राजनीति
खड़गे और थरूर की उम्मीदवारी को लेकर भाजपा ने राहुल से पूछा सवाल

राहुल गांधी ने हाल ही में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को संगठन की बजाय विचारधारा का पद बताते हुए यह कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष सिर्फ एक संगठनात्मक पद नहीं है, बल्कि यह एक वैचारिक पद है। कांग्रेस अध्यक्ष एक विचारधारा, एक विश्वास प्रणाली और भारत की दृष्टि का प्रतिनिधित्व करेगा। उनके इस बयान की याद दिलाते हुए भाजपा ने उनसे सवाल किया है। भाजपा ने कटाक्ष करते हुए पूछा है, “उस विश्वास प्रणाली का बेहतर प्रतिनिधित्व कौन करता है? थरूर, जो एक टूटा हुआ भारत देखना चाहते हैं या सनातन धर्म से डरने वाले खड़गे?”
भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने मल्लिकार्जुन खड़गे के भाषण का एक पुराना वीडियो शेयर करते हुए राहुल गांधी से यह सवाल पूछा है। मालवीय ने सनातन धर्म को लेकर इस वीडियो में खड़गे द्वारा दिए गए भाषण और कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने वाले थरूर द्वारा अपने प्रचार के लिए जारी घोषणापत्र में भारत का गलत नक्शा दिखाने के संदर्भ में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल पर कटाक्ष करते हुए यह सवाल पूछा है।
भाजपा कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए गांधी परिवार से बाहर के नेताओं के चुनाव लड़ने को सिर्फ एक ‘नाटक’ बताते हुए यह भी आरोप लगा रही है कि कांग्रेस का अध्यक्ष कोई भी बने, उसे गांधी परिवार के निर्देश पर ही काम करना पड़ेगा। भाजपा का यह स्पष्ट आरोप है कि कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बावजूद मल्लिकार्जुन खड़गे एक कठपुतली ही साबित होंगे और रिमोट से नियंत्रित होंगे।
राष्ट्रीय समाचार
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद 430 उड़ानें हुईं रद्द, 10 मई तक बंद रहेंगे 27 एयरपोर्ट्स

नई दिल्ली, 8 मई। भारत की ओर से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सफलतापूर्वक किए जाने के बाद गुरुवार को करीब 430 नागरिक उड़ानों को रद्द कर दिया गया है। यह देश की कुल शेड्यूल उड़ानों का करीब 3 प्रतिशत है। इसके साथ ही 27 एयरपोर्ट्स 10 मई तक बंद रहेंगे।
फ्लाइटराडर24 प्लेटफॉर्म के फ्लाइट ट्रैकिंग डेटा के मुताबिक, पाकिस्तान और भारत के पश्चिमी गलियारे का एयरस्पेस का ज्यादातर हिस्सा नागरिक विमानों से फ्री था।
फ्लाइट को ट्रैक करने वाले पोर्टल के मुताबिक, पाकिस्तान के ऊपर हवाई क्षेत्र और जम्मू-कश्मीर एवं गुजरात के बीच भारत के पश्चिमी क्षेत्र में नागरिक हवाई यातायात नहीं था। इसकी वजह एयरलाइनों द्वारा संवेदनशील क्षेत्र से दूरी बनाए रखना है।
जिन एयरपोर्ट्स को बंद रखा गया है, उनमें श्रीनगर, जम्मू, लेह, चंडीगढ़, अमृतसर, लुधियाना, पटियाला, बठिंडा, हलवारा, पठानकोट, भुंतर, शिमला, गग्गल, धर्मशाला, किशनगढ़, जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर, मुंद्रा, जामनगर, राजकोट, पोरबंदर, कांडला, केशोद, भुज, ग्वालियर और हिंडन शामिल हैं।
बुधवार को 300 से अधिक उड़ानों को रद्द कर दिया गया था। इस दौरान उत्तर और पश्चिमी भारत के 21 एयरपोर्ट्स बंद थे।
एयर इंडिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि उसके संपर्क केंद्रों पर वर्तमान में बहुत अधिक कॉल आ रही हैं।
एयरलाइन ने कहा, “हमारे सभी प्रतिनिधि सक्रिय रूप से ग्राहकों की सहायता कर रहे हैं, कुछ मामलों में संपर्क होने में अपेक्षा से अधिक समय लग सकता है। कृपया निश्चिंत रहें, हम आपकी सहायता के लिए यहां हैं।”
एयरलाइन ने कहा, “जिन ग्राहकों की उड़ानें वर्तमान व्यवधानों से प्रभावित हैं, उनके लिए एयर इंडिया कैसिंलेशन पर फुल रिफंड और रीशेड्यूलिंग पर वन-टाइम छूट की पेशकश कर रही है। यह 10 मई, 2025 तक प्रभावित उड़ानों पर बुक की गई टिकटों के लिए मान्य है।”
एयर इंडिया ने कहा कि हम हमारे सैन्य और रक्षा कर्मियों की निस्वार्थ सेवा और समर्पण के लिए आभारी है।
राष्ट्रीय समाचार
पाकिस्तान का झूठ बेनकाब : गुजरांवाला में भारतीय ड्रोन गिराने का दावा फर्जी

नई दिल्ली, 8 मई। पाकिस्तान द्वारा भारतीय ड्रोन को गुजरांवाला में गिराने का दावा पूरी तरह से झूठा साबित हुआ है। प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) फैक्ट चेक ने इस दावे को खारिज करते हुए खुलासा किया कि पाकिस्तानी सोशल मीडिया हैंडल्स द्वारा शेयर की जा रही तस्वीर 2022 की यूक्रेन-रूस युद्ध की है।
पाकिस्तानी अकाउंट्स ने दावा किया था कि पाक सेना ने गुजरात के डिंगा गांव झंड पीर के पास एक भारतीय मानव रहित विमान (यूएवी) को गिरा दिया। हालांकि, पीआईबी ने अपनी जांच में पाया कि यह तस्वीर पुरानी है और इसका भारत-पाकिस्तान से कोई संबंध नहीं है। पीआईबी ने एक न्यूज रिपोर्ट का हवाला देते हुए इसकी पुष्टि की, जिसमें यह तस्वीर 2022 में यूक्रेन-रूस संघर्ष के दौरान प्रकाशित हुई थी।
पीआईबी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक्स पोस्ट पर लिखा, “क्या यह भारतीय ड्रोन वास्तव में पाकिस्तान में इंटरसेप्ट किया गया? पाकिस्तान आधारित सोशल मीडिया हैंडल्स एक पुरानी तस्वीर साझा कर रहे हैं, जिसमें दावा किया गया है कि पाकिस्तान सेना ने गुजरांवाला, पाकिस्तान में एक यूएवी ड्रोन को इंटरसेप्ट किया है। वायरल हो रही तस्वीर वर्ष 2022 के यूक्रेन-रूस संघर्ष से संबंधित है।”
पीआईबी ने 2022 की एक समाचार रिपोर्ट का लिंक भी पोस्ट में दिया है जो स्पष्ट करती है कि ये तस्वीर यूक्रेन-रूस युद्ध से संबंधित है, न कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष से।
ज्ञात हो कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत के सफल आतंकवाद विरोधी हमलों के मद्देनजर, पाकिस्तान सरकार से जुड़े कई मीडिया आउटलेट और सोशल मीडिया अकाउंट्स को ऑपरेशन से जुड़े तथ्यों को विकृत करने के स्पष्ट प्रयास में भ्रामक और मनगढ़ंत कंटेंट प्रसारित करते हुए बेनकाब किया गया है। बुधवार को, भारतीय सशस्त्र बलों ने पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के प्रतिशोध में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिसमें काफी लोग हताहत हुए।
यह ऑपरेशन सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की निरंतर लड़ाई का एक महत्वपूर्ण क्षण था। हमलों के बाद, पाकिस्तान की ओर से सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों की बाढ़ सी आ गई। इसमें पाकिस्तानी मीडिया हाउस और संबद्ध हैंडल शामिल रहे, जिन्होंने सोशल प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर असत्यापित और झूठी कहानियां गढ़ीं। ऐसे ही एक झूठे दावे में बताया गया कि पाकिस्तान ने अमृतसर में एक भारतीय सैन्य अड्डे पर बमबारी की थी। पीआईबी के फैक्ट जांच प्रभाग ने इस गलत सूचना को तुरंत संबोधित किया और अपील की कि असत्यापित जानकारी साझा करने से बचें और सटीक जानकारी के लिए केवल भारत सरकार के आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करें। शेयर किया जा रहा वीडियो 2024 में जंगल की आग का है।
वहीं, सोशल मीडिया पर एक पाकिस्तानी नागरिक का भी वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें उसने पाकिस्तानी सेना की रक्षा प्रणाली में बड़ी खामियों और किसी भी हमले को विफल करने की तैयारी के बारे में खुलकर बात की है। वीडियो में पाकिस्तानी नागरिक कह रहा है कि भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ 24 मिसाइल हमले किए और हैरानी की बात है सारे टारगेट पर जाकर लगे। इंडिया ने अपना टारगेट हासिल कर लिया और हम एक भी मिसाइल को रोक नहीं सके। भारत की एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान में रातभर अफवाहों का दौर चलता रहा कि हमने भारत के विमान गिरा दिए। कई तस्वीरें वायरल होने लगीं, लेकिन मैंने खुद चेक किया तो पता चला कि सभी फोटो कई महीने पुराने हैं। अंत में हमारी ओर से भारतीय विमानों को गिराने के दावे फेक न्यूज ही साबित हुए।
गलत सूचनाओं की बाढ़ के जवाब में, भारत सरकार ने जनता और प्रेस से आधिकारिक स्रोतों से सत्यापित अपडेट पर विशेष रूप से भरोसा करने का आह्वान दोहराया। अधिकारियों ने असत्यापित या फर्जी खबरों के प्रसार के खतरों के प्रति सचेत रहने की अपील की है।
महाराष्ट्र
विशेष अदालत ने राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा बताते हुए इंडियन मुजाहिदीन के कार्यकर्ता को जमानत देने से इनकार किया

मुंबई: एक विशेष सत्र अदालत ने 2008 के गुजरात विस्फोटों के कथित मुख्य आरोपी और इंडियन मुजाहिद्दीन (आईएम) के आतंकवादी अफजल उस्मानी को जमानत देने से इनकार कर दिया है। अदालत ने कहा कि 2008 के अहमदाबाद श्रृंखलाबद्ध विस्फोट मामले में उसे पहले ही एक अदालत द्वारा मृत्युदंड की सजा सुनाई जा चुकी है।
उनकी ज़मानत याचिका खारिज करते हुए अदालत ने कहा, “आरोपी की बेगुनाही की दलील स्वीकार्य नहीं है। इस मामले में आरोपी और सह-आरोपी के खिलाफ़ लगाए गए अपराध राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित हैं। राष्ट्र और समाज पर उनका प्रभाव काफी महत्वपूर्ण है।”
उस्मानी ने अहमदाबाद सेंट्रल जेल से विशेष अदालत में जमानत की गुहार लगाई थी, जहां वह 15 साल से सलाखों के पीछे है। अभियोजन पक्ष ने उसकी याचिका पर आपत्ति जताते हुए कहा कि उस्मानी ने अहमदाबाद और सूरत में बम लगाने और विस्फोट करने के लिए चोरी की गई चार कारों का इस्तेमाल करने से जुड़े गंभीर अपराध किए हैं। आवेदक/आरोपी ने खुद ही उस उद्देश्य के लिए कारें चुराई थीं और उन्हें अपने सह-आरोपी को मुहैया कराया था। वह स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया का सक्रिय सहयोगी है।
दावा किया जाता है कि धमाकों के बाद कई जगहों पर कई ईमेल भेजे गए, जिसमें हमलों की जिम्मेदारी ली गई। मुंबई पुलिस ने आईएम की साजिश के सिलसिले में एक अलग मामला भी दर्ज किया था, जिसमें उस्मानी पर मामला दर्ज किया गया था।
हालांकि, उस्मानी ने खुद को निर्दोष बताते हुए दलील दी कि उन्हें दोहरे खतरे का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, अदालत ने स्पष्ट किया कि सूरत और अहमदाबाद के मामले पूरी तरह से अलग-अलग तथ्यों पर आधारित थे। हालांकि सीरियल बम विस्फोट करने की आपराधिक साजिश एक ही हो सकती है, लेकिन अपराधों की तारीखें, समय और स्थान बिल्कुल अलग-अलग हैं।
अभिलेखों की समीक्षा करने के बाद, अदालत ने पाया कि अभियोजन पक्ष के अनुसार, अभियुक्त और अन्य लोगों को विस्फोटक और समयबद्ध बम लगाने का प्रशिक्षण दिया गया था। अभियुक्तों में से एक की कपड़ा फैक्ट्री से बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया।
अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि उस्मानी ने अपराध की साजिश और उसे अंजाम देने में सक्रिय रूप से भाग लिया, जिससे उसकी संलिप्तता की गंभीरता उजागर हुई। नतीजतन, अदालत ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी।
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