राष्ट्रीय समाचार
सीएम देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में मंत्रिमंडल की बैठक, लिए गए ये फैसले

मुंबई, 2 जनवरी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में गुरुवार को कैबिनेट बैठक हुई। इस बैठक में कई अहम मुद्दों को लेकर फैसले किए गए।
बैठक संपन्न होने के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रेसवार्ता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज से 30-40 साल पहले जो किसान अपनी जमीन की देय रकम नहीं भर पाए थे, उस वजह से उनकी जमीन क्लास 2 की श्रेणी में चली गई थी। हमारी सरकार ने उसे क्लास 1 में करके किसानों को जमीन लौटाने का फैसला किया है।
इसके अलावा, सभी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए भी मंत्रिमंडल की बैठक आधार कार्ड की यूनिक आईडी की तर्ज पर एक यूनिक आईडी जारी किए जाने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि राज्य में विभिन्न विभाग एक ही जगह पर समान प्रकार के विकास कार्य करते हैं, इससे अनावश्यक दोहराव और करोड़ों रुपये का नुकसान होता है। इस नई व्यवस्था के तहत, आधार कार्ड की तरह ही प्रत्येक परियोजना को एक विशिष्ट आईडी दी जाएगी, जिससे पुनरावृत्ति रोकी जा सकेगी और विकास कार्यों की सटीक निगरानी हो सकेगी।
कैबिनेट का यह निर्णय इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि राज्य सरकार वर्तमान में मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में तीन लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया कि हर परियोजना की एक यूनिक आईडी से यह पता चल सकेगा कि किस क्षेत्र में, किस कार्य की योजना है और कहां क्या जरूरत है। इससे विकास कार्यों की सटीकता बढ़ेगी और धन और श्रम का बेहतर उपयोग हो सकेगा।
यह जानकारी प्रधानमंत्री गति शक्ति पोर्टल, ग्राम विकास पोर्टल और महाराष्ट्र रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर (एमआरएसएसी) से एकीकृत की जाएगी।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी सामाजिक विकास निगमों को एक आईटी प्लेटफॉर्म पर लाने का भी निर्देश दिया है। इससे सभी विकास योजनाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगी और लोग आसानी से इन योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे। इस निर्णय से ‘ईज ऑफ लिविंग’ के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने इस नई व्यवस्था के स्वरूप को तय करने के लिए एक समिति का गठन किया है, जिसमें योजना विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजगोपाल देवड़ा, प्रमुख सचिव (व्यय) सौरभ विजय, ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव एकनाथ डावले और नासिक के संभागीय आयुक्त प्रवीण गेदाम शामिल हैं। समिति अपनी रिपोर्ट कैबिनेट को सौंपेगी।
राजनीति
फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में सख्त कार्रवाई की मांग, भाजपा नेता किरीट सोमैया ने मंत्री बावनकुले से की मुलाकात

मुंबई, 15 अक्टूबर: महाराष्ट्र में फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले को लेकर अब सियासी हलचल तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार के मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले से मुलाकात कर सख्त कार्रवाई की मांग की।
बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि राज्य में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां अयोग्य व्यक्तियों को अवैध रूप से जन्म प्रमाणपत्र जारी किए गए हैं।
सोमैया ने मंत्री बावनकुले से आग्रह किया कि ऐसे सभी फर्जी प्रमाणपत्रों को तुरंत रद्द किया जाए और जिन लोगों ने इनका फायदा उठाने की कोशिश की है, उनके नाम आधार रिकॉर्ड से हटाए जाएं। उन्होंने कहा कि यह मामला केवल प्रशासनिक लापरवाही का नहीं, बल्कि एक गंभीर धोखाधड़ी का है जो सरकारी व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है।
बैठक के दौरान किरीट सोमैया ने कुछ मामलों का उल्लेख भी किया, जहां कथित रूप से अवैध तरीके से जन्म प्रमाणपत्र जारी किए गए थे, जिससे कई लोग गलत तरीके से सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस पूरे नेटवर्क की गहन जांच की जरूरत है, ताकि दोषियों को चिन्हित कर सख्त सजा दी जा सके।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने भरोसा दिलाया कि इस मामले में सरकार गंभीर है और दीवाली के तुरंत बाद कार्रवाई शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस पूरे प्रकरण को प्राथमिकता से देख रही है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
बैठक में राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, कलेक्टर और विभागीय आयुक्त भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। इन अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल फर्जी जन्म प्रमाणपत्रों की पहचान की प्रक्रिया जारी है और जांच रिपोर्ट तैयार होते ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री बावनकुले ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी अधिकारी की लापरवाही या मिलीभगत सामने आई, तो उसके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
राष्ट्रीय समाचार
दिल्ली दंगा मामले में आरोपी शरजील इमाम ने वापस ली अपनी अंतरिम जमानत याचिका

नई दिल्ली, 14 अक्टूबर: 2020 के दिल्ली दंगा मामले में आरोपी और जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम ने मंगलवार को दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट से अपनी अंतरिम जमानत याचिका वापस ले ली। उन्होंने यह याचिका बिहार चुनाव में भाग लेने के लिए दायर की थी।
शरजील इमाम ने अदालत से 14 दिनों की अंतरिम जमानत मांगी थी ताकि वे बहादुरगंज विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ सकें। हालांकि, सुनवाई के दौरान उनके वकील ने याचिका वापस लेने का निर्णय किया।
शरजील इमाम के वकील ने कहा कि उनकी नियमित जमानत याचिका फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इसलिए अंतरिम जमानत के लिए आवेदन करने का उचित मंच सुप्रीम कोर्ट ही होगा न कि ट्रायल कोर्ट। इस आधार पर कड़कड़डूमा कोर्ट में दाखिल अंतरिम जमानत याचिका को वापस लेने की अनुमति मांगी गई।
शरजील इमाम पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप हैं। उन पर देशद्रोह, आपराधिक साजिश और राजद्रोह से संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज है। दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में कहा गया है कि शरजील ने शाहीन बाग और जामिया इलाके में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी के विरोध के दौरान उकसाने वाले भाषण दिए थे, जिनसे हिंसा भड़की।
शरजील को जनवरी 2020 में बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया गया था और तब से वे न्यायिक हिरासत में हैं।
शरजील इमाम ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में बहादुरगंज सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उतरने का ऐलान किया था। उन्होंने इसके लिए अदालत से दो सप्ताह की अस्थायी रिहाई मांगी थी ताकि नामांकन और प्रचार में हिस्सा ले सकें।
शरजील के चुनाव लड़ने के इरादे ने बिहार की सियासत में नई चर्चा छेड़ दी है।
इससे पहले, दिल्ली हाईकोर्ट ने 2 सितंबर को इमाम, खालिद और मीरान हैदर, गुलफिशा फातिमा, अतर खान, शिफा-उर-रहमान, मोहम्मद सलीम खान, शादाब अहमद और खालिद सैफी समेत अन्य आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया था।
राष्ट्रीय समाचार
इस वर्ष सितंबर में थोक मंहगाई दर घट कर 0.13 प्रतिशत रह गई

नई दिल्ली, 14 अक्टूबर: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत की थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर सितंबर में 0.13 प्रतिशत दर्ज की गई है, जो कि इससे पिछले महीने अगस्त में 0.52 प्रतिशत थी।
मुद्रास्फीति की सकारात्मक दर मुख्य रूप से खाद्य उत्पादों, अन्य मैन्युफैक्चरिंग, गैर-खाद्य वस्तुओं, अन्य परिवहन उपकरणों और वस्त्रों आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है।
आंकड़ों के अनुसार, फसल की अधिक पैदावार और गेहूं व चावल के पर्याप्त बफर स्टॉक के कारण खाद्य पदार्थों की कीमतों में इस महीने 1.38 प्रतिशत की गिरावट आई।
फूड इंडेक्स में सितंबर में सालाना आधार पर 1.99 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
सितंबर के दौरान पेट्रोल, डीजल और प्राकृतिक गैस जैसे ईंधनों की कीमतों में भी गिरावट जारी रही और ईंधन मुद्रास्फीति नकारात्मक क्षेत्र में -2.58 प्रतिशत पर रही।
सितंबर महीने के लिए थोक मूल्य सूचकांक में मासिक आधार पर बदलाव अगस्त की तुलना में -0.19 प्रतिशत रहा।
इस बीच, सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित देश की मुद्रास्फीति दर पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में इस वर्ष सितंबर में घटकर आठ साल के निचले स्तर 1.54 प्रतिशत पर आ गई है, क्योंकि इस महीने के दौरान खाद्य पदार्थों और ईंधन की कीमतें सस्ती हुईं।
यह जून 2017 के बाद सालाना आधार पर सबसे कम मुद्रास्फीति है और अगस्त की 2.05 प्रतिशत की मुद्रास्फीति दर से भी कम है।
आंकड़ों के अनुसार, खाद्य मुद्रास्फीति लगातार चौथे महीने नकारात्मक क्षेत्र में रही और सितंबर के दौरान -2.28 प्रतिशत दर्ज की गई।
आधिकारिक बयान में कहा गया है, “सितंबर के दौरान हेडलाइन मुद्रास्फीति और खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट मुख्य रूप से अनुकूल आधार प्रभाव और सब्जियों, खाद्य तेलों फल, दालें, अनाज और अंडा की मुद्रास्फीति में गिरावट के कारण हुई है।”
अच्छे दक्षिण-पश्चिम मानसून, अच्छी खरीफ बुवाई, पर्याप्त जलाशय स्तर और खाद्यान्नों के पर्याप्त बफर स्टॉक के साथ बड़े अनुकूल आधार प्रभावों के कारण 2025-26 के लिए मुद्रास्फीति का दृष्टिकोण अधिक सौम्य हो गया है।
22 सितंबर से शुरू हुई जीएसटी दरों में कटौती से सभी वस्तुओं की कीमतें कम हो रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप आने वाले महीनों में मुद्रास्फीति में कमी आएगी।
मुद्रास्फीति दर में गिरावट आरबीआई को ब्याज दरों में कटौती और विकास को बढ़ावा देने के लिए अर्थव्यवस्था में अधिक धन डालकर नरम मुद्रा नीति जारी रखने के लिए अधिक गुंजाइश देती है।
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने 1 अक्टूबर को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की मुद्रास्फीति दर के अपने पूर्वानुमान को अगस्त के 3.1 प्रतिशत से घटाकर 2.6 प्रतिशत कर दिया, जिसका मुख्य कारण जीएसटी रेट कट और खाद्य कीमतों में नरमी है।
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा, “हाल ही में लागू जीएसटी रेट्स को रेशनलाइज बनाने से सीपीआई बास्केट की कई वस्तुओं की कीमतों में कमी आएगी। कुल मिलाकर, मुद्रास्फीति का परिणाम अगस्त की मौद्रिक नीति समिति के प्रस्ताव में अनुमानित से कम रहने की उम्मीद है।”
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