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एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने संभल हिंसा की हाईकोर्ट जांच की मांग की, मस्जिद सर्वेक्षण संघर्ष में मौतों की निंदा की
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में मुगलकालीन मस्जिद के न्यायालय के आदेश पर किए गए सर्वेक्षण के दौरान भड़की हिंसा में हुई मौतों की निंदा करते हुए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को उच्च न्यायालय से जांच की मांग की और आरोप लगाया कि “अत्याचार हो रहे हैं।”
ओवैसी ने घटना में शामिल अधिकारियों के निलंबन की मांग की है।
एआईएमआईएम नेता ने आरोप लगाया कि मस्जिद के लोगों की बात सुने बिना ही कोर्ट का आदेश पारित कर दिया गया और बिना किसी पूर्व सूचना के दूसरा सर्वेक्षण भी कर लिया गया। उन्होंने कुछ वीडियो का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि सर्वेक्षण के लिए आए लोग भड़काऊ नारे लगा रहे थे।
संभल हिंसा पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी
आज यहां पत्रकारों से बात करते हुए ओवैसी ने कहा, “संभल में मस्जिद 50-100 साल पुरानी नहीं है, यह 250-300 साल से भी ज्यादा पुरानी है और अदालत ने मस्जिद के लोगों की बात सुने बिना ही एकपक्षीय आदेश पारित कर दिया जो गलत है… जब दूसरा सर्वेक्षण किया गया तो कोई जानकारी नहीं दी गई… सर्वेक्षण का वीडियो, जिसके बारे में लोग दावा कर रहे हैं कि वह सार्वजनिक डोमेन में है, दिखाता है कि सर्वेक्षण के लिए आए लोगों द्वारा भड़काऊ नारे लगाए गए थे। हिंसा हुई, तीन मुसलमान मारे गए, हम इसकी निंदा करते हैं। यह गोलीबारी नहीं बल्कि हत्या है… इसमें शामिल अधिकारियों को निलंबित किया जाना चाहिए और एक मौजूदा उच्च न्यायालय को जांच करनी चाहिए कि यह पूरी तरह से गलत है, वहां अत्याचार हो रहे हैं…”
संभल के सांसद के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए ओवैसी ने कहा, “आप जिस पर चाहें एफआईआर दर्ज कर लें। आप ही जूरी, जज और सब कुछ हैं।”
घटना पर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक
इससे पहले आज उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि संभल में मस्जिद का सर्वेक्षण अदालत के आदेश के तहत किया जा रहा है और हिंसा की निष्पक्ष जांच की जाएगी जिसमें चार लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए।
“अदालत के आदेश पर वहां (संभल) सर्वेक्षण किया जा रहा था। जो भी घटना हुई वह बहुत दुखद है। घटना की निष्पक्ष जांच की जाएगी।”
संभल घटना को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बीजेपी पर निशाना साधा
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी संभल की घटना को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने सत्तारूढ़ पार्टी पर हिंसा के जवाब में “असंवेदनशील कार्रवाई” करने का आरोप लगाया, उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी कार्रवाई विभाजन को गहरा कर रही है और हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच भेदभाव को बढ़ावा दे रही है।
राहुल गांधी ने कहा कि संभल की स्थिति के लिए भाजपा “सीधे तौर पर जिम्मेदार” है। विपक्ष के नेता ने मृतकों और घायलों के शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और कहा कि संभल में उत्तर प्रदेश सरकार का “पक्षपातपूर्ण और जल्दबाजी वाला रवैया” “बेहद दुर्भाग्यपूर्ण” है।
मुरादाबाद रेंज के डीआईजी मुनिराज जी ने मृतकों की संख्या पर कहा
इस बीच, मुरादाबाद रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) मुनिराज जी ने सोमवार को पुष्टि की कि जिले की शाही जामा मस्जिद का निरीक्षण कर रही एएसआई टीम पर हुए हंगामे और पथराव के बाद संभल हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर चार हो गई है।
जिला प्रशासन ने घोषणा की है कि बाहरी लोगों, सामाजिक संगठनों या जनप्रतिनिधियों को बिना प्राधिकार की अनुमति के संभल में प्रवेश करने पर रोक रहेगी।
सुरक्षा बढ़ा दी गई
हंगामे और हिंसा की शुरुआती घटना के बाद कानून और व्यवस्था बनाए रखने तथा हिंसा को बढ़ने से रोकने के लिए शाही जामा मस्जिद क्षेत्र के पास सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
ये उपाय उस समय लागू हुए जब भारी पुलिस बल की तैनाती के बीच कल सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद में सर्वेक्षण करने पहुंची एक सर्वेक्षण टीम पर कुछ “असामाजिक तत्वों” द्वारा पथराव किया गया।
उक्त सर्वेक्षण वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन द्वारा दायर याचिका के बाद एक कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा था, जिन्होंने दावा किया था कि मस्जिद मूल रूप से एक मंदिर थी। इसी तरह का एक सर्वेक्षण पहले 19 नवंबर को किया गया था, जिसमें स्थानीय पुलिस और मस्जिद की प्रबंधन समिति के सदस्य प्रक्रिया की निगरानी के लिए मौजूद थे।
अपराध
दिल्ली ब्लास्ट मामला: मुंबई में तीन संदिग्ध हिरासत में लिए गए, पूछताछ जारी

मुंबई, 18 नवंबर: दिल्ली में कार ब्लास्ट मामले के आरोपी से जुड़े तीन व्यक्तियों को मुंबई पुलिस ने हिरासत में लिया है। अधिकारियों के अनुसार, विशेष टीम द्वारा गुप्त अभियान में इन लोगों को शहर के अलग-अलग स्थानों से पकड़ा गया। पूछताछ के बाद इन्हें आगे की जांच के लिए दिल्ली भेजा जा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि हिरासत में लिए गए लोग सोशल मीडिया ऐप के माध्यम से ब्लास्ट केस के मुख्य आरोपी के संपर्क में थे। पुलिस का कहना है कि ये व्यक्ति भी ठीक उसी तरह संपन्न परिवारों से ताल्लुक रखते हैं, जैसे इस मॉड्यूल के दो प्रमुख आरोपी डॉ. उमर मोहम्मद और डॉ. मुज़म्मिल। राज्य के कई जिलों में भी इसी तरह की जांच जारी है।
सोमवार को सूत्रों ने बताया कि जांच में एन्क्रिप्टेड बातचीत और हथियार सप्लाई के सबूत मिले हैं, जो एक बेहद संगठित आतंकी नेटवर्क की ओर इशारा करते हैं। यह नेटवर्क उस मॉड्यूल से जुड़ा है जिसमें डॉ. उमर मोहम्मद की मौत 10 नवंबर को दिल्ली के लाल किले के पास हुए विस्फोट में हुई। इस धमाके में 13 लोगों की मौत हुई थी और दर्जनों घायल हुए थे।
सूत्रों के अनुसार, उमर ने करीब तीन महीने पहले सिग्नल ऐप पर एक एन्क्रिप्टेड ग्रुप बनाया था, जिसका नाम विशेष कैरेक्टरों से रखा गया था ताकि निगरानी से बचा जा सके। इस समूह में उसने मुज़म्मिल, आदिल राथर, मुज़फ्फर राथर और मौलवी इरफान अहमद वागे को जोड़ा था। यही चैनल आंतरिक समन्वय का मुख्य माध्यम था।
जांच में तब अहम मोड़ आया जब डॉ. शाहीन शाहिद की कार से एक असॉल्ट राइफल और पिस्तौल बरामद हुई। माना जा रहा है कि ये हथियार उमर ने ही 2024 में इरफ़ान को सौंपे थे। शाहीन पहले भी इरफ़ान के कमरे में मुज़म्मिल के साथ इन हथियारों को देख चुका था। संदेह है कि मॉड्यूल के संचालन के लिए सबसे ज़्यादा फंडिंग शाहीन ने ही की।
अब तक के प्रमाणों से स्पष्ट है कि मॉड्यूल के भीतर एक तय पदानुक्रम और ज़िम्मेदारियों का बंटवारा था। तीन डॉक्टर उमर, मुज़म्मिल और शाहीन मुख्य रूप से आर्थिक मदद जुटाते थे, जिसमें मुज़म्मिल प्रमुख भूमिका में था। इरफ़ान की जिम्मेदारी कश्मीरी युवाओं की भर्ती थी। उसी ने गिरफ्तार दो युवकों आरिफ़ निसार डार उर्फ़ साहिल और यासिर उल अशरफ को नेटवर्क में शामिल किया था।
जांचकर्ताओं ने कई बार हथियारों के इधर-उधर ले जाए जाने की घटनाएं भी रिकॉर्ड की हैं। अक्टूबर 2023 में आदिल और उमर एक मस्जिद में इरफ़ान से मिले थे और एक बैग में छिपी राइफल लेकर वहां पहुंचे थे। बैरल साफ करने के बाद वे लौट गए। नवंबर में आदिल फिर इरफ़ान के घर एक राइफल लेकर पहुंचा। उसी दिन मुज़म्मिल और शाहीन भी वहां पहुंचे। हथियार इरफ़ान के पास रखा गया और अगले दिन आदिल उसे लेने लौटा।
यह नेटवर्क फरीदाबाद के उस मॉड्यूल से जुड़ा पाया गया है, जिसे 9 नवंबर को तब उजागर किया गया था जब पुलिस ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े डॉ. मुज़म्मिल के किराए के कमरों से 2,900 किलो विस्फोटक और गोला-बारूद जब्त किया था।
10 नवंबर को लाल किले के पास जिस कार में विस्फोट हुआ, उसे अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े दूसरे डॉक्टर उमर चला रहा था। इसी घटना के बाद मॉड्यूल की गहरी जांच शुरू हुई और कई राज्यों में छापेमारी तेज कर दी गई है और जांच जारी है।
अपराध
मुंबई: नवाब मलिक को बड़ा झटका, कोर्ट ने डिस्चार्ज याचिका खारिज की, आज तय होंगे आरोप

मुंबई, 18 नवंबर: महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ा झटका लगा है। पीएमएलए की एक विशेष अदालत ने मलिक और उनकी कंपनी की ओर से दायर डिस्चार्ज याचिका को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया है कि 18 नवंबर को आरोप तय करने की प्रक्रिया के दौरान सभी आरोपी कोर्ट में मौजूद रहें। इस फैसले के बाद नवाब मलिक को मंगलवार को कोर्ट में पेश होना है।
मलिक की कंपनी ‘मलिक इन्फ्रास्ट्रक्चर’ की ओर से डिस्चार्ज याचिका दायर की गई थी। कंपनी की ओर से कहा गया कि ईडी का पूरा मामला अंदाजों और अनुमान पर आधारित है, क्योंकि जिस समय कथित अवैध सौदा हुआ, उस समय कंपनी का अस्तित्व ही नहीं था।
कोर्ट ने कंपनी की दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि मामले में पर्याप्त प्राथमिक सबूत मौजूद हैं। कोर्ट ने कहा कि शुरुआती जांच से यह स्पष्ट होता है कि नवाब मलिक ने डी-कंपनी से जुड़ी हसीना पारकर, सलीम पटेल और आरोपी सरदार खान के साथ मिलकर कुर्ला स्थित एक कीमती प्लॉट को अवैध रूप से कब्जे में लिया और फिर उसे मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए वैध बनाने की कोशिश की। इस प्लॉट में 16 करोड़ रुपए की अपराध से अर्जित धन शामिल बताया गया है।
पूर्व मंत्री ने कोर्ट से यह प्रक्रिया 6 हफ्ते तक टालने की गुहार लगाई थी। उनका कहना था कि बॉम्बे हाई कोर्ट में उनकी याचिका पर जल्द सुनवाई होनी है, इसलिए फैसला आने तक निचली अदालत को इंतजार करना चाहिए। उनके वकील तारक सैयद का दावा है कि ईडी ने कई ऐसे दस्तावेज कोर्ट में पेश नहीं किए हैं जो आरोपी के पक्ष में हैं। उनका कहना था कि यदि सभी दस्तावेज पेश किए जाएं तो आरोप तय करने की स्थिति ही नहीं बनती।
हालांकि, स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर सुनील गोंसाल्वेस ने कहा कि हाई कोर्ट ने इस मामले पर कोई स्टे नहीं दिया है, इसलिए निचली अदालत की सुनवाई रोकी नहीं जा सकती।
कोर्ट ने ईडी की दलीलें मानते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के निर्देशों के अनुसार सांसदों और विधायकों से जुड़े मामलों का त्वरित निपटारा अनिवार्य है। ऐसे में कोर्ट स्वयं से मामला स्थगित नहीं कर सकती। इस आधार पर नवाब मलिक की मांग खारिज कर दी गई।
बता दें कि ईडी ने नवाब मलिक को फरवरी 2022 में गिरफ्तार किया था। आरोप है कि उन्होंने दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर की मदद से मुंबई के कुर्ला में लगभग तीन एकड़ की जमीन को गलत तरीके से कब्जे में लिया। इस सौदे में 16 करोड़ रुपए की अपराध से जुड़ी रकम शामिल होने का आरोप है। फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल का भी आरोप लगाया गया है।
इस मामले में मलिक के साथ दो कंपनियों को भी आरोपी बनाया गया है। मई 2022 से प्रक्रिया जारी है, लेकिन औपचारिक तौर पर आरोप तय नहीं हो पाए थे। अब अदालत के आदेश के बाद 18 नवंबर को सभी आरोपियों पर आरोप तय किए जाएंगे।
अपराध
मुंबई: नाबालिग छात्राओं से छेड़छाड़ के आरोप में वैन ड्राइवर गिरफ्तार, पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई

CRIME
मुंबई, 18 नवंबर: मुंबई के जुहू इलाके में तीन नाबालिग स्कूल छात्राओं से छेड़छाड़ का मामला सामने आया। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए 48 वर्षीय एक प्राइवेट स्कूल वैन चालक को गिरफ्तार किया है। वैन चालक पर तीन बच्चियों के साथ अश्लील हरकतें करने का आरोप है। सभी बच्चियां शहर के एक नामी स्कूल में पढ़ती हैं।
जानकारी के मुताबिक, 8 से 11 साल की उम्र की इन बच्चियों को स्कूल लाने-ले जाने के लिए उनके परिवार ने निजी वैन की व्यवस्था की थी। आरोपी ड्राइवर पिछले कई महीनों से वैन चलाकर बच्चे छोड़ने-लाने का काम कर रहा था। कुछ दिन पहले उसने अवसर पाकर तीनों बच्चियों के साथ कथित तौर पर अनुचित व्यवहार किया और उन्हें गलत तरीके से छुआ।
जुहू पुलिस ने बताया कि ड्राइवर वैन के अंदर अश्लील हरकतें करता था। एक बच्ची ने हिम्मत जुटाकर अपने परिवार को इसकी जानकारी दी। इसके बाद बच्ची के परिवार ने तुरंत पुलिस से संपर्क किया और आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
शिकायत मिलते ही जुहू पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई की और आरोपी वैन चालक को गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ पॉक्सो अधिनियम की गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पूछताछ के बाद पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश किया, जहां अदालत ने उसे पांच दिनों की पुलिस कस्टडी में भेजने का आदेश दिया है।
इसी तरह, एक अन्य कार्रवाई में सोमवार को पुलिस ने मुंबई के खार इलाके में एक विदेशी महिला से छेड़छाड़ के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया था। पुलिस के अनुसार, महिला ने एक अनजान शख्स पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। महिला का कहना था कि देर रात जब वह अपने दोस्त से मिलने के बाद घर लौट रही थीं, तो खार इलाके में एक स्कूटर सवार युवक उनके पास आया और अवसर पाते ही उन्हें गलत तरीके से छूकर तेज रफ्तार से फरार हो गया।
शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली और आरोपी की पहचान करने के बाद उसे गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान आरोपी ने महिला से छेड़छाड़ करने और घटना के बाद मौके से भागने की बात कबूल कर ली।
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