राजनीति
बिहार : विस चुनाव में भाजपा के ‘अपने’ होंगे आमने-सामने!

बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के लिए शनिवार का दिन काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। राजग के प्रमुख घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने शनिवार की शाम अत्यंत आवश्यक बैठक बुलाई है, जिसमें राजग के साथ या अकेले चुनाव लड़ने पर निर्णय लिया जाएगा। लोजपा ने जिस तरह से शुक्रवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी योजना ‘सात निश्चय’ को जिस तरह भ्रष्टाचार का पिटारा बताया है, उससे यह माना जा रहा है कि इस चुनाव में भाजपा के दो दोस्त जनता दल (यूनाइटेड) के नीतीश कुमार और लोजपा के रामविलास पासवान आमने-सामने होंगे।
लोजपा पहले ही 143 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कर चुकी है। लोजपा के अध्यक्ष चिराग पासवान पहले ही यह कह चुके हैं कि लोजपा जदयू के प्रत्याशियों के खिलाफ अपने प्रत्याशी उतारेगी।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने लोजपा के अध्यक्ष चिराग पासवान के साथ बीते दिनों बैठक कर बिहार विधानसभा चुनाव में राजग के सीट बंटवारे के मामले को सुलझाने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बन सकी।
इस बीच, शुक्रवार को लोजपा ने बिहार के सरकार के सात निश्चय योजना पर निशाना साध कर भविष्य की योजना के संकेत दे दिए हैं।
लोजपा ने अपने अधिकारिक बयान में कहा कि वह नीतीश कुमार की ‘सात निश्चय’ योजना को नहीं मानती। लोजपा के प्रवक्ता अशरफ अंसारी द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि सात निश्चय के सारे काम अधूरे हैं। जिन लोगों ने भी इस योजना के काम किए उनके पैसों का भुगतान तक नहीं हुआ है।
बयान में कहा गया है कि इस योजना की हकीकत बिहार के गांवो में देखी जा सकती है। बयान में लोजपा ने ‘सात निश्चय’ को भ्रष्टाचार का पिटारा तक बता दिया।
इस बयान के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने भी राजग में अब तक सीट बंटवारा नहीं होने का ठिकरा इशारों ही इशारों में चिराग पासवान पर फोड़ दिया। उन्होंने कहा कि अगर लोजपा नेता रामविलास पासवान स्वस्थ होते तो अब तक सीट बंटवारे का काम पूरा हो जाता। उन्होंने हालांकि यह भी कहा राजग पूरी तौर पर एक है और जल्द ही तीनों दलों की एक साथ सीटों की घोषणा की जाएगी।
गौरतलब है कि पिछले कई महीनों से जदयू और लोजपा के नेता विभिन्न मुद्दों पर आमने-सामने आते रहे हैं। हालांकि भाजपा पर चिराग ने अब तक कोई सीधा निशाना नहीं साधा है।
इधर, लोजपा के एक नेता बताते हैं कि लोजपा का भाजपा के साथ कोई मतभेद नहीं है। पार्टी के अंदर 143 सीटों पर लड़ने को लेकर भारी दबाव बना हुआ है।
ऐसी स्थिति में माना जा रहा है कि संभव है कि लोजपा राजग से अलग होकर चुनाव मैदान में उतर सकती है और भाजपा के प्रत्याशी के सामने अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी।
सूत्र यह भी कहते हैं कि लोजपा ‘मोदी से बैर नहीं’ के नारे से भी चुनाव मैदान में उतर सकती है। गौरतलब है कि केंद्र की सरकार में लोजपा भागीदार है और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष रामविलास पासवान केंद्रीय मंत्री हैं।
बिहार की 243 सीटों में से पहले चरण के तहत 71 विधानसभा सीटों पर 28 अक्टूबर को मतदान होना है। इसके लिए नामांकन की प्रक्रिया प्रारंभ है। राज्य में तीन चरणों में मतदान होना है।
राजनीति
बंगाल की संस्कृति की अनदेखी भाजपा को पड़ेगी भारी : सौरभ भारद्वाज

नई दिल्ली, 9 अप्रैल। दिल्ली के चित्तरंजन पार्क इलाके में मांस और मछली की दुकानों को लेकर विवाद छिड़ गया है। इस विवाद के केंद्र में एक वीडियो है, जिसमें कुछ लोग डीडीए मार्केट स्थित एक मंदिर के बगल में चल रही मांस-मछली की दुकानों को जबरन बंद कराने की कोशिश कर रहे हैं।
यह मामला अब राजनीतिक रंग ले चुका है, जहां आम आदमी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी पर सीधा हमला बोला है।
‘आप’ नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, “भाजपा को देश की संस्कृति के बारे में कुछ नहीं मालूम। वे व्हाट्सएप पर जो देखते हैं, उसे ही सच मान लेते हैं। चित्तरंजन पार्क में बंगाली समुदाय के लोग रहते हैं, जो सबसे ज्यादा शिक्षित और समझदार हैं। बंगाल की संस्कृति की अनदेखी भाजपा को भारी पड़ेगी।”
उन्होंने कहा कि जिस प्रांगण में मां दुर्गा की पूजा होती है, वहां मांस और मछली भी प्रसाद स्वरूप चढ़ाई जाती है। बंगाली समाज नवरात्र में भी मांसाहार करता है, यह उनकी सांस्कृतिक पहचान है।
उन्होंने सवाल उठाया, “डीडीए ने इन दुकानों को कानूनी रूप से आवंटित किया है। ऐसे में भाजपा समर्थकों द्वारा गरीब दुकानदारों को धमकाना और धौंस जमाना बिल्कुल गलत है। भाजपा अपनी ताकत सिर्फ गरीबों पर ही क्यों दिखाती है?”
आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने भी भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा, “अगर भाजपा को मांस-मछली की दुकानों से इतनी परेशानी है, तो उन्हें पहले डीडीए से सवाल करना चाहिए, जिसने ये दुकानें आवंटित की हैं। गरीब दुकानदारों को परेशान करना और उन पर अत्याचार करना कहीं न कहीं भाजपा की उगाही की मंशा को दर्शाता है।”
इस पूरे विवाद पर स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि यह मार्केट पिछले 70 वर्षों से यहां स्थित है और मंदिर भी मार्केट के लोगों ने ही बनवाया है। दुकानदारों का आरोप है कि कुछ लोग जबरन संस्कृति के नाम पर दुकानों को बंद करवाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि दुकानें डीडीए से पूरी तरह से अनुमोदित हैं।
महाराष्ट्र
वानखेड़े ने काशिफ खान और राखी सावंत के खिलाफ मानहानि का मामला वापस लिया

मुंबई: एनसीबी के पूर्व जोनल डायरेक्टर एडिशनल कमिश्नर आईआरएस ने फिल्म अभिनेत्री राखी सावंत और उनके वकील काशिफ अली खान के खिलाफ दायर मानहानि का केस वापस ले लिया है। समीर वानखेड़े ने राखी सावंत और उनके वकील काशिफ अली खान देशमुख के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कर 11.55 लाख रुपये का मुआवजा मांगा था। वानखेड़े ने व्यक्तिगत आधार पर मामला वापस ले लिया। शिकायत वापस लेने पर काशिफ अली खान ने कहा कि हमारी मध्यस्थता पूरी हो गई है। आपसी मतभेद के बजाय हमने अपने छिपे हुए दुश्मनों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। इसका एक उदाहरण यह है कि मैंने समीर वानखेड़े की बहन यास्मीन वानखेड़े के मामले की पैरवी की है और पूर्व मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी दायर किया है।
समीर वानखेड़े ने शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को कॉर्डेलिया क्रूज मामले में गिरफ्तार किया था और इस मामले में गिरफ्तार किए गए मनमोहन धमीचा के वकील काशिफ अली खान ने अपने इंस्टाग्राम और सोशल मीडिया चैनलों पर समीर वानखेड़े के खिलाफ आपत्तिजनक और अभद्र टिप्पणी की थी, जिसके बाद वानखेड़े ने उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया और राखी सावंत ने भी उसी पोस्ट को अपने इंस्टाग्राम पर शेयर किया। चूंकि काशिफ अली खान ही राखी सावंत के कई मामलों की पैरवी कर रहे हैं, इसलिए वानखेड़े ने उन दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था, लेकिन अब वानखेड़े ने निजी कारणों के आधार पर मामला वापस ले लिया है। अदालत ने मामले की वापसी के लिए पक्षकारों को उपस्थित रहने का आदेश दिया था, जबकि वानखेड़े ने कहा कि उनका काशिफ अली के साथ समझौता हो गया है और इस समझ के बाद वानखेड़े ने मामला वापस ले लिया है।
राष्ट्रीय समाचार
सड़क चौड़ीकरण के लिए जयपुर में चला जेडीए का बुलडोजर, हाईकोर्ट के आदेश पर कार्रवाई

जयपुर, 9 अप्रैल। राजस्थान हाईकोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने जयपुर के 200 फीट बायपास से खातीपुरा झारखंड मोड़ तक सड़क की चौड़ाई बढ़ाने के लिए अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी है। जेडीए के जोन 7 के तहत आने वाली इस सड़क को 160 फीट चौड़ा करने का लक्ष्य है, ताकि यातायात को सुगम बनाया जा सके। हाईकोर्ट ने पिछले साल 21 नवंबर को जेडीए को इस दिशा में त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद यह कदम उठाया गया है।
जेडीए ने इस कार्रवाई को व्यवस्थित तरीके से अंजाम देने के लिए पांच टीमें गठित की हैं। इन टीमों ने सबसे पहले सड़क की सीमा का डिमार्केशन किया और अतिक्रमण के दायरे में आने वाली संरचनाओं को चिह्नित किया। इसके बाद अतिक्रमण करने वालों को नोटिस जारी कर उन्हें स्वयं अतिक्रमण हटाने का मौका दिया गया। जेडीए के इस कदम का असर भी दिखाई दिया, क्योंकि नोटिस मिलने के बाद कई लोगों ने अपने स्तर पर ही अतिक्रमण हटाना शुरू कर दिया। जो बाकी थे, उन्हें हटाने के लिए जेडीए का दस्ता सक्रिय रूप से जुट गया।
यह जयपुर शहर के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग है, जो 200 फीट बाईपास से खातीपुरा और झारखंड मोड़ को जोड़ता है। पिछले कुछ सालों में इस इलाके में बढ़ते ट्रैफिक और अतिक्रमण के कारण सड़क संकरी हो गई थी, जिससे आए दिन जाम की समस्या बनी रहती थी। स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने भी इस समस्या को लेकर कई बार शिकायत की थी। हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद अब इस दिशा में ठोस कदम उठाया जा रहा है।
जेडीए अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई पूरी तरह से कोर्ट के निर्देशों के अनुसार हो रही है और इसे जल्द से जल्द पूरा करने की कोशिश की जा रही है। अतिक्रमण हटाने के बाद सड़क को 160 फीट चौड़ा करने का काम शुरू होगा, जिससे न केवल यातायात की समस्या कम होगी, बल्कि क्षेत्र का विकास भी होगा। स्थानीय निवासियों ने इस कदम का स्वागत किया है।
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