राष्ट्रीय समाचार
मेड-इन-इंडिया 4जी स्टैक टेक वर्ल्ड में भारत की लीडरशिप का प्रमाण : पीएम नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली, 8 अक्टूबर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि मेड-इन-इंडिया 4जी स्टैक टेक वर्ल्ड में भारत की लीडरशिप का प्रमाण है और यह अब निर्यात के लिए तैयार है।
इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) 2025 के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह विकास ‘आत्मनिर्भर भारत विजन’ की मजबूती और पिछले एक दशक में दूरसंचार क्षेत्र में हुई भारत की प्रगति को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 5जी कनेक्टिविटी अब देश के लगभग हर जिले तक पहुंच गई है, जो उन दिनों की तुलना में एक बड़ी उपलब्धि है जब भारत 2जी नेटवर्क के लिए संघर्ष कर रहा था।
प्रधानमंत्री मोदी के अनुसार, एक लाख टावर लगाने की उपलब्धि से भारत ने दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है, जो कि दिखाता है कि देश बड़े स्तर पर टेलीकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने में सक्षम है।
पीएम मोदी ने कहा, “नए 4जी नेटवर्क से तेज इंटरनेट स्पीड, अधिक विश्वसनीय सेवाएं और निर्बाध कनेक्टिविटी मिलने की उम्मीद है, जिससे भारत की तकनीकी बढ़त और मजबूत होगी।”
इसके अलावा संबोधन में प्रधानमंत्री ने देश के इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में हुई प्रगति के बारे में बताते हुए कहा कि 2014 के बाद उत्पादन छह गुना बढ़ा है, जबकि मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग 28 गुना और निर्यात में 127 गुना की बढ़ोतरी हुई है।
प्रधानमंत्री ने इस उपलब्धि में स्टार्टअप और इनोवेशन की भूमिका को अहम बताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “इंडिया मोबाइल कांग्रेस अब एशिया का सबसे बड़ा डिजिटल टेक्नोलॉजी फोरम बन गया है, जो ग्लोबल स्टेज पर देश के टैलेंट और इनोवेशन को प्रदर्शित करता है।”
प्रधानमंत्री ने इस सफलता का श्रेय भारतीयों की कर-बचत की मानसिकता और भारतीय युवाओं की ऊर्जा को भी दिया, जिसने देश को वैश्विक दूरसंचार और डिजिटल टेक्नोलॉजी में अग्रणी स्थान दिलाया है।
राष्ट्रीय समाचार
कफ सिरप मामले की जांच से जुड़ी पीआईएल पर सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई, निष्पक्ष जांच की मांग

नई दिल्ली, 9 अक्टूबर : कफ सिरप पीने से बच्चों की हुई मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट अदालत की निगरानी में जांच की मांग वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया है। याचिका में इस गंभीर मामले की जांच राष्ट्रीय न्यायिक आयोग या सीबीआई के माध्यम से विशेषज्ञों की समिति बनाकर कराए जाने की मांग की गई है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए चीफ जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस उज्ज्वल भुयान और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की बेंच ने सुनवाई 10 अक्टूबर के लिए निर्धारित की।
वकील विशाल तिवारी की तरफ से दाखिल जनहित याचिका में सुप्रीम कोर्ट से अपील की गई कि मामले की निगरानी कोर्ट के रिटायर जज करें, ताकि निष्पक्ष और पारदर्शी जांच सुनिश्चित हो सके।
इसके अलावा, याचिका में कफ सिरप में इस्तेमाल रसायन डायइथाइलीन ग्लाइकॉल और एथलीन ग्लाइकॉल की बिक्री और निगरानी के लिए सख्त नियम बनाए जाने की मांग भी की गई है। पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिए जाने और विभिन्न राज्यों में दर्ज एफआईआर को एक जगह ट्रांसफर कर संयुक्त जांच कराने की भी अपील की गई है।
याचिका में उन कंपनियों के लाइसेंस रद्द करने, उन्हें तुरंत बंद करने और उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की मांग की गई है, जो विषैले कफ सिरप का उत्पादन कर रही हैं। साथ ही बाजार से संबंधित उत्पादों को वापस मंगाने और ड्रग्स रिकॉल पॉलिसी बनाने की भी गुजारिश की गई है।
इससे पहले, मध्य प्रदेश पुलिस ने छिंदवाड़ा में कफ सिरप पीने के कारण 20 से ज्यादा बच्चों की मौत के मामले में दवा कंपनी के मालिक को गिरफ्तार किया। तमिलनाडु की इस कंपनी के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ है।
मामले में छिंदवाड़ा जिले के परासिया उप-मंडल के सिविल अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रवीण सोनी को निलंबित किया जा चुका है। जांच के लिए एसआईटी का भी गठन हुआ है।
राजनीति
बिहार में 200 सीट जीतकर एनडीए बनाएगा मजबूत सरकार: सुशील सिंह

नई दिल्ली, 9 अक्टूबर : बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने के साथ ही राजनीतिक दलों ने सरकार बनाने के दावे शुरू कर दिए हैं। चुनाव की घोषणा के बाद एनडीए और महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर कवायद जारी है। इस बीच भाजपा नेता सुशील सिंह ने दावा किया है कि एनडीए इस बार बिहार में 200 सीटें जीतकर मजबूत सरकार बनाएगा।
आईएएनएस से बातचीत में सुशील सिंह ने कहा, “बिहार की जनता का भरोसा एनडीए के साथ है। हम पिछले चुनाव की तुलना में अधिक सीटें जीतेंगे और 200 सीटों के साथ मजबूत सरकार बनाएंगे।”
सीट बंटवारे को लेकर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की नाराजगी पर सुशील सिंह ने कहा, “कोई नाराजगी नहीं है, यह सामान्य बात है। हर पार्टी चाहती है कि उसे अधिक सीटें मिलें। इसमें कुछ भी असामान्य नहीं है। राजनीतिक दल चुनाव में अधिक सीट की मांग करते हैं, जिससे वे अपने ज्यादा से ज्यादा कार्यकर्ताओं को चुनाव लड़ा सके। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
उन्होंने कहा कि एक-दो दिन में सीट बंटवारे की तस्वीर साफ हो जाएगी। नामांकन से पहले सभी चीजें समय पर पूरी हो जाएंगी।”
राजद नेता तेजस्वी यादव के बयानों पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि वे जो बोलते हैं, उसका कोई मतलब नहीं है। जनता उन्हें गंभीरता से नहीं लेती।
विधानसभा चुनाव को लेकर प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी की पहली लिस्ट पर सुशील सिंह ने कहा कि उनकी सूची जारी होने पर स्पष्ट हो जाएगा कि वे तेजस्वी यादव और महागठबंधन की मदद करना चाहते हैं या नहीं। बिहार की जनता जागरूक है और सब समझ रही है।
उन्होंने एक बार फिर इस बात को दोहराया कि बिहार में एनडीए की टक्कर में महागठबंधन दूर-दूर तक नहीं है। बिहार की जनता का भरोसा पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार के विकास पर है। 14 नवंबर को एनडीए सरकार बनाएगी और बिहार के लोगों के विकास के लिए निरंतर कार्य जारी रखेगी। हमें कोई भ्रम नहीं है। उन्होंने दोहराया कि एनडीए बिहार में अधिक सीटों के साथ सरकार बनाएगा।
राष्ट्रीय समाचार
कर्नाटक: प्याज की कीमत में आई गिरावट, किसानों की मुश्किलें बढ़ी

धारवाड़/नवलगुंड, 9 अक्टूबर : कर्नाटक में प्याज की खेती करने वाले किसान कभी इसे अपने लिए ‘लाल सोना’ मानते थे। यह उनके लिए समृद्धि का प्रतीक माना जाता था, लेकिन अब प्याज की कीमत में आई भारी गिरावट ने उन्हें आर्थिक संकट में डाल दिया है।
कर्नाटक के धारवाड़ जिले के कुंदागोल, नवलगुंड और धारवाड़ तालुकों में प्याज की खेती बड़े पैमाने पर होती है। पिछले साल यहां प्याज 6,000 से 7,000 रुपये प्रति क्विंटल तक बिकी थी, लेकिन इस साल कीमतें 500-1,000 रुपये प्रति क्विंटल तक लुढ़क गई हैं। इससे किसान मायूस हैं।
किसानों के मुताबिक, भारी बारिश के बावजूद किसानों ने महीनों की मेहनत से प्याज की कटाई और सुखाई पूरी की, लेकिन एपीएमसी यार्ड में क्विंटलों प्याज लाने के बाद भी उन्हें उचित दाम नहीं मिल रहा। सफाई, पैकिंग और बाजार तक ले जाने का खर्च मुनाफे से ज्यादा पड़ रहा है। कई गांवों से प्याज आई है, फिर भी किसानों को घाटा हो रहा है।
एक स्थानीय किसान बसवराज कहते हैं, “पिछले साल अच्छा दाम मिला था, लेकिन इस बार तो लागत भी वसूल नहीं हो रही। सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देना चाहिए।”
अन्य किसान निंगप्पा बताते हैं, “हमारी मेहनत पर पानी फिर गया। निर्यात की अनुमति मिले, ताकि दाम बढ़ें।” किसान सरकार से प्याज के निर्यात पर लगी रोक हटाने और एमएसपी लागू करने की मांग कर रहे हैं। कम दामों से वे अतिरिक्त आर्थिक बोझ से जूझ रहे हैं।
उनके मुताबिक, पिछले सालों में प्याज ने किसानों को अच्छा मुनाफा दिया था। कीमतें चढ़ने पर एक किसान ने ‘सुनहरा प्याज’ बनाकर सफलता का जश्न मनाया था। लेकिन इस बार उत्पादन लागत से कम दाम मिलने से स्थिति गंभीर हो गई है। एपीएमसी मंडियों में भीड़ बढ़ रही है, पर लाभ की उम्मीद कम हो रही है।
वहीं, किसान संगठन मांग कर रहे हैं कि सरकार बाजार को स्थिर करे और उनकी फसल का सही मूल्य सुनिश्चित करे। धारवाड़ के कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अतिरिक्त उत्पादन और निर्यात नीति की कमी ने इस संकट को बढ़ाया है। प्रशासन से अपील की जा रही है कि किसानों को राहत देने के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं, वरना यह ‘लाल सोना’ उनके लिए अभिशाप बन सकता है।
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