राजनीति
भाजपा 22.18 करोड़ फूड पैकेट्स और 5.04 करोड़ राशन किट का कर चुकी है वितरण
कोरोना काल में भाजपा द्वारा शुरू किया गया सेवा कार्य जारी है। पार्टी द्वारा 23 मार्च से 29 जून तक देश भर के जरूरतमंद लोगों तक 22.18 करोड़ फूड पैकेट्स का वितरण किया जा चुका है। इसके साथ ही 5.04 करोड़ राशन किट और 5.66 फेस कवर भी लोगों के बीच बांटा गया है।
भाजपा ने 29 जून तक सेवा कार्य का लेखा-जोखा पेश किया है। इस दरम्यान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर अभी तक 57.94 लाख भाजपा कार्यकर्ता पीएम केयर्स में अपना अंशदान दे चुके है।
पार्टी ने यह भी जानकारी दी है कि जमीनी स्तर पर 8.23 लाख भाजपा कार्यकर्ता अभी भी सेवा कार्य में रात दिन लगे हुए हैं, जबकि बीमार और बड़े बुजुर्गों की सेवा में 4.79 लाख कार्यकर्ताओं ने योगदान दिया है। इसी अवधि में बूथ स्तर पर 13.17 लाख बूथों पर हस्ताक्षर अभियान चलाए गए। गौरतलब है कि भाजपा इन सेवा कार्यो को पार्टी स्तर पर विभाजित 907 संगनात्मक जिलों के 13,796 मंडलों में चला रही है।
इस सेवा कार्य पर भाजपा प्रवक्ता सुदेश वर्मा कहते ने कहा, “भाजपा इस मुश्किल वक्त में लोगों को हर संभव मदद पहुंचा रही है। यही वजह है कि पार्टी को हर जगह जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं से कहा है कि वो पूरे लगन के साथ जरूरतमंदों की मदद करें और मुझे यह कहने में प्रसन्नता हो रही है कि हम पार्टी अध्यक्ष के आशा के अनुरूप काम कर रहे हैं।”
गौरतलब है कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मार्च महीने में ही पार्टी के एक करोड़ कार्यकर्ता को हर रोज पांच जरूरतंदों को खाने का पैकेट देने को कहा था। इसके साथ ही जरूरतमंद तक पार्टी की और से ‘मोदी किट’ के नाम से लोगों तक सामान पहुंचाने का भी अभियान शुरू किया था। गरीब लोगों को बांटे जा रहे इस किट में चावल, दाल, बिस्किट, तेल और साबुन जैसा जरूरी सामान रहता है। इस बावत पार्टी हाई कमान ने सभी प्रदेश इकाई को निर्देश दिया था कि इस तरह के किट बनाकर सभी जरूरत मंदों तक पहुंचाया जाये।
राजनीति
भारत से महात्मा गांधी का नाम कभी नहीं मिट सकता : भाजपा प्रवक्ता अजय आलोक

नई दिल्ली, 20 दिसंबर : विपक्ष की ओर से जी राम जी बिल को लेकर किए जा रहे विरोध पर भाजपा प्रवक्ता अजय आलोक ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि इस देश से महात्मा गांधी का नाम नहीं मिट सकता है।
नई दिल्ली में आईएएनएस से बातचीत के दौरान भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि विपक्ष के पास कोई काम और असली मुद्दे नहीं हैं। क्या वे यह नहीं समझते कि कोई भी इस देश से महात्मा गांधी का नाम नहीं मिटा सकता? गांधी जी की भारत पर एक अमिट छाप है। विपक्ष ने तो बार-बार उन्हीं पर हमला किया है। क्या पश्चिम बंगाल में जो तुष्टीकरण हो रहा था, वह गांधी के सिद्धांतों के मुताबिक था? क्या पश्चिम बंगाल की मौजूदा स्थिति वैसी है जैसा गांधी ने सोचा था? ममता बनर्जी को इस्तीफा दे देना चाहिए।
बंगाल में एसआईआर को लेकर भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि यह हैरानी की बात है कि इतने सारे फर्जी नाम कैसे जोड़े गए और इसके लिए कौन जिम्मेदार था। बिहार में 6.5 मिलियन नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए। अगर नाम गलत तरीके से हटाए गए थे, तो दावे किए जाने चाहिए थे। कोई भी दावा करने के लिए आगे क्यों नहीं आया? ये लोग कहां गायब हो गए? ये सवाल भी उठाए जाने चाहिए।
पीएम मोदी के पश्चिम बंगाल दौरे पर भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि मकसद नॉर्थ-ईस्ट और पश्चिम बंगाल को देश का एक मजबूत और ज़रूरी हिस्सा बनाना है, और यह कदम उसी विज़न के हिसाब से है। मेरा मानना है कि नॉर्थ-ईस्ट और पश्चिम बंगाल में कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का इतना शानदार स्तर पहले कभी नहीं देखा गया है। वहां एक रैली और भाषण होंगे। लोग प्रधानमंत्री को सुनने के लिए बेताब हैं। यह दिखाता है कि लोगों को उनसे कितना प्यार और लगाव है।
आप सांसद संजय सिंह के बयान पर भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि संजय सिंह ने संसद में बहुत आपत्तिजनक और नफरत भरी बात कही है। उन्हें अपने बयान के लिए नतीजे भुगतने होंगे।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर अजय आलोक ने कहा कि राहुल गांधी अपने साथियों के साथ घूम रहे हैं। जॉर्ज सोरोस उनके मेंटर हैं, इसलिए वह सोरोस के फॉलोअर्स के साथ यात्रा कर रहे हैं। इसमें क्या दिक्कत है? पूरा देश, बल्कि पूरी दुनिया जानती है कि कांग्रेस की फंडिंग, मोदी सरकार को गिराने की योजना, और इसके पीछे जो पैसा और संसाधन हैं, वे जॉर्ज सोरोस से जुड़े हैं। राहुल गांधी को जॉर्ज सोरोस के मोहरे के तौर पर दिखाया जा रहा है। अगर सोरोस कहते हैं कि दाएं जाओ, तो राहुल दाएं जाते हैं। अगर वह कहते हैं कि बाएं जाओ, तो राहुल बाएं जाते हैं और अगर वह कहते हैं कि कूदो, तो राहुल कूदने लगेंगे।
अंतरराष्ट्रीय
बांग्लादेश का माहौल लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए अच्छा संकेत नहीं: शशि थरूर

नई दिल्ली, 20 दिसंबर : कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शनिवार को हिंसा प्रभावित बांग्लादेश में जाने-माने मीडिया हाउस पर हो रहे हमलों पर गहरी चिंता जताई। साथ ही, बिगड़ते सुरक्षा हालात के बीच खुलना और राजशाही में भारतीय असिस्टेंट हाई कमीशन में वीजा सेवाओं को जबरन बंद करने की भी निंदा की।
कट्टरपंथी इस्लामी नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में अशांति की एक नई लहर देखने को मिली है। हादी 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान चर्चा में आए थे, जिसके कारण तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हटना पड़ा था।
इस हत्या के बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। ढाका समेत देश के कई हिस्सों से हिंसा की खबरें सामने आई हैं।
इंकलाब मंचो नेता हादी की मौत को लेकर विरोध प्रदर्शन लगातार बढ़ रहे हैं और भीड़ ने प्रमुख मीडिया संगठनों और बांग्लादेश की धर्मनिरपेक्ष विरासत से जुड़ी जगहों को निशाना बनाया है। मीडिया संस्थानों में आगजनी और तोड़फोड़ की खबरों ने देश के अंदर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता पैदा कर दी है।
इन घटनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि प्रेस पर हमले लोकतांत्रिक मूल्यों की बुनियाद पर हमला हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, “बांग्लादेश से आ रही खबरों से मैं बहुत चिंतित हूं। प्रोथोम आलो और द डेली स्टार के दफ्तरों पर टारगेट करके भीड़ के हमले और आगजनी सिर्फ दो मीडिया हाउस पर हमला नहीं हैं। ये प्रेस की आजादी और एक बहुलवादी समाज की नींव पर हमला हैं।”
कांग्रेस सांसद ने सीनियर एडिटर्स समेत पत्रकारों की सुरक्षा पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि वे एडिटर महफूज अनम और बढ़ते मुश्किल हालात में काम कर रहे दूसरे मीडिया प्रोफेशनल्स की भलाई को लेकर चिंतित हैं।
अशांति के बीच, भारत को सुरक्षा खतरों का हवाला देते हुए बांग्लादेश में दो वीजा एप्लीकेशन सेंटर बंद करने पड़े। राजशाही में ‘जुलाई 36 मंच’ नाम के एक ग्रुप ने भारतीय असिस्टेंट हाई कमीशन की ओर मार्च निकाला। जुलूस डिप्लोमैटिक मिशन की ओर बढ़ा, लेकिन पुलिस के दखल के बाद उसे बीच में ही रोक दिया गया।
खुलना में भी इसी तरह के प्रदर्शनों की खबरें आईं, जिसके बाद अधिकारियों ने दोनों जगहों पर वीजा से जुड़े काम रोक दिए। थरूर ने इसकी निंदा करते हुए कहा कि सेवाओं को रोकने के दूरगामी परिणाम होंगे।
उन्होंने कहा कि बढ़ते सुरक्षा खतरों के कारण खुलना और राजशाही में भारतीय असिस्टेंट हाई कमीशन में वीजा सेवाओं को जबरन बंद करना एक बड़ा झटका है। इस रुकावट का सीधा असर उन छात्रों, मरीजों और परिवारों पर पड़ रहा है, जिन्हें आखिरकार सीमा पार आने-जाने में सामान्य स्थिति की झलक दिख रही थी।
बांग्लादेश में 12 फरवरी, 2026 को राष्ट्रीय चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में थरूर ने चेतावनी दी कि हिंसा और असहिष्णुता का यह माहौल लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए अच्छा संकेत नहीं है।
कांग्रेस नेता ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के लिए देश में स्थिरता और लोकतांत्रिक निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए कदम भी बताए। निर्णायक कार्रवाई की जरूरत पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, “पत्रकारों की सुरक्षा: पत्रकारों को अपने दफ़्तर जलते समय अपनी जान बचाने के लिए घबराए हुए मैसेज पोस्ट नहीं करने चाहिए। भीड़तंत्र को हावी नहीं होने देना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा कि लोगों के बीच अहम संबंधों को बनाए रखने के लिए डिप्लोमैटिक सुविधाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। निशाना बनाई गई एम्बेसी और कॉन्सुलेट को अतिरिक्त सुरक्षा दी जानी चाहिए।
शांति बहाल करने की जरूरत पर जोर देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर देश को लोकतंत्र की किसी भी झलक के साथ इस बदलाव से बचना है, तो भीड़तंत्र की जगह रचनात्मक बातचीत होनी चाहिए। अंतरिम प्रमुख मोहम्मद यूनुस को यह सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत रूप से नेतृत्व करना चाहिए।
थरूर ने इस बात पर जोर दिया कि बांग्लादेश में शांति का महत्व उसकी सीमाओं से कहीं ज्यादा है। पूरे दक्षिण एशिया के लिए देश में स्थिरता बहुत जरूरी है। उन्होंने आगे कहा कि हम शांति की वापसी और एक सुरक्षित माहौल की उम्मीद करते हैं, जहां लोगों की आवाज हिंसा और धमकी से नहीं, बल्कि वोट के जरिए सुनी जाए।
राजनीति
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एकनाथ शिंदे का बचाव किया, जबकि उद्धव ठाकरे ने सतारा ड्रग कांड के आरोपों पर ‘एक और मंत्री को पद से हटाने’ का संकेत दिया।

मुंबई: महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को लेकर तीखा राजनीतिक टकराव छिड़ गया है, जिसमें ड्रग रैकेट से जुड़े आरोपों ने विवाद को और बढ़ा दिया है।
ठाकरे ने शिंदे पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए कहा कि “एक और मंत्री को जाना होगा”, जिससे दोनों पक्षों के बीच जुबानी जंग तेज हो गई। उन्होंने इशारा किया कि शिंदे ठाणे से हैं। हालांकि ठाकरे ने सीधे तौर पर शिंदे का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके इस बयान को उपमुख्यमंत्री की ओर इशारा माना गया, जिससे राज्य में राजनीतिक तनाव और बढ़ गया।
ठाकरे की ये टिप्पणी शिवसेना यूबीटी नेताओं के बढ़ते दबाव के बीच आई है, जो शिंदे के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। यह मांग शिंदे के भाई प्रकाश शिंदे पर लगे आरोपों के बाद आई है, जिसमें कहा गया है कि प्रकाश शिंदे हाल ही में मुंबई पुलिस द्वारा सतारा जिले में पकड़े गए एक ड्रग निर्माण रैकेट से जुड़े थे। हालांकि, प्रकाश शिंदे ने सभी आरोपों का जोरदार खंडन करते हुए कहा है कि उनका इस अवैध धंधे से कोई संबंध नहीं है।
आरोपों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को अपने सहयोगी का जोरदार बचाव किया। आरोपों को राजनीतिक रूप से प्रेरित बताते हुए फडणवीस ने कहा कि एकनाथ शिंदे और उनके परिवार को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है ताकि उनकी छवि खराब की जा सके। गृह मंत्रालय का प्रभार भी संभाल रहे फडणवीस ने कहा, “कुछ लोग एकनाथ शिंदे और उनके परिवार का नाम ड्रग्स से जुड़े मामले में घसीटकर जनता को गुमराह कर रहे हैं। यह सब सिर्फ राजनीतिक लाभ उठाने और उन्हें बदनाम करने के लिए किया जा रहा है।”
मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि मामले की गहन जांच की जाएगी और यदि कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। साथ ही, उन्होंने बिना पुष्ट तथ्यों के निराधार आरोप लगाने के खिलाफ चेतावनी दी और कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां सबूतों के आधार पर ही कार्रवाई करेंगी, न कि राजनीतिक दबाव के आधार पर।
इससे पहले, शिवसेना की यूबीटी नेता सुषमा अंधारे ने शिंदे के इस्तीफे की सार्वजनिक रूप से मांग की थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि सावरी गांव में उनके भाई के स्वामित्व वाला एक रिसॉर्ट नशीली दवाओं के निर्माण केंद्र से जुड़ा हुआ है। उन्होंने दावा किया कि रिसॉर्ट कथित तौर पर पास के एक अस्थायी शेड में भोजन की आपूर्ति करता था, जहां नशीली दवाओं का उत्पादन हो रहा था। इन आरोपों ने विपक्ष की ओर से जवाबदेही की मांग को और तेज कर दिया है।
इस बीच, यह विवाद राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गया है। शिवसेना के यूबीटी गुट के सांसदों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर आरोपों का विस्तृत विवरण दिया है और उनसे उपमुख्यमंत्री के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
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