व्यापार
सपाट खुला भारतीय शेयर बाजार, निफ्टी 25,900 स्तर से नीचे कर रहा कारोबार
मुंबई, 24 अक्टूबर: भारतीय बेंचमार्क सूचकांक शुक्रवार के कारोबारी दिन सपाट खुले। शुरुआती कारोबार में निफ्टी एफएमसीजी 1.42 प्रतिशत की बड़ी गिरावट के साथ लाल निशान में कारोबार कर रहा था।
सुबह करीब 9 बजकर 32 मिनट पर सेंसेक्स 62.31 अंक या 0.07 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 84,494.09 स्तर पर था। वहीं, निफ्टी 50 इंडेक्स 8.45 अंक या 0.03 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,882.95 स्तर पर बना हुआ था।
निफ्टी बैंक 15.50 अंक या 0.03 प्रतिशत की गिरावट के साथ 58,062.55 स्तर पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 56.75 अंक या 0.10 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ 59,428 स्तर पर था। वहीं, निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 9.45 अंक या 0.05 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,282 स्तर पर था।
निफ्टी को लेकर मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि शुरुआत में साइडवेज मूव्स की उम्मीद है। निफ्टी को लेकर अगर गिरावट 25830/780 स्तर से ऊपर बनी रहती है तो 26,186 को वापस रडार में लाने की कोशिशें हो सकती हैं। वहीं, अगर पुल बैक की कोशिशें 26000 स्तर को पार नहीं कर पाती हैं तो दोबारा से गिरावट हो सकती है, जिसका टारगेट 25590-400 लेवल होगा।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि अमेरिका के साथ एक फेयर और बराबरी का एग्रीमेंट करने की उम्मीद है। इसलिए चल रही रैली बनी रहने की उम्मीद है। उधर, अमेरिका और चीन के टॉप लीडर्स के बीच आने वाले समिट में यूएस-चीन ट्रेड डील होने की भी संभावना नजर आती है।
मार्केट एक्सपर्ट्स ने कहा, “अमेरिका के पास चीन के साथ अधिक मोलभाव करने की शक्ति नहीं है, क्योंकि चीन के पास रेयर अर्थ मिनरल्स और मैग्नेट का बहुत बड़ा कंट्रोल है। जिसका मतलब है कि अमेरिका को अपने गैर-जरूरी सख्त टैरिफ वाले रुख से पीछे हटना पड़ सकता है।”
इस बीच, सेंसेक्स पैक में आईसीआईसीआई बैंक, बीईएल, टाटा स्टील, एमएंडएम और भारती एयरटेल टॉप गेनर्स रहे। वहीं, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड, कोटक बैंक और एक्सिस बैंक टॉप लूजर्स थे।
अमेरिकी बाजारों में पिछले कारोबारी सत्र में डाउ जोंस 0.31 प्रतिशत या 144.20 अंक की तेजी के साथ 46,734.61 पर बंद हुआ। वहीं, एसएंडपी 500 इंडेक्स 0.58 प्रतिशत या 39.04 अंक की बढ़त के साथ 6,738.44 स्तर पर और नैस्डेक 0.89 प्रतिशत या 201.40 अंक की तेजी के साथ 22,941.80 पर हरे निशान में बंद हुए।
एशियाई बाजारों में बैंकॉक, जकार्ता, सोल, हांगकांग, जापान और चीन सभी हरे निशान में बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे।
विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) बीते कारोबारी दिन 23 अक्टूबर को शुद्ध विक्रेता रहे और उन्होंने 1,165.94 करोड़ रुपए के भारतीय शेयर बेचे। वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) शुद्ध खरीदार रहे और उन्होंने 3,893.73 करोड़ रुपए के शेयरों की खरीदारी की।
व्यापार
भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद, रि यल्टी और बैंकिंग स्टॉक्स में हुई बिकवाली

SHARE MARKET
मुंबई, 16 दिसंबर: भारतीय शेयर बाजार मंगलवार के कारोबारी सत्र में बड़ी बिकवाली के साथ बंद हुआ। दिन के अंत में सेंसेक्स 533.50 अंक या 0.63 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 84,679.86 और निफ्टी 167.20 अंक या 0.64 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,860.10 पर था।
बाजार पर दबाव बनाने का दाम आईटी और बैंकिंग शेयरों ने किया। निफ्टी आईटी इंडेक्स 0.84 प्रतिशत और निफ्टी प्राइवेट बैंक इंडेक्स 1.23 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ। इसके अलावा, ऑटो, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज, फार्मा, एफएमसीजी, मेटल, एनर्जी, इन्फ्रा और पीएसई इंडेक्स दबाव के साथ बंद हुआ।
दूसरी तरफ, निफ्टी कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और निफ्टी मीडिया इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए।
सेंसेक्स पैक में टाइटन, भारती एयरटेल, एमएंडएम, एशियन पेंट्स, ट्रेंट, कोटक महिंद्रा बैंक और आईसीआईसीआई बैंक टॉप गेनर्स थे। एक्सिस बैंक, इटरनल (जोमैटो), एचसीएल टेक, बजाज फिनसर्व, टाटा स्टील, अल्ट्राटेक सीमेंट, बजाज फाइनेंस, इन्फोसिस, एनटीपीसी, टीसीएस, सन फार्मा, एलएंडटी, पावर ग्रिड, एचयूएल, बीईएल, एसबीआई, मारुति सुजुकी और टाटा मोटर पैसेंजर व्हीकल लूजर्स थे।
बाजार में गिराने वाले शेयरों की संख्या अधिक थी। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर 1,654 शेयर हरे निशान में; 2,523 शेयर लाल निशान में और 158 शेयर बिन किसी बदलाव के बंद हुए।
एलकेपी सिक्योरिटीज के रूपक दे ने कहा कि दिन के दौरान निफ्टी का रुझान नकारात्मक रहा और सेशन के दौरान प्रति घंटा चार्ट पर 200 एसएमए के नीचे कारोबार किया। साथ ही इंडेक्स ऊपरी स्तरों को तोड़ने में नाकामयाब रहा, जो कि दिखाता है कि बाजार पर बिकवाली का रुझान जारी है।
उन्होंने आगे कहा कि निफ्टी ने 25,700 के स्तर को तोड़ दिया है और इससे निफ्टी आने वाले समय में 25,700 तक लुढ़क सकता है। तेजी की स्थिति में बाजार 25,950 से लेकर 26,000 के स्तर को छू सकता है।
बाजार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई। सुबह 9:23 पर सेंसेक्स 306 अंक या 0.36 प्रतिशत की गिरावट के साथ 84,907 और निफ्टी 92 अंक या 0.40 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 25,924 पर था।
व्यापार
भारतीय शेयर बाजार कमजोर वैश्विक संकेतों से लाल निशान में खुला

share market
मुंबई, 16 दिसंबर: कमजोर वैश्विक संकेतों के चलते भारतीय शेयर बाजार मंगलवार को गिरावट के साथ खुला। सुबह 9:23 पर सेंसेक्स 306 अंक या 0.36 प्रतिशत की गिरावट के साथ 84,907 और निफ्टी 92 अंक या 0.40 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 25,924 पर था।
शुरुआती कारोबार में बाजार में गिरावट का नेतृ्त्व आईटी, पीएसयू बैंक, फार्मा इंडेक्स शेयर कर रहे थे। इसके अलावा, ऑटो, रियल्टी, मेटल, एनर्जी, मीडिया और इन्फ्रा लाल निशान में थे। केवल एफएमसीजी और डिफेंस इंडेक्स हरे निशान में था।
सेंसेक्स पैक में भारती एयरटेल, एशियन पेंट्स, टाटा मोटर पैसेंजर व्हीकल, ट्रेंट, एचडीएफसी बैंक, एसबीआई और टाइटन गेनर्स थे। एक्सिस बैंक, इटरनल (जोमैटो), एचसीएलटेक, इन्फोसिस, बीईएल, टाटा स्टील, एलएंडटी, सन फार्मा, अल्ट्राटेक सीमेंट, बजाज फिनसर्व, टीसीएस, टेक महिंद्रा, एनटीपीसी और आईसीआईसीआई बैंक लूजर्स थे।
व्यापक बाजार में भी रुझान कमजोरी का बना हुआ है और चढ़ने वाले शेयरों की अपेक्षा गिरने वाले शेयरों की संख्या काफी अधिक थी।
मिडकैप और स्मॉलकैप दोनों लाल निशान में थे। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 338 अंक या 0.56 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 59,879 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 115 अंक या 0.59 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 17,310 पर था।
ज्यादातर एशियाई बाजारों में लाल निशान में कारोबार हो रहा था। टोक्यो, शंघाई, हांगकांग, बैंकॉक, सोल और जकार्ता लाल निशान में थे। अमेरिकी बाजार भी सोमवार को लाल निशान में बंद हुए थे।
कमोडिटी मार्केट में भी कमजोरी देखी जा रही है। कच्चे तेल के साथ सोने और चांदी में भी लाल निशान में कारोबार हो रहा था। खबर लिखे जाने तक, डब्ल्यूटीआई क्रूड 0.60 प्रतिशत की गिरावट के साथ 56.33 डॉलर प्रति बैरल और ब्रेंट क्रूड 0.58 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 60.21 डॉलर प्रति बैरल पर था। सोना 0.46 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 4,315 डॉलर प्रति औंस और चांदी 1.30 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 62.76 डॉलर प्रति औंस पर थी।
राष्ट्रीय समाचार
भारत का ऊर्जा क्षेत्र दुनिया के लिए बनेगा मिसाल: पीयूष गोयल

नई दिल्ली, 15 दिसंबर: वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को कहा कि भारत ने बिजली उत्पादन, ग्रिड एकीकरण और नवीकरणीय ऊर्जा में महत्वपूर्ण प्रगति की है। पिछले 11 वर्षों में भारत के ऊर्जा क्षेत्र की यात्रा इस बात का सबूत है कि साहसिक सोच, ईमानदारी और लगातार प्रयास एक राष्ट्र की तकदीर बदल सकते हैं।
गोयल ने कहा कि यह बदलाव संयोग नहीं, बल्कि स्पष्ट विजन और लगातार प्रयासों का परिणाम है। भारत अब बिजली की कमी से बिजली सुरक्षा और आगे बिजली स्थिरता की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि जैसे-जैसे भारत विकसित भारत 2047 की ओर बढ़ रहा है, हमारा ऊर्जा क्षेत्र वैश्विक उदाहरण बनेगा।
उन्होंने आगे कहा कि वित्तीय वर्ष 2024–25 में भारत ने 1,048 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया, जबकि कोयला आयात लगभग 8 प्रतिशत घटा। सौर ऊर्जा क्षमता पिछले 11 सालों में 46 गुना बढ़ी, इसमें भारत अब दुनिया में तीसरे स्थान पर है। पवन ऊर्जा क्षमता भी 2014 के 21 गीगावाट से बढ़कर 2025 में 53 गीगावाट हो गई।
गोयल ने कहा कि भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रिफाइनिंग हब बन चुका है और अपनी रिफाइनिंग क्षमता को 20 प्रतिशत तक बढ़ाने की योजना पर काम कर रहा है। इसके अलावा, देश में 34,238 किलोमीटर प्राकृतिक गैस पाइपलाइन स्वीकृत की गई, जिसमें से 25,923 किलोमीटर काम कर रही है। इन सभी उपायों से भारत का ऊर्जा नेटवर्क और भी मजबूत हो रहा है, जो भविष्य में ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करेगा।
उन्होंने शांति विधेयक का भी जिक्र किया, जिसका उद्देश्य निजी कंपनियों को परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में भाग लेने की अनुमति देना है।
गोयल ने आगे बताया कि भारत के ऊर्जा क्षेत्र की सफलता 5 प्रमुख स्तंभों पर आधारित है। पहला स्तंभ, सभी तक बिजली पहुंच है। भारत ने सौभाग्य योजना के तहत हर घर में बिजली पहुंचाई है। इसके साथ ही, उजाला योजना के तहत 47.4 करोड़ एलईडी बल्ब वितरित किए गए हैं, जिससे बिजली के बिलों में कमी आई और कार्बन उत्सर्जन भी कम हुआ है।
दूसरा स्तंभ सस्ती बिजली है। भारत सरकार ने सौर, पवन और अन्य साफ ऊर्जा उपकरणों पर जीएसटी को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया है। इसके अलावा, ईथेनॉल मिश्रण लक्ष्य को 2030 से पहले ही 20 प्रतिशत तक पूरा कर लिया गया।
तीसरा स्तंभ बिजली की उपलब्धता है। भारत ने 2013 में जहां 4.2 प्रतिशत बिजली की कमी अनुभव की थी, वही अब यह कमी 2025 तक 0.1 प्रतिशत रह गई है। इसके साथ ही, देश ने 250 गीगावाट की रिकॉर्ड बिजली मांग को पूरा किया।
चौथा स्तंभ आर्थिक स्थिरता है। पीएम-उदय योजना के तहत बिजली वितरण कंपनियों में सुधार हुआ है और डिस्कॉम की देनदारी को 1.4 लाख करोड़ रुपए से घटाकर 6,500 करोड़ रुपए कर दिया गया है।
पांचवां और आखिरी स्तंभ सतत विकास और वैश्विक जिम्मेदारी है। भारत ने पेरिस समझौते के लक्ष्य को पूरा किया है और अब देश की 50 प्रतिशत बिजली क्षमता गैर-जीवाश्म ईंधन से आ रही है।
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