अंतरराष्ट्रीय
वर्ल्ड कप में लहरा रहा है ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर एडम ज़म्पा का परचम
ऑस्ट्रेलिया के गतिशील स्पिनर, एडम ज़म्पा, मौजूदा आईसीसी वनडे विश्व कप 2023 में एक महत्वपूर्ण ताकत बनकर उभरे हैं, उन्होंने गेंद के साथ अपने असाधारण कौशल का प्रदर्शन किया है और बल्ले से भी बहुमूल्य योगदान दिया है। उनकी सफलता की यात्रा 2021 में दुबई में आईसीसी पुरुष टी20 विश्व कप से शुरू होती है, जहां उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को पहला टी20 विश्व कप खिताब दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
दुबई में ज़म्पा के उल्लेखनीय प्रदर्शन ने, 5.81 की प्रभावशाली इकॉनमी दर से 13 विकेट लेकर, उन्हें प्रमुख आईसीसी टूर्नामेंटों में ऑस्ट्रेलिया के पसंदीदा स्पिनर के रूप में स्थापित किया। मौजूदा वनडे विश्व कप में उनकी प्रतिष्ठा और भी मजबूत हुई है, जहां उन्होंने पहले ही आठ मैचों में 20 विकेट ले लिए हैं, जिससे वह टूर्नामेंट में तीसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए हैं।
लेग स्पिनर को टूर्नामेंट में एक चुनौतीपूर्ण क्षण का सामना करना पड़ा, चेन्नई में भारत के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया की हार में उन्हें कोई विकेट नहीं मिला। हालाँकि, उनका लचीलापन सामने आया और बाद के मैचों में, ज़म्पा ने एक सनसनीखेज बदलाव की पटकथा लिखी। श्रीलंका के खिलाफ, शुरुआत में 21 ओवरों में 1-145 के आंकड़े के साथ संघर्ष करने के बाद, उन्होंने उल्लेखनीय वापसी की और 69 ओवरों में 9.66 के प्रभावशाली औसत से 20 विकेट हासिल किए।
निर्णायक मोड़ श्रीलंका के खिलाफ मैच में आया, जहां ज़म्पा के चार विकेट ने मैचों को प्रभावित करने की उनकी क्षमता का प्रदर्शन किया। इसने एक सिलसिले की शुरुआत की जहां उन्होंने निम्नलिखित चार विश्व कप मैचों में लगातार तीन या अधिक विकेट लिए, इस उपलब्धि को हासिल करने वाले वनडे विश्व कप के इतिहास में पहले व्यक्ति के रूप में एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाया।
2019 विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया की निराशा पर विचार करते हुए, ज़म्पा ने एक दिवसीय विश्व कप खिताब जीतने की तीव्र इच्छा व्यक्त की। उनके दृढ़ संकल्प और शानदार प्रदर्शन ने न केवल ऑस्ट्रेलिया को खिताब दिलाने में योगदान दिया है, बल्कि उन्हें आईसीसी वनडे रैंकिंग में भी बढ़त दिलाई है, जिससे वह वर्तमान में इस प्रारूप में तीसरे सर्वश्रेष्ठ वनडे गेंदबाज हैं।
ज़म्पा ने आईसीसी से कहा, “आपको विश्व कप जीतने का मौका अक्सर नहीं मिलता है।”
“हम अभी भी उस विश्व कप के बारे में सोच रहे हैं जो हमने कुछ साल पहले (2021) जीता था और उस भावना को फिर से बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
“हम अपने 2019 विश्व कप से निराश थे और वह कैसे समाप्त हुआ और हमारे पास अभी भी एक दिवसीय विश्व कप जीतने की तीव्र इच्छा है।”
कप्तान पैट कमिंस को ज़म्पा के रूप में न केवल बीच के ओवरों में बल्कि महत्वपूर्ण डेथ ओवरों में भी एक शक्तिशाली हथियार मिला है। ज़म्पा की बल्लेबाजों को पढ़ने और उसके अनुसार अपनी विविधताओं को अपनाने की क्षमता ऑस्ट्रेलिया के लिए महत्वपूर्ण विकेट लेने में सहायक रही है।
ज़म्पा की निरंतरता 2022 की शुरुआत से उनके प्रदर्शन से रेखांकित होती है, जहां वह 29 मैचों में 65 विकेट के साथ एकदिवसीय क्रिकेट में अग्रणी विकेट लेने वालों में से एक हैं।
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान आरोन फिंच ने ज़म्पा की असाधारण निरंतरता की सराहना की और उन्हें विश्व स्तर पर प्रमुख सफेद गेंद स्पिनर के रूप में मान्यता दी। ज़म्पा का योगदान विकेट लेने से परे है, क्योंकि वह 2019 एकदिवसीय विश्व कप के बाद से 50 ओवर के क्रिकेट में डेथ ओवरों में ऑस्ट्रेलिया के अग्रणी विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे हैं।
जैसा कि ज़म्पा विश्व मंच पर चमकना जारी रख रहे हैं, उनकी यात्रा ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के लचीलेपन और दृढ़ संकल्प का उदाहरण देती है, जिससे प्रशंसक आईसीसी वनडे विश्व कप के शेष मैचों में उनके प्रभुत्व की पराकाष्ठा को देखने के लिए उत्सुक हैं।
अंतरराष्ट्रीय
ट्रंप के टैरिफ वॉर से दुनिया को राहत? अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में आज हो सकता है आखिरी फैसला!

नई दिल्ली, 6 नवंबर : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के ऐलान के साथ वैश्विक व्यापार जगत में उथल-पुथल मच गई। ट्रंप के टैरिफ को लेकर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी रही, जिसके बाद उम्मीद की जा रही है कि इसपर आखिरी फैसला भी आज आ जाए। वहीं, दूसरी ओर पूरी दुनिया की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं।
5 नवंबर को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में आखिरी सुनवाई शुरू हुई, जिसमें अधिकांश जजों ने अमेरिकी राष्ट्रपति के फैसले पर सवाल खड़े किए।
निचली फेडरल कोर्ट ने इससे पहले टैरिफ के मामले में फैसला सुनाया था कि ट्रंप के पास अमेरिका के कई व्यापारिक साझेदारों से आयात पर टैरिफ लगाने और कनाडा, चीन और मैक्सिको के उत्पादों पर फेंटानिल टैरिफ लगाने का कानूनी अधिकार नहीं है। निचले कोर्ट के फैसले के बाद राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
बता दें, टैरिफ को लेकर करीब ढाई घंटे से ज्यादा कोर्ट में बहस चली। कोर्ट ने ट्रंप सरकार के टैरिफ के फैसले पर सवाल उठाए। जस्टिस सोनिया सोतोमयोर ने कहा, “आप कहते हैं कि टैरिफ टैक्स नहीं हैं, लेकिन वास्तव में वे टैक्स ही हैं। वे अमेरिकी नागरिकों से पैसा, राजस्व कमा रहे हैं।”
इस पर सॉलिसिटर जनरल जॉन सॉयर ने कहा, “मैं इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कह सकता, यह एक नियामक टैरिफ है, टैक्स नहीं। यह सच है कि टैरिफ से राजस्व बढ़ता है और यह केवल आकस्मिक है।”
इसके अलावा जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स ने कहा, “अगर मैं सही नहीं हूं तो मुझे सुधारें, लेकिन यह तर्क किसी भी देश के किसी भी उत्पाद पर, किसी भी मात्रा में, किसी भी अवधि के लिए टैरिफ लगाने की शक्ति के लिए दिया जा रहा है।”
जस्टिस रॉबर्ट्स की इस टिप्पणी के बाद अमेरिकी सॉलिसिटर जनरल डी. जॉन सॉयर ने तर्क दिया कि आईईईपीए राष्ट्रपति को इमरजेंसी की स्थिति के दौरान ‘आयात को विनियमित करने’ की इजाजत देता है।
अमेरिकी सॉलिसिटर जनरल के तर्क से जस्टिस एमी कोनी बैरेट सहमत नहीं थीं। उन्होंने सॉयर से कहा, “क्या आप संहिता में ऐसे किसी दूसरे स्थान या इतिहास में किसी दूसरे समय का जिक्र कर सकते हैं, जहां ‘आयात को विनियमित करना’ वाक्यांश का उपयोग टैरिफ लगाने का अधिकार देने के लिए किया गया हो?”
इसके अलावा, जस्टिस बैरेट ने कहा कि अगर कांग्रेस भविष्य में आपातकालीन टैरिफ पर किसी भी सीमा को मंजूरी देना चाहती है, तो उसे राष्ट्रपति के वीटो को पार करने के लिए दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी।
जस्टिस बैरेट ने पूछा, “अगर कांग्रेस कहती है, ‘अरे, हमें यह पसंद नहीं है, इससे राष्ट्रपति को आईईईपीए के तहत बहुत ज्यादा अधिकार मिल जाते हैं,’ तो उसे आईईईपीए से उस टैरिफ शक्ति को वापस लेने में बहुत मुश्किल होगी, है ना?”
हालांकि, कोर्ट की तरफ से मामले में अब तक आखिरी फैसला सामने नहीं आया है, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति के टैरिफ वाले फैसले पर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने सवाल खड़े किए हैं।
अंतरराष्ट्रीय
बांग्लादेश के चटगांव में फिर मचा बवाल, बीएनपी के दो गुटों में हिंसक झड़प; पांच कार्यकर्ता घायल

ढाका, 6 नवंबर : बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के शासन में अराजकता की स्थिति बनी हुई है। चटगांव जिले के रावजान उपजिला में स्थानीय प्रभुत्व को लेकर बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के दो गुटों में हिंसक बवाल देखने को मिला।
देखते ही देखते बवाल इतना बढ़ा कि पार्टी के प्रतिद्वंद्वी गुट द्वारा कथित तौर पर बंदूक से किए गए हमले में बीएनपी के कम से कम पांच कार्यकर्ता घायल हो गए। पुलिस और स्थानीय लोगों के अनुसार, यह घटना बुधवार रात रावजान के बागवान यूनियन के चौधरीपारा इलाके में हुई।
घायलों की पहचान बीएनपी की मजदूर शाखा, श्रमिक दल की उपजिला इकाई के महासचिव अब्दुल्ला सुमन और कार्यकर्ता इस्माइल, खोरशेद, रुबेल और सोहेल के रूप में हुई है।
सभी पांचों पीड़ितों का चटगांव मेडिकल कॉलेज अस्पताल (सीएमसीएच) में इलाज चल रहा है और उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
बांग्लादेशी मीडिया आउटलेट यूएनबी ने स्थानीय लोगों के हवाले से बताया कि अज्ञात हमलावर मोटरसाइकिल और एक कार में सवार होकर आए और बीएनपी कार्यकर्ताओं पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी।
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि गोलीबारी के लगभग डेढ़ घंटे बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची, जिससे इलाके के निवासियों में दहशत फैल गई। उन्होंने दावा किया कि हिंसा दो स्थानीय बीएनपी गुटों के बीच वर्चस्व स्थापित करने को लेकर हुए झगड़े के कारण भड़की।
रावजान-रंगूनिया क्षेत्र के सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) मोहम्मद बेलायत हुसैन ने इस घटनाक्रम के बारे में बताते हुए कहा कि आगे किसी भी तरह की अशांति को रोकने के लिए इलाके में पुलिस तैनात कर दी गई है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
इससे पहले बुधवार को, चटगांव के बायजीद इलाके में एक चुनावी कार्यक्रम के दौरान बीएनपी के चटगांव-8 उम्मीदवार इरशाद उल्लाह गोली लगने से घायल हो गए, जबकि उनके एक सहयोगी सरवर बबला की गोली लगने से मौत हो गई।
इसके अलावा, 25 अक्टूबर को, स्थानीय नेता मोहम्मद आलमगीर आलम की भी इसी रावजान उपजिले में इसी तरह के एक हमले में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
फिर, 28 अक्टूबर को चटगांव में बीएनपी की युवा शाखा के दो गुटों के बीच हुई गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई और 15 अन्य घायल हो गए। मृतक की पहचान 22 साल के मोहम्मद सज्जाद के रूप में हुई, जो बीएनपी की छात्र शाखा छात्र दल का सदस्य था।
रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक साल में, उपजिले में कम से कम 17 लोग मारे गए हैं। इनमें 12 बीएनपी कार्यकर्ता, चार छात्र, जुबो लीग के कार्यकर्ता और एक प्रवासी शामिल हैं। बीएनपी की पार्टी के अंदर भी हिंसा में वृद्धि देखने को मिल रही है। दो गुटों में झड़पों में कई लोग घायल हुए हैं।
अंतरराष्ट्रीय
बिहार चुनाव : सीएम नीतीश को लेकर क्या बोलीं अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन?, मैथिली ठाकुर पर दिया बड़ा बयान

नई दिल्ली, 25 अक्टूबर : अमेरिका की मशहूर सिंगर मैरी मिलबेन ने बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर मिडिया से एक्सक्लूसिव बातचीत की। इस बातचीत के दौरान उन्होंने बिहार में एनडीए की जीत की उम्मीद जताई। इसके साथ ही उन्होंने बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका मैथिली ठाकुर को ना केवल राजनीति में कदम रखने के लिए शुभकामनाएं दी, बल्कि उनकी कला और संगीत की सराहना भी की।
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन ने आईएएनएस को बताया, “मैं बिहार के बारे में जानती हूं। मैं उम्मीद करती हूं कि बिहार में भाजपा द्वारा चुनाव मैदान में उतारे गए पार्टी के सभी उम्मीदवार अच्छे होंगे। मैं सभी उम्मीदवारों से परिचित नहीं हूं। मुझे पता है कि वहां के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। साल 2023 में एक वीडियो वायरल हो रहा था, जिसके बारे में मेरी टीम ने मुझे बताया। मुझे नीतीश कुमार के बयान से खुशी नहीं हुई थी। हालांकि, बाद में उन्होंने अपने बयान के लिए माफी मांगी थी। महिलाओं और छोटी लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए नीतीश सरकार ने बहुत काम किए हैं। पीएम मोदी ने भारतीय राजनीति में महिलाओं को सशक्त किया है। बिहार के विकास के लिए पीएम मोदी की सोच और इसकी अपार सफलता की मैं उम्मीद करती हूं। मैं वहां आऊंगी तो बिहार जाना जरूर पसंद करूंगी। मैं उस क्षेत्र के कई लोगों से मिली हूं। अब मैं बिहार के बारे में और जानना चाहती हूं।”
बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका मैथिली ठाकुर को लेकर मैरी मिलबेन ने कहा, “मैं वहां की लोक गायिका को जानती हूं। मैं बहुत उत्साहित हूं यह देखकर कि उन्होंने राजनीति में कदम रखा है। मैं उनकी कला और गायकी को बहुत पसंद करती हूं। मुझे यह देखकर बहुत खुशी हुई कि उन्होंने इतनी कम उम्र में शास्त्रीय संगीत में अपने जीवन को समर्पित कर दिया है। उन्हें राजनीति में देखकर बहुत खुशी हो रही है। उन्हें और उनके परिवार को ढेर सारा आशीर्वाद। मैं उम्मीद करती हूं कि उनकी तरह और भी नौजवान राजनीति में आएंगे।”
मैरी मिलबेन ने कहा, ”पीएम मोदी भारत-अमेरिका के बीच संबंध के लिए सबसे अच्छे नेता हैं। वह लोगों को जोड़ते हैं, साथ लाते हैं। पीएम मोदी तनाव को कम करने की कोशिश करते हैं। वह बहुत दयालु और सरल हैं। वह अमेरिका के साथ कूटनीति अच्छे से कर रहे हैं। भारत के हित में जो अच्छा है, वो पीएम मोदी कर रहे हैं।”
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