अंतरराष्ट्रीय
भारत के साथ व्यापार समझौते के करीब अमेरिका : शीर्ष यूएस अधिकारी

वाशिंगटन, 1 मई। भारत और अमेरिका व्यापार समझौता के करीब हैं, लेकिन यह अभी तक पूरा नहीं हुआ है। यह बयान शीर्ष अमेरिकी ट्रेड वार्ताकार ने दिया।
अमेरिकी मीडिया और पॉलिसी सर्किल में अमेरिका-भारत व्यापार समझौता की चर्चा जोरों पर है, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने के बाद किसी देश के साथ होने वाली यूएस की यह पहली ट्रेड डील हो सकती है।
फिलहाल, अपने व्यापारिक साझेदार देशों के साथ समझौता करने के लिए ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ पर 90 दिन की रोक लगा दी है।
अमेरिकी ट्रेड वार्ताकार जेमिसन ग्रीर से फॉक्स न्यूज को दिए गए इंटरव्यू में पूछा गया कि क्या भारत के साथ समझौता अंतिम चरण के करीब है, तो उन्होंने कहा, “मैं यह नहीं कहूंगा कि यह अंतिम चरण है (लेकिन) यह करीब है।”
उन्होंने आगे कहा, “भारत के ट्रेड मंत्री के साथ मेरी बातचीत चल रही है। मैंने अपनी टीम एक सप्ताह के लिए भारत भेजी थी। वे पिछले सप्ताह यहां आए थे और मैंने उनके मुख्य वार्ताकार से मुलाकात की भी थी।”
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की भारत यात्रा के बारे में पूछे जाने पर ग्रीर ने दोनों पक्षों के बीच ट्रे़ड बातचीत की रूपरेखा की घोषणा का जिक्र किया।
ग्रीर अमेरिकी ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव ऑफिस में एक वरिष्ठ अधिकारी हैं।
उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल में अमेरिकी ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव रॉबर्ट लाइटहाइजर के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में कार्य किया था। उस समय वह अमेरिका और भारत व्यापार समझौता के अंतिम चरण के बहुत करीब पहुंच गए थे।
फरवरी 2020 में राष्ट्रपति ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान इस समझौते की घोषणा और हस्ताक्षर किए जाने थे, लेकिन लंबी और कठिन बातचीत के बावजूद यह समझौता विफल हो गया।
शीर्ष भारतीय ट्रेड वार्ताकारों ने इसके लिए अमेरिका को दोषी ठहराया और आरोप लगाया कि वे बार-बार लक्ष्य बदल रहे हैं।
ग्रीर वर्तमान बातचीत के दौर में दक्षिण कोरिया के साथ व्यापार समझौते को लेकर कहीं अधिक आशावादी दिखे, उन्होंने कहा कि वे सबसे आगे दिख रहे हैं और अमेरिका की रणनीति सबसे महत्वाकांक्षी प्रस्तावों के साथ आगे बढ़ने की रही है।
अंतरराष्ट्रीय
भारत की नई उड़ान : स्पेस स्टेशन के लिए रवाना हुए शुभांशु शुक्ला, फ्लोरिडा से एक्सिओम-4 मिशन लॉन्च

नई दिल्ली, 25 जून। भारत ने अंतरिक्ष की ओर नई उड़ान भरी है। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला एक्सिओम-4 मिशन के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए रवाना हुए हैं। फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर में कॉम्प्लेक्स 39ए से एक्सिओम-4 मिशन को लॉन्च किया गया। शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री एक्सिओम स्पेस के एक मिशन के हिस्से के रूप में अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा पर निकले हैं।
सफल लॉन्चिंग के बाद अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने सोशल मीडिया के जरिए अपडेट दिया। नासा ने ‘एक्स’ पर लिखा, “हमने एक्सिओम मिशन 4 की उड़ान भरी है। एक्स-4 मिशन 25 जून को सुबह 2:31 बजे (भारतीय समयानुसार, दोपहर 12:01 बजे) पर लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39ए से उड़ान भर गया, जिसमें चार निजी अंतरिक्ष यात्री 14 दिनों तक के मिशन के लिए स्पेस स्टेशन पर गए।”
एक्सिओम स्पेस ने भी पोस्ट किया है, जिसने लिखा, “एएक्स-4 के लिए उड़ान। एएक्स-4 का चालक दल स्पेस स्टेशन की ओर बढ़ रहा है।”
इस मिशन में शामिल स्पेसएक्स ने जानकारी दी कि ड्रैगन फाल्कन 9 के दूसरे चरण से अलग हो गया है। नासा ने अंतरिक्ष यान के अलग होने की पुष्टि की। नासा ने लिखा, “अपने स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान में स्वतंत्र रूप से उड़ान भरते हुए एएक्स-4 के चालक दल स्पेस स्टेशन की अपनी यात्रा के एक कदम और करीब आ गए हैं।”
फाल्कन 9 रॉकेट पर लॉन्च होने के बाद क्रू नए स्पेसएक्स ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट पर ऑर्बिटिंग प्रयोगशाला की यात्रा करेगा। ये 14 दिन का मिशन है। शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) और नासा के संयुक्त सहयोग से विकसित उन्नत खाद्य और पोषण संबंधी प्रयोगों का संचालन करेंगे।
बेटे को अंतरिक्ष में उड़ान भरते हुए देखकर शुभांशु शुक्ला का परिवार काफी भावुक हो गया। शुभांशु की मां की आंखों में आंसू भर आए। लखनऊ में शुभांशु शुक्ला के माता-पिता ने एक्सिओम-4 मिशन की लॉन्चिंग की लाइव तस्वीरें देखीं। मिशन के उड़ान भरने पर वे जश्न मनाते हुए नजर आए।
अंतरराष्ट्रीय
अमेरिका द्वारा परमाणु स्थलों पर बमबारी के बाद ईरान ने होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने की योजना बनाई: यह क्या है और इसका भारत और तेल की कीमतों पर क्या प्रभाव पड़ेगा

नई दिल्ली: ईरानी मीडिया ने सोमवार को बताया कि ईरान अपने तीन परमाणु स्थलों पर अमेरिकी हवाई हमलों के बाद दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण तेल शिपिंग गलियारों में से एक, होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने की योजना बना रहा है।
इस कदम से वैश्विक ऊर्जा प्रवाह में गंभीर बाधा उत्पन्न हो सकती है, ऐसे समय में जब तेल बाजार पहले से ही बढ़ते क्षेत्रीय तनाव से प्रभावित है।
होर्मुज जलडमरूमध्य क्या है और यह क्यों आवश्यक है?
होर्मुज जलडमरूमध्य एक संकीर्ण लेकिन महत्वपूर्ण मार्ग है जो फारस की खाड़ी को अरब सागर और हिंद महासागर से जोड़ता है। हालाँकि यह अपने सबसे तंग बिंदु पर 33 किमी तक फैला हुआ है, लेकिन वास्तविक शिपिंग लेन दोनों दिशाओं में सिर्फ़ 3 किमी चौड़ी हैं, जिससे चैनल के बाधित होने का ख़तरा बहुत ज़्यादा है।
यह जलमार्ग दुनिया के तेल और गैस के पांचवें हिस्से के परिवहन के लिए आवश्यक है। सऊदी अरब, इराक, यूएई, ईरान, कतर और कुवैत जैसे देशों से अधिकांश तेल निर्यात इसी जलडमरूमध्य से होकर गुजरता है। ईरान द्वारा इस मार्ग को बंद करने या अवरुद्ध करने का कोई भी प्रयास इन आपूर्तियों को तुरंत खतरे में डाल देगा।
अतीत में, अमेरिका और यूरोप को यहां किसी भी व्यवधान का सबसे अधिक सामना करना पड़ता था। लेकिन अब एशिया, खासकर चीन और भारत जैसे देश, अगर जलडमरूमध्य बंद हो जाता है, तो सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।
इसका भारत और तेल की कीमतों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
भारत के लिए, होर्मुज जलडमरूमध्य प्रतिदिन लगभग 2 मिलियन बैरल कच्चा तेल लाता है, जिसमें से कुल 5.5 मिलियन बैरल प्रतिदिन आयात किया जाता है। हालांकि, ऊर्जा विशेषज्ञों और अधिकारियों का कहना है कि घबराने की कोई बात नहीं है। भारत ने पिछले कुछ वर्षों में अपने ऊर्जा स्रोतों में विविधता लाने में खर्च किया है। रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्राजील से आपूर्ति आसानी से उपलब्ध है और संभवतः किसी भी अल्पकालिक कमी को पूरा कर सकती है।
रूस के तेल आपूर्ति मार्ग होर्मुज जलडमरूमध्य से जुड़े नहीं हैं। इसके बजाय, वे स्वेज नहर, केप ऑफ गुड होप के आसपास या प्रशांत महासागर से होकर गुजरते हैं। गैस के मोर्चे पर भी भारत काफी हद तक अप्रभावित है। इसका शीर्ष आपूर्तिकर्ता कतर एलएनजी भेजने के लिए जलडमरूमध्य का उपयोग नहीं करता है। ऑस्ट्रेलिया, रूस और अमेरिका जैसे अन्य प्रमुख स्रोत भी भौगोलिक रूप से इस खतरे से दूर हैं।
ऐसा कहा जा रहा है कि तेल की कीमतें अभी भी क्षेत्र में बढ़ते तनाव के कारण प्रभावित हो सकती हैं। विश्लेषकों का मानना है कि वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता के कारण अल्पावधि में कीमतें 80 डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ सकती हैं।
हालांकि, भारतीय केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह सूरी ने कहा कि अभी कीमत के बारे में अनुमान लगाना बहुत मुश्किल है। उन्होंने कहा, “लंबे समय तक तेल की कीमत 65 से 70 के बीच थी। फिर यह 70 से 75 के बीच हो गई। सोमवार को जब बाजार खुलेंगे, तो होर्मुज जलडमरूमध्य के बंद होने के नतीजों को ध्यान में रखा जाएगा।”
उन्होंने आगे कहा, “लेकिन जैसा कि मैं लंबे समय से कह रहा हूं, वैश्विक बाजारों में पर्याप्त तेल उपलब्ध है। वैश्विक बाजारों में अधिक से अधिक तेल आ रहा है, खासकर पश्चिमी गोलार्ध से। यहां तक कि पारंपरिक आपूर्तिकर्ता भी आपूर्ति बनाए रखने में रुचि लेंगे क्योंकि उन्हें भी राजस्व की आवश्यकता होती है। इसलिए उम्मीद है कि बाजार इसे ध्यान में रखेगा। मोदी सरकार ने पिछले कई वर्षों में न केवल आपूर्ति की स्थिरता सुनिश्चित की है, बल्कि सामर्थ्य भी सुनिश्चित किया है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय करेंगे।”
राष्ट्रीय
एयर इंडिया ने रखरखाव के चलते आठ घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को रद्द किया

नई दिल्ली, 20 जून। एयर इंडिया ने रखरखाव के चलते आठ घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को रद्द कर दिया है।
एयरलाइन की ओर से जारी बयान में कहा गया, “रखरखाव और परिचालन कारणों से उड़ानों को रद्द कर दिया गया है।”
12 जून को अहमदाबाद में हादसे के बाद एयर इंडिया लगातार मुश्किलों का सामना कर रही है और अपने परिचालन को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए कदम उठा रही है।
एयर इंडिया द्वारा जिन अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को रद्द किया गया है, उनमें दुबई से चेन्नई, दिल्ली से मेलबर्न, मेलबर्न से दिल्ली और दुबई से हैदराबाद की उड़ानें शामिल है। वहीं, एयरलाइन ने पुणे से दिल्ली, अहमदाबाद से दिल्ली, हैदराबाद से मुंबई और चेन्नई से मुंबई की उड़ान को रद्द कर दिया।
विमानन कंपनी ने यह भी कहा कि टिकट रद्द करने पर पूरा रिफंड देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और इच्छुक यात्रियों को कॉम्पलीमेंट्री रीशेड्यूलेशन की सुविधा भी दी जा रही है।
एयर इंडिया ने कहा,”हमें यात्रियों को हुई असुविधा के लिए खेद है। हमारे ग्राउंड सहयोगी उनके लिए जल्द से जल्द अपने गंतव्यों तक उड़ान भरने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कर रहे हैं।”
इसके अलावा, एयरलाइन ने यात्रियों को हवाईअड्डों पर जाने से पहले उड़ानों की स्थिति की जांच करने की भी सलाह दी है।
एयर इंडिया ने आगे कहा कि विमानों की लगातार बढ़ती जांच, हवाई क्षेत्र प्रतिबंधों और खराब मौसम के कारण कुछ व्यवधानों की आशंका है और जब भी ऐसी स्थिति उत्पन्न होगी, यात्रियों को इसकी सूचना दी जाएगी।
अहमदाबाद विमान दुर्घटना के बाद से, जिसमें 241 यात्रियों और जमीन पर 33 लोगों की जान चली गई, एयर इंडिया ने कई उड़ानें रद्द कर दी हैं जबकि तकनीकी खराबी की सूचना मिलने के बाद कई उड़ानों को रोक दिया गया है।
एयरलाइन शुक्रवार से अपने वाइड-बॉडी अंतरराष्ट्रीय शेड्यूल में लगभग 15 प्रतिशत की कटौती करने की भी घोषणा की थी।
बयान में कहा गया, “यह कटौती स्वैच्छिक रूप से उड़ान से पहले सुरक्षा जांच बढ़ाने के निर्णय के साथ-साथ मध्य पूर्व में हवाई क्षेत्र बंद होने से उत्पन्न अतिरिक्त उड़ान अवधि को समायोजित करने के निर्णय के कारण की गई है। इसका उद्देश्य शेड्यूल स्थिरता को बहाल करना और यात्रियों को अंतिम समय में होने वाली असुविधा को कम करना है।”
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