राजनीति
लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात के बाद बाबुल सुप्रियो ने भाजपा सांसद पद से दिया इस्तीफा
भाजपा के पूर्व नेता बाबुल सुप्रियो ने मंगलवार को यहां लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की और उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया।
लोकसभा अध्यक्ष से मिलने के बाद सुप्रियो ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह और पार्टी प्रमुख को मुझ पर जताए गए भरोसे के लिए धन्यवाद देता हूं। मेरा मानना है कि अगर मैं पार्टी का हिस्सा नहीं हूं तो मुझे अपने लिए सीट नहीं रखनी चाहिए।”
उन्होंने भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी पर भी हमला बोला और कहा कि वह कुछ महीने पहले तक तृणमूल कांग्रेस के अभिन्न अंग थे, “लेकिन राजनीति के अलावा वे एक दोस्त रहे हैं। जाहिर तौर पर उन्हें राजनीतिक रूप से मेरे बारे में बहुत कठोर बातें करनी पड़ती हैं, लेकिन उन्हें अपने पिता और भाई को सांसद की सीटों से इस्तीफा देने की सलाह देनी चाहिए क्योंकि वे अब तृणमूल के साथ नहीं हैं।”
सुप्रियो ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पार्टी में शामिल करने के लिए उनकी प्रशंसा की।
18 सितंबर को तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के बाद, सुप्रियो ने यह स्पष्ट कर दिया था कि सांसद बने रहना ‘अनैतिक होगा’ क्योंकि वह भाजपा के टिकट पर आसनसोल के सांसद चुने गए थे। उन्होंने कहा था कि स्पीकर से मिलने के बाद वह इस्तीफा दे देंगे।
सुप्रियो ने 2014 और 2019 में दो बार आसनसोल संसदीय क्षेत्र से जीत हासिल की। वह नरेंद्र मोदी कैबिनेट में केंद्रीय राज्य मंत्री भी बने, लेकिन फेरबदल के दौरान उन्हें कैबिनेट से हटा दिया गया।
उसके बाद उन्होंने राजनीति छोड़ने की घोषणा की थी, लेकिन कुछ ही दिनों में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए।
राजनीति
दिल्ली प्रदूषण पर सख्त एक्शन ले सरकार, हम समर्थन के लिए तैयार : प्रियंका गांधी

नई दिल्ली, 1 दिसंबर: संसद के शीतकालीन सत्र का सोमवार को पहला दिन है। इस बीच कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और लोकसभा सदस्य प्रियंका गांधी ने संसद सत्र में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की मांग दोहराई। उन्होंने दिल्ली के प्रदूषण को गंभीरता से लेने और उसके निवारण के लिए युद्धस्तर पर काम करने की मांग की।
प्रियंका गांधी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “संसद सत्र में एसआईआर, प्रदूषण जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए। एसआईआर का मुद्दा काफी महत्वपूर्ण है। यह लोकतंत्र के लिए काफी अहम है। एसआईआर की प्रक्रिया में क्या चीजें हो रही हैं? चाहे चुनाव की स्थिति हो या एसआईआर, ये देश के लिए बहुत बड़े मुद्दे हैं। इन पर चर्चा करनी चाहिए न कि कोई ड्रामा।”
दिल्ली के प्रदूषण पर कांग्रेस नेता ने कहा कि राजधानी की हालत शर्मनाक है। हमें राजनीति को किनारे रखकर एडमिनिस्ट्रेटिव, पॉलिटिकल, सिविल सोसाइटी और ज्यूडिशियल को एक साथ लाकर सख्त एक्शन लेना चाहिए। यहां 22 लाख बच्चों के फेफड़ों को परमानेंट डैमेज है। बुजुर्ग लोग अस्थमा और सांस की दूसरी दिक्कतों से जूझ रहे हैं। हॉस्पिटल भरे हुए हैं।
प्रियंका गांधी ने कहा कि केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को तुरंत एक्शन लेना चाहिए। हम सरकार को सपोर्ट करने के लिए तैयार हैं।
दूसरी ओर कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने संसद में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की मांग दोहराई। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, “जिस तरह से इलेक्शन कमीशन के जरिए पूरी वोटर लिस्ट को एक खास नाम से बदला जा रहा है, उससे पूरे देश में परेशानी हो रही है। लोग सुसाइड कर रहे हैं और पूरा सिस्टम दबाव में है। अगर पार्लियामेंट इन मामलों पर चर्चा नहीं करेगी, तो कौन करेगा?”
राजनीति
मध्य प्रदेश: हंगामे के साथ विधानसभा सत्र की शुरुआत, कांग्रेस विधायकों ने अनोखा विरोध-प्रदर्शन किया

भोपाल, 1 दिसंबर: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में फल सिरप पीने से हुई बच्चों की मौत सहित अन्य मामलों को लेकर कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा परिसर में अनोखा प्रदर्शन किया। कांग्रेस विधायक सोमवार को बच्चों के पुतले लेकर पहुंचे विधानसभा पहुंचे।
मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हुआ और कांग्रेस के विधायक आक्रामक नजर आए। पहले ही दिन विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने प्रदेश में बच्चों पर बढ़ते अत्याचार, कफ सिरप पीने से हुई मासूम बच्चों की मौत और सरकारी उपेक्षा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस विधायकों ने अनोखा सांकेतिक प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन के दौरान विधायक अपने साथ मासूम बच्चों के पुतले लेकर पहुंचे और सरकार को कटघरे में खड़ा किया। एक कांग्रेस की महिला विधायक ‘पूतना’ का रूप रखकर पहुंची, जिसे भाजपा सरकार की नीतियों और लापरवाही का प्रतीकात्मक रूप बताया गया।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा, “सरकार बच्चों के मामले में भी संवेदनशील नहीं है। छिंदवाड़ा में कई परिवारों के घरों के चिराग हमेशा के लिए बुझ गए और माताओं की गोद सूनी हो गई, लेकिन पूतना बनी सरकार को स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी और समीक्षा करने की फुर्सत तक नहीं है। अस्पतालों में ऐसी बदइंतजामी है कि बच्चों को चूहे भी काट लेते हैं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस विषय पर चर्चा करने, जवाब देने और जिम्मेदारी तय करने से लगातार बच रही है। उमंग सिंघार ने आगे कहा कि यह सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि प्रदेश में बच्चों की सुरक्षा, स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की हालत और सरकार की प्राथमिकताओं पर गंभीर प्रश्नचिह्न है। जनता जानना चाहती है कि आखिर सरकार मासूमों की जान से खिलवाड़ होने पर भी खामोश क्यों है?
कांग्रेस विधायकों ने साफ कहा कि भाजपा सरकार की लापरवाही अब असहनीय हो चुकी है। जब सवाल मासूमों के जीवन का हो, तो विपक्ष चुप नहीं बैठेगा।
राजनीति
सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार: जगदंबिका पाल

नई दिल्ली, 1 दिसंबर: संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत सोमवार से हो गई। इस सत्र में विपक्ष मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का मुद्दा उठा सकता है, जिस पर हंगामे के आसार हैं। इस बीच भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है।
भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा, “सरकार चर्चा के लिए तैयार है। पार्लियामेंट्री अफेयर्स मिनिस्टर ने ऑल-पार्टी मीटिंग में कहा है कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। लेकिन चर्चा तभी होगी जब वे प्रपोज करेंगे और स्पीकर मंजूरी देंगे। अगर वे सदन में हंगामा करते हैं और वेल में जमा होते हैं, तो वे एसआईआर पर चर्चा नहीं चाहते, वे कार्यवाही रोकना चाहते हैं। वे एसआईआर पर क्या चर्चा चाहते हैं?”
उन्होंने विपक्ष को चुनौती देते हुए कहा, “मैं विपक्ष को चुनौती देता हूं। अगर एसआईआर के साथ कोई समस्या है, तो उन्हें चुनाव आयोग से संपर्क करना चाहिए। अगर कोई असली समस्या होती, तो बिहार में भाजपा की सरकार नहीं बनती।”
भाजपा सांसद ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) शासित पश्चिम बंगाल में एसआईआर पर हो रहे हंगामे को लेकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग ने बताया है कि बीएलओ पर दबाव न डालें। लेकिन, बंगाल में कुछ जगहों पर टीएमसी के कार्यकर्ता कथित तौर पर बीएलओ पर दबाव डाल रहे हैं, जिससे ये सुसाइड और सिक्योरिटी के खतरे हो रहे हैं।”
भाजपा सांसद डॉ. के. लक्ष्मण ने कहा, “एसआईआर कोई मुद्दा नहीं है क्योंकि चुनाव आयोग एक स्वायत्त संस्था है। राहुल गांधी, जो अक्सर वोट चोरी की बात करते हैं, मतदाता सूची के शुद्धीकरण का मुद्दा उठने पर दोहरे मापदंड क्यों अपना रहे हैं? वे इसे मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन लोगों ने उन्हें नकार दिया है। एसआईआर करने में क्या गलत है?”
वहीं, दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने एसआईआर की समयसीमा बढ़ाने पर कहा, “निर्वाचन आयोग ने निष्पक्ष पारदर्शितापूर्ण सूची बनाने के लिए एक बड़ा अभियान छेड़ा है। यह उत्तर प्रदेश सहित देश के 12 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में चल रहा है। तारीख बढ़ने से मतदाता आराम से अपना गणना पपत्र जमा कर सकेंगे। इससे गणनाकर्मियों को भी सुविधा मिलेगी।”
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