिया और पुलिस ने उसे भीड़ के कब्जे से निकालकर सुरक्षित पुलिस स्टेशन पहुंचा दिया। उसके बाद पुलिस ने कन्फर्म किया कि बच्चा चोरी करने नहीं आया था। इस मामले में आगे की जांच चल रही है।

पुलिस ने कहा कि जांच के साथ-साथ यह भी पता लगाया जा रहा है कि वह सच में किराया लेने आया था या नहीं। वह चोर है। शुरुआती जांच में पता चला है कि बच्चा चोर नहीं है। पुलिस ने कन्फर्म किया है कि रिक्शा ड्राइवर चोर नहीं है।
mumbee, mumbee, vikrolee paark s

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राजनीति

‘वंदे मातरम’ केवल गीत नहीं, राष्ट्र की चेतना और साहस का मंत्र है : सीएम योगी

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लखनऊ, 22 दिसंबर : राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में सोमवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा में विशेष चर्चा सत्र का आयोजन किया गया। इस चर्चा सत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ‘वंदे मातरम’ केवल एक गीत नहीं है, बल्कि यह भारत के स्वतंत्रता संग्राम की चेतना, क्रांतिकारियों के साहस और राष्ट्र के आत्मसम्मान का मंत्र है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में संभवतः उत्तर प्रदेश पहली विधानसभा है, जहां इस ऐतिहासिक विषय पर विस्तार से चर्चा हो रही है।

मुख्यमंत्री योगी के अनुसार, यह चर्चा किसी गीत की वर्षगांठ भर नहीं है, बल्कि भारत माता के प्रति राष्ट्रीय कर्तव्यों की पुनर्स्थापना का अवसर है। ‘वंदे मातरम’ का सम्मान केवल एक अभिव्यक्ति नहीं, बल्कि यह हमारे संवैधानिक मूल्यों और राष्ट्रीय दायित्वों का बोध कराता है। यह राष्ट्र की आत्मा, संघर्ष और संकल्प का प्रतीक है। यह केवल काव्य नहीं था, बल्कि मातृभूमि की आराधना, सांस्कृतिक चेतना और राष्ट्रवाद की अभिव्यक्ति का माध्यम है।

सीएम योगी ने कहा कि जब ‘वंदे मातरम’ अपनी रजत जयंती मना रहा था, तब देश ब्रिटिश हुकूमत के अधीन था। 1857 के प्रथम स्वातंत्र्य समर की विफलता के बाद अंग्रेजी शासन दमन और अत्याचार की पराकाष्ठा पर था। काले कानूनों के माध्यम से जनता की आवाज को दबाया जा रहा था, यातनाएं दी जा रही थीं, लेकिन ‘वंदे मातरम’ ने देश की सुप्त चेतना को जीवित रखा। जब देश इसकी रजत और स्वर्ण जयंती मना रहा था, तब भी ब्रिटिश शासन कायम था। उस समय स्वतंत्रता की चेतना को आगे बढ़ाने का मंच कांग्रेस के अधिवेशन रहे, जहां वर्ष 1896 में रवीन्द्रनाथ टैगोर ने पहली बार इसे स्वर दिया। यह पूरे देश के लिए एक मंत्र बन गया।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जब ‘वंदे मातरम’ की शताब्दी आई, तब वही कांग्रेस सत्ता में थी, जिसने कभी देश की आत्मा जगाने वाले इस गीत को अपने मंच पर स्थान दिया था, मगर उसने देश पर आपातकाल थोपकर संविधान का गला घोंटने का कार्य किया। यह इतिहास का एक ऐसा कालखंड था, जिसे भुलाया नहीं जा सकता। आज जब ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूरे हो रहे हैं, तब भारत प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आत्मविश्वास के साथ ‘विकसित भारत’ की ओर बढ़ रहा है। राष्ट्रगीत के अमर रचयिता बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय का जो सपना था, उसे नया भारत साकार करने की दिशा में आगे बढ़ चुका है। इसी कारण यह चर्चा सदन में अत्यंत सामयिक है।

मुख्यमंत्री ने वर्ष 1857 के प्रथम स्वातंत्र्य समर का उल्लेख करते हुए कहा कि बैरकपुर में मंगल पांडेय, गोरखपुर में शहीद बंधु सिंह, मेरठ में धन सिंह कोतवाल और झांसी में रानी लक्ष्मीबाई के नेतृत्व में देशभर में स्वतंत्रता के लिए संघर्ष हुआ। स्वातंत्र्य समर की विफलता के बाद उपजी हताशा के दौर में ‘वंदे मातरम’ ने देश की सोई हुई आत्मा को जगाने का काम किया। उस समय डिप्टी कलेक्टर के रूप में ब्रिटिश शासन में कार्यरत बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने आम जनमानस की भावनाओं को ‘वंदे मातरम’ के माध्यम से स्वर दिया।

उन्होंने कहा कि ‘वंदे मातरम’ औपनिवेशिक मानसिकता के प्रतिकार का प्रतीक बना। भारत माता केवल भूभाग नहीं थी, बल्कि हर भारतीय की भावना थी। स्वाधीनता राजनीति नहीं, बल्कि साधना थी। ‘सुजलाम, सुफलाम् मलयज-शीतलाम् शस्यश्यामलाम् मातरम्’ की पंक्तियों ने भारतीय मानस में चेतना का संचार किया और भारत की प्रकृति, समृद्धि, सौंदर्य और शक्ति को एक साथ मूर्त रूप दिया।

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महाराष्ट्र

मुंबई नगर निगम प्रशासन और चुनाव प्रक्रिया को निडर, स्वतंत्र और पारदर्शी माहौल में चलाने के लिए प्रतिबद्ध है: भूषण गगरानी

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मुंबई : म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन एडमिनिस्ट्रेशन और इलेक्शन सिस्टम मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन आम चुनाव 2025-26 के लिए चुनाव प्रक्रिया को पूरी तरह से बिना डरे, आज़ाद, ट्रांसपेरेंट और डिसिप्लिन्ड माहौल में कराने के लिए कमिटेड है। इस बारे में, मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन एडमिनिस्ट्रेशन ने पूरी और बड़ी तैयारी कर ली है और सभी ज़रूरी कदम असरदार तरीके से लागू किए जा रहे हैं। चुनाव प्रक्रिया में पॉलिटिकल पार्टियों का रोल बहुत ज़रूरी है। डेमोक्रेटिक वैल्यू को बढ़ावा देने और चुनाव प्रक्रिया को फेयर, ट्रांसपेरेंट और भरोसेमंद बनाने के लिए, सभी पॉलिटिकल पार्टियों, उनके ऑफिस बेयरर्स और वर्कर्स को स्टेट इलेक्शन कमीशन द्वारा बनाए गए कोड ऑफ़ कंडक्ट का सख्ती से पालन करना चाहिए और म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन एडमिनिस्ट्रेशन का सहयोग करना चाहिए। चुनाव प्रक्रिया में एक पॉजिटिव और मिसाल कायम होनी चाहिए, यह अपील म्युनिसिपल कमिश्नर और डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन ऑफिसर भूषण गगरानी ने की। मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के आम चुनाव 2025-26 के सिलसिले में आज म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन हेडक्वार्टर में पॉलिटिकल पार्टियों के प्रतिनिधियों के साथ एक मीटिंग हुई। इस मौके पर गगरानी ने चुनाव के अलग-अलग एडमिनिस्ट्रेटिव, टेक्निकल और लीगल पहलुओं के बारे में डिटेल में जानकारी दी।

मीटिंग में एडिशनल म्युनिसिपल कमिश्नर (सिटी) डॉ. अश्विनी जोशी, स्पेशल ड्यूटी ऑफिसर (इलेक्शन) विजय बालमवार, जॉइंट कमिश्नर (टैक्स असेसमेंट एंड कलेक्शन) विश्वास शंकरवार, असिस्टेंट कमिश्नर (टैक्सेशन एंड कलेक्शन) गजानन बेले, UP इलेक्शन ऑफिसर विजय कुमार सूर्यवंशी और दूसरे ऑफिस बेयरर्स और अलग-अलग पॉलिटिकल पार्टियों के प्रतिनिधि मौजूद थे। पॉलिटिकल पार्टियों को चुनाव को आसानी से कराने के लिए 23 इलेक्शन डिसीजन ऑफिसर्स के ऑफिस और उनके काम के दायरे के बारे में डिटेल में जानकारी दी गई। इसके साथ ही, नॉमिनेशन पेपर फाइल करने के प्रोसेस, एप्लीकेशन की स्क्रूटनी, ऑब्जेक्शन दर्ज करने और चुनाव प्रोसेस में रोज़ाना के काम के लिए इन ऑफिस से कैसे कॉन्टैक्ट करें, इस बारे में भी गाइडेंस दी गई। म्युनिसिपल कमिश्नर श्री ने कहा कि इलेक्शन डिसीजन ऑफिसर के लेवल पर सभी ज़रूरी इंतज़ाम पूरे कर लिए गए हैं ताकि कैंडिडेट्स को कोई टेक्निकल दिक्कत न हो।

मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के आम चुनाव 2025-26 के सिलसिले में आज म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन हेडक्वार्टर में पॉलिटिकल पार्टियों के प्रतिनिधियों के साथ एक मीटिंग हुई। इस मौके पर गगरानी ने चुनाव के अलग-अलग एडमिनिस्ट्रेटिव, टेक्निकल और लीगल पहलुओं के बारे में डिटेल में जानकारी दी।

अतिरिक्त म्युनिसिपल कमिश्नर (सिटी) डॉ. अश्विनी जोशी, स्पेशल ड्यूटी ऑफिसर (इलेक्शन) विजय बालमवार, जॉइंट कमिश्नर (टैक्स असेसमेंट एंड कलेक्शन) विश्वास शंकरवार, असिस्टेंट कमिश्नर (टैक्सेशन एंड कलेक्शन) गजानन बेले, UP इलेक्शन ऑफिसर विजय कुमार सूर्यवंशी और दूसरे पदाधिकारी और अलग-अलग पॉलिटिकल पार्टियों के प्रतिनिधि मौजूद थे।

इलेक्शन को आसानी से कराने के लिए पॉलिटिकल पार्टियों को 23 इलेक्शन डिसीजन ऑफिसर्स के ऑफिस और उनके काम के दायरे के बारे में डिटेल एडिशनल म्युनिसिपल कमिश्नर (सिटी) डॉ. अश्विनी जोशी ने कहा कि चुनाव के लिए नॉमिनेशन पेपर (कैंडिडेट एप्लीकेशन) फाइल करते समय कैंडिडेट कोई गलती न करें, इसके लिए सभी गाइडलाइंस दी गई हैं। संबंधित व्यक्ति सभी जानकारी तय फॉर्मेट में जमा करें। कैंडिडेट इस बात का खास ध्यान रखें कि कोई भी एप्लीकेशन टेक्निकल दिक्कतों की वजह से रिजेक्ट न हो। कैंडिडेट के लिए यह ज़रूरी है कि वे अपनी एप्लीकेशन के साथ जमा किए जाने वाले एफिडेविट में सभी जानकारी सही और साफ-साफ भरें। उन्होंने कहा कि अगर एफिडेविट में कोई कॉलम खाली छोड़ा जाता है या गलत जानकारी पाई जाती है, तो कैंडिडेट का नॉमिनेशन, बाकी सभी मामलों के साथ, कैंडिडेट का नॉमिनेशन कैंसिल किया जा सकता है।
जॉइंट कमिश्नर (टैक्स असेसमेंट एंड कलेक्शन) विश्वास शंकरवार ने कहा कि एडमिनिस्ट्रेशन का मुख्य मकसद डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए वोटिंग परसेंटेज बढ़ाना है। इसके लिए पॉलिटिकल पार्टियों को वोटर्स में अवेयरनेस पैदा करनी चाहिए। म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन की ओर से ‘SVEEP’ प्रोग्राम के तहत वोटर्स में पब्लिक अवेयरनेस पैदा की जा रही है। साथ ही, चुनाव खर्च के बारे में सम्मानित स्टेट इलेक्शन कमीशन की गाइडलाइंस का पालन करना भी ज़रूरी है। कैंडिडेट को चुनाव कैंपेन के दौरान हुए हर खर्च का रिकॉर्ड रखना चाहिए और तय समय के अंदर चुनाव खर्च का हिसाब जमा करना चाहिए। राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों द्वारा जाति वेरिफिकेशन सर्टिफिकेट, टॉयलेट इस्तेमाल का सर्टिफिकेट, अपेंडिक्स 1 और अपेंडिक्स 2, चुनाव उम्मीदवारों के प्रतिनिधियों की नियुक्ति समेत अलग-अलग मुद्दों पर उठाए गए कई शक दूर किए गए।

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