राजनीति
चुनाव आयोग एक पार्टी प्रवक्ता की तरह बात न करे, राहुल के आरोपों का जवाब दे : कांग्रेस सांसद

नई दिल्ली, 8 अगस्त। बिहार एसआईआर प्रक्रिया पर घमासान के बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के नए दावों ने सियासत को और भड़का दिया है। राहुल गांधी ने ‘वोट-चोरी’ के तथाकथित सबूत दिए। इसी क्रम में, कांग्रेस पार्टी पहले के मुकाबले और हमलावर है। कांग्रेस सांसदों ने कहा कि चुनाव आयोग को राहुल गांधी के सबूतों के आधार पर जवाब देना चाहिए।
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि एसआईआर पर चर्चा के लिए सरकार आज भी तैयार नहीं है। राहुल गांधी ने चुनाव आयोग के डॉक्यूमेंट से ही साबित कर दिया कि निश्चित साक्ष्य के साथ जबरदस्त गड़बड़ी हुई है। इसके बावजूद, मौजूदा सरकार इस विषय पर चर्चा के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ने साक्ष्य के साथ जो सबूत रखे हैं, उनका जवाब सरकार को देना चाहिए। चुनाव आयोग भाजपा के प्रवक्ता की तरह बात न करे, बल्कि राहुल गांधी के आरोपों का जवाब दे।”
मिडिया से बातचीत में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला ने कहा, “राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक-डेढ़ घंटे तक सिर्फ सबूत ही पेश किए थे, और क्या सबूत चाहिए? चुनाव आयोग की जिम्मेदारी बनती है कि देश में निष्पक्ष चुनाव कराए, लेकिन आप सूची नहीं दे रहे हैं। मतदाताओं के भ्रम को दूर करना चुनाव आयोग का कर्तव्य है।”
इसी तरह, रंजीत रंजन ने कहा कि चुनाव आयोग के डॉक्यूमेंट के आधार पर ही कर्नाटक में एक विधानसभा में 6 महीने तक जांच के बाद एक लाख से अधिक फर्जी मतदाता मिले। मतदाता सूची में किसी का पता सही नहीं है और किसी की फोटो सही नहीं है, इससे बड़ा सबूत क्या हो सकता है?
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के दावों पर कहा, “राहुल गांधी ने सबूत दिखाए हैं, चुनाव आयोग को जिम्मेदारी लेनी चाहिए और संसद में एसआईआर पर चर्चा होनी चाहिए।” उन्होंने कहा, “राहुल गांधी और क्या प्रमाण दें? उन्होंने सबूत दिए हैं। चुनाव आयोग यह बताए कि क्या वह सबूत गलत हैं। राहुल गांधी ने अलग-अलग लोगों का नाम लिया, क्या वह लोग गलत थे? यह चुनाव आयोग बताए।”
गौरव गोगोई ने कहा कि राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद चुनाव आयोग ने जिस तरह से जवाब देना जरूरी समझा, उससे उनकी झिझक और बेचैनी साफ जाहिर होती है। वे राहुल गांधी के तीखे सवालों का सटीक जवाब नहीं दे पाए। अब वे सबूत और शपथ पत्र मांग रहे हैं, लेकिन राहुल गांधी पहले ही सारे सबूत सार्वजनिक रूप से पेश कर चुके हैं।
अपराध
मुंबई: शिवड़ी और रे रोड स्टेशनों पर महिला कोच पर पथराव, दो महिलाएं घायल

मुंबई: मुंबई में उपनगरीय लोकल ट्रेनों पर पत्थर फेंकने की दो घटनाओं में कई महिलाएं घायल हो गईं। ये घटनाएँ शिवड़ी और वडाला रेलवे स्टेशनों पर हुईं। पहली घटना गुरुवार, 18 सितंबर को हुई, जब वडाला में बाहर निकलने के लिए दरवाजे के पास पहुँचते समय अनुराधा साव (39) की आँख में पत्थर लगने से चोट लग गई। पत्थर उनके मोबाइल फोन पर लगा और फिर उनकी बाईं आँख पर लगा, जिससे उन्हें मामूली चोटें आईं और उन्हें लोकमान्य तिलक अस्पताल में इलाज कराना पड़ा। ठीक होने के बाद, उन्होंने वडाला रेलवे पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।
दूसरी घटना सोमवार को वडाला स्टेशन के पास हुई, जिसमें 21 वर्षीय हर्षदा पवार, जो एक खचाखच भरी ट्रेन के फुटबोर्ड पर खड़ी थीं, घायल हो गईं। कॉटन ग्रीन और रे रोड स्टेशनों के बीच ट्रेन के चलते एक अज्ञात व्यक्ति ने पत्थर फेंका, जिससे उनके चेहरे पर चोट लग गई। उन्हें भी इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया।
लोकसत्ता की रिपोर्ट के अनुसार, वडाला रेलवे पुलिस ने दोनों घटनाओं के लिए मामले दर्ज किए हैं और अपराधियों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज की जाँच कर रही है। इन घटनाओं के कारण यात्रियों, खासकर महिलाओं में भय व्याप्त है। प्रतिक्रियास्वरूप, रेलवे अधिकारियों ने रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) द्वारा गश्त बढ़ा दी है, साथ ही जोखिम वाले इलाकों में और सीसीटीवी कैमरे भी लगाए हैं।
स्थानीय निवासियों में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक अभियान चलाया जा रहा है। फिर भी, पथराव की लगातार हो रही घटनाओं ने लोकल ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएँ पैदा कर दी हैं।
मुंबई के उपनगरीय रेलवे स्टेशन पर रविवार सुबह लोकल ट्रेन से गिरकर दो लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। पहली घटना सुबह 6:35 बजे वसई रोड और नालासोपारा के बीच हुई, जहाँ एक 35 वर्षीय व्यक्ति बेहोशी की हालत में पटरी पर पाया गया और अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया।
दूसरी घटना सुबह 7:52 बजे ठाणे क्रीक ब्रिज पर हुई, जहाँ 30 वर्षीय आकाश गोस्वामी गिर गए और गंभीर रूप से घायल हो गए, जिसके बाद ठाणे सिविल अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। प्रारंभिक जाँच से पता चलता है कि दोनों दुर्घटनाएँ गिरने के कारण हुईं, जिससे बढ़ती मौतों के बीच सुरक्षा बढ़ाने के लिए ट्रेनों में स्वचालित दरवाज़ा बंद करने वाली प्रणाली लगाने की योजना बनाई जा रही है।
राष्ट्रीय समाचार
मुंबई: 12 घंटे से लापता 15 वर्षीय किशोर सुरक्षित घर लौटा; किसी गड़बड़ी की आशंका नहीं

CRIME
मुंबई: ताड़देव स्थित सरकारी कॉलोनी से रविवार शाम को लापता हुआ 15 वर्षीय किशोर लगभग 12 घंटे बाद सोमवार सुबह सुरक्षित घर लौट आया।
लड़के के माता-पिता, जो दोनों एक सरकारी अस्पताल में डॉक्टर हैं, रविवार रात 9 बजे तक उसके घर न लौटने पर चिंतित हो गए। उन्हें डर था कि कहीं कोई उनके बच्चे को बहला-फुसलाकर न ले गया हो, इसलिए उन्होंने तुरंत ताड़देव पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
पुलिस ने लड़के की तलाश के लिए कई टीमों के साथ तलाशी अभियान चलाया। हालाँकि, सोमवार सुबह किशोर खुद ही घर लौट आया।
पूछताछ के दौरान पता चला कि लड़के के पास कुछ पैसे थे और उसने बोरीवली जाने से पहले चौपाटी घूमने का फैसला किया। जेब खर्च खत्म होने पर उसने घर लौटने का फैसला किया। पुलिस ने पुष्टि की है कि लड़का सुरक्षित है और किसी गड़बड़ी की आशंका नहीं है।
राजनीति
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का कांग्रेस पर ‘कॉरपोरेट दलाली’ का आरोप, राहुल-जयराम रमेश से पूछे सवाल

नई दिल्ली, 23 सितंबर। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने मंगलवार को कांग्रेस पार्टी पर ‘कॉरपोरेट दलाली’ और भारतीय धन को विदेशी बैंकों में जमा करने का गंभीर आरोप लगाया।
उन्होंने कांग्रेस को ‘देश बेचने का ठेकेदार’ करार देते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश से सवाल किया कि क्या उन्होंने यह जिम्मेदारी ले रखी है?
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कुछ डॉक्यूमेंट शेयर करते हुए राहुल गांधी और जयराम रमेश से सवाल किए।
उन्होंने एक्स पर लिखा, “कांग्रेस पार्टी की ‘कॉरपोरेट दलाली’ और ‘भारतीय पैसे’ को स्विट्जरलैंड के बैंकों में जमा करने की कहानी राहुल गांधी आपकी जुबानी, 19 मार्च 1985 को जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री और विश्वनाथ प्रताप सिंह वित्त मंत्री थे, मुंबई एयरपोर्ट पर दो व्यक्तियों (अमीन साहब और नानावती) के पास से लगभग 3.5 लाख अमेरिकी डॉलर (तत्कालीन मूल्य के हिसाब से आज करीब 3 करोड़ रुपए से अधिक) जब्त किए गए थे। वित्त मंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने लोकसभा में स्पष्ट किया था कि यह पैसा मुरुगेश जयकृष्ण का है।”
भाजपा सांसद ने दावा किया कि जयकृष्ण गुजरात में व्यापार करने वाला कांग्रेस का कार्यकर्ता था, जिसने गुजरात विधानसभा चुनाव में 65 लोगों को 10-10 लाख रुपए दिए, अहमदाबाद में 50 एकड़ जमीन मात्र 1 रुपए में दी और 1982 के एशियाई खेलों के लिए पूरा गेम्स विलेज बनवाया।
उन्होंने आरोप लगाया कि गुजरात औद्योगिक विकास निगम और गुजरात खाद निगम के अध्यक्ष रहे मुरुगेश जयकृष्ण को बैंक ने ‘फोन बैंकिंग’ से लोन दिया, जबकि 16 कपड़ा मिलें धन की कमी से बंद हो रही थीं।
निशिकांत दुबे ने इसे कांग्रेस की ‘कॉरपोरेट दलाली’ का प्रतीक बताते हुए जयराम रमेश से भी सवाल किया। उन्होंने कहा, “आप लोगों ने देश बेचने का ठेका ले रखा है?”
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