राजनीति
माध्यमिक, हाई स्कूल की परीक्षाओं पर निर्णय के लिए बंगाल ने विशेषज्ञ समिति बनाई

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले घोषणा की थी कि इस साल माध्यमिक और उच्च माध्यमिक परीक्षाएं होंगी, लेकिन राज्य सरकार ने बुधवार को यह तय करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया कि क्या इस महामारी में बोर्ड परीक्षाएं संभव हैं। विशेषज्ञ समिति को 72 घंटे के भीतर अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है।
बुधवार को, जिस दिन माध्यमिक और उच्च माध्यमिक के लिए परीक्षा कार्यक्रम की घोषणा की जानी थी, राज्य सरकार ने घोषणा को स्थगित कर दिया और पूरी स्थिति की समीक्षा करने और संचालन की संभावना और तंत्र पर 72 घंटे के भीतर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया।
बोर्ड के सूत्रों ने कहा कि समिति कई चीजों पर अपनी राय देगी, जिसमें परीक्षाएं संभव हैं ? यदि यह संभव है तो छात्रों को संक्रमण के लिए उजागर किए बिना उन्हें आयोजित करने का तंत्र क्या होगा ? समिति परीक्षा ना होने की स्थिति में छात्रों के मूल्यांकन के पहलुओं पर भी गौर करेगी।
बोर्ड के सूत्रों ने संकेत दिया कि पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एग्जामिनेशन के अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली, पश्चिम बंगाल काउंसिल फॉर हायर सेकेंडरी एग्जामिनेशन के अध्यक्ष मोहुआ दास और बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए पश्चिम बंगाल आयोग के अध्यक्ष सहित बोर्ड के शीर्ष अधिकारी अनन्या चक्रवर्ती विशेषज्ञ समिति का हिस्सा होंगी। इसके अलावा ऐसे डॉक्टर होंगे जो कोविड रोगियों, बाल मनोवैज्ञानिकों और विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के सदस्यों के साथ काम कर रहे हैं जो मुख्य रूप से बच्चों और किशोरों के साथ काम करते हैं।
“विशेषज्ञ समिति को 72 घंटे के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। राज्य सरकार विशेषज्ञ समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आलोक में पूरे मामले का मूल्यांकन करेगी और फिर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। हालांकि, इसमें अधिक समय नहीं लगेगा। क्योंकि बोर्ड छात्रों के तनाव को कम करना चाहता है।”
बोर्ड के अधिकारियों की राय है कि सीबीएसई और आईएससी की बारहवीं कक्षा की परीक्षा रद्द होने के बाद, एक विशेषज्ञ समिति का गठन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि बोर्ड के साथ-साथ राज्य सरकार के लिए छात्रों का स्वास्थ्य सबसे महत्वपूर्ण है।
सदस्य ने कहा, “हम लगभग 21 लाख माध्यमिक और उच्च माध्यमिक छात्रों के स्वास्थ्य से कोई समझौता नहीं करेंगे और इसके लिए हम किसी भी तरह का कड़ा फैसला लेने के लिए तैयार हैं।”
इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि राज्य सरकार ने अगस्त के दूसरे सप्ताह और जुलाई के अंतिम सप्ताह में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक परीक्षा आयोजित करने का फैसला किया है, जहां केवल अनिवार्य विषयों की परीक्षा ली जाएगी, स्कूलों को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अतिरिक्त विषयों के लिए अंक देने के लिए छोड़ दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि दोनों परीक्षाओं का समय 3 घंटे के बजाय 1.5 घंटे का होगा। तीन धाराओं में 15 अनिवार्य विषय और 37 अतिरिक्त विषय हैं। हमने केवल अनिवार्य विषयों की परीक्षा लेने का फैसला किया है, जिसमें 16 दिन लगने की संभावना है। अतिरिक्त विषयों की संख्या संबंधित स्कूलों द्वारा दी जाएगी।
कुल 12 लाख छात्र हैं और वे अपने गृह केंद्रों में ही अपनी परीक्षा देंगे। परीक्षा 1.5 घंटे की होगी और छात्रों को केवल 7 अनिवार्य विषयों पर ही अपनी परीक्षा देनी होगी। अतिरिक्त विषयों के नंबर स्कूल अधिकारियों द्वारा आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर दिए जाएंगे।
राजनीति
उदित राज ने नवरात्रि में मीट बैन की मांग को बताया असंवैधानिक, कहा- संविधान से चलेगा देश

UDIT RAJ
नई दिल्ली, 22 सितंबर। नवरात्रि के पर्व का सोमवार से आगाज हो गया है। इसी के साथ ही दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में मीट दुकानों को बंद करने की मांग की गई है। कांग्रेस नेता उदित राज ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी और इसे संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन बताया। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को अपनी पसंद का अधिकार है अगर कोई मीट नहीं खाना चाहे, तो न खाए।
नवरात्रि के दौरान मीट की दुकानें बंद करने की मांग पर कांग्रेस नेता उदित राज ने मीडिया से बातचीत में कहा, “संविधान के अनुच्छेद 19 में नागरिकों को पूरी आजादी है। आप किसी पर यह नहीं थोप सकते कि उसे क्या खाना है और क्या नहीं। हर व्यक्ति को अपनी पसंद का अधिकार है। अगर कोई मीट नहीं खाना चाहे, तो न खाए। लेकिन क्या 100 प्रतिशत हिंदू किसी के कहने पर मीट बंद कर देंगे? क्या चिकन या मटन बंद हो जाएगा? मैं इस मांग को असंवैधानिक मानता हूं।”
उन्होंने आगे कहा, “हिंदुओं में भी ऐसी प्रथाएं हैं। मां काली ने खून पिया था और दुर्गा पूजा में जानवरों की बलि दी जाती है। कई देवताओं को बलि चढ़ाई जाती है और हिंदू उन्हें पूजते हैं। ये सभी राजनीतिक और गैर-संवैधानिक बातें हैं। मीट की दुकानें बंद करने का जो आह्वान किया गया है, वह पूरी तरह गलत है। इसका मकसद सिर्फ राजनीति है और कुछ लोग इस मुद्दे के जरिए समाज में नफरत फैलाना चाहते हैं। भारत एक आजाद देश है और लोगों को कुछ भी करने का पूरा अधिकार है। देश संविधान से चलेगा, किसी की मर्जी से नहीं चलेगा।”
कांग्रेस नेता उदित राज ने जीएसटी 2.0 के लागू होने पर कहा, “राहुल गांधी ने 8 साल पहले ही इसे ‘गब्बर सिंह टैक्स’ बताया था। मैं पूछता हूं कि इस टैक्स को क्यों लाया गया? जब पीएम मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने इसका विरोध किया था। सरकार ने 55 लाख करोड़ रुपए जीएसटी से पिछले 8 साल में वसूले हैं। जीएसटी में 9 स्लैब थे और इस वजह से लोग बर्बाद हो गए। हालात यह रहे कि व्यापारी देश छोड़कर चले गए। जीएसटी सुधारों को मैं कांग्रेस की जीत मानता हूं। अगर कांग्रेस की बात को मान लिया जाता तो आज लाखों का इन्वेस्टमेंट देश के बाहर नहीं जाता।”
कांग्रेस नेता ने भारत की विदेश नीति पर बात करते हुए कहा, “भारत की विदेश नीति को अब कोई नहीं मानता है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि जब से सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच रक्षा सौदा हुआ है, उसके बाद से कुछ नहीं बचा है। अगर पाकिस्तान पर हमला किया जाएगा तो सऊदी अरब उसका साथ देगा और पूरा गल्फ भी उसका समर्थन करेगा।”
एशिया कप के सुपर 4 मैच में भारत की पाकिस्तान पर 6 विकेट की जीत पर कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा, “मैं भारतीय टीम को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।”
राष्ट्रीय समाचार
दिल्ली : दूध और डेयरी उत्पादों पर जीएसटी में कटौती से आम आदमी को राहत, लोगों ने जताई खुशी

नई दिल्ली, 22 सितंबर। जीएसटी 2.0 के लागू होने के पहले ही दिन दिल्ली में दूध और डेयरी उत्पादों पर जीएसटी दरों में भारी कटौती का असर दिखने लगा है। सरकार ने पनीर, छेना, अल्ट्रा-हीट ट्रीटमेंट (यूएचटी) दूध और अन्य डेयरी आइटम्स पर टैक्स को शून्य कर दिया है, जिसे लेकर स्थानीय लोगों ने खुशी जाहिर की है।
स्थानीय निवासियों ने जीएसटी 2.0 को आम आदमी के लिए ऐतिहासिक कदम बताया।
एक स्थानीय निवासी ने कहा, “आज कीमतें कम हुई हैं और मुझे लगता है कि इसमें और भी राहत मिलनी चाहिए क्योंकि महंगाई बढ़ती ही जा रही है और ऐसे में हर कोई चाहता है कि सरकार इस पर फैसला ले। मेरा मानना है कि डेयरी उत्पादों में कमी अच्छी है और इससे ज्यादा फर्क पड़ेगा।”
एक अन्य निवासी ने कहा, “केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था को और भी मजबूत करने के लिए एक अच्छा कदम लिया है। जीएसटी की नई दरों से आम लोगों को राहत मिलेगी। साथ ही, व्हीकल और डेली प्रोडक्टस पर जीएसटी दरें कम होने से जनता को फायदा होगा।”
बता दें कि भारत के टैक्स सिस्टम में आज एक ऐतिहासिक बदलाव लागू हो गया है। नया गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी 2.0) पूरे देश में प्रभावी हो चुका है, जो टैक्स ढांचे को सरल बनाने और आम नागरिकों को राहत प्रदान करने की दिशा में सरकार का बड़ा कदम है।
जीएसटी फैसलों के अनुसार, पनीर, दूध, ब्रेड, स्टेशनरी, जीवन रक्षक दवाएं और शैक्षिक सेवाओं समेत कई आइटम्स पर जीएसटी दर शून्य हो गई है। ये बदलाव तत्काल प्रभावी आज से ही लागू होंगे, जिससे खुदरा कीमतों में कमी आएगी।
नई जीएसटी दर के तहत पनीर और छेना (प्री-पैकेज्ड), दूध, रोटी, चपाती, पराठा, जीवन रक्षक दवाएं (33 प्रकार), स्वास्थ्य/जीवन बीमा और शैक्षिक सेवाएं (ट्यूशन, कोचिंग) पर जीरो टैक्स रहेगा। पहले इन सामानों पर 5 से 18 प्रतिशत तक टैक्स लगता था।
राष्ट्रीय समाचार
जीएसटी 2.0 आज से लागू : जानें क्या सस्ता और क्या हुआ महंगा?

नई दिल्ली, 22 सितंबर। भारत के टैक्स सिस्टम में आज एक ऐतिहासिक बदलाव लागू हो गया है। नया गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी 2.0) पूरे देश में प्रभावी हो चुका है, जो टैक्स ढांचे को सरल बनाने और आम नागरिकों को राहत प्रदान करने की दिशा में सरकार का बड़ा कदम है।
जीएसटी परिषद ने सितंबर की शुरुआत में इसकी मंजूरी दी थी और अब इसका सीधा असर बाजारों पर दिखने लगा है। नवरात्रि के शुभ अवसर पर ‘जीएसटी बचत उत्सव’ के रूप में इसे प्रचारित किया जा रहा है, जो स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देगा। इस नई व्यवस्था के तहत टैक्स स्लैबों को सरल बनाया गया है, जिससे रोजमर्रा की वस्तुओं और सेवाओं पर बोझ कम होगा। एक नजर डालते हैं टैक्स सिस्टम पर।
जीएसटी फैसलों के अनुसार, पनीर, दूध, ब्रेड, स्टेशनरी, जीवन रक्षक दवाएं और शैक्षिक सेवाओं समेत कई आइटम्स पर जीएसटी दर शून्य हो गई है। ये बदलाव तत्काल प्रभावी आज से ही लागू होंगे, जिससे खुदरा कीमतों में कमी आएगी।
नई जीएसटी दर के तहत पनीर और छेना (प्री-पैकेज्ड), दूध, रोटी, चपाती, पराठा, जीवन रक्षक दवाएं (33 प्रकार), स्वास्थ्य/जीवन बीमा और शैक्षिक सेवाएं (ट्यूशन, कोचिंग) पर जीरो टैक्स रहेगा। पहले इन सामानों पर 5 से 18 प्रतिशत तक टैक्स लगता था।
इसके अलावा, मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन और स्टेशनरी आइटम्स (शार्पनर, कॉपी, नोटबुक, पेंसिल और अन्य उत्पाद), वोकेशनल प्रशिक्षण संस्थान, कौशल विकास पाठ्यक्रम, चैरिटेबल अस्पताल सेवाएं और ट्रस्ट (स्वास्थ्य, शिक्षा) पर 12 से 18 प्रतिशत लगने वाला टैक्स घटकर शून्य हो गया है।
साथ ही, एसी और फ्रिज आदि पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत हो गया है। वहीं, गाड़ियों पर टैक्स में कटौती की गई है। 350 सीसी और उससे कम की बाइक पर अब जीएसटी घटकर 18 प्रतिशत हो गया है, जो कि पहले 28 प्रतिशत था।
इसके अलावा, 1,200 सीसी और 4 मीटर से कम की पेट्रोल गाड़ियों और 1,500 सीसी और 4 मीटर से कम की डीजल गाड़ियों पर टैक्स घटकर 18 प्रतिशत हो गया है। इससे ऊपर के सेगमेंट और क्षमता वाली गाड़ियों पर अब 40 प्रतिशत का टैक्स लगेगा, जो कि पहले करीब 50 प्रतिशत होता था।
वहीं, तंबाकू, बीड़ी और पान मसाला पर 40% टैक्स बरकरार रखा गया है, जबकि पेट्रोल-डीजल पर कोई बदलाव नहीं हुआ क्योंकि ये अभी भी जीएसटी के दायरे से बाहर हैं।
-
व्यापार5 years ago
आईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years ago
भगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
महाराष्ट्र3 months ago
हाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, मस्जिदों के लाउडस्पीकर विवाद पर
-
अनन्य3 years ago
उत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
न्याय1 year ago
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अपराध3 years ago
बिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
अपराध3 years ago
पिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार7 months ago
नासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा