अंतरराष्ट्रीय समाचार
बाइडन के लिए 1 लाख डॉलर से अधिक धन जुटाने वालों में कम से कम 21 अमेरिकी भारतीय

डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडन के प्रचार अभियान के लिए जुटाए गए धन में योगदान करने वालों में भारतीय मूल के कम से कम 21 लोग शामिल हैं। हरेक ने कम से कम 100,000 डॉलर से अधिक की रकम जुटाई।
शनिवार को कैम्पेन द्वारा जारी 100,000 डॉलर जुटाने वाली लिस्ट में 820 स्वयंसेवकों के नाम से पता चला है कि भारतीय-अमेरिकियों का हिस्सा कुल डोनेशन का 2.5 प्रतिशत है, जो देश में समुदाय की आबादी के मुकाबले दोगुना है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शीर्ष योगदान देने वालों की ऐसी कोई सूची जारी नहीं की है।
कुल मिलाकर ट्रंप ने पिछले महीने 1.57 अरब डॉलर जुटाए थे। ट्रंप ने बाइडन से पहले अपना कैंपेन शुरू किया था। बाइडन ने कुल 1.51 अरब डॉलर जुटाए।
लेकिन हाल के महीनों में बाइडन ट्रंप से आगे निकल गए हैं। अक्टूबर के पहले पखवाड़े में उन्होंने ट्रंप के 8.2 करोड़ डॉलर के मुकाबले 16.7 करोड़ डॉलर जुटाए।
2016 के चुनाव में, तत्कालीन डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलरी क्लिंटन का संग्रह 1.2 अरब डॉलर था, जो ट्रंप के 60 करोड़ डॉलर के मुकाबले दोगुना था।
बाइडन की सूची में अजय भूटोरिया, स्वदेश चटर्जी, फ्रैंक इस्लाम, नील मखीजा, शेखर नरसिम्हन, एम. रंगास्वामी और प्रमिला जयपाल जैसे प्रमुख एक्टिविस्ट शामिल हैं।
सूची में कई भारतीय-अमेरिकी प्रौद्योगिकी और संबंधित क्षेत्रों में उद्यमी हैं।
बाइडन कैम्पेन ने यह नहीं बताया कि स्वयंसेवकों ने कितना धन एकत्र किया है।
फेडरल इलेक्शन कमीशन (एफईसी) के अनुसार, अमेरिकी कानूनों के तहत एक व्यक्ति उम्मीदवार को सीधे तौर पर केवल 2,800 डॉलर का अधिकतम चंदा दे सकता है।
सूची में शामिल लोगों ने मित्रों, रिश्तेदारों, परिचितों और सहयोगियों से चंदा इकट्ठा किया।
अभियानों को एफईसी को मिलने वाले सभी योगदानों की जानकारी देनी होती है, जो उन्हें सार्वजनिक करता है।
सूची में कम से कम दो अन्य लोग शामिल हैं जो भारतीय मूल के हो सकते हैं।
कैलिफोर्निया के एक उद्यमी, भूटोरिया ने कहा कि उन्होंने मार्च में बाइडन की पत्नी जिल के साथ एक फंडरेजर कार्यक्रम आयोजित किया था।
उन्होंने हिंदी की हिट फिल्म ‘लगान’ के एक गीत के आधार पर अभियान का वीडियो ‘चले चलो, बाइडन-हैरिस को वोट दो’ का निर्माण किया।
मखीजा इंडियन अमेरिकन इम्पैक्ट फंड के कार्यकारी निदेशक हैं। उन्होंने कहा कि इसने चुनाव लड़ रहे भारतीय अमेरिकी और एशियाई अमेरिकी उम्मीदवारों का समर्थन करने के लिए तीन महीने में 1 करोड़ डॉलर जुटाए।
नरसिम्हन डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी की इंडो-अमेरिकन काउंसिल के सह-अध्यक्ष और एशियन अमेरिकन पेसिफिक आइलैंडर (एएपीआई) विक्ट्री फंड के कार्यकारी निदेशक हैं जो एथ्निसिटी के उम्मीदवारों का समर्थन करते हैं।
रंगास्वामी इंडियास्पोरा के संस्थापक हैं, जो भारतीय-अमेरिकी सक्रियता को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया एक संगठन है।
चटर्जी, जिन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था, राजनीतिक शिक्षा के लिए भारतीय अमेरिकी फोरम के अध्यक्ष रहे हैं, और पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कार्यकाल के दौरान भारत और अमेरिका के बीच परमाणु समझौते को कराने के सामुदायिक प्रयासों में शामिल हुए थे।
इस्लाम एक पार्ट एक्टिविस्ट हैं जिन्होंने फ्रैंक इस्लाम और डेबी ड्रिसमैन फाउंडेशन की स्थापना की।
हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव की सदस्य जयपाल भारत की बहुत आलोचना करती हैं और तब सुर्खियों में आई थीं जब विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सदन की विदेश मामलों की समिति के साथ बैठक रद्द कर दी जब वो इसका सदस्य नहीं होने के बावजूद इसमें शामिल थीं।
उप-राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस ने तब जयशंकर की आलोचना की थी।
सूची में बेला बजरिया, शैलेन भट्ट, स्वदेश चटर्जी, शेफाली राजदान दुग्गल, किरण जैन, सोनी कलसी, रमेश कपूर, देवेन पारेख, सत्य पटेल, राहुल प्रकाश, दीपक डी. राज, एरिक रामनाथन, राधिका शाह, राज शाह, राजन शाह, जिल और राज सिंह, और निधि ठाकर शामिल हैं।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
कनाडा में भारतीय नागरिक की चाकू घोंपकर हत्या

ओटावा, 5 अप्रैल। कनाडा के ओटावा के निकट रॉकलैंड इलाके में एक भारतीय नागरिक की चाकू घोंपकर हत्या कर दी गई, जिसके बाद स्थानीय अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई की। कनाडा में भारतीय दूतावास ने शनिवार सुबह घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि एक संदिग्ध को हिरासत में ले लिया गया है।
भारतीय दूतावास ने एक बयान जारी कर घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और पीड़ित परिवार को सहायता देने का भी ऐलान किया।
दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “ओटावा के निकट रॉकलैंड में चाकू घोंपने से एक भारतीय नागरिक की दुखद मौत से हम बहुत दुखी हैं। पुलिस ने बताया है कि एक संदिग्ध को हिरासत में ले लिया गया है। हम शोक संतप्त परिजनों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए स्थानीय सामुदायिक संघ के माध्यम से निकट संपर्क में हैं।”
हालांकि चाकू मारने की घटना का विवरण अभी भी अस्पष्ट है, लेकिन स्थानीय मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि यह घटना सुबह-सुबह क्लेरेंस-रॉकलैंड क्षेत्र में हुई।
अधिकारियों ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है कि क्या यह वही मामला है जिसका उल्लेख भारतीय दूतावास ने किया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हत्या की चल रही जांच के तहत ओन्टारियो प्रांतीय पुलिस (ओपीपी) ने क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ा दी है।
पुलिस ने रॉकलैंड निवासियों को भी चेतावनी जारी की है, जिसमें उन्हें सलाह दी गई है कि वे कानून प्रवर्तन की गतिविधियों में वृद्धि की अपेक्षा करें, जबकि अधिकारी अपराध से जुड़ी परिस्थितियों की जांच जारी रखेंगे।
कनाडा स्थित दूतावास ने जनता को आश्वासन दिया कि वह इस कठिन समय में पीड़ित परिवार को सभी आवश्यक सहायता प्रदान कर रहा है।
चाकू घोंपने के पीछे का मकसद अभी भी स्पष्ट नहीं है और जांच जारी है। दूतावास ने स्थानीय अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क बनाए रखने का वादा किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि परिवार को उनकी ज़रूरत के मुताबिक सहायता मिले और मामले से जुड़ी आगे की कार्रवाई में मदद मिले।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
प्रधानमंत्री मोदी ने बिम्सटेक देशों के बीच व्यापार और पर्यटन को बढ़ाने के लिए यूपीआई लिंक का दिया प्रस्ताव

बैंकॉक, 4 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को भारत के यूपीआई को बिम्सटेक देशों के पेमेंट सिस्टम से जोड़ने का प्रस्ताव दिया। इससे ग्रुप के सदस्य देशों के बीच व्यापार और पर्यटन बढ़ाने में मदद मिलेगी।
इसके अलावा, सात देशों (बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार और थाईलैंड) के समूह की छठी समिट में प्रधानमंत्री मोदी ने स्थानीय करेंसी में रीजन में व्यापार बढ़ाने के लिए बिम्सटेक चेम्बर ऑफ कॉमर्स स्थापित करने का प्रस्ताव दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने 28 मार्च को म्यांमार और थाईलैंड में आए
बिम्सटेक समिट में बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में समृद्धि, सुरक्षा और समावेशिता के प्रति साझा प्रतिबद्धता को साकार करने के लिए बैंकॉक विजन 2030 को अपनाया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने बिम्सटेक समूह के दायरे और क्षमताओं को लगातार बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया, गृह मंत्रियों के तंत्र को संस्थागत बनाने का स्वागत किया और भारत में पहली बैठक आयोजित करने की पेशकश की।
उन्होंने आगे कहा कि यह मंच साइबर अपराध, साइबर सुरक्षा खतरों, आतंकवाद, साथ ही नशीली दवाओं और मानव तस्करी के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इस संबंध में, मैं 2025 में इसकी पहली बैठक भारत में आयोजित करने का प्रस्ताव करता हूं।
थाईलैंड द्वारा आयोजित बिम्सटेक समिट में भारत, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार, श्रीलंका और भूटान के शीर्ष नेता भाग ले रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि एक स्वतंत्र, खुला, सुरक्षित और संरक्षित हिंद महासागर हमारी साझा प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा, “आज साइन हुए समुद्री परिवहन समझौते से व्यापारिक नौवहन और माल परिवहन में सहयोग मजबूत होगा और व्यापार में तेजी आएगी।”
विनाशकारी भूकंप में हुई जानमाल की हानि पर अपनी संवेदना व्यक्त की और आपदा की तैयारी, राहत और पुनर्वास पर सहयोग के लिए भारत में बिम्सटेक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर डिजास्टर मैनेजमेंट की स्थापना का प्रस्ताव रखा।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में एक सस्टेनेबल मैरीटाइम ट्रांसपोर्ट सेंटर की स्थापना की भी बात की। उन्होंने कहा, “यह केंद्र समुद्री नीतियों में क्षमता निर्माण, अनुसंधान, नवाचार और समन्वय पर ध्यान केंद्रित करेगा और समुद्री सुरक्षा में सहयोग को भी बढ़ावा देगा।”
अंतरराष्ट्रीय समाचार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार के वरिष्ठ जनरल से की बात, कहा- मुश्किल वक्त में भारत साथ खड़ा है

नई दिल्ली, 29 मार्च। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को म्यांमार के वरिष्ठ जनरल महामहिम मिन आंग ह्लाइंग से बात की। उन्होंने कहा कि भारत इस मुश्किल घड़ी में म्यांमार के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है।
एक्स पर एक पोस्ट में मोदी ने कहा, “म्यांमार के वरिष्ठ जनरल महामहिम मिन आंग ह्लाइंग से बात की। विनाशकारी भूकंप में हुई मौतों पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। एक करीबी दोस्त और पड़ोसी के रूप में, भारत इस मुश्किल घड़ी में म्यांमार के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है। ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत आपदा राहत सामग्री, मानवीय सहायता, खोज और बचाव दल को प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से भेजा जा रहा है।”
म्यांमार और पड़ोसी थाईलैंड में शुक्रवार को उच्च तीव्रता वाला भूकंप आया, जिससे इमारतें, पुल और अन्य बुनियादी ढांचे नष्ट हो गए। म्यांमार में कम से कम 1,002 लोगों की मौत हुई।
भारत ने शनिवार को म्यांमार को 15 टन से अधिक राहत सामग्री भेजी। विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक पोस्ट में कहा कि ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के हिस्से के रूप में, भारत ने शुक्रवार के भीषण भूकंप से प्रभावित म्यांमार के लोगों की सहायता के लिए पहले प्रतिक्रियाकर्ता के रूप में काम किया। टेंट, कंबल, स्लीपिंग बैग, भोजन के पैकेट, स्वच्छता किट, जनरेटर और जरूरी दवाओं सहित 15 टन राहत सामग्री की हमारी पहली खेप यांगून पहुंच गई है।”
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को विनाशकारी भूकंप पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने एक्स पर लिखा, “म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के बाद की स्थिति से चिंतित हूं। सभी की सुरक्षा और खुशहाली के लिए प्रार्थना करता हूं। भारत हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है। इस संबंध में, हमने अपने अधिकारियों से तैयार रहने को कहा है। साथ ही विदेश मंत्रालय से म्यांमार और थाईलैंड की सरकारों के साथ संपर्क में रहने को कहा है।”
म्यांमार में शुक्रवार दोपहर को 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, सागाइंग के पास आए इस भूकंप के बाद 2.8 से 7.5 तीव्रता के 12 झटके महसूस किए गए, जिससे प्रभावित इलाकों में हालात और खराब हो गए। म्यांमार के राज्य प्रशासन परिषद की सूचना टीम ने जानकारी दी है कि भूकंप में 1,002 लोग मारे गए, 2,376 लोग घायल हुए और 30 लोग अब भी लापता हैं।
म्यांमार के नेता वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय समुदायों से मानवीय सहायता की अपील की है।
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