अंतरराष्ट्रीय
ऑस्ट्रेलिया की टी20 विश्व कप टीम घोषित, पैट कमिंस की वापसी

ऑस्ट्रेलिया ने अपनी मेजबानी में होने वाले आईसीसी पुरुष टी20 विश्व कप के लिए अपनी टीम घोषित कर दी है जिसमें सिंगापुर में जन्मे और पर्थ में पले-बढे टिम डेविड को लेग स्पिनर मिचेल स्वेप्सन की जगह टीम में शामिल किया गया है। ऑस्ट्रेलिया टी 20 विश्व कप का पिछला चैंपियन है। पैट कमिंस न्यूजीलैंड और जिम्बाब्वे के खिलाफ वनडे सीरीज चूकने के बाद टीम में लौटे हैं जबकि एडम जम्पा भी अपने बेटे यूजीन के जन्म के बाद टीम में शामिल किये गए हैं।
ऑस्ट्रेलिया ने मध्यक्रम के बल्लेबाज टिम डेविड को टीम में शामिल किया है। विश्व कप से पहले सितंबर में भारत में तीन टी20 मैचों के दौरे पर भी डेविड टीम में रहेंगे और यह उन्हें पहली बार ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलने का मौका प्रदान करेगा।
सिंगापुर में जन्मे डेविड बीबीएल समेत विश्व की कई टी20 लीग में धाकड़ बल्लेबाजी के लिए नाम कमा चुके हैं और वह ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रीय या राजकीय अनुबंध के ढांचे से बाहर टीम में चुने जाने वाले पहले खिलाड़ी हैं। वर्तमान में उनका ऑस्ट्रेलिया में इकलौता करार होबार्ट हरिकेंस टीम के साथ है और वह इससे पहले सिंगापुर के लिए 14 टी20 अंतर्राष्ट्रीय खेल चुके हैं।
राष्ट्रीय चयनकर्ता जॉर्ज बेली ने कहा, “वह एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं और नैसर्गिक रूप से बड़े शॉट लगाते हैं। उनके आने से हमारी टी20 टीम में बल्लेबाजी की गहराई और बढ़ेगी।”
इससे पहले भी पिछले सीजन श्रीलंका के विरुद्ध टीम में उन्हें शामिल करने की बात हुई थी लेकिन फिर यह फैसला लिया गया था कि उन्हें पीएसएल में मुल्तान सुल्तांस में खेलने दिया जाए ताकि उन्हें निरंतर मैच खेलने का मौका मिले। उस टूर्नामेंट में उन्होंने 194.40 के स्ट्राइक रेट और 39.71 के औसत से 278 रन बनाए थे और उसी दौरान उन्हें आईपएल में मुंबई इंडियंस ने 8.25 करोड़ रुपये देकर अपने साथ जोड़ा।
बेली ने कहा, “उनका सफर काफी अलग रहा है और यह एक उत्साहजनक बात है। किसी खिलाड़ी के लिए केवल फ्ऱैंचाइज क्रिकेटर होना शायद थोड़ा चुनौतीपूर्ण है। शायद यह आगे और देखने को मिलेगा।”
डेविड पिछले साल यूएई में विश्व कप जीतने वाली टीम से इकलौते बदलाव होंगे। वह उस टीम से लेग स्पिनर मिचेल स्वेप्सन की जगह लेंगे। चयनकर्ताओं के अनुसार घरेलू परिस्थितियों में अतिरिक्त स्पिनर की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब बड़ा सवाल यही होगा कि एकादश में डेविड को कैसे जगह दी जाए। एंर्डयू मैकडोनाल्ड के मुख्य कोच बनने के बाद स्टीवन स्मिथ, जिनकी बल्लेबाजी की शैली शायद टी20 क्रिकेट में उन्हें सबसे ज्यादा दबाव का पात्र बनाती है, अधिक स्वतंत्रता के साथ बल्लेबाजी करने लगे हैं।
कार्यभार प्रबंधन के लिए डेविड वॉर्नर को भारत में होने वाले टी20 मैचों में आराम दिया गया है और टीम में उनकी जगह कैमरन ग्रीन खेलेंगे। 25 सितंबर को खत्म होने वाली इस सीरीज के बाद ऑस्ट्रेलिया विश्व कप की तैयारी के तहत अपने घर में अक्तूबर की शुरूआत में वेस्टइंडीज के साथ दो मैच और इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैच खेलेगा।
ऑस्ट्रेलिया विश्व कप में अपने अभियान की शुरूआत 22 अक्टूबर को सिडनी में न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच से करेगा।
ऑस्ट्रेलिया की विश्व कप टीम इस प्रकार है: आरोन फिंच (कप्तान), एश्टन एगर, पैट कमिंस, टिम डेविड, जोश हेजलवुड, जोश इंग्लिस, मिचेल मार्श, ग्लेन मैक्सवेल, केन रिचर्डसन, स्टीव स्मिथ, मिचेल स्टार्क, मार्कस स्टोइनिस, मैथ्यू वेड, डेविड वार्नर, एडम जम्पा
अंतरराष्ट्रीय
ओबामा ने ईरान को बहुत कुछ दिया, मैं नहीं देने वाला: ट्रंप

वाशिंगटन, 30 जून। ईरान पर भविष्य में क्या अमेरिका हमला करेगा या नहीं, फिलहाल इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है। ईरान के उप-विदेश मंत्री अमेरिका के साथ भविष्य में किसी भी कूटनीतिक और न्यूक्लियर वार्ता पर शर्त रख चुके हैं। ऐसे में ट्रंप ने कहा है कि अब वह ईरान से बात नहीं कर रहे हैं।
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर लिखा, “मैं ईरान को कुछ भी नहीं दे रहा हूं। ओबामा की तरह, जिन्होंने ‘परमाणु हथियार जेसीपीओए (जो अब समाप्त हो जाएगा) के तहत अरबों डॉलर का भुगतान किया था। इतना ही नहीं, मैं उनसे इस विषय पर बात भी नहीं करने वाला हूं, क्योंकि हमने उनकी न्यूक्लियर फैसिलिटी को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।”
ट्रंप शुक्रवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर चुके थे, जिनमें कहा गया था कि उनके प्रशासन ने सिविलियन एनर्जी प्रोड्यूसिंग न्यूक्लियर प्रोग्राम बनाने के लिए ईरान को 30 बिलियन डॉलर तक की मदद करने की चर्चा की थी।
रविवार को ‘बीबीसी’ से बातचीत में माजिद तख्त-रवांची ने कहा था कि अमेरिका को ईरान के खिलाफ किसी भी हमले से इनकार करना चाहिए। इसके साथ ही उप-विदेश मंत्री ने कहा कि ईरान के खिलाफ भविष्य के हमलों पर ट्रंप प्रशासन की स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।
माजिद ने बताया कि अमेरिका ने मध्यस्थ देशों से कहा है कि वह ईरान के साथ बातचीत करना चाहता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि वह भविष्य में हमले करेगा या नहीं।
अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर फैसिलिटी नतांज, फोर्डो और इस्फाहान को नष्ट किया था। इस फैसले के साथ अमेरिका इजरायल-ईरान के बीच संघर्ष में कूद पड़ा था।
इसके जवाब में ईरान ने कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद ट्रंप ने ईरान-इजरायल के बीच युद्ध विराम की घोषणा की थी।
अंतरराष्ट्रीय
ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरु ने ट्रंप-नेतन्याहू के खिलाफ जारी किया ‘फतवा’

तेहरान, 30 जून। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ने एक ‘फतवा’ जारी करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को ‘ऊपर वाले का दुश्मन’ बताया है। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरुओं में से एक हैं।
शीर्ष शिया धर्मगुरु ने अपने फतवे में कहा, “कोई भी व्यक्ति या शासन जो नेता या मरजा को धमकाता है, उसे ऊपर वाले का दुश्मन माना जाता है।”
सेमी-ऑफिशियल मेहर समाचार एजेंसी के अनुसार, “रविवार को अपने ऑफिस के एक बयान में शिराजी ने दुनियाभर के मुसलमानों से ऐसी धमकियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने को कहा है। शिराजी ने कहा है कि अगर कोई मुस्लिम जो अपने मुस्लिम कर्तव्य का पालन करता है, उसे अपने अभियान में कठिनाई या नुकसान उठाना पड़ता है, तो उसे ऊपर वाले की राह में एक योद्धा के रूप में इनाम से नवाजा जाएगा।”
फतवे में कहा गया है, “मुसलमानों या इस्लामी देशों के जरिए उस दुश्मन को दिया जाने वाला कोई भी सहयोग या समर्थन हराम या निषिद्ध है। दुनियाभर के सभी मुसलमानों के लिए यह जरूरी है कि वह इन दुश्मनों को उनके शब्दों और गलतियों पर पछतावा करवाएं।”
रिपोर्ट्स के अनुसार यह फतवा राष्ट्रपति ट्रंप और इजरायली अधिकारियों के ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के खिलाफ कथित धमकियों के बाद आया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि उन्होंने खामेनेई को ‘एक बहुत ही भयावह और अपमानजनक मौत’ से बचाया है। इसके साथ ही ट्रंप ने ईरानी सर्वोच्च नेता के ऊपर इजरायल पर जीत के बारे में गलत बयान देने का आरोप लगाया।
हाल ही में इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने एक इंटरव्यू में कहा कि ईरान के साथ अपने 12-दिवसीय संघर्ष के दौरान, इजरायल ने खामेनेई को खत्म करने की कोशिश की, लेकिन इस ऑपरेशन को अंजाम देने का मौका कभी नहीं आया।
कैट्ज ने इजराइल के ‘चैनल 13’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “अगर वह हमारी नजर में होते, तो हम उन्हें मार गिराते। हम खामेनेई को खत्म करना चाहते थे, लेकिन कोई ऑपरेशनल मौका नहीं था।”
इजरायल ने 13 जून को ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ शुरू किया, जिसमें ईरान की प्रमुख सैन्य और न्यूक्लियर एसेट्स को निशाना बनाया गया। इसके बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष बढ़ गया।
जवाबी कार्रवाई में, ईरान ने इजरायली शहरों और बाद में कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। तेहरान के इस कदम से पहले फोर्डो, नतांज और इस्फाहान में उसकी न्यूक्लियर फैसिलिटी पर अमेरिकी हमले हुए थे।
संघर्ष के बारह दिन बाद ट्रंप ने दोनों देशों के बीच युद्धविराम की घोषणा की।
अंतरराष्ट्रीय
सीजफायर की उम्मीदों के बीच गाजा में इजरायली सैनिक की मौत

यरूशलम, 30 जून। उत्तरी गाजा पट्टी में एक इजरायली सैनिक की मौत की सूचना सामने आई है, जिसकी जानकारी इजरायली सेना ने दी है।
‘सिन्हुआ समाचार एजेंसी’ के अनुसार सेना ने बताया है कि 401वीं ब्रिगेड की 601वीं कॉम्बैट इंजीनियरिंग बटालियन के सार्जेंट यिसरायल नतन रोसेनफेल्ड (20) लड़ाई के दौरान मारे गए।
इजरायल के सरकारी स्वामित्व वाले ‘कान टीवी’ ने बताया कि रोसेनफेल्ड की मौत जबालिया में एक विस्फोटक उपकरण की वजह से हुई। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां सेना ने उत्तरी गाजा में एक नियोजित बफर जोन के हिस्से के रूप में चौकियों के निर्माण की तैयारी में इमारतों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया था।
जून की शुरुआत से गाजा पट्टी में 21 इजरायली सैनिक मारे गए हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2023 तक सैनिकों की मौत का आंकड़ा 880 तक पहुंच चुका था।
इससे पहले रविवार को, फिलिस्तीनी सूत्रों ने उत्तरी गाजा में भारी बमबारी की सूचना दी। गाजा स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इजरायली हमलों में करीब 88 लोग मारे गए और 365 घायल हो गए।
इजरायली डिफेंस फोर्सेज ने गाजा के भीड़भाड़ वाले रिहायशी इलाकों के अलावा स्कूल, स्टेडियम और शरणार्थी टेंट को निशाना बनाया।
यह हमला तब हुआ जब इजरायली सेना ने नई इवैक्युएशन वॉर्निंग जारी की। इस चेतावनी में गाजा शहर और जबालिया के निवासियों से तुरंत अल-मवासी क्षेत्र की ओर जाने को कहा गया।
यह हमले ऐसे समय पर हुए, जब एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगले हफ्ते तक सीजफायर का संकेत दिया था, लेकिन इजरायल की इस कार्रवाई ने इन उम्मीदों को धूमिल कर दिया है।
इस बीच, गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने रविवार को बताया कि अक्टूबर 2023 से इजरायली सैन्य अभियानों में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या कम से कम 56,500 हो गई है।
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नासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा