अंतरराष्ट्रीय समाचार
क्राउडस्ट्राइक के बारे में आपको जो कुछ भी जानना चाहिए, वैश्विक माइक्रोसॉफ्ट आउटेज के पीछे साइबर सुरक्षा फर्म।
दुनिया भर में लाखों विंडोज कंप्यूटर उपयोगकर्ता शुक्रवार को ब्लू स्क्रीन ऑफ़ डेथ (BSOD) त्रुटि से जूझ रहे थे, जिसके कारण उनके सिस्टम अप्रत्याशित रूप से बंद हो गए या फिर से चालू हो गए। इस व्यापक समस्या ने हवाई अड्डों, बैंकों और बड़ी कंपनियों सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रों को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिसके कारण बंद और व्यवधान उत्पन्न हुए हैं।
मूल कारण: क्राउडस्ट्राइक
इस बड़े पैमाने पर आउटेज की उत्पत्ति का पता साइबर सुरक्षा फर्म क्राउडस्ट्राइक के हालिया अपडेट से लगाया गया है। लेकिन क्राउडस्ट्राइक वास्तव में क्या है?
क्राउडस्ट्राइक क्या है?
क्राउडस्ट्राइक एक यूएस-आधारित साइबर सुरक्षा कंपनी है जो बड़े संगठनों, सरकारी एजेंसियों और हवाई अड्डों और बैंकों जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा में विशेषज्ञता रखती है। कैस्परस्की या सिमेंटेक जैसे अधिक सामान्य रूप से ज्ञात एंटीवायरस प्रोग्रामों के विपरीत, क्राउडस्ट्राइक के समाधान आम तौर पर रोजमर्रा के उपभोक्ताओं द्वारा उपयोग नहीं किए जाते हैं। 2011 में अपनी स्थापना के बाद से, क्राउडस्ट्राइक ने हाई-प्रोफाइल क्लाइंट और उन्नत साइबर सुरक्षा खतरों पर ध्यान केंद्रित किया है।
डेनवर विश्वविद्यालय बताता है कि एक बार क्राउडस्ट्राइक इंस्टॉल हो जाने के बाद, यह उपयोगकर्ता से मैन्युअल वायरस स्कैन की आवश्यकता के बिना स्वचालित रूप से खतरों के लिए स्कैन करता है। क्राउडस्ट्राइक जैसे साइबर सुरक्षा सॉफ़्टवेयर पूरे कंप्यूटर सिस्टम में व्यापक विशेषाधिकारों के साथ काम करते हैं, जिसमें संवेदनशील क्षेत्रों तक पहुँच शामिल है। इसका मतलब है कि सॉफ़्टवेयर में कोई भी त्रुटि व्यापक और महत्वपूर्ण परिणाम दे सकती है।
कंपनी ने उच्च-दांव वाली साइबर घटनाओं में अमेरिकी सरकार की सहायता करके प्रमुखता प्राप्त की, जैसे कि सोनी उल्लंघन के बाद उत्तर कोरियाई हैकरों की जाँच करना और डेमोक्रेटिक पार्टी सर्वर हैक के दौरान रूसी साइबर गतिविधियों का विश्लेषण करना।
वर्तमान आउटेज
वर्तमान संकट 2024 के सबसे महत्वपूर्ण साइबर मुद्दों में से एक है। समस्या क्राउडस्ट्राइक के एंडपॉइंट डिटेक्शन एंड रिस्पॉन्स (EDR) उत्पाद के सॉफ़्टवेयर अपडेट से उत्पन्न हुई, जो उच्च विशेषाधिकारों वाले एंडपॉइंट की सुरक्षा करता है। इस खराबी के कारण व्यापक BSOD त्रुटियाँ हुई हैं, जिससे वैश्विक स्तर पर गंभीर व्यवधान उत्पन्न हुए हैं।
साइबरआर्क के मुख्य सूचना अधिकारी (CIO) ओमर ग्रॉसमैन ने दो महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रकाश डाला: व्यवसाय निरंतरता को बहाल करना और प्रत्येक क्रैश हुए एंडपॉइंट को अपडेट करने के लिए आवश्यक मैन्युअल प्रक्रिया। इस पुनर्प्राप्ति प्रक्रिया में कई दिन लगने की उम्मीद है।
क्राउडस्ट्राइक की प्रतिक्रिया
क्राउडस्ट्राइक के सीईओ, जॉर्ज कर्ट्ज़ ने एक बयान जारी कर इस मुद्दे को स्वीकार किया और आश्वासन दिया कि यह कोई सुरक्षा घटना या साइबर हमला नहीं है। समस्या को केवल विंडोज होस्ट को प्रभावित करने वाले एकल सामग्री अपडेट तक सीमित कर दिया गया है, जिसका मैक या लिनक्स-आधारित सिस्टम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। कंपनी ने एक फिक्स तैनात किया है और प्रभावित ग्राहकों के साथ मिलकर काम कर रही है।
कर्ट्ज़ ने संचार के लिए आधिकारिक चैनलों का उपयोग करने के महत्व पर जोर दिया और आश्वासन दिया कि क्राउडस्ट्राइक की टीम ग्राहक सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से जुटी हुई है। निरंतर अपडेट के लिए, ग्राहकों को सहायता पोर्टल और कंपनी की वेबसाइट पर निर्देशित किया जाता है।
“क्राउडस्ट्राइक विंडोज होस्ट के लिए एकल सामग्री अपडेट में पाए गए दोष से प्रभावित ग्राहकों के साथ सक्रिय रूप से काम कर रहा है। मैक और लिनक्स होस्ट प्रभावित नहीं हैं। यह कोई सुरक्षा घटना या साइबर हमला नहीं है। समस्या की पहचान की गई है, उसे अलग किया गया है और एक फिक्स तैनात किया गया है। हम ग्राहकों को नवीनतम अपडेट के लिए सहायता पोर्टल पर जाने के लिए कहते हैं और अपनी वेबसाइट पर पूर्ण और निरंतर अपडेट प्रदान करना जारी रखेंगे। हम संगठनों को यह भी सलाह देते हैं कि वे आधिकारिक चैनलों के माध्यम से क्राउडस्ट्राइक प्रतिनिधियों के साथ संवाद करना सुनिश्चित करें। क्राउडस्ट्राइक ग्राहकों की सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए हमारी टीम पूरी तरह से जुटी हुई है।”
माइक्रोसॉफ्ट ने यह कहा:
शुक्रवार को एक बयान में माइक्रोसॉफ्ट ने कहा, “हम इस घटना को सर्वोच्च प्राथमिकता और तत्परता के साथ लेने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जबकि हम खराब स्थिति में मौजूद माइक्रोसॉफ्ट 365 ऐप के लिए लंबे समय तक प्रभाव को संबोधित करना जारी रखते हैं।”
इसने आगे कहा, “हमारी सेवाओं में अभी भी निरंतर सुधार हो रहा है, जबकि हम शमन कार्रवाई करना जारी रखते हैं।”
जैसा कि वैश्विक समुदाय इस परिणाम से निपटता है, क्राउडस्ट्राइक पर ध्यान केंद्रित रहता है, जो महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए साइबर सुरक्षा में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करता है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
सऊदी अरब और अमेरिका के बीच अब तक की सबसे बड़ी डील, परमाणु समझौते से लेकर एफ-35 पर लगी मुहर

नई दिल्ली, 19 नवंबर: सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (एमबीएस) अमेरिकी दौरे पर पहुंचे और मंगलवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की। बता दें, करीब 7 साल बाद सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस ने अमेरिका का दौरा किया। दोनों देशों के बीच कई ऐतिहासिक समझौते हुए।
व्हाइट हाउस में क्राउन प्रिंस और अमेरिकी राष्ट्रपति ने मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों ने ऐतिहासिक परमाणु समझौते पर भी हस्ताक्षर किया। दोनों देशों ने सिविल न्यूक्लियर एनर्जी पर एक संयुक्त घोषणा को मंजूरी दी है।
बता दें, एमबीएस से मुलाकात से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने सोमवार को घोषणा की थी कि यूएस सऊदी अरब को एफ-35एस फाइटर जेट बेचेगा। सऊदी अरब की मांग पर अमेरिका उसे 48 एफ-35एस फाइटर जेट देगा। दोनों देशों ने करीब 300 अमेरिकी टैंक की डिलीवरी पर मुहर लगाई है।
व्हाइट हाउस के बयान के अनुसार, उन्होंने असैन्य परमाणु ऊर्जा, एक महत्वपूर्ण खनिज ढांचे और एक एआई समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर समझौतों के अलावा अमेरिका-सऊदी रणनीतिक रक्षा समझौते (एसडीए) पर भी हस्ताक्षर किए।
बता दें, अब तक केवल इजरायल को ही एफ-35एस मिलने की अनुमति थी। हालांकि, अब सऊदी अरब के साथ इस डील से ये तस्वीर बदलने वाली है। वहीं इसे लेकर जब ट्रंप से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि इजरायल को इस डील के बारे में पहले से जानकारी है। सऊदी अरब और इजरायल दोनों ही अमेरिका के अच्छे दोस्त हैं।
वहीं, सऊदी अरब का अमेरिका में निवेश 600 बिलियन डॉलर से बढ़कर 1 ट्रिलियन डॉलर होने जा रहा है। क्राउन प्रिंस ने खुद इसकी जानकारी दी है। बता दें, अमेरिकी पत्रकार जमाल खरगोशी की 2018 में हुई हत्या के बाद से अमेरिका और सऊदी के बीच सबकुछ ठीक नहीं था। हालांकि, अब अमेरिकी राष्ट्रपति सऊदी के साथ संबंधों को सुधारने पर जोर दे रहे हैं।
क्राउन प्रिंस के स्वागत में आयोजित भव्य डिनर पार्टी के दौरान ट्रंप ने सऊदी को मेजर नॉन-नाटो एलाय (महत्वपूर्ण गैर-नाटो सहयोगी) घोषित कर दिया। अमेरिका ने अब तक यह दर्जा सिर्फ 19 देशों को दे रखा है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
सुरक्षा परिषद ने ट्रंप की गाजा शांति योजना का समर्थन करने वाले ऐतिहासिक प्रस्ताव को मंजूरी दी

संयुक्त राष्ट्र, 18 नवंबर: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सोमवार को एक ऐतिहासिक प्रस्ताव पास किया, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गाजा शांति योजना को मंजूरी दी गई। इस मंजूरी के बाद अब गाजा में एक अंतरराष्ट्रीय बल भेजने का रास्ता साफ हो गया है, जिससे युद्ध से तबाह इलाकों में शांति और व्यवस्था बहाल की जा सकेगी।
यह निर्णय ट्रंप के लिए बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है। प्रस्ताव में ट्रंप के नेतृत्व वाले ‘‘बोर्ड ऑफ़ पीस’’ (बीओपी) को गाजा की अंतरिम प्रशासनिक संस्था के रूप में मान्यता दी गई है, ताकि दो साल से चले आ रहे संकट के बाद वहाँ सामान्य स्थिति बहाल हो सके।
संयुक्त राष्ट्र के कट्टर आलोचक ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट किया, यह संयुक्त राष्ट्र के इतिहास की सबसे बड़ी मंजूरियों में से एक के रूप में दर्ज होगा, दुनिया भर में शांति को बढ़ावा देगा और यह एक सच्चे ऐतिहासिक क्षण का प्रतीक है।”
इस प्रस्ताव की एक खास बात यह है कि इसमें फिलिस्तीन को अपने स्वतंत्र राष्ट्र बनने का रास्ता भी दिया गया है, जबकि ट्रंप प्रशासन पहले इसका विरोध करता रहा था। सुरक्षा परिषद ने एक दुर्लभ कदम उठाते हुए ट्रंप की पूरी 20 सूत्रीय योजना को प्रस्ताव में शामिल कर दिया।
रूस ने इस पर आपत्ति की थी और अपना अलग प्रस्ताव तैयार किया था, लेकिन जब अरब और मुस्लिम देशों ने अमेरिकी योजना का समर्थन किया, तो रूस ने अपना प्रस्ताव वापस ले लिया और मतदान में हिस्सा न लेते हुए परहेज़ किया। इससे अमेरिकी प्रस्ताव पारित हो गया।
अल्जीरिया के स्थायी प्रतिनिधि अमर बेंडजामा ने कहा कि उच्चतम स्तर पर फिलिस्तीनी प्राधिकरण, साथ ही मुस्लिम और अरब देशों ने अमेरिकी प्रस्ताव का समर्थन किया। हालांकि उन्होंने कहा कि स्थायी शांति तभी संभव है जब फिलिस्तीन को राष्ट्र का दर्जा मिल जाए।
महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने प्रस्ताव का स्वागत किया और कहा कि अब ज़मीन पर जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने की ज़रूरत है। प्रस्ताव में संयुक्त राष्ट्र और अन्य संगठनों द्वारा मानवीय सहायता बढ़ाने और गाजा में बिना रोक-टोक प्रवेश की मांग भी रखी गई है।
चीन ने भी मतदान में हिस्सा न लेते हुए परहेज़ किया, जबकि बाकी 13 देशों ने समर्थन दिया। सुरक्षा परिषद में अल्जीरिया ही एकमात्र अरब देश है।
अब, जब गाजा में युद्धविराम लागू है, ट्रम्प योजना के अगला चरण में ‘‘अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल’’ (आईएसएफ) भेजने की आवश्यकता होगी, जो हमास को निशस्त्र करेगा, कानून-व्यवस्था स्थापित करेगा और फिलिस्तीन सुरक्षा बल को प्रशिक्षित करेगा।
आईएसएफ संयुक्त राष्ट्र का शांति मिशन नहीं होगा और न ही परिषद को रिपोर्ट करेगा, जो बीजिंग और मास्को के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा था।
संयुक्त राष्ट्र महासभा कई वर्षों से फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता देने की मांग करती रही है। हाल ही में फ्रांस, ब्रिटेन और कुछ पश्चिमी देशों ने फिलिस्तीन को मान्यता देने की घोषणा भी की, जबकि अमेरिका ने इस पर अलग रुख रखा।
प्रस्ताव में विश्व बैंक जैसे अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को गाजा के पुनर्निर्माण में योगदान देने का ढाँचा भी शामिल है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
सऊदी अरब में भीषण सड़क हादसा, मदीना जा रही बस का एक्सीडेंट; कई भारतीयों की मौत

मदीना, 17 नवंबर: सऊदी अरब में मदीना के पास एक बस डीजल टैंकर से टकरा गई, जिसमें कई भारतीय उमराह यात्रियों की मौत हो गई है। यह घटना सोमवार तड़के हुई, जब बस मक्का से मदीना जा रही थी। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
वीडियो में भयावह आग देखने को मिल रही है। इसके साथ ही काले धुएं का गुबार उठता नजर आ रहा है। मौत के आंकड़ों को लेकर फिलहाल कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मरने वालों की संख्या 40 से भी ज्यादा हो सकती है। आधिकारिक जानकारी का इंतजार है। कहा जा रहा है कि घटना के दौरान बस में भारतीय तीर्थयात्री मौजूद थे।
जेद्दा में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने घटना की जानकारी दी और मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है। जेद्दा में भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “सऊदी अरब के मदीना के निकट भारतीय उमराह यात्रियों के साथ हुई एक दुखद बस दुर्घटना को देखते हुए, जेद्दा स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास में एक 24×7 नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। मदद के लिए संपर्क करने हेतु जानकारी दी गई है: टोल फ्री नंबर 8002440003 है।”
हमले पर दुख जताते हुए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पर लिखा, “सऊदी अरब के मदीना में भारतीय नागरिकों के साथ हुई दुर्घटना से गहरा सदमा पहुंचा है। रियाद स्थित हमारा दूतावास और जेद्दा स्थित वाणिज्य दूतावास इस दुर्घटना से प्रभावित भारतीय नागरिकों और उनके परिवारों को पूरी सहायता प्रदान कर रहे हैं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति हमारी गहरी संवेदना। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।”
वहीं तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने भी इस घटना पर दुख जताया है। तेलंगाना सरकार ने एक्स प्लेटफॉर्म पर लिखा, “स्थानीय मीडिया में इस दुर्घटना में भारतीय उमराह यात्रियों के मारे जाने की खबर आने के बाद वह रियाद स्थित भारतीय दूतावास के संपर्क में है।”
एक आधिकारिक बयान में, राज्य सरकार ने पुष्टि की कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने नई दिल्ली में अधिकारियों को सतर्क कर दिया है और उन्हें दूतावास के अधिकारियों के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया है।
-
व्यापार5 years agoआईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years agoभगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
महाराष्ट्र5 months agoहाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, मस्जिदों के लाउडस्पीकर विवाद पर
-
अनन्य3 years agoउत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
न्याय1 year agoमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अपराध3 years agoबिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
अपराध3 years agoपिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार9 months agoनासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा
