राजनीति
नागालैंड में उभरते हालात पर पैनी नजर रखे हुए है केंद्र : शाह

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि केंद्र नागालैंड में उभरती स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है और व्यापक हिंसा के बाद मोन जिले में शांति सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं। सेना की एक ‘गलत’ छापेमारी में 14 नागरिक और एक सैनिक मारा गया। राज्य के अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्रों में एहतियाती उपायों के रूप में निषेधाज्ञा लागू कर दी है। शाह ने इस घटना पर राज्यसभा को बताया कि घटना के संबंध में तिजित पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है और मामले की जटिलता को देखते हुए इसे राज्य अपराध पुलिस स्टेशन (एससीपीएस) को भेज दिया गया है। विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन कर एक माह के भीतर जांच पूरी करने का निर्देश दिया गया है।
उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर स्थिति अभी भी गंभीर, लेकिन नियंत्रण में है। घटना की जानकारी मिलने पर उन्होंने तुरंत राज्यपाल और मुख्यमंत्री से संपर्क किया।
गृह मंत्रालय ने नागालैंड के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से भी संपर्क किया और कल (रविवार) दिनभर स्थिति की निगरानी की थी। गृह मंत्रालय ने अतिरिक्त सचिव और पूर्वोत्तर के प्रभारी को कोहिमा में प्रतिनियुक्त किया। उन्होंने आज (सोमवार) सुबह मुख्य सचिव और नागालैंड राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और अर्धसैनिक बलों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।
स्थिति की विस्तार से समीक्षा की गई, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जल्द से जल्द सामान्य स्थिति बहाल हो। उन्होंने कहा कि यह निर्णय लिया गया कि सभी एजेंसियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में विद्रोहियों के खिलाफ अभियान चलाते समय ऐसी कोई दुर्भाग्यपूर्ण घटना न हो।
मंत्री ने अपने बयान में यह भी कहा, “भारत सरकार नागालैंड में हुई इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए गंभीर रूप से खेद व्यक्त करती है और अपनी जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करती है।”
शाह ने 4 दिसंबर को हुई घटना के बारे में कहा कि भारतीय सेना को मोन जिले के तिजित इलाके के तिरु गांव के पास विद्रोहियों की आवाजाही के बारे में मिली जानकारी के आधार पर 21 पैरा-कमांडो की एक टीम ने शाम को घात लगाकर हमला किया।
गृहमंत्री ने कहा कि घात लगाने के दौरान एक वाहन उस स्थान के पास पहुंचा। उसे रुकने का इशारा किया गया। हालांकि, चालक ने वाहन को भागने की कोशिश की, जिसके बाद विद्रोहियों को ले जाने के संदेह में वाहन पर गोलियां चलाई गईं, जिससे वाहन में सवार आठ लोगों में से छह की मौत हो गई। हालांकि, यह गलत पहचान का मामला निकला।
उन्होंने कहा कि घायल हुए दो लोगों को सेना के जवानों ने चिकित्सा सुविधाओं तक पहुंचाया।
गोलीबारी की घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों ने सेना की टीम को घेर लिया, दो वाहनों को जला दिया और उन पर हमला किया, जिसमें एक सुरक्षा बल के जवान की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।
शाह ने कहा, “भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों ने गोलियां चलाईं, जिसमें सात नागरिक मारे गए और कुछ अन्य घायल हो गए। स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने स्थिति को शांत करने की कोशिश की। फिलहाल स्थिति तनावपूर्ण, लेकिन नियंत्रण में है।”
नागालैंड के पुलिस महानिदेशक और आयुक्त, नागालैंड ने 5 दिसंबर, 2021 को घटनास्थल का दौरा किया और जमीनी हालात की समीक्षा की।
मंत्री ने यह भी बताया कि बाद में 5 दिसंबर की शाम को लगभग 250 लोगों की भीड़ ने मोन शहर में असम राइफल्स के कंपनी ऑपरेटिंग बेस (सीओबी) में तोड़फोड़ करने की कोशिश की। भीड़ ने बेस की इमारतों को जला दिया, जिसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सैनिकों को गोलियां चलानी पड़ीं। परिणामस्वरूप, एक नागरिक की मौत हो गई, जबकि एक अन्य घायल हो गया। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए इलाके में और बल तैनात किए गए हैं।
सेना के 3 कोर के मुख्यालय ने भी एक प्रेस बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने इस घटना और उसके बाद के परिणाम पर गहरा खेद व्यक्त किया है। आगे उल्लेख किया गया है कि दुर्भाग्यपूर्ण घटना में लोगों की मौत के कारणों की जांच की जा रही है। रिपोर्ट आने पर कानून के मुताबिक उचित कार्रवाई की जाएगी।
राष्ट्रीय समाचार
महाराष्ट्र में निजी क्षेत्र में काम के घंटे 9 से बढ़ाकर 10 घंटे किए जाने की संभावना

मुंबई: महाराष्ट्र सरकार निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए अधिकतम दैनिक कार्य घंटों को वर्तमान नौ घंटे से बढ़ाकर 10 घंटे करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है, श्रम मंत्री आकाश फुंडकर ने बुधवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि कार्यस्थलों पर लचीलापन लाने तथा राज्य श्रम कानूनों को अंतर्राष्ट्रीय प्रथाओं के अनुरूप बनाने के लिए प्रस्तावित परिवर्तनों का अध्ययन किया जा रहा है।
राज्य श्रम विभाग ने मंगलवार को मुंबई में अपनी बैठक के दौरान राज्य मंत्रिमंडल के समक्ष यह प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
प्रस्ताव में महाराष्ट्र दुकान एवं प्रतिष्ठान (रोजगार एवं सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 2017 में संशोधन करना शामिल है, जो राज्य में दुकानों, होटलों, मनोरंजन स्थलों और अन्य व्यवसायों में काम के घंटों को नियंत्रित करता है।
मंत्री ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने कोई भी निर्णय लेने से पहले श्रम विभाग से अतिरिक्त जानकारी मांगी है।
उन्होंने कहा, “श्रम संहिताओं को अंतिम रूप दिए जाने के बाद, महिलाओं को देर रात तक भी काम करने का मौका मिलेगा। मौजूदा नियमों में, 10 या उससे कम कर्मचारियों वाली दुकानें और प्रतिष्ठान हमारे मंत्रालय के दायरे में नहीं आते थे। नए प्रस्ताव में यह संख्या बढ़ाकर 20 कर दी गई है।”
हालांकि, फुंडकर ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार अभी भी विचार-विमर्श की प्रक्रिया में है।
उन्होंने ज़ोर देकर कहा, “अभी तक किसी भी मुद्दे पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। सभी प्रस्ताव विचाराधीन हैं।”
उन्होंने कहा, “कई निजी प्रतिष्ठानों में, हमने पाया कि लोग निर्धारित समय से ज़्यादा घंटे काम कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अतिरिक्त काम के लिए भुगतान नहीं मिलता। यही एक कारण है कि हम काम के घंटे बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं।”
अधिकारियों ने बताया कि श्रम विभाग ने पांच प्रमुख संशोधनों का सुझाव दिया है, जिनमें तीन महीने में अनुमेय ओवरटाइम को 125 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे करना तथा अनिवार्य ब्रेक के साथ लगातार काम के घंटों से संबंधित प्रावधानों में संशोधन करना शामिल है।
विभाग ने तर्क दिया है कि प्रस्तावित परिवर्तन, विशेष रूप से महिलाओं के लिए, अधिक आरामदायक कार्य वातावरण प्रदान करेंगे तथा कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों की दीर्घकालिक चिंताओं का समाधान करेंगे।
राजनीति
मराठा आरक्षण : मनोज जरांगे पाटिल के नेतृत्व में 29 अगस्त को मुंबई में बड़ा आंदोलन, आजाद मैदान में जुटने लगे समर्थक

मुंबई, 28 अगस्त। मराठा नेता मनोज जरांगे पाटिल के नेतृत्व में 29 अगस्त को मुंबई के आजाद मैदान में विरोध प्रदर्शन होगा, जिसमें मराठा समुदाय के अधिकारों के लिए आवाज उठाई जाएगी। इस आंदोलन के लिए महाराष्ट्र भर से बड़ी संख्या में मराठा कार्यकर्ता मुंबई के आजाद मैदान पहुंच रहे हैं।
मिडिया से बातचीत करते हुए एक मराठा कार्यकर्ता ने बताया, “पूरे महाराष्ट्र से लोग आ रहे हैं। मनोज जरांगे पाटिल ने हमें आवाज दी है। वह हमारे हक की आवाज उठा रहे हैं।”
कार्यकर्ता ने कहा कि आंदोलन की तैयारी बड़े स्तर पर की गई है। इस बार मुंबई में हुए सभी आंदोलन का रिकॉर्ड तोड़ा जाएगा और मराठा बंधुओं की एकता दिखाई देगी। उन्होंने कहा, “हमने पूरे एक महीने की तैयारी की है और उसी हिसाब से राशन लेकर पहुंचे हैं। खाने-पीने का सभी सामान लाए हैं। जब तक आरक्षण को लेकर फैसला नहीं होगा, हम लोग पीछे नहीं हटेंगे।”
साथ ही कार्यकर्ताओं ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा और मुंबई के आम नागरिकों को इससे कोई असुविधा नहीं होने दी जाएगी।
मनोज जरांगे पाटिल के आंदोलन को राजनीतिक समर्थन भी मिलने लगा है। शिवसेना-यूबीटी के सांसद ओम प्रकाश राजेनिंबालकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “सरकार मराठा आरक्षण योद्धा मनोज दादा जरांगे पाटिल से किया गया वादा तुरंत पूरा करे।”
इस बीच, मुंबई पुलिस ने आंदोलन को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि आजाद मैदान में मराठा आंदोलन को ध्यान में रखते हुए लगभग 1000 पुलिस कर्मियों को तैनात किया जाएगा। इसके अलावा महाराष्ट्र सुरक्षा बल (एमएसएफ) की भी तैनाती की जा रही है। एमएसएफ के अधिकारियों की परेड और तैयारी अभी जारी है। सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के लिए हर स्तर पर निगरानी रखी जा रही है।
राजनीति
‘फोन ईडी ले गई, इसलिए एक्स पर कर रहा हूं धन्यवाद’, ईडी छापेमारी के बाद बोले सौरभ भारद्वाज

नई दिल्ली, 28 अगस्त। दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) नेता सौरभ भारद्वाज के आवास पर मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की। यह कार्रवाई सौरभ भारद्वाज के दिल्ली में स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए अस्पतालों के निर्माण से जुड़े कथित घोटाले के सिलसिले में की गई। आप नेता ने ईडी की इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
सौरभ भारद्वाज ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं का आभार व्यक्त किया।
उन्होंने लिखा, “धन्यवाद। मेरा वॉट्सऐप नहीं चल रहा है और मेरा फोन ईडी वाले ले गए हैं, इसलिए ट्विटर के माध्यम से उन सभी को धन्यवाद कर रहा हूं जो मेरे घर के बाहर रात 2:30 बजे तक डटे रहे। एसोसिएशन ऑफ स्टूडेंट्स फॉर अल्टरनेटिव पॉलिटिक्स (एएसएपी), महिला विंग, मेन विंग, यूथ विंग, विधायक, पूर्व विधायक और प्रत्याशी, पार्षद, हमारे नेता और सभी नौजवान से लेकर बुजुर्ग कार्यकर्ता – सबका दिल से धन्यवाद।”
उन्होंने आगे लिखा, “मेरी पार्टी की बहनें रात तक रुकी रहीं, पूरे दिन बारिश में भीगती रहीं, आपका बहुत आभार। रात 2 बजे तक पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल, संजय सिंह आदि सभी जागे रहे, सभी बार-बार फोन पर पता करते रहे, इससे ज्यादा हमारे परिवार को कुछ नहीं चाहिए। सोशल मीडिया पर हमारे दोस्त केंद्र से लोहा लेते रहे, मन खुश हो गया। आपके आने से मुझे और मेरे परिवार को बहुत ताकत मिली है।”
गौरतलब है कि ईडी की इस कार्रवाई के बाद से आम आदमी पार्टी (आप) के तमाम नेता केंद्र सरकार पर हमलावर हैं। पार्टी के नेताओं का कहना है कि विपक्ष के नेताओं को परेशान करने और उन्हें डराने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। दूसरी तरफ, सरकार का कहना है कि ईडी पूरी स्वतंत्रता के साथ काम कर रही है।
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