राजनीति
‘यूपीए सरकार ने 8 लाख करोड़ की टैक्स छूट देकर गरीबों को लूटा’, निशिकांत दुबे का कांग्रेस पर आरोप

नई दिल्ली, 26 सितंबर। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने एक बार फिर कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार पर आरोप लगाया है कि 2004 से 2014 तक के कार्यकाल में बड़े व्यापारियों को 8 लाख करोड़ रुपए की टैक्स छूट देकर गरीबों से लूट की गई और अमीरों को मालामाल किया गया।
दुबे ने यह आरोप लोकसभा में दिए गए जवाब और सीएजी (कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल) और पीएसी (पब्लिक अकाउंट्स कमिटी) की रिपोर्ट का हवाला देकर लगाया है।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर रिपोर्ट को शेयर किया। उन्होंने लिखा, “8 लाख करोड़ की बड़े व्यापारी को लूट की छूट सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह की सरकार ने दी। भ्रष्ट कांग्रेस ने 2004 से लेकर 2014 तक गरीबों को लूटा और अमीरों को मालामाल किया। यह लोकसभा में दिया जवाब और सीएजी यानी पीएसी की रिपोर्ट है।”
उन्होंने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से भी सवाल किया। उन्होंने पूछा, “किस-किस को कितने पैसे लेकर टैक्स में लूट की छूट दी राहुल गांधी? यह तो आपके नाक के नीचे हुआ।”
यह पहली बार नहीं है जब निशिकांत दुबे ने कांग्रेस और गांधी परिवार पर इस तरह के गंभीर आरोप लगाए हैं। इससे पहले, वे कांग्रेस पर ‘कॉरपोरेट दलाली’ का आरोप लगा चुके हैं। उन्होंने इसे लेकर राहुल गांधी और जयराम रमेश से तीखे सवाल पूछे थे।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा था, “कांग्रेस पार्टी की ‘कॉरपोरेट दलाली’ और ‘भारतीय पैसे’ को स्विट्जरलैंड के बैंकों में जमा करने की कहानी राहुल गांधी आपकी जुबानी, 19 मार्च 1985 को जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री और विश्वनाथ प्रताप सिंह वित्त मंत्री थे, मुंबई एयरपोर्ट पर दो व्यक्तियों (अमीन साहब और नानावती) के पास से लगभग 3.5 लाख अमेरिकी डॉलर (तत्कालीन मूल्य के हिसाब से आज करीब 3 करोड़ रुपए से अधिक) जब्त किए गए थे। वित्त मंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने लोकसभा में स्पष्ट किया था कि यह पैसा मुरुगेश जयकृष्ण का है।”
भाजपा सांसद ने दावा किया था कि जयकृष्ण गुजरात में व्यापार करने वाला कांग्रेस का कार्यकर्ता था, जिसने गुजरात विधानसभा चुनाव में 65 लोगों को 10-10 लाख रुपए दिए, अहमदाबाद में 50 एकड़ जमीन मात्र 1 रुपए में दी और 1982 के एशियाई खेलों के लिए पूरा गेम्स विलेज बनवाया।
महाराष्ट्र
उर्दू अकादमी के विज्ञापन पर 100 करोड़ रुपये बर्बाद, उर्दू के कल्याण और खर्च पर खर्च करने की बजाय विज्ञापन पर हो रहा है बेवजह खर्च: रईस शेख

मुंबई: भिवंडी पूर्व से समाजवादी पार्टी के विधायक रईस शेख ने राज्य उर्दू साहित्य अकादमी के तीन दिवसीय स्वर्ण जयंती समारोह के प्रचार के लिए अल्पसंख्यक विभाग द्वारा स्वीकृत 10 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। विधायक शेख ने अल्पसंख्यक विकास मंत्री मानेक राव कोकाटे को लिखे पत्र में कहा है कि सरकार अकादमी को धन उपलब्ध कराने के लिए संघर्ष कर रही है और प्रचार पर पैसा बर्बाद किया जा रहा है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए रईस शेख ने बताया कि 18 सितंबर को राज्य उर्दू साहित्य अकादमी को केवल 1.2 करोड़ रुपये की वार्षिक निधि और 76 लाख रुपये के वार्षिक कार्यालय व्यय की मंजूरी दी गई थी। हालाँकि, अकादमी के स्वर्ण जयंती समारोह के तीन दिवसीय प्रचार के लिए 25 सितंबर को 10 करोड़ रुपये की निधि स्वीकृत की गई थी।
मूल कार्यक्रम के लिए अधिक धन की आवश्यकता थी। लेकिन वहाँ धन आवंटित करने के बजाय, प्रचार के लिए एक बड़ी राशि दी गई है। क्योंकि प्रचार कार्य सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा किया गया था। यह बजट का एक प्रतिशत है और अकादमी को इस प्रचार से कोई लाभ नहीं होगा। पचास वर्षों में, राज्य सरकार अकादमी को अपना कार्यालय प्रदान नहीं कर पाई है। अकादमी में कई पद खाली हैं। अकादमी धन की कमी के कारण कोई भी उपाय लागू नहीं कर सकती है, इसलिए तीन दिन के प्रचार के लिए 10 करोड़ रुपये देना भ्रष्टाचार को निमंत्रण है, विधायक रईस शेख ने आरोप लगाया। अकादमी के नाम पर 50 वर्षों के लिए 50 करोड़ रुपये का फंड रखा जाएगा। साथ ही, सालाना 5 करोड़ रुपये का फंड दिया जाएगा और अकादमी को फोर्ट से स्थानांतरित नहीं किया जाएगा, यह आश्वासन तत्कालीन अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने तीन महीने पहले एक बैठक में दिया था। विभाग ने अभी तक एक भी वादा पूरा नहीं किया है। विधायक रईस शेख ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार राज्य उर्दू साहित्य अकादमी के साथ भेदभाव कर रही है। रईस शेख ने मांग की है कि अकादमी के स्वर्ण जयंती कार्यक्रम की तुरंत योजना बनाई जाए और इसके लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराई जाए।
राष्ट्रीय समाचार
दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध में हीलाहवाली पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा-केंद्र बनाए ठोस नीति

नई दिल्ली, 26 सितंबर। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध के अपने आदेश को प्रभावी ढंग से लागू न करने पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि सभी हितधारकों के साथ मिलकर प्रतिबंध लागू करने की एक ठोस नीति तैयार की जाए।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई की अगुवाई वाली बेंच ने सुनवाई के दौरान बिहार के खनन प्रतिबंध का उदाहरण देते हुए चेतावनी दी। बेंच ने कहा, “बिहार में खनन पर प्रतिबंध लगाया गया था, लेकिन इससे अवैध खनन माफिया पैदा हो गए। इसलिए एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाना जरूरी है।”
सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि सभी हितधारकों जैसे पटाखा निर्माताओं, राज्य सरकारों और पर्यावरण विशेषज्ञों के साथ मिलकर प्रतिबंध लागू करने की एक ठोस नीति तैयार की जाए।
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों (पर्यावरण-अनुकूल पटाखों) के निर्माण को सशर्त अनुमति दे दी है। बेंच ने शर्त लगाई कि ये पटाखे दिल्ली-एनसीआर में कहीं भी बेचे या इस्तेमाल नहीं किए जाएंगे।
दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों की बिक्री को लेकर सुप्रीम कोर्ट अगली सुनवाई में अंतिम फैसला लेगा। मामले में अगली सुनवाई 8 अक्टूबर को होगी।
इससे पहले, 12 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण को लेकर कड़ी टिप्पणी की थी। सीजेआई बीआर गवई ने कहा था कि अगर दिल्ली-एनसीआर के लोगों को स्वच्छ हवा का अधिकार है, तो दूसरे शहरों के निवासियों को क्यों नहीं?
उन्होंने जोर देकर कहा था कि प्रदूषण नियंत्रण की नीतियां सिर्फ राजधानी तक सीमित नहीं रह सकतीं, बल्कि पैन-इंडिया स्तर पर लागू होनी चाहिए।
सीजेआई ने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए बताया था, “मैं पिछले साल सर्दियों में अमृतसर गया था। वहां प्रदूषण की स्थिति दिल्ली से भी बदतर थी। अगर पटाखों पर प्रतिबंध लगाना है तो पूरे देश में लगना चाहिए।”
राजनीति
‘न्याय की लड़ाई में छात्र और युवाओं के साथ मजबूती से खड़ा हूं’, उत्तराखंड पेपर लीक पर बोले राहुल गांधी

नई दिल्ली, 26 सितंबर। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने उत्तराखंड के पेपर लीक मामले पर शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को निशाने पर लिया। कांग्रेस सांसद ने कहा कि आज भाजपा का दूसरा नाम ‘पेपर चोर’ है।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “देशभर में बार-बार होने वाले पेपर लीक ने करोड़ों मेहनती युवाओं की जिंदगी और सपनों को तबाह कर दिया है। उत्तराखंड का यूकेएसएसएससी पेपर लीक इसका ताजा उदाहरण है। लाखों युवाओं ने दिन-रात मेहनत की, लेकिन भाजपा ने चोरी से उनकी पूरी मेहनत पर पानी फेर दिया।”
उन्होंने कहा, “हम लगातार मांग कर रहे हैं कि पेपर लीक रोकने के लिए मजबूत और पारदर्शी सिस्टम बनाया जाए, लेकिन सरकार इस पर आंखें मूंदकर बैठी है, क्योंकि उन्हें युवाओं की बेरोजगारी की नहीं, बल्कि अपनी सत्ता की चिंता है।”
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि बेरोजगारी देश की सबसे बड़ी समस्या है और यह सीधे तौर पर ‘वोट चोरी’ से जुड़ी है। पेपर चोरों को पता है, अगर युवाओं को रोजगार नहीं भी मिलेगा, तो भी वे चुनाव में ‘वोट चोरी’ करके सत्ता में बने रहेंगे।
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपनी पोस्ट में लिखा, “युवा सड़कों पर हैं और नारा दे रहे हैं, ‘पेपर चोर, गद्दी छोड़’। यह सिर्फ युवाओं की नौकरी की लड़ाई नहीं है, यह न्याय और लोकतंत्र की लड़ाई है। मैं हर छात्र और युवा के साथ इस न्याय की लड़ाई में मजबूती से खड़ा हूं।”
इससे पहले, राहुल गांधी ‘वोट चोरी’ के आरोप लगाते हुए ‘जेन-जी’ को अपना समर्थन देने की बात कर चुके हैं। हफ्तेभर पहले कांग्रेस सांसद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा था, “देश के युवा, देश के छात्र और देश की जेन-जी संविधान को बचाएंगे, लोकतंत्र की रक्षा करेंगे और वोट चोरी को रोकेंगे। मैं उनके साथ हमेशा खड़ा हूं।”
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