राजनीति
भाजपा का मिशन 2022 शुरू, बीएल संतोष तैयार करेंगे चुनावी रोडमैप

यूपी में अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने तैयारियों को और धार देना शुरू कर दिया है। मिशन 2022 को लेकर भजापा अभी से संजीदा है। इसके लिए कोई कोर कसर बाकी नहीं रखना चाहती है। इसीलिए राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष, प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दोबारा राजधानी लखनऊ पहुंचकर संगठन और सरकार के साथ मिलकर चुनावी रोडमैप तैयार करेंगे। जून की शुरूआत में दो दिन सरकार और संगठन के कामकाज की रिपोर्ट लेकर दिशा-निर्देश देकर गए पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष, प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह के साथ सोमवार को दोबारा राजधानी पहुंच रहे हैं। संगठन पदाधिकारियों के साथ उनकी बैठकें प्रस्तावित हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित राष्ट्रीय नेताओं के संभावित दौरों को लेकर भी रूपरेखा बनाई जा सकती है।
विधानसभा सभा चुनाव 2022 भले ही पांच राज्यों में हो लेकिन यूपी नाक का सवाल बना हुआ है। यही कारण है कि भाजपा हाईकमान लगातार इस पर नजर बनाए हुए है। पहली रिपोर्ट का नतीजा सबको देखने को मिला कि लखनऊ से दिल्ली तक एक्सरसाइज का दौर चला और प्रधानमंत्री मोदी के करीबी एके शर्मा को यूपी भजापा संगठन मे जगह देते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष बना दिया गया। अब 2022 के हिसाब से राजनीतिक लाभ को देखते हुए निर्णय हो सकते हैं। इसके साथ ही संगठन की कार्ययोजनाओं पर भी मुहर लगेगी।
सरकार के साथ बेहतर से बेहतर तालमेल बनाया जा रहा है, जिसके तहत मंत्रियों को भी प्रभार वाले जिलों में प्रवास का जिम्मा सौंप दिया गया है। इधर, आयोग, मोर्चे, प्रकोष्ठ और विभागों के खाली पद भरने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अब आगे के और कार्यक्रम बनाए जा रहे हैं। इसी सिलसिले में बीएल संतोष और राधा मोहन सिंह सोमवार सुबह लखनऊ आ रहे हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष दो दिन के प्रवास पर रहेंगे और यहां पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में संगठन पदाधिकारियों के साथ बैठकें करेंगे। प्रदेश भर में शुरू किए गए पोस्ट कोविड सेंटर, टीकाकरण जनजागरण अभियान और अन्य सेवा कार्यों के साथ ही संगठन के पिछले कार्यक्रम व अभियानों की समीक्षा करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सरकार के मंत्रियों के साथ भी मुलाकात संभावित है।
सूत्रों के अनुसार भाजपा की कार्यसमिति की बैठक भी अभी होनी है। कार्यसमिति का उद्घाटन और समापन कौन करेगा, इसके लिए भी इस सप्ताह होने वाली बैठक मे फैसला लिया जाएगा। इसके साथ ही मिशन 2022 के लिए प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के कार्यक्रमों को लेकर भी चर्चा होगी। गठबंधन की राजनीति पर भी बातचीत होगी कि गठबंधन किससे हो, क्यों हो और कैसे हो। विधायकों, मंत्रियों के परफार्मेंस पर भी विचार होगा ताकि टिकट वितरण के लिए फीडबैक तैयार हो सके। उधर, पार्टी ने सेवा को हथियार बनाकर जमीन पर अपने कार्यकर्ताओं को उतारने का प्लान तैयार कर लिया है ताकि लोगों के बीच में पैठ बनाई जा सके।
सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जुलाई से हर माह यूपी के दौरे पर आ सकते हैं। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के भी पाक्षिक दौरे की संभावना जताई जा रही है। इन दौरों की तैयारी के संबंध में भी चर्चा हो सकती है।
अपराध
समृद्धि महामार्ग वायरल वीडियो : एमएसआरडीसी ने दी सफाई

मुंबई: (कमर अंसारी) : सोशल मीडिया पर हाल ही में एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ, जिसमें दावा किया गया कि समृद्धि महामार्ग एक्सप्रेस-वे पर गाड़ियाँ नुकसान पहुँचाने के लिए सड़क पर कीलें लगाई गई हैं। इस वीडियो ने लोगों में चिंता और बहस को जन्म दिया।
महाराष्ट्र स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एमएसआरडीसी) ने इस मामले पर आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि वायरल वीडियो भ्रामक है और सड़क की वास्तविक स्थिति को नहीं दर्शाता। एमएसआरडीसी के अनुसार, नियमित निरीक्षण के दौरान इस तरह की कोई घटना दर्ज नहीं हुई है जिसमें जानबूझकर सड़क पर कीलें लगाई गई हों।
अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि वीडियो को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है। साथ ही लोगों से अपील की गई कि बिना पुष्टि के जानकारी साझा न करें, जिससे अनावश्यक डर और भ्रम फैल सकता है। एमएसआरडीसी ने भरोसा दिलाया कि समृद्धि महामार्ग पर निरंतर निगरानी रखी जाती है और यात्रियों की सुरक्षा के लिए समय-समय पर मरम्मत और जाँच की जाती है।
यह घटना एक बार फिर इस बात की याद दिलाती है कि सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले वीडियो जनमानस पर गहरा असर डाल सकते हैं। ऐसे में ज़रूरी है कि लोग किसी भी जानकारी को साझा करने से पहले उसकी सच्चाई अवश्य परखें।
महाराष्ट्र
दहिसर टोल नाका होगा शिफ्ट, मीरा-भायंदर निवासियों को बड़ी राहत

मुंबई : महाराष्ट्र सरकार ने दहिसर टोल नाका को स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है। यह कदम हजारों रोज़ाना यात्रियों के लिए राहत लेकर आएगा, खासकर मीरा-भायंदर के निवासियों के लिए, जिन्हें लंबे समय से इस टोल का सामना करना पड़ रहा था।
कई वर्षों से दहिसर टोल प्लाजा यात्रियों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ था। पीक ऑवर में लगने वाली लंबी कतारें और समय की बर्बादी के साथ-साथ स्थानीय निवासियों पर आर्थिक बोझ भी पड़ रहा था। मीरा-भायंदर के नागरिक लगातार यह मांग कर रहे थे कि छोटे सफर करने वालों पर टोल का अतिरिक्त बोझ नहीं डाला जाना चाहिए।
अधिकारियों ने पुष्टि की है कि टोल नाका अब हाईवे पर आगे स्थानांतरित किया जाएगा। इससे स्थानीय यात्रियों को छोटे अंतराल की यात्रा पर टोल शुल्क से छूट मिलेगी। यह बदलाव न केवल यातायात को सुचारू करेगा बल्कि लोगों का रोज़ाना का खर्च भी कम करेगा।
स्थानीय नागरिक समूहों और प्रतिनिधियों ने इस फैसले का स्वागत किया है। एक निवासी ने कहा, “यह लंबे समय से लंबित मांग थी। अब हमें छोटी दूरी की यात्रा पर अतिरिक्त टोल नहीं देना पड़ेगा।”
महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) जल्द ही टोल नाका की नई जगह तय करेगा और आने वाले हफ्तों में काम शुरू होगा।
दहिसर टोल नाका का यह स्थानांतरण शहरी यात्रा को आसान बनाने और उपनगरीय निवासियों की समस्याओं को हल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
महाराष्ट्र
भिवंडी वेयरहाउस परियोजनाओं के लिए रेरा पंजीकरण अनिवार्य किया जाना चाहिए, रईस शेख ने भिवंडी में अवैध वेयरहाउस की संख्या पर फडणवीस को लिखा पत्र

मुंबई : भिवंडी पूर्व के विधायक रईस शेख ने मांग की है कि एशिया के सबसे बड़े लॉजिस्टिक्स केंद्रों में से एक, भिवंडी में औद्योगिक गोदाम परियोजनाओं के लिए अनुमोदन और रेरा पंजीकरण अनिवार्य किया जाए। रईस शेख ने दावा किया है कि विकास को सुगम बनाने और छोटे व मध्यम निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए गोदाम परियोजनाओं के लिए नियमन आवश्यक हैं।
फडणवीस को लिखे पत्र में, विधायक रईस शेख ने उल्लेख किया कि हाल के दिनों में भिवंडी में गोदाम निर्माण में भारी वृद्धि हुई है, जिसमें छोटे व मध्यम निवेशक डेवलपर्स के साथ मिलकर बड़े निवेश कर रहे हैं। कई गोदामों का निर्माण एमएमआरडीए, एमआईडीई या स्थानीय नगर निगम जैसे सक्षम नियोजन या विकास प्राधिकरण की मंजूरी के बिना किया जा रहा है।
चूँकि ये परियोजनाएँ रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम (रेरा) के तहत अनुमोदित नहीं हैं, इसलिए निवेशक कानूनी सुरक्षा और जवाबदेही तंत्र से वंचित हैं। कई मामलों में, निवेशक डेवलपर्स के साथ समझौते तो करते हैं, लेकिन परियोजनाएँ शुरू नहीं हो पातीं या अधूरी रह जाती हैं।
परिणामस्वरूप, छोटे और मध्यम निवेशकों को बिना किसी न्याय या मुआवजे के भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। इसलिए, भिवंडी और पूरे महाराष्ट्र में सभी औद्योगिक वेयरहाउसिंग परियोजनाओं को अनिवार्य अनुमोदन और रेरा पंजीकरण प्राप्त करना चाहिए।
अब समय आ गया है कि गोदाम परियोजनाओं के लिए एमएमआरडीए, एमआईडीसी या नगर निगम जैसे प्राधिकरणों से भवन और लेआउट योजना की मंजूरी लेना और आरईआरआरए के तहत पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया जाए। ये उपाय न केवल निवेशकों की सुरक्षा करेंगे, बल्कि नियोजित विकास, अनुपालन और राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय हितधारकों की नज़र में विश्वास के साथ एक अग्रणी गोदाम केंद्र के रूप में भिवंडी की स्थिति को भी मज़बूत करेंगे।
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