राजनीति
अमृतसर में पीआरटीसी और पनबस कर्मचारियों का प्रदर्शन, पांच जिलों में किया चक्का जाम
अमृतसर, 23 अक्टूबर : पंजाब रोडवेज ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (पीआरटीसी) और पनबस के कर्मचारियों ने गुरुवार को अमृतसर सहित पांच जिलों में चक्का जाम कर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार पर उनकी मांगें पूरी न करने का आरोप लगाया।
कर्मचारियों ने विभिन्न मांगों को लेकर अमृतसर के गोल्डन गेट पर ही बैठकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिससे हाईवे पर लंबा जाम लग गया और यातायात पूरी तरह ठप हो गया।
प्रदर्शन की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचा। पुलिस ने कर्मचारियों को समझाने का प्रयास किया, जिसके बाद दोनों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। मौके पर मौजूद कुछ पत्रकारों ने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारियों ने उनसे बदसलूकी की।
किसान नेता बलजीत सिंह ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि सरकार हमारी मांग नहीं मान रही है। इसलिए हम लोग विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हो गए हैं। हम लोगों ने इससे पहले भी सरकार को आगाह किया था कि हमारी मांग नहीं मानी जाएगी तो हम लोग सड़क पर उतर सकते हैं। जब बात नहीं सुनी गई तब हम उतरे। अब विरोध प्रदर्शन के बाद सरकार और मैनेजमेंट के साथ उनकी सहमति बन गई है।
उन्होंने कहा कि मैनेजमेंट ने एडीसीपी हरपाल सिंह की टीम के साथ बातचीत के बाद 31 अक्टूबर तक टेंडर प्रक्रिया को स्थगित करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही 28 अक्टूबर को यूनियन के साथ विशेष बैठक रखने का भी ऐलान किया गया। बैठक के बाद इसमें अंतिम फैसला लिया जाएगा।
बलजीत सिंह ने कहा कि यदि सरकार से उसके बाद भी समाधान नहीं हुआ, तो अगली रणनीति का ऐलान किया जा सकता है। सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की नाकामियों के कारण कर्मचारियों को बार-बार सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
एडीसीपी जगजीत सिंह वालिया ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि गोल्डन गेट पर लगा जाम अब खोल दिया गया है और यातायात सुचारू रूप से शुरू हो गया है। सरकार की ओर से कर्मचारियों के साथ बातचीत कर अगली तारीख तय कर दी गई है और शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।
राजनीति
चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में रुपया कर सकता है दमदार वापसी : एसबीआई रिपोर्ट

नई दिल्ली, 17 दिसंबर: चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में रुपया दमदार वापसी कर सकता है और डॉलर के मुकाबले इसकी वैल्यू में इजाफा देखने को मिल सकता है। यह जानकारी एसबीआई रिसर्च की ओर से बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।
एसबीआई रिसर्च ने कहा कि वैश्विक अस्थिरता और भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील में देरी के कारण डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट देखने को मिली है।
रिपोर्ट में बताया गया कि भारत के व्यापार आंकड़ों से पता चलता है कि उसने लंबे समय तक चलने वाली अनिश्चितता, अधिक संरक्षणवाद और श्रम आपूर्ति में आए झटकों से निपटने में काफी मजबूती दिखाई है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ.सौम्या कांती घोष ने कहा, “जियोपोलिटिकल रिस्क इंडेक्स अप्रैल 2025 से कम हुआ है और अप्रैल-अक्टूबर 2025 अवधि के लिए इंडेक्स की मौजूदा औसत वैल्यू अपने दशकीय स्तर से ऊपर है। यह इंडेक्स दिखाता है कि वैश्विक अनिश्चितताएं भारतीय रुपए पर कितना दबाव डाल रही हैं।”
घोष ने आगे कहा कि रुपया अभी अपने गिरावट के दौर में है और जल्द यह इससे बाहर निकलेगा।
डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट का सिलसिला देखा जा रहा है। रुपया अपने मनोवैज्ञानिक स्तर 90 को पार कर चुका है और 91 के स्तर पर पहुंच गया है।
हालांकि, गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपए में मजबूत वृद्धि देखने को मिली है। यह 90.25 पर पहुंच गया है।
एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, रुपए में मौजूदा गिरावट (दिनों की संख्या के हिसाब से) सबसे तेज है। एक साल से भी कम समय में, रुपया प्रति डॉलर 85 से गिरकर 90 पर आ गया है।
2 अप्रैल, 2025 को अमेरिका द्वारा दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं पर व्यापक शुल्क वृद्धि की घोषणा के बाद से भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 5.7 प्रतिशत (प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक) गिर गया है।
हालांकि, अमेरिका-भारत व्यापार समझौते को लेकर आशावाद के कारण बीच-बीच में इसमें तेजी भी देखने को मिली है।
महाराष्ट्र
बीएमसी चुनाव का ऐलान हो गया है लेकिन चुनावी समझौते को लेकर महायोति और महा विकास अघाड़ी आमने-सामने

ELECTIONS
मुंबई: मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन चुनाव का ऐलान हो गया है लेकिन अभी तक पॉलिटिकल पार्टियों के बीच कोई चुनावी समझौता नहीं हुआ है। महा विकास अघाड़ी और महायोति ने चुनावी समझौते को लेकर मीटिंग शुरू कर दी हैं, लेकिन इसके बावजूद कोई भी पार्टी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है, जिसकी वजह से बीएमसी चुनाव में पॉलिटिकल पार्टियों का चुनावी समझौता अभी तक पेंडिंग है। 2022 में महाराष्ट्र असेंबली में उद्धव ठाकरे की सरकार गिर गई और अब उद्धव ठाकरे की ताकत कम हो गई है और उद्धव ठाकरे के सिर्फ 20 MLA ही जीते हैं, जबकि शिंदे सेना और BJP ने अपनी ताकत बनाए रखी है। मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन चुनाव का ऐलान हो गया है और 15 जनवरी को लोग अपने डेमोक्रेटिक हक का इस्तेमाल करेंगे और 16 तारीख को वोटों की गिनती होगी और उसी दिन ऐलान किया जाएगा। चुनावी समझौते और सीट शेयरिंग को लेकर शिंदे सेना और BJP के बीच मीटिंग का दौर चल रहा है, लेकिन अभी तक वे किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाए हैं। माहिम, परेल, दादर भायखला और कलभा इलाकों को लेकर BJP और शिंदे सेना के बीच सहमति नहीं बन पाई है, क्योंकि इन इलाकों में उत्तर भारतीय के साथ मराठी आबादी भी है। दोनों पार्टियों ने इन इलाकों पर दावा किया है। ऑर्गेनाइजेशनल दिक्कतों की वजह से शिंदे सेना ने इन इलाकों पर दावा किया है और कहा है कि ऑर्गेनाइजेशनल स्टेबिलिटी की वजह से ये इलाके शिवसेना को दे दिए जाने चाहिए। पिछले चुनाव में BJP के वोटर बढ़े हैं। बिजनेसमैन और हिंदुत्व वोटरों की वजह से यहां BJP की ताकत बढ़ी है। इसलिए, अब लोकल लेवल पर चुनावी गठबंधन की संभावना साफ है, जबकि महा विकास अघाड़ी में गठबंधन अभी भी पेंडिंग है, क्योंकि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच गठबंधन की वजह से कांग्रेस और NCP ने अभी तक चुनावी गठबंधन पर कोई फैसला नहीं लिया है। ऐसे में अगर बीएमसी में महा विकास अघाड़ी और महायोति में चुनावी गठबंधन नहीं होता है, तो यह मुकाबला और दिलचस्प होगा, क्योंकि इस चुनाव में दो शिवसेना, दो NCP और दूसरी पार्टियां अपनी किस्मत आजमाएंगी और चुनावी मैदान में उतरने वाले कैंडिडेट की संख्या भी बढ़ेगी।
राजनीति
नेशनल हेराल्ड मामला बदले की भावना से प्रेरित, सत्य की हुई जीत: मल्लिकार्जुन खड़गे

नई दिल्ली, 17 दिसंबर: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने नेशनल हेराल्ड केस में आए ताजा फैसले के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा और केंद्र सरकार पर जुबानी हमला किया। उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड का मामला पूरी तरह से फर्जी और राजनीतिक द्वेष की भावना से प्रेरित था। खड़गे ने दावा किया कि कांग्रेस नेतृत्व को बदनाम और परेशान करने के उद्देश्य से इस मामले को उछाला गया था।
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा कि नेशनल हेराल्ड अखबार की स्थापना वर्ष 1938 में स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा की गई थी और आजादी की लड़ाई में इसका ऐतिहासिक योगदान रहा है। इसके बावजूद भाजपा सरकार ने इस प्रतिष्ठित अखबार को मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर आरोपों से जोड़कर बदनाम करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में कोई सच्चाई नहीं है, लेकिन इसके बावजूद भाजपा ने इसे राजनीतिक हथियार बनाकर कांग्रेस नेताओं को परेशान किया।
खड़गे ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार अपने राजनीतिक फायदे के लिए लगातार विपक्षी नेताओं पर ईडी जैसी जांच एजेंसियों के जरिए केस दर्ज करवा रही है। भाजपा ने डर और दबाव की राजनीति के जरिए लोगों को अपने पक्ष में किया और इसी आधार पर सरकारें बनाईं। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक प्रवृत्ति है। इस मामले में अदालत के फैसले ने भाजपा की राजनीति को बेनकाब कर दिया है। अब फैसला न्याय के पक्ष में आया है, सत्य की जीत हुई है। हम इस फैसले का दिल से स्वागत करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को घेरते हुए खड़गे ने कहा कि नेशनल हेराल्ड केस में फैसला आने के बाद अब प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह को इस्तीफा देना चाहिए। उन्हें एक राजीनामा देना चाहिए कि भविष्य में वे लोगों को सताने का काम नहीं करेंगे।
वहीं, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि हम देश की सड़कों पर इस पॉलिटिकल बदले की कार्रवाई का पर्दाफाश करेंगे। पिछले सात सालों से कांग्रेस पार्टी को ईडी से लगातार परेशान किया जा रहा है। बदले की पॉलिटिक्स के जरिए हमारी सीनियर लीडरशिप को टारगेट किया जा रहा है और इससे हर कार्यकर्ता परेशान है। हम पूरे भारत में अपनी ताकत दिखाएंगे ताकि यह दिखा सकें कि कैसे केंद्र सरकार विपक्षी नेताओं को टारगेट करने के लिए ईडी का सिस्टमैटिक तरीके से गलत इस्तेमाल कर रही है।
आपको बताते चलें, नेशनल हेराल्ड मामले में कोर्ट ने मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया था। कांग्रेस ने कोर्ट के इस फैसले को सच्चाई की जीत बताया है।
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