राजनीति
जम्मू-कश्मीर को बीजेपी चाहती है फिर से मिले पूर्ण राज्य का दर्जा : राम माधव
राष्ट्रीय महासचिव राम माधव बीजेपी के हाई प्रोफाइल चेहरों में से एक हैं। 2003 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में प्रवक्ता बनने के बाद से वह देश ही नहीं दुनिया की मीडिया में भी सुर्खियों में रहे। तब उन्हें आरएसएस का ग्लोबल अंबेसडर भी कहा जाने लगा था। आरएसएस में लंबा समय बिताने के बाद 2014 में उनकी बीजेपी में बतौर नेशनल जनरल सेक्रेटरी एंट्री हुई। तब से वह बीजेपी में जम्मू-कश्मीर से लेकर पूर्वोत्तर मामलों की गतिविधियां देखते हैं। वह ऐसे रणनीतिकार हैं, जिन्होंने पूर्वोत्तर में बीजेपी की पहुंच बनाने में अहम भूमिका निभाई। यह उनकी कोशिशों का नतीजा है कि जिस पूर्वोत्तर में बीजेपी की उपस्थिति नहीं थी, वहां के राज्यों में आज भाजपा की सरकारें हैं। आंध्र प्रदेश के मूल निवासी 56 वर्षीय राम माधव आरएसएस में प्रचारक बनने से पहले इंजीनियरिंग की शिक्षा ले चुके थे।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने शुक्रवार को आईएएनएस को दिए विशेष इंटरव्यू में जम्मू-कश्मीर से लेकर चीन सीमा विवाद और नेपाल के मसलों पर खुलकर बात की।
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने जम्मू-कश्मीर को फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा दिए के सवाल पर कहा कि उनकी पार्टी इसका समर्थन करती है। उन्होंने कहा, “बीजेपी की जम्मू-कश्मीर यूनिट का मत है कि अनुकूल समय हो तो राज्य का दर्जा वापस दिया जाए। हम चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल हो। गृहमंत्री अमित शाह ने खुद यूटी का दर्जा देते समय कहा था कि बहुत जल्दी ही वापस पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने का काम किया जाएगा। अभी यूटी के लिए असेंबली का गठन और डिलिमिटेशन होना है।”
घाटी में राजनीतिक गतिविधियों को शुरू करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ज्यादातर नेता रिहा किए जा चुके हैं। राम माधव ने कहा, “भाजपा चाहती है कि सभी नेता राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेकर प्रशासन और जनता के बीच सेतु का काम करें, लेकिन पीडीपीए नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस के सभी बड़े नेता घरों में बैठे हैं। कांग्रेस के नेता तो गिरफ्तार भी नहीं हुए थे। ऐसे में उन्हें जवाब देना चाहिए कि क्यों राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा नहीं ले रहे हैं। असेंबली चुनाव होगा तभी राजनीतिक गतिविधि चलेंगी।”
हाल में अजय पंडित की हत्या के बाद कश्मीरी पंडितों में डर और उनकी घरवापसी से जुड़े सवाल पर राम माधव ने कहा कि गृहमंत्रालय इस पूरे मामले को देख रहा है। उन्होंने कहा, “जब तक वहां सुरक्षा और सम्मान दोनों की हम गारंटी नहीं कर सकेंगे तब तक घाटी में पंडितों का जाना संभव नहीं होगा। केवल कालोनियां बनाने से ही पंडितों की घरवापसी नहीं हो सकती।”
पीडीपी के साथ सरकार बनाने के सवाल पर भाजपा महासचिव ने कहा कि अगर भाजपा सरकार न बनाती तो फिर से विधानसभा चुनाव होता। हालांकि पीडीपी के साथ सरकार बनाने का कुछ फायदा भी हुआ और कुछ नुकसान भी हुआ। नुकसान के कारण ही तीन साल बाद भाजपा अलग हो गई।
राम माधव ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद जनता के स्तर से बहुत कम विरोध हुआ है। जनता को महसूस हुआ है कि 370 के तहत चले शासनकाल में सिर्फ नेताओं की संपन्नता बढ़ती, लेकिन जनता को लाभ नहीं हुआ। अब जनता का रुख सकारात्मक दिख रहा है।
गिलानी के इस्तीफे को राम माधव ने हुर्रियत की अंदरुनी राजनीति का परिणाम बताया। कहा कि गिलानी के इस्तीफे से पिछले 30 साल के उनके कारनामे माफ नहीं हो जाएंगे। गिलानी की वजह से हजारों युवाओं की घाटी में जान गई।
भाजपा के राष्ट्रीय महासिव राम माधव ने चीन के मसले पर भी बात की। उन्होंने कहा कि चीन की जमीन हड़पने की पुरानी आदत रही है, मगर मोदी सरकार ने पिछले 5 साल में मुंहतोड़ जवाब दिया है। आखिर चीन से सीमा विवाद का हल क्या है, इस सवाल पर राम माधव ने कहा कि दो मोचरें पर खास तौर से सरकार काम कर रही है। प्रो ऐक्टिव डिप्लोमेसी और स्ट्रांग ग्राउंड पोजीशनिंग पर बल दिया जा रहा है। सैन्य और कूटनीतिक स्तर से जहां बात चल रही है वहीं एक-एक इंच भूमि की रक्षा के लिए भी सरकार संकल्पित है। दोबारा गलवान घाटी की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं।
राम माधव ने कहा कि मोदी सरकार बनने के बाद से भारत ने सीमा नीति को लेकर कठोरता बरती है। 2017 के डोकलाम और मौजूदा गलवान घाटी की घटना को लेकर उन्होंने कहा, “डोकलाम में भारत जिस मजबूती के साथ सीना ताने खड़ा हुआ, उससे चीन भी हैरान था। तब चीन, चिकन नेक एरिया के नजदीक आने की कोशिश में था, मगर भारत ने मुंहतोड़ जवाब देते हुए उसकी साजिश सफल नहीं होने दी थी। चीन चाहता था कि हम सेना हटाएं, लेकिन मोदी सरकार ने स्पष्ट कर दिया था कि जब तक चीन सीमा के पास निर्माण नहीं हटाता सेना नहीं हटेगी।”
राम माधव ने कहा कि इस बार भी चीन ने एलएसी में घुसने की कोशिश की, जिसे हमने फिजिकली रोका। लाठी-पत्थर भी बरसे। दुर्भाग्य से हमारे 20 जवान शहीद हुए। भारत ने चीन को संदेश दिया है कि हम सीमा पर चुपचाप कब्जा करने की चीन की चाल को सफल नहीं होने देंगे।
मित्र देश नेपाल आखिर भारत के विरोध में क्यों खड़ा हो गया है, इस सवाल पर राम माधव ने कहा कि आज भले ही नेपाल थोड़ा बहुत भारत विरोधी बयानबाजी कर रहा हो, लेकिन इससे दोनों देशों के संबंध नहीं बिगड़ेंगे। वैसे यह पहली घटना नहीं है, राजवंश के समय से ऐसी घटनाएं कई बार हुईं है। उन्होंने कहा, “जब नेपाल में राजा का शासन था तब नेहरू जी का विरोध करता था। अतीत के और वर्तमान के अनुभवों के आधार पर मैं कह सकता हूं कि नेपाल के भारत का विरोध करने का ज्यादा कारण आंतरिक होता है। जब कोई अंदरुनी समस्या होती है, तब वहां की सरकार को लगता है कि पड़ोसी भारत पर कुछ बरसो तो आंतरिक राजनीति में फायदा होगा।” भाजपा महासचिव ने साफ किया कि भारत और नेपाल के संबंध हमेशा पहले की तरह प्रगाढ़ रहेंगे।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
दुबई एयर शो में भारतीय वायुसेना का तेजस विमान क्रैश, पायलट की मौत, कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का आदेश

दुबई एयर शो 2025 में शुक्रवार दोपहर भारतीय वायुसेना का अत्याधुनिक स्वदेशी लड़ाकू विमान एलसीए तेजस एक प्रदर्शन उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में पायलट की मौत हो गई। वायुसेना ने गहन जांच के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश दिए हैं।
यह घटना उस समय हुई, जब तेजस निर्धारित एरोबेटिक अभ्यास के लिए उड़ान भर रहा था। दुर्घटना के कारणों की पुष्टि फिलहाल नहीं हो सकी है। वायुसेना द्वारा विस्तृत जानकारी जुटाई जा रही है। भारतीय वायुसेना ने हादसे की पुष्टि करते हुए एक आधिकारिक बयान जारी किया है।
वायुसेना ने कहा कि उनका एक तेजस विमान दुबई एयर शो-25 में दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। घटना के संबंध में तथ्यों की पुष्टि की जा रही है। जैसे ही सत्यापित विवरण उपलब्ध होंगे, उन्हें साझा किया जाएगा। सभी जानकारी केवल सत्यापन के बाद ही जारी की जाएगी।
वायुसेना ने बताया कि हादसे में पायलट को गंभीर चोटें आईं, जिससे उनकी मृत्यु हो गई। भारतीय वायुसेना ने कहा है कि वह पायलट की मौत से हुई इस अपूरणीय क्षति पर गहरा दुख प्रकट करती है और इस कठिन समय में शोकाकुल परिवार के साथ मजबूती से खड़ी है।
भारतीय वायुसेना ने दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी गठित करने की घोषणा की है। जांच दल उड़ान के तकनीकी, परिचालन और सुरक्षा से जुड़े हर पहलू का विस्तृत अध्ययन करेगा, ताकि वास्तविक कारणों की पुष्टि हो सके।
वहीं विमान क्रैश होने की घटना के तुरंत बाद एयर शो के आपातकालीन प्रबंधन दल और स्थानीय प्रशासनिक इकाइयों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति संभाली। प्रारंभिक राहत और सुरक्षा उपायों को तेजी से लागू किया गया। यह भी जानकारी मिली है कि दुर्घटना के बाद उत्पन्न स्थिति को नियंत्रित करने के लिए एयरस्पेस के एक हिस्से को अस्थायी रूप से बंद किया गया।
गौरतलब है कि तेजस भारत का स्वदेशी रूप से विकसित हल्का बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान है। इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने डिजाइन और निर्मित किया है। दुबई एयर शो-2025 में इसकी उपस्थिति भारत की एयरोस्पेस क्षमताओं को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर मानी जा रही थी। दुर्घटना का विस्तृत कारण तकनीकी जांच के बाद ही स्पष्ट होगा। विशेषज्ञ दल तकनीकी डाटा का अध्ययन करेंगे।
दुबई एयर शो-25 के आयोजकों ने भी भारतीय पक्ष के साथ समन्वय करते हुए हादसे से जुड़े सभी पहलुओं की जांच में सहयोग का आश्वासन दिया है। संयुक्त अरब अमीरात में आयोजित दुबई एयर शो 2025 में भारत ने अपनी उन्नत रक्षा शक्ति, प्रौद्योगिकी और उद्योग क्षमताओं का व्यापक प्रदर्शन किया है।
एयर शो में इंडियन एयरफोर्स की सूर्यकिरण एरोबैटिक टीम व स्वदेशी लड़ाकू विमान एलसीए तेजस दुबई के आसमान में उड़ान भरने वाली टीमों का हिस्सा थे। यहां लड़ाकू विमानों के प्रदर्शन के साथ-साथ द्विपक्षीय बैठकें एवं उद्योग सहयोग वार्ता भी हुई हैं।
दुबई एयर शो में इंडिया पवेलियन भी स्थापित किया गया था। इस पवेलियन में भारत की प्रमुख रक्षा एवं तकनीकी संस्थाओं की प्रदर्शनी लगी थी। रक्षा कंपनियों में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, डीआरडीओ, कोरल टेक्नोलॉजी आदि शामिल रहे।
वायुसेना का एलसीए तेजस भारत में ही निर्मित हल्का लड़ाकू विमान है। दुबई एयर शो एक द्विवार्षिक एयरोस्पेस और रक्षा प्रदर्शनी है, जो दुनिया के सबसे बड़े और प्रभावशाली आयोजनों में गिनी जाती है। 2025 के संस्करण में 1,500 से अधिक प्रदर्शक और 150 देशों से 148,000 से अधिक पेशेवर शामिल रहे।
राष्ट्रीय समाचार
महाराष्ट्र राज्य वित्त आयोग ने ठाणे में नगर निगमों की वित्तीय स्थिति की समीक्षा की

ठाणे: राज्य के नगर निगमों की वित्तीय स्थिति, आय-व्यय संतुलन और राजस्व वृद्धि के उपायों पर विचार करने के लिए ठाणे में 6वें महाराष्ट्र राज्य वित्त आयोग की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।
आयोग के अध्यक्ष नितिन करीर की अध्यक्षता में आयोजित बैठकों में उन्होंने सभी नगर निगमों को राजस्व वृद्धि के लिए सरकार द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने तथा व्ययों पर नियंत्रण कर प्रभावी वित्तीय प्रबंधन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
ठाणे मनपा के नागरिक अनुसंधान केंद्र में यह बैठक आयोजित की गई। इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव गोविंद राज, नगर प्रशासन निदेशालय के आयुक्त अभिषेक कृष्ण, ठाणे मनपा आयुक्त सौरभ राव सहित राज्य की विभिन्न मनपाओं के आयुक्त और अतिरिक्त आयुक्त उपस्थित थे। फरवरी 2025 में गठित छठे वित्त आयोग के निर्देशों के अनुसार, सभी मनपाओं ने अपने वर्तमान राजस्व स्रोतों और वित्तीय स्थिति का विवरण प्रस्तुत किया। यह बात सामने आई कि अधिकांश मनपाओं में आय की तुलना में व्यय अधिक है, जिस पर आयोग अध्यक्ष ने चिंता व्यक्त की और खर्चों में कटौती और बचत बढ़ाने की योजना पर अमल करने के निर्देश दिए।
संपत्ति कर, जल कर, व्यावसायिक कर, लाइसेंस शुल्क आदि में आयोग के सुझावों के अनुरूप आवश्यक सुधार करने के निर्देश। कर वृद्धि को नागरिकों को विश्वास में लेकर लागू करने पर बल ताकि विरोध की स्थिति उत्पन्न न हो। नए निर्माणों पर लगने वाले शुल्क में संशोधन कर राजस्व बढ़ाने का सुझाव। राज्य सरकार से समय पर अनुदान प्राप्त करने के लिए संभाग स्तर पर निरंतर अनुवर्तन की आवश्यकता।
विभिन्न नगर निगमों ने यह मुद्दा उठाया कि स्टाम्प शुल्क पहले राज्य सरकार द्वारा वसूला जाता है और बाद में नगर निगमों को वितरित किया जाता है। आयुक्तों ने सुझाव दिया कि पंजीकरण के समय एक निश्चित प्रतिशत राशि सीधे नगर निगमों में जमा की जानी चाहिए, जिससे आय में पारदर्शिता और स्थिरता आएगी।
इस बैठक में ठाणे मनपा आयुक्त सौरभ राव ने राज्य वित्त आयोग के माध्यम से मिलने वाली आवश्यक सहायता के संबंध में महत्वपूर्ण चर्चा की। इसमें शिक्षा उपकर, रोजगार गारंटी उपकर, आवासीय संपत्तियों पर कर, स्टांप शुल्क, दवा और खाद्य पदार्थ तैयार करने वाले प्रतिष्ठानों को मनपा के माध्यम से लाइसेंस जारी करने, सभी दुकानों और प्रतिष्ठानों के पंजीकरण और नवीनीकरण से प्राप्त आय को हस्तांतरित करने, सड़क कर आदि के संबंध में मांगें रखी गईं। साथ ही सरकार के पास लंबित मांगों पर भी इस दौरान चर्चा की गई।
मनपा आगामी वित्तीय वर्ष के लिए बजट तैयार करते समय आय-व्यय का उचित संतुलन बनाकर उद्देश्यपूर्ण बजट तैयार करे, ताकि खर्च बचे और मनपा पर वित्तीय बोझ न पड़े, ऐसे निर्देश भी सभापति नितिन करीर ने इस समय दिए।
महाराष्ट्र
मुंबई में लूट का भगोड़ा 20 साल बाद पुलिस स्टेशन से गिरफ्तार

मुंबई : मुंबई पुलिस ने 20 साल बाद लूट के एक मामले में वॉन्टेड आरोपी को गिरफ्तार करने का दावा किया है। 47 साल के जावेद यूसुफ शेख के खिलाफ मुंबई के रफी अहमद किदवई मार्ग RA पुलिस स्टेशन की हद में 2005 में लूट का मामला दर्ज किया गया था। इस दौरान पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी किया था और वह बेल पर था और कोर्ट की कार्रवाई में शामिल नहीं हुआ था, जिसके बाद सेशन कोर्ट ने उसके खिलाफ वारंट जारी कर उसे भगोड़ा आरोपी घोषित कर दिया था। उसके खिलाफ वारंट जारी होने के बाद पुलिस ने भगोड़े आरोपी की तलाशी के दौरान उसे गिरफ्तार कर लिया। इस बारे में जोन 4 और पुलिस को जानकारी मिली थी कि वह पुलिस स्टेशन में किराए के मकान में रह रहा है। पुलिस ने उसे पुलिस स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया और कोर्ट के आदेश का पालन किया। कोर्ट ने पहले उसके खिलाफ नॉन-बेलेबल वारंट जारी किए थे और अब पुलिस ने कोर्ट के आदेश के बाद उसे भगोड़ा घोषित करते हुए कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई मुंबई पुलिस कमिश्नर देवेन भारती के निर्देश पर की गई। CP ज़ोन चार का काम रागसुधा आर. ने किया है।
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