अंतरराष्ट्रीय
एप्पल को देना पड़ सकता है सैमसंग डिस्प्ले को मुआवजा

दक्षिण कोरिया में डिस्प्ले पैनल बनाने वाली दिग्गज कंपनी सैमसंग डिस्प्ले को ओएलईडी पैनल के ऑडर्स में कमी आने की बात पर एप्पल को मुआवजा देना पड़ सकता है। इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। मार्केट रिसर्चर ओम्डिया के मुताबिक, जनवरी में दुनियाभर में सैमसंग डिस्प्ले के स्मॉल ओएलईडी शिपमेंट में 9 से 45 लाख (प्रति महीने की दर से) यूनिट्स की गिरावट दर्ज की गई। यह गिरावट कहीं न कहीं एप्पल के आईफोन 12 मिनी की कम बिक्री से प्रेरित है।
विदेशी मीडिया से प्राप्त सूचना के मुताबिक, एप्पल ने लक्ष्य बनाया है कि इस साल की पहली छमाही में कंपनी के द्वारा आईफोन 12 सारीज की 7.5 करोड़ इकाइयों का उत्पादन किया जाएगा, जो कि कंपनी के पहले बनाए लक्ष्य से लगभग 20 फीसदी कम है। इस गिरावट के लिए भी आईफोन 12 मिनी अधिक जिम्मेदार है।
सैमसंग डिस्प्ले आईफोन 12 मिनी के लिए 5.4 इंच के पैनल का एकमात्र सप्लायर है।
योनहाप न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इंडस्ट्री से जुड़े दिग्गज अब अनुमान लगा रहे हैं कि मिनिमम ऑर्डर क्व ॉनटिटी को पूरा नहीं कर पाने के चलते एप्पल को एक बार फिर से सैमसंग को भारी जुर्माना देना पड़ सकता है।
कथित तौर पर तय लिमिट से कम ओएलईडी पैनल खरीदने के चलते एप्पल ने सैमसंग को साल 2019 में अनुमानित 68.4 करोड़ डॉलर और साल 2020 में 100 करोड़ डॉलर का भुगतान किया था।
नाम न जाहिर करने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा, “यह अभी भी तय नहीं है कि एप्पल को इस बार भी जुर्माना भरना पड़ सकता है या नहीं, लेकिन दोनों कंपनियों के बीच हुए करार के इतिहास और आईफोन 12 मिनी की सुस्त बिक्री को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि एप्पल को मोटी कीमत चुकानी पड़ सकती है।”
बता दें कि डिस्प्ले की खरीददारी को लेकर एप्पल और सैमसंग डिस्प्ले के बीच एक डील हुई है। इससे कम डिस्प्ले खरीदने पर एप्पल को जुर्माना भरना पड़ सकता है।
व्यापार
इस सप्ताह शेयर बाजार में बढ़त दर्ज, भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता और फेड रेट में कटौती बने कारण

share market
मुंबई, 20 सितंबर। इस सप्ताह भारतीय इक्विटी बेंचमार्क मंगलवार के कारोबारी दिन से लगातार तीन दिन बढ़त में रहने के बाद अंत में शुक्रवार को मामूली गिरावट के साथ बंद हुए। भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता फिर से शुरू होने और फेड दर में कटौती के बीच बाजार दो महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंचे तो निवेशकों ने मुनाफावसूली की।
आईटी और एफएमसीजी शेयरों में बिकवाली के दबाव के बावजूद बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी और सेंसेक्स 0.85 प्रतिशत और 0.89 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुए। मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स भी मामूली बढ़त के साथ बंद हुए।
पीएसयू बैंकों में तेजी जारी रही और निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स 1 प्रतिशत से अधिक बढ़ा।
सेबी ने हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को खारिज कर दिया, जिसके बाद अदाणी ग्रुप के शेयरों में जोरदार खरीदारी हुई।
अदाणी एंटरप्राइजेज 6 प्रतिशत चढ़ गया, जबकि अदाणी ग्रीन एनर्जी, अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस, अदाणी पावर लिमिटेड और एडब्ल्यूएल एग्री बिजनेस लिमिटेड के शेयर भी मजबूत बढ़त के साथ बंद हुए। कुछ शेयर 12 प्रतिशत तक चढ़ गए।
टेक्निकली निफ्टी ने डेली फ्रेम पर एक बियरिश कैंडल बनाई, लेकिन लॉन्गर लोअर शैडो से लोअर लेवल पर स्मार्ट बाईंग का संकेत मिला। इंडेक्स ने वीकली फ्रेम पर एक बुलिश कैंडिल बनाई और पिछले तीन हफ्तों से निचले स्तर से ऊपर की ओर बढ़ रहा है।
अगस्त के निचले स्तर से बेंचमार्क इंडेक्स लगभग 4 प्रतिशत बढ़ा है।
विश्लेषकों ने कहा, “अगले सप्ताह जीएसटी में बदलाव लागू होने और त्योहारों की मांग बढ़ने की उम्मीद के साथ, निवेशकों का ध्यान खपत से जुड़े क्षेत्रों की ओर गया।”
आगे निवेशक फेड की नीति के बारे में संकेत पाने के लिए जीडीपी, जॉबलेस क्लेम और कोर महंगाई जैसे प्रमुख अमेरिकी मैक्रो इंडिकेटर पर करीब से नजर रखेंगे।
घरेलू मोर्चे पर आगामी मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई औद्योगिक माहौल का एक महत्वपूर्ण संकेत होगा, जिससे लंबे समय से प्रतीक्षित मांग में सुधार के शुरुआती संकेत मिलेंगे।
इस बीच, फेडरल रिजर्व द्वारा रेट कटिंग साइकल फिर से शुरू करने और आगे और अधिक छूट का संकेत देने के बाद अमेरिकी इक्विटी ने नए रिकॉर्ड स्तर को छुआ। डॉव, एसएंडपी 500 और नैस्डैक में 1 प्रतिशत तक की तेजी दर्ज की गई।
फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) ने टारगेट फेड फंड्स रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती करने का फैसला किया। अनुमानों के अनुसार, 2025 में अमेरिका में रियल जीडीपी वृद्धि दर 1.6 प्रतिशत, बेरोजगारी दर 4.5 प्रतिशत और कोर पीसीई मुद्रास्फीति दर 3.1 प्रतिशत रहेगी।
व्यापार
वैश्विक अर्थव्यवस्था में बढ़ रहा भारत का दबदबा, 2035 तक 9 प्रतिशत पहुंच जाएगी ग्लोबल जीडीपी ग्रोथ में हिस्सेदारी

मुंबई, 18 सितंबर। वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत का दबदबा तेजी से बढ़ता जा रहा है और 2035 तक ग्लोबल जीडीपी ग्रोथ में देश की हिस्सेदारी बढ़कर 9 प्रतिशत हो जाएगी, जो कि 2024 में 6.5 प्रतिशत थी। यह बयान वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग में सचिव एम नागाराजू की ओर से गुरुवार को दिया गया।
देश की आर्थिक राजधानी में नेशनल बैंक फॉर फाइनेंशियल इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट (एनएबीएफआईडी) की ओर से आयोजित किए गए एनुअल इन्फ्रास्ट्रक्चर कॉन्क्लेव 2025 में लोगों को संबोधित करते हुए एम नागाराजू ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितता के माहौल में भी देश की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है और दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनी हुई है।
उन्होंने आगे कहा कि देश की अर्थव्यवस्था बीते चार सालों से औसत 8 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ रही है। वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रही थी, जो कि पिछली पांच तिमाही में सबसे अधिक है।
वित्तीय सेवा विभाग के सचिव के मुताबिक, हमारा एक्सटर्नल सेक्टर भी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और पिछली तिमाही में चालू खाता घाटा जीडीपी का केवल 0.5 प्रतिशत रहा था।
देश का शुद्ध सर्विसेज निर्यात भी तेजी से बढ़ रहा है और इन सभी मजबूत कारणों के चलते देश आजादी के 100 साल पूरे होने तक यानी 2047 तक विकसित राष्ट्र बन सकता है।
नागाराजू के अनुसार, यह व्यापक आर्थिक सफलता की कहानी हमारी इन्फ्रास्ट्रक्चर महत्वाकांक्षाओं के लिए एक ठोस आधार तैयार करती है। यह दुनिया को बताती है कि भारत का विकास न केवल मजबूत है, बल्कि सुधारों और विवेकपूर्ण नीतियों से भी प्रेरित है, जो हमें वैश्विक विकास का एक प्रमुख इंजन और महामारी के बाद की वैश्विक आर्थिक व्यवस्था को आकार देने में एक संभावित नेता बनाता है। अर्थव्यवस्था की मजबूती के पूरक के रूप में, भारतीय बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र मजबूत स्तंभ के रूप में उभरे हैं।
वित्त वर्ष 2024-25 में सरकारी बैंकों ने निजी बैंकों को क्रेडिट ग्रोथ में पीछे छोड़ दिया है। बीते एक दशक से अधिक समय में पहले कभी ऐसा नहीं हुआ है। नॉन-परफॉरमिंग एसेट्स (एनपीए) एक प्रतिशत के नीचे जा चुकी हैं और कैपिटल एडिक्वेसी रेश्यो भी नियामक द्वारा निर्धारित किए गए मानकों से अधिक है, जो दिखाता है कि भारत का बैंकिंग सेक्टर मजबूत स्थिति में है।
कुल मिलाकर, ये रुझान एक मजबूत, पर्याप्त पूंजीकृत वित्तीय प्रणाली की ओर इशारा करते हैं जो विकसित भारत की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए अच्छी स्थिति में है।
राष्ट्रीय समाचार
प्रधानमंत्री मोदी का भारत को 2047 तक विकसित बनाने का सपना अब हर नागरिक का सामूहिक संकल्प : प्रल्हाद जोशी

PM MODI
नई दिल्ली, 17 सितंबर। केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2047 तक विकसित भारत का सपना आज हर नागरिक का सामूहिक संकल्प बन गया है।
प्रधानमंत्री मोदी को उनके 75वें जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में आपकी अथक मेहनत और समर्पण ने करोड़ों भारतीयों के जीवन में बड़ा बदलाव लाया है।
जोशी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “आपने हर नागरिक के दिल में देशभक्ति का दीप जलाया है और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भागीदारी का संकल्प जगाया है। ईश्वर आपको उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु प्रदान करें, जिससे आप आने वाले वर्षों में भी इसी समर्पण और ऊर्जा के साथ भारत माता की सेवा करते रहें।”
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि आपके मंत्रिमंडल के सदस्य के रूप में पहली बार प्रधानमंत्री मोदी से मिलना उनके लिए वास्तव में एक कभी न भूलने वाल अनुभव था।
उन्होंने एक्स पर लिखा, “हर विषय में उनकी गहरी रुचि, खुले विचारों और लीक से हटकर नजरिए ने मुझे नई ऊर्जा दी और अपनी जिम्मेदारियों को और भी ज्यादा समर्पण और उत्साह के साथ निभाने के लिए प्रेरित किया।”
सिंधिया ने आगे कहा, “उस एक अनुभव ने मुझे जीवन भर पूरी निष्ठा से लोगों की सेवा करने की क्षमता प्रदान की और इसके लिए मैं हमेशा उनके प्रति तहे दिल से आभारी रहूंगा।”
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी हर व्यक्ति के विकास और अंत्योदय के सिद्धांतों के प्रति समर्पित हैं।
वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जीएसटी सुधारों का महत्वपूर्ण निर्णय न केवल नागरिकों के जीवन को सरल और सुगम बनाएगा, बल्कि स्थानीय उत्पादन और उद्यमिता को बढ़ावा देते हुए उद्योग और व्यापार जगत को नई ऊर्जा भी प्रदान करेगा।
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