राजनीति
अमित शाह बोले, ‘यूपी में माफियाओं को ढूंढना हो तो सपा की प्रत्याशियों की सूची देखें’
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि अखिलेश व बसपा की सरकार में पहले पुलिस गुंडे से डरती थी, अब पुलिस से गुंडे डरते हैं, अब माफिया पलायन कर रहे हैं। अब यूपी में माफिया ढूढने में तीन जगह दिखते हैं। गुंडे जेल में हैं या प्रदेश से बाहर। कहा कि अभी जो सपा ने प्रत्याशियों की सूची जारी की है उसमें भी मफिया देखने को मिलेंगे।
अमित शाह पहले और दूसरे चरण में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रति माहौल बनाने अलीगढ़ के अतरौली पहुंचे। इस दौरान उन्होंने सपा, बसपा और कांग्रेस को जमकर घेरा। कहा कि पहले सपा बसपा की सरकार चलती थी, इन्हें राजा महेंद्र प्रताप के नाम यूनिवर्सिटी की याद आयी क्या। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के हाथों इनकी नींव रखवाई। पहले अखिलेश व बसपा के सरकार में गुंडे बदमाश रहते थे, पहले पुलिस गुंडे से डरती थी।
अलीगढ़ के अतरौली से सपा पर निशाना साधते हुए गृहमंत्री बोले, अलीगढ़ के ताले की फैक्ट्री में बुआ-भतीजा की सरकार ने ताला लगा दिया था। उन्होंने कहा, भाजपा सरकार के एक जिला-एक उत्पाद के तहत यहां के ताला उद्योग को बढ़ावा दिया गया। अब ताला बनाने की सैकड़ों फैक्ट्री यहां फिर से शुरू हो गई हैं। सपा प्रमुख पर हमला बोलते हुए गृहमंत्री ने कहा, अखिलेश बाबू टीके का विरोध करते थे कि ये भाजपा का टीका है हम नहीं लगवाएंगे, उन्होंने देश जनता को गुमराह करने का प्रयास किया। लेकिन बाद में खुद भी टीका लगवा लिया। अगर लोग उनकी बात मानकर टीका नहीं लगवाते तो क्या कोरोना की तीसरी लहर में बच पाते?
कहा कि कश्मीर को हमेशा के लिए भारत से जोड़ना चाहिए, धारा 370 हटनी चाहिए। सपा बसपा कांग्रेस हमेशा इसका विरोध करते थे। वह कहते थे कि खून की नदियां बहेंगी, लेकिन अब एक कंकड़ मारने की हिम्मत नहीं है। पहले मौनी बाबा मौन रहते थे। पाक प्रेमियों को मालूम नहीं था कि सरकार बदल गयी है। इसलिए उरी में हमला हुआ लेकिन, इस बार पीएम मोदी थे। हमारी सेना ने 10 दिन में पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों का सफाया किया। इससे पूरी दुनिया में संदेश गया कि अब भारत की सीमा पर कड़े प्रहरी हैं।
शाह बोले अब अखिलेश अन्न की पोटली लेकर निकलते हैं। यह परिवार का भला करते हैं, कुछ दिन पहले यहां एक रेड हुई, जिसमें 250 करोड़ रुपये मिले। अब वह बताएं कि इत्र कारोबारी के यहां क्या रिश्ता है, अगर रिश्ता नहीं है तो फिर दर्द क्यों हो रहा है।
बोले कि, बुआ, भतीजा सपा बसपा प्रदेश का भला नहीं कर सकते। इन्होंने बीमारू प्रदेश बनाया, यहां अब डबल इंजन की सरकार है। अब गरीब के घर में टॉयलेट है, हर घर में बिजली है। यह प्रधानमंत्री व सीएम की मेहनत का फल है।
राष्ट्रीय समाचार
भारत व श्रीलंका के बीच सैन्य वार्ता, बॉर्डर डिफेंस पार्टनरशिप को मजबूती

नई दिल्ली, 21 नवंबर: भारत व श्रीलंका के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के बीच एक महत्वपूर्ण वार्ता हुई है। इस वार्ता में सैन्य कमांडर्स ने दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग को मजबूत करने व क्षेत्रीय सुरक्षा को सुदृढ़ करने पर विस्तृत चर्चा की।
यह भारत और श्रीलंका के बीच आर्मी-टू-आर्मी स्टाफ वार्ता थी। भारतीय सेना के मुताबिक यह तीन दिवसीय सैन्य वार्ता बोधगया में आयोजित की गई। तीन दिनों तक चली इन बैठकों में दोनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारियों ने द्विपक्षीय सैन्य सहयोग को और मजबूत करने, इंटरऑपरेबिलिटी बढ़ाने, तथा क्षेत्रीय सुरक्षा ढांचे को सुदृढ़ करने पर विस्तृत चर्चा की है।
बैठक में श्रीलंका की ओर से छह-सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया। इस सैन्य प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व श्रीलंकाई आर्मी के मेजर जनरल रवी पथिराविथाना, डायरेक्टर जनरल जनरल स्टाफ ने किया। वहीं भारतीय पक्ष की ओर से संबंधित सैन्य शाखाओं के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
इस वार्ता में प्रशिक्षण, संयुक्त अभ्यास, तकनीकी सहयोग और आधुनिक सैन्य क्षमताओं के विकास पर कमांडर्स ने अपने अनुभव व प्रस्ताव साझा किए। वार्ता के दौरान दोनों देशों ने कई प्रमुख क्षेत्रों पर गहन विचार-विमर्श किया। इनमें संयुक्त सैन्य अभ्यासों की संख्या और दायरा बढ़ाना, आतंकवाद-रोधी अभ्यास और मानवीय सहायता एवं आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
सैनिकों के पेशेवर प्रशिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाने हेतु कोर्स एक्सचेंज और ट्रेनिंग प्रोग्राम विस्तार पर भी चर्चा की गई। लॉजिस्टिक्स, संचार और तकनीकी सहयोग को और मजबूत करने की बात भी वार्ता में रखी गई। ऐसा होने पर दोनों सैन्य बल वास्तविक परिस्थितियों में बेहतर समन्वय कर सकेंगे। दोनों देशों द्वारा रक्षा साझेदारी के नए अवसरों की पहचान, विशेषकर सीमा सुरक्षा, समुद्री सहयोग और नई तकनीक अपनाने पर जोर दिया गया।
भारत और श्रीलंका के प्रतिनिधियों ने इस दौरान यह भी रेखांकित किया कि दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक संबंधों की विरासत, रक्षा सहयोग को एक नई दिशा प्रदान करती है। वार्ता के अंत में दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
बोधगया में संपन्न हुई यह वार्ता न केवल सैन्य संबंधों को सुदृढ़ करने का एक महत्वपूर्ण पड़ाव साबित हुई, बल्कि भारत व श्रीलंका के व्यापक रक्षा संबंधों को नई ऊर्जा प्रदान करने वाला मंच भी रही। अगले चरण की वार्ताएं अब 2026 में आयोजित की जाएंगी, जिसमें अब तक तय हुए सहयोगात्मक एजेंडे की प्रगति की समीक्षा की जाएगी।
गौरतलब है कि फिलहाल भारत और श्रीलंका की सेनाएं एक महत्वपूर्ण युद्धाभ्यास को भी अंजाम दे रही हैं। इस युद्धाभ्यास के दौरान दोनों देशों के जवानों ने कई महत्वपूर्ण ड्रिल किए हैं।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
भारत में आईएसआई के धमाके की साजिश का पर्दाफाश, केमिकल अटैक की थी प्लानिंग

नई दिल्ली, 21 नवंबर: उत्तर प्रदेश की पुलिस ने फरीदाबाद मॉड्यूल और राइसिन आतंकी षड्यंत्र का भंडाफोड़ किया। दक्षिण भारत में आईएसआई राइसिन केमिकल अटैक प्लान कर रहा था। इससे पाकिस्तान भी बेनकाब हुआ है।
फरीदाबाद मॉड्यूल और राइसिन टेरर प्लॉट का पर्दाफाश होने से एक बात तो साफ हो गई है कि पाकिस्तान भारत के अंदर किस तरह से गहराई तक घुसपैठ करने की कोशिशों में जुटा हुआ है।
बता दें, दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास ब्लास्ट करने वाले फरीदाबाद मॉड्यूल ने करीब 3,000 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट जमा कर लिया था। इससे साफ जाहिर है कि भारत में तबाही मचाने के लिए कितने बड़े स्तर पर हमलों की प्लानिंग की जा रही थी।
वहीं, दूसरी ओर दक्षिण भारत में भी एक खतरनाक आतंकी साजिश रची जा रही थी। गुजरात एंटी टेररिज्म स्क्वॉड (एटीएस) ने हैदराबाद के रहने वाले 35 साल के अहमद मोहियुद्दीन सैयद को राइसिन आतंकी हमले की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया।
पुलिस ने खुलासा किया है कि फरीदाबाद मॉड्यूल जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा है। वहीं राइसिन की साजिश इस्लामिक स्टेट खोरासान प्रोविंस (आईएसकेपी) की बनाई योजना का हिस्सा है।
ये दोनों आतंकी समूह आईएसआई के इशारे पर काम करते हैं। इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारियों ने कहा कि अगर दोनों मामलों की गहराई से जांच की जाए, तो यह साफ है कि आईएसआई सिर्फ उत्तर भारत में ही नहीं, बल्कि दक्षिण में भी तबाही मचाने की योजना बना रहा है।
अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तान का गेम प्लान फॉल्ट लाइन का फायदा उठाना है। पाकिस्तान उत्तर भारत में विक्टिम कार्ड और दक्षिण में भाषा कार्ड खेलकर भारत में विभाजन की स्थिति पैदा करने की साजिश रच रहा है। आईएसकेपी ने साउथ को नॉर्थ से अलग करने के इरादे से एक राइसिन टेरर अटैक करने का प्लान बनाया था।
अधिकारियों ने बताया कि दोनों प्लान बड़े थे। अगर उनकी साजिश कामयाब हो जाती, तो इसका नतीजा हमारी सोच से भी परे हो सकता था। फरीदाबाद केस में, पूरे नॉर्थ इंडिया में ब्लास्ट करने का प्लान था।
काउंटर-टेररिज्म अधिकारियों ने कहा कि इससे भी ज्यादा खतरनाक राइसिन प्लान होता, जिसे साउथ इंडिया को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा था। गुजरात एटीएस की जांच में पता चला कि खदीजा ने सैयद और उसके साथियों को ज्यादा से ज्यादा लोगों को मारने का निर्देश दिया था।
सैयद ने 10 किलोग्राम अरंडी के बीज खरीदे। उसने तेल निकालने के लिए कोल्ड-प्रेस मशीन का इस्तेमाल किया। उसने जांच करने वालों को बताया और फिर उसे एसीटोन के साथ मिलाया। उसके बाद उसने राइसिन जहर को एक ड्रम में स्टोर कर लिया।
सैयद और उसका हैंडलर कई महीनों से इस ऑपरेशन की प्लानिंग कर रहे थे। भारत में मुसलमानों पर तथाकथित ज़ुल्म के बारे में बात करने के साथ-साथ, उन्होंने भाषा के झगड़े पर भी चर्चा की। यह एक वजह हो सकती है कि सैयद के प्लान में साउथ इंडिया को शेष भारत से अलग करना शामिल था।
मामले में अब इस बात की जा रही है कि क्या सैयद ने पानी की जगहों, खासकर पीने के पानी में जहर मिलाने का प्लान बनाया था। यह बहुत असरदार है, और अगर इसे पी लिया जाए, तो इंसान को या तो लंबी बीमारी हो सकती है या मल्टीपल ऑर्गन फेलियर से उसकी मौत हो सकती है।
एक्सपर्ट्स ने कहा कि जानलेवा डोज से मौत 36 से 72 घंटों के अंदर हो सकती है। इससे भी खतरनाक बात यह है कि इसका कोई खास एंटीडोट नहीं है, और इससे प्रभावित इंसान को सपोर्टिव मेडिकल केयर की जरूरत होगी। वहीं इससे बचने की उम्मीद भी काफी कम होगी।
यह लंबे समय से आईएसकेपी के प्लान का हिस्सा रहा है, और इंटेलिजेंस एजेंसियों ने बार-बार चेतावनी दी है कि ऐसे ग्रुप इंडिया में बायोटेरर लॉन्च करने की कोशिश करेंगे।
इन्वेस्टिगेटर पाकिस्तान लिंक की भी गहराई से जांच कर रहे हैं। रिसिन टेरर मॉड्यूल और फरीदाबाद मॉड्यूल जैसे बड़े प्लॉट, इतने बड़े पैमाने पर प्लान किए गए ऑपरेशन नहीं हो सकते थे, अगर उन्हें पाकिस्तान से इंस्टीट्यूशनल सपोर्ट न मिला होता।
एक अधिकारी ने कहा कि यह साफ़ है कि पाकिस्तान ने उत्तर और दक्षिण भारत के लिए दो अलग-अलग टेरर मॉड्यूल तैनात किए थे और वे इतने बड़े पैमाने पर हमले करना चाहते थे कि पूरा देश डर जाए।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
अफ्रीका में जी20 शिखर सम्मेलन का होना खास, कई ग्लोबल मुद्दों पर चर्चा होगी : पीएम मोदी

PM MODI
नई दिल्ली, 21 नवंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के निमंत्रण पर शुक्रवार को 20वें जी20 लीडर्स समिट में शामिल होने के लिए दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के दौरे से पहले एक बयान में कहा गया, “यह एक खास समिट होगा क्योंकि यह अफ्रीका में होने वाला पहला जी20 समिट होगा। 2023 में जी20 की भारत की प्रेसीडेंसी के दौरान, अफ्रीकन यूनियन जी20 का सदस्य बन गया था।”
पीएम मोदी ने कहा कि यह समिट दुनिया भर के जरूरी मुद्दों पर बात करने का एक मौका होगा। इस साल के जी20 की थीम ‘एकजुटता, समानता और स्थिरता’ है, जिसके जरिए साउथ अफ्रीका ने नई दिल्ली, भारत और रियो डी जेनेरियो, ब्राजील में हुए पिछले समिट्स के नतीजों को आगे बढ़ाया है। मैं समिट में ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ और ‘एक धरती, एक परिवार और एक भविष्य’ के हमारे विजन के हिसाब से भारत का नजरिया पेश करूंगा।
पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “साउथ अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में जी20 समिट में शामिल होने जा रहा हूं। यह एक खास समिट है क्योंकि यह अफ्रीका में हो रहा है। वहां कई ग्लोबल मुद्दों पर चर्चा होगी। समिट के दौरान दुनिया के कई नेताओं से मिलेंगे।”
तीन सेशन के टाइटल हैं- इनक्लूसिव और सस्टेनेबल इकोनॉमिक ग्रोथ, जिसमें कोई पीछे न छूटे: हमारी इकॉनमी बनाना; ट्रेड की भूमिका; डेवलपमेंट और कर्ज के बोझ के लिए फाइनेंसिंग; एक मजबूत दुनिया- जी20 का योगदान: डिजास्टर रिस्क में कमी; क्लाइमेट चेंज; सही एनर्जी ट्रांजिशन; फूड सिस्टम और सभी के लिए एक सही और न्यायपूर्ण भविष्य: जरूरी मिनरल्स; अच्छा काम; आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस।
समिट के दौरान, जी20 लीडर्स और प्रधानमंत्री मोदी जोहान्सबर्ग में मौजूद कुछ नेताओं के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें भी कर सकते हैं।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, पीएम मोदी साउथ अफ्रीका द्वारा होस्ट की जा रही इंडिया-ब्राजील-साउथ अफ्रीका (आईबीएसए) लीडर्स मीटिंग में भी हिस्सा लेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, भारत ने उन प्रयासों का सफलतापूर्वक मार्गदर्शन किया जिनके परिणामस्वरूप अफ्रीकन यूनियन को जी20 में शामिल किया गया। इस उपलब्धि को 2023 में भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान एक “लैंडमार्क” के रूप में रेखांकित किया गया।
जी20 लीडर्स समिट 22 और 23 नवंबर को साउथ अफ्रीका के सबसे बड़े शहर और इकोनॉमिक हब जोहान्सबर्ग में होने वाला है।
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