पर्यावरण
मौसम का बदला मिजाज, हल्की बारिश के बाद तेज तूफान और बारिश की संभावना
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नोएडा, 26 फरवरी। दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में आज सुबह से ही मौसम का मिजाज बदला हुआ दिखाई दे रहा है। आसमान पर बादल छाए हुए हैं और अधिकतम पारे में भी गिरावट दर्ज की गई है।
मौसम विभाग के मुताबिक आज हल्की बारिश के बाद 27 और 28 फरवरी को तेज तूफान के साथ तेज बारिश का सामना भी लोगों को करना पड़ सकता है, जिसके चलते अधिकतम पारे में गिरावट दर्ज की जाएगी। मौसम विभाग की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों में यह दर्शाया गया है कि लगातार बढ़ते अधिकतम तापमान में इस दौरान गिरावट दर्ज की जाएगी और दिन में हो रही इस गर्मी से भी लोग राहत महसूस करेंगे।
मौसम विभाग की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक 26 फरवरी के दिन अधिकतम तापमान 29 डिग्री और न्यूनतम तापमान 15 डिग्री दर्ज किया गया है और इस दिन आसमान पर बादल छाए रहेंगे, हल्की बारिश भी होगी।
वहीं दूसरी ओर मौसम विभाग ने यह चेतावनी जारी की है कि 27 फरवरी को तेज हवाओं के साथ तेज बारिश का सामना भी एनसीआर के लोगों को करना पड़ सकता है और इस दिन अधिकतम तापमान 26 डिग्री और न्यूनतम तापमान 17 डिग्री रहने की संभावना जताई गई है। इसके बाद 28 फरवरी को भी मौसम ऐसे ही बना रहेगा और इस दिन अधिकतम तापमान 24 डिग्री और न्यूनतम तापमान 17 डिग्री रहने की संभावना जताई गई है।
मौसम विभाग के मुताबिक इसके बाद लगातार तीन दिनों तक न्यूनतम पारे में गिरावट दर्ज की जाएगी। 1 मार्च की बात करें तो उस दिन भी आसमान में बादल छाए रहेंगे और अधिकतम तापमान 27 डिग्री और न्यूनतम तापमान 16 डिग्री रहने की संभावना है। जबकि 2 मार्च को अधिकतम 27 डिग्री और न्यूनतम तापमान 14 डिग्री तक पहुंचने की संभावना जताई गई है, जिसके चलते सुबह और शाम लोगों को हल्की ठंड का सामना करना पड़ेगा।
इसके अलावा 3 मार्च को अधिकतम तापमान बढ़ेगा लेकिन न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी। मौसम विभाग के मुताबिक अधिकतम तापमान 28 डिग्री और न्यूनतम तापमान 13 डिग्री पहुंचने की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग के आंकड़ों से यह साफ हो गया है कि एक बार फिर मौसम में करवट ली है और बदलते मौसम का असर लोगों के जीवन में देखने को मिलेगा। दिन में तेज गर्मी और सुबह-शाम के वक्त ठंडी हवाओं के चलने से लोगों की दिक्कतें भी बढ़ सकती हैं।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
भारी बर्फबारी के कारण तुर्की के 18 प्रांतों में 2,173 सड़कें अवरुद्ध, जनजीवन अस्त-व्यस्त
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अंकारा, 24 फरवरी। भारी बर्फबारी और बर्फीले तूफानों ने तुर्की के 18 प्रांतों में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 2,173 सड़कें बंद हो गई हैं।
पूर्वी वान प्रांत के महानगरीय क्षेत्र में 19 इलाकों और 35 छोटे गांवों का संपर्क टूट गया है। मीडिया के अनुसार, एरसिस जिले में बर्फ की मोटाई 40 सेंटीमीटर तक पहुंच गई है, जहां सड़कें साफ करने का काम जारी है।
पूर्वी मुस प्रांत में प्रशासन बर्फबारी से लोगों को होने वाली परेशानी कम करने के लिए लगातार काम कर रहा है, लेकिन अब भी 46 गांवों की सड़कें बंद हैं।
दक्षिण पूर्वी बिटलिस प्रांत में भी हालात गंभीर हैं। यहां 50 गांवों की सड़कें पूरी तरह से अवरुद्ध हो गई हैं।
पूर्वी हक्कारी में शुक्रवार को भारी बर्फबारी के कारण 34 बस्तियों का संपर्क कट गया था, जिनमें से 32 को फिर से जोड़ दिया गया है। हालांकि, शेमदीनली ज़िले के एलन गांव और युकसेकोवा ज़िले के अक्टोपरेक छोटे गांव में हिमस्खलन के खतरे के कारण रास्ते खोलने का काम नहीं हो सका है।
काला सागर क्षेत्र में ऊंचाई वाले गांवों में बर्फबारी का अधिक असर पड़ा है। कस्तामोनु में पहाड़ी इलाकों में यातायात प्रभावित हुआ है, जबकि सीनोप में 282 गांवों की सड़कें बर्फ से ढक गई हैं। सीनोप प्रांतीय प्रशासन ने चेतावनी दी है कि सोमवार दोपहर तक बर्फबारी और ठंड के हालात बने रह सकते हैं।
ट्राब्ज़ोन में सुबह से बर्फ गिर रही है, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ है। तेज हवाओं के कारण काला सागर में ऊंची लहरें उठ रही हैं, जिससे मछली पकड़ने वाली नौकाएं बंदरगाहों पर खड़ी रहने को मजबूर हैं। इसी तरह, रिजे में भी 81 गांवों की सड़कें बंद हो गई हैं और प्रशासन उन्हें साफ करने के प्रयास में जुटा है।
पूर्वी एरज़ुरुम प्रांत में तेज बर्फबारी और हवाओं के कारण आठ इलाकों की सड़कें बंद हो गई हैं, जबकि अर्दहान में चार गांवों का संपर्क अभी भी टूटा हुआ है।
प्रशासन ने सभी प्रभावित इलाकों के लोगों से सतर्क रहने और जब तक सड़कें पूरी तरह साफ नहीं हो जाती, तब तक जरूरी होने पर ही यात्रा करने की सलाह दी है।
पर्यावरण
दिल्ली-एनसीआर में हल्की बारिश से तापमान में गिरावट, एक्यूआई में हुआ सुधार
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नई दिल्ली, 4 फरवरी। दिल्ली-एनसीआर में मंगलवार सुबह हल्की बारिश हुई। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने पूरे दिन बारिश जारी रहने की संभावना जताई है।
दिल्ली-एनसीआर में हुई हल्की बारिश से एक्यूआई में सुधार होने से प्रदूषण से राहत मिली है।
आईएमडी ने अनुमान लगाया है कि 5 फरवरी तक बारिश कम हो जाएगी। लेकिन, दिल्ली में कोहरे का स्तर बढ़ने की उम्मीद है। कुछ अलग-अलग इलाकों में घना कोहरा अभी भी बना हुआ है, वहीं मौसम विभाग ने मंगलवार को आंधी-तूफान की संभावना भी जताई है।
शहर में न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जिसे आईएमडी ने फरवरी के लिए सामान्य से अधिक बताया है, जबकि अधिकतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की उम्मीद है।
बारिश की वजह से दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में कुछ सुधार हुआ है, हालांकि प्रदूषण का स्तर ‘खराब’ श्रेणी में अभी भी बना हुआ है। मंगलवार सुबह 7 बजे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, चांदनी चौक में वायु गुणवत्ता सूचकांक 265, आईटीओ पर 232, लोधी रोड पर 132 और श्री अरबिंदो मार्ग पर 228 रहा।
आगे बारिश जारी रहती है तो एक्यूआई में और सुधार होने की उम्मीद है।
हरियाणा के गुरुग्राम में वायु गुणवत्ता सूचकांक 302 रहा जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है, जबकि फरीदाबाद में यह 217 रहा जो ‘खराब’ श्रेणी में है।
पिछले सप्ताह, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने एक्यूआई के 350 अंक से अधिक हो जाने के बाद ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के चरण 3 के उपायों को लागू किया था, जिससे शहर में प्रदूषण नियंत्रण के लिए कड़े उपाय किए गए थे।
मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो दिनों में उत्तर पश्चिम भारत में न्यूनतम तापमान में अस्थायी वृद्धि की भविष्यवाणी की है। इसके बाद, अगले तीन दिनों में तापमान में धीरे-धीरे 2-3 डिग्री की गिरावट आ सकती है।
मौसम की स्थिति गतिशील रहने की संभावना है, क्योंकि 8 फरवरी से एक और पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत को प्रभावित करेगा, जिससे तापमान और वायुमंडलीय स्थितियों में नए उतार-चढ़ाव आएंगे।
दिल्ली के अलावा, आईएमडी ने 5 फरवरी तक पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र और उत्तर-पश्चिम भारत के कई हिस्सों में भी बारिश का अनुमान जताया है।
आपदा
मणिपुर के सीएम एन. बीरेन सिंह ने पर्यावरण क्षरण पर जताई चिंता
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इंफाल, 3 फरवरी। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने रविवार को बड़े पैमाने पर वनों की कटाई के कारण पर्यावरण के क्षरण और जल स्रोतों के विलुप्त होने पर चिंता जताई।
भूजल को पानी के स्रोत के रूप में उपयोग करने की आवश्यकता पर बल देते हुए मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने बताया कि लघु सिंचाई विभाग के अंतर्गत 500 से अधिक ग्राउंड ड्रिलिंग पंप स्थापित किए गए हैं।
कांचीपुर के लीशांग हिडेन में विश्व वेटलैंड दिवस 2025 के अवसर पर आयोजित एक समारोह में बोलते हुए उन्होंने जल निकायों को पुनर्जीवित करने के लिए राज्य सरकार की पहल पर प्रकाश डाला।
उन्होंने बताया कि यारल-पैट का जीर्णोद्धार किया जा चुका है। लाम्फेलपैट वॉटरबॉडी परियोजना का कायाकल्प लगभग 650 करोड़ रुपये की परियोजना लागत के साथ किया गया था।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इंफाल नदी और कोंगबा नदी सहित विभिन्न नदियों के सौंदर्यीकरण का कार्य 86 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा।
मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने कहा कि वे स्वयं भी पर्यावरण के प्रति काफी चिंतित हैं तथा उन्होंने कुछ वर्ष पहले नम्बुल नदी की खस्ताहाल स्थिति को भी याद किया।
सीएम बीरेन सिंह ने कहा कि नदी की सफाई की प्रक्रिया 2004 में तब शुरू हुई थी, जब वह वन एवं पर्यावरण मंत्री (कांग्रेस सरकार में) थे।
उन्होंने कहा कि 2017 में मणिपुर का मुख्यमंत्री बनने के बाद, नम्बुल नदी के पुनरुद्धार और संरक्षण का काम जारी रहा। नम्बुल नदी के किनारे के घरेलू कचरे को पाइपलाइनों के माध्यम से लाया जाता है और मोंगसांगेई में जल उपचार संयंत्र में उपचार किया जा रहा है।
मणिपुर सरकार की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बड़े पैमाने पर अफीम की खेती के कारण वनों की कटाई से पारिस्थितिकी तंत्र पर कई प्रतिकूल प्रभाव पड़े हैं, जिनमें मिट्टी का कटाव, जैव विविधता की हानि और स्थानीय जलवायु में परिवर्तन शामिल हैं।
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