राजनीति
विधानसभा चुनाव के पहले एकजुट दिखना भाजपा की मजबूरी

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी को एकजुट दिखने की मजबूरी भी है। मुख्यमंत्री योगी का केशव के घर पर लंच के लिए जाना भी इसी रणनीति का हिस्सा है। कोरोनाकाल की दूसरी लहर में हुई अव्यवस्था पर विपक्ष के साथ सत्ता पक्ष के विधायकों और सांसदों ने चिट्ठी लिखकर अपनी सरकार के काम-काज पर सवाल खड़े किए थे।
सरकार पर एक जाति विशेष को आगे बढ़ाने का भी आरोप लगा है। इसके बाद से बने माहौल को दुरूस्त करने के लिए पार्टी के सामने एकजुट दिखने की मजबूरी बनती है। विधानसभा चुनाव में अब 6 माह बचे ऐसे में पार्टी के पूर्व अध्यक्षों को बुलाकर भी बड़ा संदेश देने का प्रयास हो रहा है, जिससे संगठन कहीं से कमजोर न दिखे। इसी कारण मातृ संगठन आरएसएस के नंबर दो सहकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोल और कृष्ण गोपाल जैसे नेताओं का उपास्थित होना भी इस बात का संकेत है कि सभी कार्यकतार्ओं और जनता के बीच ‘आल इज वेल’ का संदेश जाए।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि एक धड़ा बीते दिनों से बयान देता है कि विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा जाएगा। जबकि हाल में केशव और श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या का बयान आया कि चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ा जाएगा, यह संसदीय बोर्ड तय करेगा। यह दोनो बातें भी ठीक है लेकिन चुनाव के ठीक पहले इस प्रकार की बातें होना एक नई चचार्ओं को जन्म देता दिख रहा था। इसीलिए रणनीतिकारों ने भी वरिष्ठ नेताओं ने सभी के सुर-ताल एक करने के लिए मेजबानी और मेहमानवाजी का दौर चलाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि परिवारिक मुलाकात और दावत के जरिए पार्टी एकता का संदेश कार्यकतार्ओं और जनता के बीच जाना बहुत जरूरी है। राष्ट्रीय महामंत्री संगठन का दो बार लखनऊ आना अहम है। संघ के बड़े नेताओं की नजर यहां के हर एक घटनाक्रम पर जिसे चुनाव के पहले दुरूस्त करना बेहद जरूरी है।
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक राजीव श्रीवास्तव कहते हैं, ” भाजपा को खुद अपनी चिंता है क्योंकि विपक्ष को चार साल में जिस प्रकार अपनी भूमिका निर्वाहन करना चाहिए, वह नहीं कर पाया है। भाजपा को चुनौती भी खुद से ही रही है। चाहे भाजपा विधायकों का विधानसभा में प्रदर्शन हो या फिर, विधायकों का चिटठी लिखकर सरकार के काम-काज पर सवाल उठाना रहा हो। ऐसे तमाम उदाहरण रहे हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बीच सबकुछ ठीक नहीं, ये भी संदेश जा रहा था। चुनाव के 6 माह बचे है तो आरएसएस के बड़े पदाधिकारी इस बात को समझ रहे हैं। इसी कारण मातृसंगठन के बड़े पदाधिकरियों के सानिध्य मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का मिलना और उनके ट्वीट को रिट्वीट करने का सिलसिला शुरू हुआ। यह इस बात की कवायद है कि घर में एकता है, और हम सब मिलकर एक साथ चुनाव लड़ रहे हैं।”
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक पीएन द्विवेदी कहते हैं, ”भाजपा को मिशन 2022 फतह करने के लिए एकजुट रहने का संदेश देना बहुत जरूरी है। पार्टी इसी कवायद में लग गयी है। पहले केशव के यहां मुख्यमंत्री और संघ के बड़े नेताओं का मेलमिलाप इसी बात का संकेत है। इसके बाद पार्टी मिटिंग में पूर्व अध्यक्ष विनय कटियार और लक्ष्मीकांत वाजपेई जैसे नेताओं को शामिल होने का मतलब ही एकजुटता का संदेश देना है।”
महाराष्ट्र
पूर्व विधायक और एआईएमआईएम नेता वारिस पठान ने वक्फ एक्ट के खिलाफ किया प्रदर्शन

मुंबई: मुंबई की मस्जिदों में मुसलमानों ने काली पट्टी बांधकर वक्फ अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। मुंबई पुलिस ने विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगा दिया था और किसी को भी विरोध प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं थी, इसलिए मुसलमानों ने शुक्रवार की नमाज के दौरान काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया। पूर्व विधायक वारिस पठान ने अपने समर्थकों के साथ हिंदुस्तानी मस्जिद पर वक्फ अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस ने वारिस पठान और उनके समर्थकों को हिरासत में ले लिया।
वारिस पठान ने वक्फ एक्ट को वापस लेने की मांग की है और कहा है कि विरोध प्रदर्शन हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन हमें विरोध प्रदर्शन करने से रोकने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि वक्फ अधिनियम अस्वीकार्य है, इसलिए इसे वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा है कि सरकार की नीयत साफ नहीं है। मुंबई समेत उपनगरीय इलाकों में वक्फ एक्ट के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए, वहीं पुलिस ने इस मौके पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे, जिसके चलते शुक्रवार का दिन शांतिपूर्ण रहा। विशेष सुरक्षा व्यवस्था के साथ ही संवेदनशील इलाकों और महत्वपूर्ण मस्जिदों में रैपिड एक्शन फोर्स और दंगा निरोधक दस्ते को भी तैनात किया गया था।
मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक पनसालकर ने वक्फ अधिनियम के संबंध में सुरक्षा व्यवस्था की भी समीक्षा की। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड ने वक्फ एक्ट के खिलाफ वक्फ बचाओ सप्ताह मनाने का ऐलान किया था। इस अवसर पर तौहीद के बच्चों ने विरोध स्वरूप काली पट्टी बांधकर मुंबई में जुमे की नमाज भी अदा की, लेकिन इस दौरान किसी भी तरह की कोई अप्रिय घटना नहीं घटी। मुंबई में वक्फ अधिनियम के खिलाफ मुस्लिम पर्सनल बोर्ड की अपील का भी असर हुआ और मुसलमानों ने हर जगह इसका विरोध किया। इसके साथ ही मस्जिदों में वक्फ एक्ट के नुकसान भी बताए गए और वक्फ एक्ट को मुसलमानों की संपत्ति छीनने का हथकंडा बताया गया और मुसलमानों ने भी वक्फ एक्ट को वापस लेने की मांग शुरू कर दी है।
राजनीति
देश के लिए महात्मा फुले का अमूल्य योगदान हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा : पीएम मोदी

नई दिल्ली, 11 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पर एक वीडियो शेयर कर महात्मा फुले को याद किया और उनके अमूल्य योगदान को हर पीढ़ी के लिए प्रेरित करने वाला बताया।
पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पोस्ट पर लिखा, “मानवता के सच्चे सेवक महात्मा फुले को उनकी जयंती पर सादर नमन। उन्होंने समाज के शोषित और वंचित वर्गों के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। देश के लिए उनका अमूल्य योगदान हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा।”
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी ‘एक्स’ पर ज्योतिबा फुले को श्रद्धांजलि देते हुए एक पोस्ट में लिखा, “महान समाज सुधारक, शिक्षाविद और विचारक महात्मा ज्योतिबा फुले को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन। देश के वंचितों और पिछड़ों के सशक्तिकरण के लिए आजीवन कटिबद्ध महात्मा ज्योतिबा फुले, आधुनिक भारत में महिला शिक्षा के अग्रदूत बने। ‘सत्यशोधक समाज’ की स्थापना के माध्यम से समाज को कुरीतियों से मुक्त बनाने की दिशा में उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किए। शिक्षा, समानता और न्याय के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन की बुनियाद रखने वाले महात्मा का जीवन अनुकरणीय है।”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा समेत कई नेताओं ने महात्मा फुले को नमन किया।
सीएम योगी ने एक्स पोस्ट पर लिखा, “प्रतिबद्ध समाज सुधारक, वंचितों-उपेक्षितों के प्रखर स्वर महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! जाति प्रथा, असमानता, अशिक्षा जैसी समाज में व्याप्त विभिन्न कुरीतियों के उन्मूलन हेतु उनका संघर्ष प्रेरणादायक और समूची मानवता के लिए मार्गदर्शक है।”
सीएम भजनलाल ने एक्स पर लिखा, “वंचितों, शोषितों एवं महिलाओं के सशक्तिकरण व उन्नयन हेतु अपना जीवन समर्पित करने वाले महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर उन्हें कोटिशः नमन। आपके अमूल्य विचार एवं समाज सुधार के कार्य हमें समाज के अंतिम व्यक्ति के उत्थान के लिए सदैव प्रेरित करते रहेंगे।”
ज्योतिबा फुले का जन्म 11 अप्रैल, 1827 को हुआ था। वह एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता, व्यवसायी, जाति-विरोधी समाज सुधारक और लेखक थे, जिन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों, महिलाओं, दलितों और पिछड़े वर्ग के उत्थान में लगा दिया।
राजनीति
पीएम मोदी देंगे वाराणसी को 3,880 करोड़ रुपये की सौगात

नई दिल्ली, 11 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी का दौरा करेंगे, जहां वह 3,880 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी 44 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। इनमें शहरी और ग्रामीण बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने वाली कई परियोजनाएं शामिल हैं, जिनका उद्देश्य सार्वजनिक सुविधाओं को बढ़ाना, कनेक्टिविटी में सुधार करना और क्षेत्र में प्रमुख सेवाओं को आधुनिक बनाना है।
इन मुख्य उद्घाटनों में पुलिस लाइन में एक नया निर्मित ट्रांजिट हॉस्टल और रामनगर में नई पुलिस बैरक शामिल हैं। इसके अलावा, स्थानीय कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए चार ग्रामीण सड़कों का भी आधिकारिक उद्घाटन किया जाएगा। दिन के एजेंडे का एक प्रमुख हिस्सा शहरी विकास है।
प्रधानमंत्री मोदी अपने दौरे पर प्रतिष्ठित शास्त्री घाट और सामने घाट पर किए गए सौंदर्यीकरण कार्यों का उद्घाटन कर सकते हैं।
इतना ही नहीं, रेलवे और वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) की तरफ से शुरू की गई कई संवर्द्धन परियोजनाओं का भी अनावरण किया जाएगा, जिसका उद्देश्य शहर के सार्वजनिक स्थलों के सौंदर्य और आकर्षण को बढ़ाना है।
कुल 44 परियोजनाओं में से 25 परियोजनाओं की आधारशिला रखी जाएगी, जिनकी लागत लगभग 2,250 करोड़ रुपये है। इस निवेश का एक बड़ा हिस्सा शहर के बिजली ढांचे को मजबूत करने के लिए है, जिसमें 15 नए पावर सबस्टेशन बनाने, कई ट्रांसफार्मर लगाने और 1,500 किलोमीटर नई बिजली लाइनों को बिछाने की योजनाएं शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के आगमन से पहले सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया है। कार्यक्रम स्थल पर प्रवेश को सख्ती से नियंत्रित किया जाएगा और वीआईपी रास्तों पर भी तलाशी चौकियां होंगी।
प्रधानमंत्री के यात्रा मार्ग पर छतों पर सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं और ड्रोन व सीसीटीवी कैमरों के जरिए रियल-टाइम निगरानी की व्यवस्था की गई है।
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