खेल
आंध्र प्रदेश ने बधिरों की अंडर-19 टी20 राष्ट्रीय चैम्पियनशिप जीती

गुजरात को पांच विकेट से हराकर आंध्र प्रदेश ने बधिरों की पहली अंडर-19 टी20 राष्ट्रीय क्रिकेट चैम्पियनशिप अपने नाम किया। टॉस जीतकर फिल्डिंग का फैसला करते हुए आंध्र प्रदेश के गेंदबाजों ने गुजरात को 97 रन पर रोक दिया। 4 दिवसीय टूर्नामेंट में देशभर की टीमों ने प्रतिष्ठित टी20 चैम्पियनशिप खिताब के लिए प्रतिस्पर्धा की।
टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज मुस्तकिम काजी आंध्र प्रदेश के बधिर स्पिनर पी उदय कुमार की गेंद पर 22 गेंदों में 26 रन बनाकर आउट हो गए। मैन ऑफ द मैच, पी. विजया भास्कर ने आंध्र प्रदेश डेफ के लिए शानदार गेंदबाजी करते हुए अपने चार ओवरों में 3 विकेट के साथ मैन ऑफ द सीरीज का खिताब भी जीता।
भारतीय बधिर क्रिकेट संघ के अध्यक्ष सुमित जैन ने कहा, “हम, केएफसी के साथ साझेदारी में भारतीय बधिर क्रिकेट संघ में अपने पहले सत्र आंध्र प्रदेश बधिर के लिए अपने विजेताओं की घोषणा करने के लिए बेहद रोमांचित हैं। सभी टीमों और इसके प्रतिभागियों ने बहुत मेहनत की और इस सीजन को सफल बनाया। हम भविष्य में ऐसे और टूर्नामेंटों की आशा करते हैं जो देश भर में ऐसी और प्रतिभाओं को और अधिक अवसर प्रदान करेंगे।”
राजनीति
राजद और कांग्रेस को पहचान चुकी बिहार की जनता, बनेगी एनडीए की सरकार: केशव प्रसाद मौर्य

पटना, 21 अक्टूबर : उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल भ्रष्टाचार की नींव पर खड़ा एक ढांचा है और उसकी समर्थक कांग्रेस ने पूरे देश का शोषण किया है।
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि आरजेडी और कांग्रेस की संस्कृति ही शोषण और भ्रष्टाचार पर आधारित है। ये दोनों पार्टियां लुटेरी हैं, जो गरीबों, किसानों, गांवों, देश और बिहार का शोषण करती हैं। तेजस्वी यादव ने बिहार और कांग्रेस ने देश को लूटा। इनकी यही परिपाटी है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष पिछले 20 साल से सत्ता से बाहर है और 2047 तक सत्ता में वापसी की उनकी कोई संभावना नहीं है। एनडीए ने पहले प्रचार अभियान रोक दिया था, लेकिन अब जनता के उत्साह और समर्थन के साथ हम जीत की ओर बढ़ रहे हैं।
उन्होंने दावा किया कि जनता का समर्थन लगातार बढ़ रहा है और एनडीए सुशासन और रामराज की स्थापना की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। बिहार की जनता ने इस बार के चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को चुनने का मन बना लिया है और यह बिहार के इतिहास में एनडीए की सबसे बड़ी जीत होगी।
उन्होंने विपक्षी नेताओं पर तंज कसते हुए कहा, “बिहार की जनता इन दलों को सबक सिखा रही है। राहुल गांधी 2029 और तेजस्वी यादव 2030 की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन बिहार की जनता ने 2025 में एनडीए को चुन लिया है।”
केशव प्रसाद मौर्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि वह एनडीए के सर्वोच्च नेता हैं और बिहार उनकी सभाओं का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम जोरों पर हैं और तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। बिहार में सुशासन के साथ-साथ रामराज की स्थापना हो रही है। एनडीए का लक्ष्य बिहार में विकास और सुशासन को और मजबूत करना है।”
राष्ट्रीय
दीपावली पर गाजियाबाद में लगी 48 जगहों पर आग, फायर सर्विस की तत्परता से टली बड़ी अनहोनी

गाजियाबाद, 21 अक्टूबर : दीपावली के पर्व पर जहां चारों ओर रोशनी और उत्साह का माहौल था, वहीं पटाखों और लापरवाही के चलते गाजियाबाद में कई जगह आग लगने की घटनाएं भी सामने आईं।
फायर सर्विस विभाग की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई से हालांकि सभी घटनाओं पर जल्द ही काबू पा लिया गया और किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। फायर सर्विस गाजियाबाद के अनुसार, 20 अक्टूबर की सुबह 6 बजे से लेकर 21 अक्टूबर की सुबह 6 बजे तक कुल 48 फायर कॉल्स प्राप्त हुईं। इन कॉल्स में फ्लैट और मकानों से संबंधित 14 घटनाएं, दुकान और शोरूम में 7, वाहनों में 3, फैक्ट्री व गोदाम में 5, कूड़ा और कबाड़ में 15, मीटर, ट्रांसफार्मर या वॉटर कूलर में 2, तथा अन्य श्रेणी में 2 घटनाएं शामिल रहीं।
फायर विभाग की टीमों ने सभी स्थानों पर तुरंत पहुंचकर आग पर नियंत्रण पाया। विभाग के अनुसार, 14 हॉटस्पॉट स्थानों पर फायर टेंडर पहले से ही तैनात किए गए थे, जिसके चलते रिस्पांस टाइम में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला और आग को फैलने से रोका जा सका। मुख्य घटनाओं में साहिबाबाद के मोहन नगर स्थित अजंता कंपाउंड की फैक्ट्री में लगी आग प्रमुख रही।
वहीं, कोतवाली क्षेत्र के नंदग्राम में एक पन्नी के गोदाम में आग भड़क गई, जिसे फायर टीमों ने कड़ी मशक्कत के बाद काबू में किया। इसके अलावा संजय नगर में दुकानों के बाहर खड़ी लगभग छह बाइक और स्कूटी में आग लग गई, जो पूरी तरह जलकर नष्ट हो गईं। फायर सर्विस गाजियाबाद की टीमों ने सभी घटनास्थलों पर पहुंचकर तेजी से कार्रवाई की और आसपास के मकानों व इमारतों को सुरक्षित बचाया।
अधिकारियों ने बताया कि कहीं भी जानमाल का नुकसान नहीं हुआ, यह विभाग की सतर्कता और लोगों के सहयोग का परिणाम है। फायर विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे ऐसे पर्वों के दौरान सावधानी बरतें, पटाखों का उपयोग सीमित मात्रा में करें, और बिजली के तारों, सजावट व गैस सिलेंडरों के आसपास सतर्क रहें ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके।
राष्ट्रीय
अशफाकउल्ला खान : हंसते हुए फांसी को गले लगाने वाला एकता का सिपाही, बलिदान बना मिसाल

नई दिल्ली, 21 अक्तूबर : भारतीय स्वतंत्रता संग्राम उन गौरवशाली गाथाओं का साक्षी है, जहां राष्ट्रप्रेम की भावना ही सर्वोपरि थी। इसी अटूट भावना से ओतप्रोत महान क्रांतिकारी अशफाकउल्ला खान का जन्म उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में 22 अक्टूबर 1900 को एक पठान परिवार में हुआ था। उनके भीतर क्रांति की एक तीव्र चिंगारी धधकती थी, और और जज्बे में देशभक्ति का ज्वार उफान मारता था।
रामप्रसाद बिस्मिल के परम मित्र, काकोरी कांड के नायक और फांसी के फंदे पर चढ़ते हुए भी ‘मदरे वतन’ का उद्घोष करने वाले ये वीर सपूत हिंदुस्तान के उन गिने-चुने नायकों में से एक हैं, जिन्होंने सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल कायम की। 1927 में मात्र 27 वर्ष की आयु में गोरखपुर जेल में शहीद होकर भी अशफाकउल्ला खान आजादी की लौ को जलाए रखने वाले प्रतीक बने हुए हैं। उनकी विरासत हमें सिखाती है कि असली आजादी धार्मिक दीवारों से परे, एकजुट होकर ही हासिल होती है।
अशफाकउल्ला खान उर्फ ‘अशफाक’ ने मोहम्मदन एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेज (आज का अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय) में दाखिला लिया, लेकिन जल्द ही ब्रिटिश राज के खिलाफ आवाज उठाने लगे। गांधीजी से प्रेरित होकर उन्होंने अपना जीवन वतन को समर्पित कर दिया और खिलाफत व असहयोग आंदोलन में हिस्सा लिया था।
1920 के दशक में भारत की आजादी की लड़ाई में हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (एचआरए) का गठन हुआ, जिसने ब्रिटिश हुकूमत को जड़ से उखाड़ने का संकल्प लिया। इस संगठन में दो उभरती शख्सियत रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ और अशफाकउल्ला खान थे। दोनों की दोस्ती मिसाल बनी और इनकी देशभक्ति ने स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी।
9 अगस्त 1925 को लखनऊ के पास काकोरी में साहिबान एक्सप्रेस को रोककर एचआरए के क्रांतिकारियों ने सरकारी खजाना लूटा। लगभग 4,000 रुपए की इस लूट का मकसद था आजादी की लड़ाई के लिए हथियार और संसाधन जुटाना। अशफाक, बिस्मिल, चंद्रशेखर ‘आजाद’, राजेंद्रनाथ लाहिड़ी और रोशन सिंह ने इस साहसिक कदम को अंजाम दिया। काकोरी कांड ने ब्रिटिश शासन को हिलाकर रख दिया। अंग्रेजों ने इसे ‘काकोरी षड्यंत्र’ करार देकर क्रांतिकारियों की तलाश तेज कर दी।
गिरफ्तारी के बाद अशफाकउल्ला खान ने लखनऊ की अदालत में बेबाकी से कहा, “हमने चोरी नहीं की, यह वतन के लिए था।” अशफाक को फांसी की सजा सुनाई गई। 19 दिसंबर 1927 को फैजाबाद जेल में उन्हें फांसी दे दी गई। काकोरी कांड ने न सिर्फ क्रांतिकारियों को प्रेरित किया, बल्कि इसके बाद गैर-हिंसक आंदोलन को भी बल दिया।
-
व्यापार5 years ago
आईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years ago
भगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
महाराष्ट्र4 months ago
हाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, मस्जिदों के लाउडस्पीकर विवाद पर
-
अनन्य3 years ago
उत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
न्याय1 year ago
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अपराध3 years ago
बिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
अपराध3 years ago
पिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार8 months ago
नासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा