अंतरराष्ट्रीय
अमेरिकी टैरिफ के बीच भारत ने शीर्ष 40 देशों में निर्यात बढ़ाने की कोशिशों को तेज किया
नई दिल्ली, 27 अगस्त : अमेरिका की ओर से भारतीय निर्यात पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद, भारत ने 40 देशों में निर्यात बढ़ाने के लिए कोशिशों को तेज कर दिया है। इन देशों में यूके, स्पेन, फ्रांस, जर्मनी और इटली का नाम शामिल है। यह जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी की ओर से दी गई।
इन प्रयासों में ट्रेड फेयर, वायर-सेलर मीट्स और सेक्टर-विशेष प्रमोशन कैंपेन शामिल हैं।
अन्य देशों में नीदरलैंड, पोलैंड, कनाडा, मैक्सिको, रूस, बेल्जियम, तुर्की, संयुक्त अरब अमीरात और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं।
वरिष्ठ अधिकारी ने आगे बताया कि वाणिज्य मंत्रालय भारत के निर्यात में विविधता लाने और वैश्विक बाजारों में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के लिए नए सिरे से प्रयास के तहत इस सप्ताह निर्यातकों के साथ परामर्श की एक श्रृंखला आयोजित करने वाला है।
सूत्रों ने कहा कि इन बैठकों में कपड़ा, केमिकल और जेम्स एवं ज्वेलरी सहित प्रमुख क्षेत्रों के उद्योग प्रतिनिधि एक साथ आएंगे।
इन बैठकों में चर्चाएं सीमित उत्पादों और बाजारों पर निर्भरता कम करने की रणनीतियों और नए भौगोलिक क्षेत्रों में प्रवेश के लिए एक रोडमैप तैयार करने पर केंद्रित रहने की उम्मीद है।
यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब सरकार प्रस्तावित एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन पर काम तेज कर रही है, जिसका उद्देश्य निर्यातकों को लक्षित समर्थन और बाजार संबंधी जानकारी प्रदान करना है।
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि अमेरिका द्वारा घोषित शुल्कों में भारी वृद्धि के बाद, सरकार देश के निर्यात को अन्य देशों में विविधता लाने के प्रयास कर रही है।
सरकार मुक्त व्यापार समझौतों को तेजी से लागू करने और यूरोपीय संघ, ब्रिटेन, ओमान, आसियान, न्यूजीलैंड, पेरू और चिली जैसे मौजूदा समझौतों की समीक्षा करने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा कि एक्सपोर्ट प्रमोशन स्कीम के लिए विदेशों में मिशनों को संगठित करके शीर्ष 50 आयातक देशों पर अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। आगे कहा कि विभिन्न एक्सपोर्ट प्रमोशन स्कीम्स पर भी प्रयास तेज किए जा रहे हैं।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने निर्यात केंद्रित उद्योगों की सहायता के लिए 25,000 करोड़ रुपए की योजानओं का प्रस्ताव तैयार किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य छह वर्ष की अवधि के लिए एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन के तहत कपड़ा, रत्न एवं आभूषण और समुद्री उत्पादों जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों में छोटे निर्यातकों की फंडिंग करने में सहायता करना है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि प्रस्ताव को मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय के पास भेज दिया गया है, जिसके बाद इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा और फिर यह लागू होगा।
इन योजनाओं को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के नियमों के अनुरूप तैयार किया गया है और यह ट्रे़ड फाइनेंस और निर्यातकों के लिए बाजार पहुंच में सुधार पर ध्यान केंद्रित करेंगी।
व्यापार
भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद, रि यल्टी और बैंकिंग स्टॉक्स में हुई बिकवाली

SHARE MARKET
मुंबई, 16 दिसंबर: भारतीय शेयर बाजार मंगलवार के कारोबारी सत्र में बड़ी बिकवाली के साथ बंद हुआ। दिन के अंत में सेंसेक्स 533.50 अंक या 0.63 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 84,679.86 और निफ्टी 167.20 अंक या 0.64 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,860.10 पर था।
बाजार पर दबाव बनाने का दाम आईटी और बैंकिंग शेयरों ने किया। निफ्टी आईटी इंडेक्स 0.84 प्रतिशत और निफ्टी प्राइवेट बैंक इंडेक्स 1.23 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ। इसके अलावा, ऑटो, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज, फार्मा, एफएमसीजी, मेटल, एनर्जी, इन्फ्रा और पीएसई इंडेक्स दबाव के साथ बंद हुआ।
दूसरी तरफ, निफ्टी कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और निफ्टी मीडिया इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए।
सेंसेक्स पैक में टाइटन, भारती एयरटेल, एमएंडएम, एशियन पेंट्स, ट्रेंट, कोटक महिंद्रा बैंक और आईसीआईसीआई बैंक टॉप गेनर्स थे। एक्सिस बैंक, इटरनल (जोमैटो), एचसीएल टेक, बजाज फिनसर्व, टाटा स्टील, अल्ट्राटेक सीमेंट, बजाज फाइनेंस, इन्फोसिस, एनटीपीसी, टीसीएस, सन फार्मा, एलएंडटी, पावर ग्रिड, एचयूएल, बीईएल, एसबीआई, मारुति सुजुकी और टाटा मोटर पैसेंजर व्हीकल लूजर्स थे।
बाजार में गिराने वाले शेयरों की संख्या अधिक थी। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर 1,654 शेयर हरे निशान में; 2,523 शेयर लाल निशान में और 158 शेयर बिन किसी बदलाव के बंद हुए।
एलकेपी सिक्योरिटीज के रूपक दे ने कहा कि दिन के दौरान निफ्टी का रुझान नकारात्मक रहा और सेशन के दौरान प्रति घंटा चार्ट पर 200 एसएमए के नीचे कारोबार किया। साथ ही इंडेक्स ऊपरी स्तरों को तोड़ने में नाकामयाब रहा, जो कि दिखाता है कि बाजार पर बिकवाली का रुझान जारी है।
उन्होंने आगे कहा कि निफ्टी ने 25,700 के स्तर को तोड़ दिया है और इससे निफ्टी आने वाले समय में 25,700 तक लुढ़क सकता है। तेजी की स्थिति में बाजार 25,950 से लेकर 26,000 के स्तर को छू सकता है।
बाजार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई। सुबह 9:23 पर सेंसेक्स 306 अंक या 0.36 प्रतिशत की गिरावट के साथ 84,907 और निफ्टी 92 अंक या 0.40 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 25,924 पर था।
व्यापार
कमजोर वैश्विक संकेतों से शेयर बाजार लाल निशान में खुला

share market
मुंबई, 15 दिसंबर: कमजोर वैश्विक संकेतों के चलते भारतीय शेयर बाजार सोमवार के कारोबारी सत्र में लाल निशान में खुला। सुबह 9:17 पर सेंसेक्स 233 अंक या 0.27 प्रतिशत की गिरावट के साथ 85,034 और निफ्टी 84 अंक या 0.36 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 29,960 पर था।
शुरुआती सत्र में बाजार पर दबाव बनाने का दाम रियल्टी और ऑटो शेयर कर रहे थे। खबर लिखे जाने तक निफ्टी ऑटो 0.85 प्रतिशत और निफ्टी रियल्टी 0.81 प्रतिशत की गिरावट के साथ का कारोबार कर रहे थे। इसके अलावा, आईटी, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल, मेटल, एनर्जी, कमोडिटी और सर्विसेज लाल निशान में थे।
मिडकैप और स्मॉलकैप में मिलाजुला कारोबार हो रहा है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 214.85 अंक या 0.36 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 60,067 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 12 अंक की मामूली कमजोरी के साथ 17,381 पर था।
सेंसेक्स पैक में एशियन पेंट्स, अल्ट्राटेक सीमेंट, बीईएल, एचयूएल और एलएंडटी गेनर्स थे। एमएंडएम, ट्रेंट, एनटीपीसी, पावर ग्रिड, भारती एयरटेल, मारुति सुजुकी, इटरनल (जोमैटो), बजाज फिनसर्व, कोटक महिंद्रा बैंक, टीसीएस, इन्फोसिस, एचसीएलटेक, सनफार्मा, बजाज फाइनेंस और टाइटन लूजर्स थे।
व्यापाक बाजार का रुझान नकारात्मक बना हुआ है और बढ़ने वाले शेयरों की अपेक्षा गिरने वालों की संख्या अधिक हैं।
वैश्विक बाजारों में कमजोरी का रुझान देखा जा रहा है। टोक्यो, शंघाई, हांगकांग और सोल लाल निशान में थे, जबकि जकार्ता और बैंकॉक लाल निशान में थे। अमेरिकी शेयर बाजार भी शुक्रवार को लाल निशान में बंद हुए थे।
इसके अतिरिक्त, कमोडिटी सेगमेंट में कारोबार मजबूत बना हुआ है। ब्रेंट क्रूड 0.58 प्रतिशत की तेजी के साथ 57.57 डॉलर प्रति बैरल और ब्रेंट क्रूड 0.56 प्रतिशत की मजबूती के साथ 61.46 डॉलर प्रति बैरल पर था। इसके अलावा सोना 0.72 प्रतिशत की तेजी के साथ 4,359 डॉलर प्रति औंस और चांदी 1.40 प्रतिशत की बढ़त के साथ 62.86 डॉलर प्रति औंस पर थी।
व्यापार
चांदी ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, इन पांच कारण से तेजी को मिल रही हवा

मुंबई, 13 दिसंबर: कमोडिटी बाजार में चांदी ने इतिहास रच दिया है। भारत के मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर चांदी पहली बार 2 लाख रुपए प्रति किलो के पार पहुंच गई। यह चांदी का अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है।
एमसीएक्स पर शुक्रवार के कारोबारी सत्र के दौरान सिल्वर में जबरदस्त खरीदारी देखने को मिली और इसका भाव 2,01,615 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया। हालांकि, ऊंचे स्तर पर मुनाफावसूली के कारण बाजार बंद होते समय यह 1,92,615 रुपए प्रति किलो पर आ गई।
एक्सिस डारेक्ट के मुताबिक, 2024 में 20 प्रतिशत से ज्यादा रिटर्न देने के बाद 2025 में भी चांदी की तेजी जारी है। कीमतों में सालाना बढ़त 1979 के बाद सबसे ज्यादा रही है। लंबे समय तक स्थिर रहने के बाद अब चांदी एक मजबूत तेजी के दौर में प्रवेश कर चुकी है।
चांदी की कीमतों उच्च स्तर पर रहने के पांच बड़े कारण हैं।
1.इंडस्ट्रियल डिमांड में जबरदस्त बढ़ोतरी: एक्सिस म्यूचुअल फंड के अनुसार, 2025 में सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) और 5जी टेक्नोलॉजी में चांदी की मांग बहुत तेजी से बढ़ी है। मांग ज्यादा और सप्लाई कम होने से कीमतें ऊपर चली गईं।
- निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी: निवेशक अब ज्यादा से ज्यादा कमोडिटी मार्केट की ओर रुख कर रहे हैं। सोना और अन्य धातुओं में मजबूती का असर चांदी पर भी पड़ा है।
- ग्लोबल मार्केट में सप्लाई की कमी: अमेरिका के कॉमेक्स एक्सचेंज पर चांदी 65.085 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गई, जो कई वर्षों का उच्चतम स्तर है। दुनिया भर में सप्लाई कम होने से भारतीय बाजार भी प्रभावित हुआ।
- डॉलर-रुपए में उतार-चढ़ाव: डॉलर के मुकाबले रुपए में कमजोरी आने से भारत में चांदी और अन्य कीमती धातुएं महंगी हो गईं।
- अमेरिका की ट्रेड पॉलिसी का डर: बाजार में आशंका है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चांदी पर आयात शुल्क (टैरिफ) लगा सकते हैं। अमेरिका अपनी जरूरत की लगभग दो-तिहाई चांदी आयात करता है। इस डर से अमेरिकी कंपनियों ने चांदी जमा करना शुरू कर दिया, जिससे वैश्विक बाजार में कमी पैदा हो गई और कीमतें तेजी से बढ़ गईं।
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