राजनीति
कांग्रेस ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा से भाग रही है : भाजपा

नई दिल्ली, 28 जुलाई। सदन में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा को लेकर पक्ष-विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने सोमवार को कांग्रेस पर निशाना साधा।
पात्रा ने कहा, “बड़ा दुखद विषय है। पूरा देश सुनना चाहता है कि किस प्रकार से शौर्य के साथ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को किया गया, लेकिन विपक्ष, खासकर कांग्रेस, हंगामा कर रही है। वेल में उतरकर कागज फाड़ रही है और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा नहीं होने दे रही है। यह भी समस्त भारतवर्ष आज देख रहा है। यह कहीं न कहीं प्रायोजित लग रहा है।”
उन्होंने आगे कहा, “एक तरफ ये कहते हैं कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा होनी चाहिए, सर्वदलीय बैठक में इस मुद्दे पर सहमति जताते हैं और जब चर्चा शुरू होनी होती है, तो ये चर्चा नहीं होने देते हैं। कहीं न कहीं पर्दे के पीछे हमें लगता है कि विपक्ष ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और हमारी सेना के शौर्य के साथ खड़ी नहीं है। यहां तक कि पी. चिदंबरम तो पाकिस्तान को क्लीन चिट दे रहे हैं।”
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “विपक्ष ने फिर से चर्चा से भागने की कोशिश क्यों की। उन्होंने मांग की थी कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा होनी चाहिए, लेकिन जब सरकार इस चर्चा के लिए तैयार है, तो वे इससे क्यों भाग रहे हैं। विपक्ष आतंक और आतंकवाद पर खुली चर्चा को रोक रही है। क्या उन्हें अपने चेहरे से नकाब उतरने का डर है। आतंक और आतंकवादियों से उनका क्या संबंध है।”
उन्होंने सवाल खड़ा किया, “आखिर पी. चिदंबरम यह क्यों कह रहे हैं और सबूत मांग रहे हैं कि पाकिस्तान का हाथ इसमें कहां से था। पाकिस्तान जो भाषा बोल रहा है, वही भाषा चिदंबरम और कांग्रेस बोल रही है। आखिर चर्चा क्यों नहीं होनी चाहिए? उन्हें किस बात का डर है। पूरा देश यह सब देख रहा है। वे चर्चा से भाग रहे हैं और ऐसी भाषा बोल रहे हैं, जो पाकिस्तान या देश के दुश्मनों की होती है। संपूर्ण विपक्ष के चेहरे से नकाब उतर चुका है।”
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, “मैंने सुबह भी कहा था और अब दोहरा रहा हूं। आज चिदंबरम साहब ने जो कहा और सदन में जो हुआ, उससे साफ है कि कांग्रेस अब पाकिस्तान परस्त हो गई है। कांग्रेस, चीन के सहयोग से पाकिस्तान के आतंकवादियों को समर्थन दे रही है। उन्हें डर है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा होगी तो चीन और पाकिस्तान की सच्चाई उजागर हो जाएगी। यह भी सामने आएगा कि आतंकवाद के नाम पर हमारे निर्दोष नागरिकों की हत्या कैसे हुई और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारत ने पाकिस्तान को कैसे हराया। इस चर्चा से कांग्रेस का पिछले तीन-चार महीनों से चलाया जा रहा नाटक बेनकाब हो जाएगा। इसी कारण कांग्रेस बार-बार मुद्दा बदल रही है। उनके नेता, विपक्ष के नेता राहुल गांधी को न तो देश की चिंता है, न ही देश की सुरक्षा की। उन्हें पहलगाम में निहत्थे नागरिकों की मौत की कोई चिंता नहीं है।”
उन्होंने आगे कहा, “‘ऑपरेशन सिंदूर’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने जो कमाल किया है, वह अभूतपूर्व है। ‘मेक इन इंडिया’ के तहत बने हमारे हथियारों ने पाकिस्तान को पूरी तरह नेस्तनाबूद कर दिया। इस चर्चा से पाकिस्तान और उसकी जनता के सामने उसकी हार उजागर होगी। साथ ही, पाकिस्तान परस्त कांग्रेस पार्टी भी बेनकाब होगी। हम जब सांसद बनकर आते हैं, तो संसद में चर्चा होनी चाहिए। मुद्दों पर खुलकर परिचर्चा होनी चाहिए, न कि चीन और पाकिस्तान परस्त राजनीति, जैसा कि कांग्रेस कर रही है।”
सांसद मनोज तिवारी ने कहा, “ये लोग आतंकियों के समर्थक दिख रहे हैं। इसलिए पहलगाम की चर्चा से भाग रहे हैं। आप ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के लिए कमिटमेंट करके भाग रहे हैं और आतंकवादियों के समर्थन की बात कर रहे हैं। ये कांग्रेस का चरित्र है।
राष्ट्रीय समाचार
मुंबई बारिश: बीएमसी के बहादुर कर्मचारी ने खुले मैनहोल से नागरिकों की रक्षा की, त्रासदी को रोका

दादर पूर्व की हिंदू कॉलोनी का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) का एक कर्मचारी भारी बारिश के दौरान नागरिकों की सुरक्षा के लिए अपनी जान जोखिम में डालता दिख रहा है। कर्मचारी एक खुले मैनहोल के पास बैठकर पैदल चलने वालों और वाहन चालकों को चेतावनी दे रहा था ताकि कोई भी पानी से भरे गड्ढे में न गिरे।
हर मानसून में, मुंबई में खुले मैनहोल के कारण दुर्घटनाएँ होती हैं, जिनमें से कुछ जानलेवा भी होती हैं। जिस दिन शहर जलमग्न सड़कों और बाधित रेल सेवाओं से जूझ रहा था, उस दिन साहस का यह मौन कार्य सामने आया, जब एक मज़दूर मूसलाधार बारिश में जूझ रहे मुंबईवासियों के लिए एक वास्तविक अभिभावक बन गया।
क्लिप में एक कर्मचारी बारिश में भीगता हुआ दिखाई दे रहा है, फिर भी वह दुर्घटनाओं को रोकने के अपने कर्तव्य पर अडिग है। ऐसे उपाय शहर की तैयारियों में कमियों को उजागर करते हैं, खासकर तब जब बीएमसी को भारत का सबसे धनी नगर निकाय माना जाता है।
उन्नत पंपों और जल निकासी मशीनों के बावजूद, कर्मचारियों को अभी भी खुले मैनहोल की रखवाली जैसे खतरनाक तरीकों का इस्तेमाल करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। इस घटना ने इस बात पर बहस छेड़ दी है कि 2025 में नगर निगम कर्मचारियों को इतना जोखिम क्यों उठाना होगा।
रविवार रात से मुंबई में भारी बारिश हो रही है, जिससे कई निचले इलाकों में पानी भर गया है। हिंदमाता, किंग्स सर्कल, माटुंगा, फाइव गार्डन और हिंदू कॉलोनी एक बार फिर जलभराव वाले हॉटस्पॉट बन गए हैं, जिससे यात्री फंस गए हैं।
बीएमसी ने पानी निकालने के लिए उच्च क्षमता वाले पंप लगाए, लेकिन मूसलाधार बारिश जारी रहने के कारण जल निकासी धीमी रही। कई इलाकों में, पानी की दिशा मोड़ने और राहत कार्यों में तेज़ी लाने के लिए कर्मचारी मैनहोल खोलते देखे गए।
मुंबई की जीवनरेखा, लोकल ट्रेनें भी इससे अछूती नहीं रहीं। पटरियों पर भारी जलभराव के कारण सेवाएँ बाधित हुईं, जबकि दादर, माटुंगा और सायन के कुछ हिस्सों में सड़क यातायात धीमा पड़ गया। फंसे हुए यात्री राहत की उम्मीद में अपनी गाड़ियाँ घुटनों तक पानी में चलकर पार कर रहे थे।
अपराध
मुंबई: बोरीवली पुलिस ने कांदिवली में कथित ज़मीन धोखाधड़ी के लिए डेवलपर के उत्तराधिकारियों पर मामला दर्ज किया

CRIME
मुंबई: बोरीवली पुलिस ने एक डेवलपर के उत्तराधिकारियों के खिलाफ बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) को कथित रूप से जाली दस्तावेज प्रस्तुत करने के आरोप में मामला दर्ज किया है। यह डेवलपर अतिरिक्त फ्लोर स्पेस इंडेक्स (एफएसआई) के लिए बीएमसी को पूर्व में सौंपी गई 2.5 एकड़ भूमि को पुनः प्राप्त करने का प्रयास कर रहा था।
बीएमसी की शिकायत के बाद 4 अगस्त को दर्ज इस मामले की जाँच क्राइम ब्रांच कर रही है। एफआईआर के अनुसार, 1967 के बीएमसी रिकॉर्ड बताते हैं कि कांदिवली पश्चिम में 67,932.75 वर्ग मीटर ज़मीन नानूभाई भट की थी। इसमें से 29,696.34 वर्ग मीटर ज़मीन बीएमसी ने स्कूल, अस्पताल और पार्क जैसी नागरिक सुविधाओं के लिए आरक्षित की थी। 1973 में, भट ने अपने पाँच बच्चों के साथ मिलकर मेसर्स इंडियन प्लाबांगो नामक कंपनी बनाई।
23 मार्च, 1978 को, कंपनी ने बीएमसी को सूचित किया कि वह अतिरिक्त एफएसआई के लिए आरक्षित भूमि सौंप देगी। 15 मई, 1978 को, भूमि बीएमसी को हस्तांतरित कर दी गई, जिसने भट की कंपनी को आरक्षित भूखंडों पर 50% एफएसआई और डीपी रोड पर 100% एफएसआई प्रदान करने वाली रसीद जारी की। भट की कंपनी ने जीबीजेजे कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी के लिए अनारक्षित पाँच एकड़ भूमि पर 18 आवासीय भवन बनाए।
बीएमसी ने समर्पित ज़मीन का स्वामित्व हस्तांतरित करने और चारदीवारी बनाने का आदेश दिया था, लेकिन कंपनी ने इसका पालन नहीं किया। 2002 में, भट के पाँच बच्चों—जगदीश भट, सुरेशचंद्र भट, गिरीश भट, वत्सला जोशी और मालिनी दवे—ने कथित तौर पर विवादित ज़मीन पर अपने नाम बीएमसी की जानकारी के बिना जोड़ दिए, जबकि कंपनी ने पहले ही ज़मीन समर्पित कर दी थी।
एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि 19 फ़रवरी, 2004 को उत्तराधिकारियों ने मेसर्स शाह एंड संस के साझेदारों वादीलाल शाह और विजय सेठ को दिए गए पावर ऑफ अटॉर्नी के ज़रिए बीएमसी द्वारा अधिग्रहित ज़मीन को धोखाधड़ी से तीसरे पक्ष को सौंप दिया। अक्टूबर 2024 में, वादीलाल शाह ने यह पावर ऑफ अटॉर्नी अपनी पत्नी भावना शाह को हस्तांतरित कर दी, जिन्होंने अपने बेटे रिंकेश शाह के साथ मिलकर उस ज़मीन की खरीद-फरोख्त की, जो पहले से ही सार्वजनिक सुविधाओं के लिए बीएमसी के कब्जे में थी।
आरसेंट्रल वार्ड के 41 वर्षीय सहायक अभियंता सुनील शेटे ने बीएमसी की ओर से शिकायत दर्ज कराई है। आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 316(2) (आपराधिक विश्वासघात), 318(4) (धोखाधड़ी), 336(3) (जालसाजी), 338 (मूल्यवान प्रतिभूति की जालसाजी) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।
दुर्घटना
ठाणे: दिवा में चॉल का एक हिस्सा गिरा; 10 लोगों को बचाया गया, निवासियों को निकाला गया

ठाणे: महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक चॉल की गैलरी का एक हिस्सा ढह गया, जिससे 10 लोग फंस गए। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि यह घटना रविवार रात करीब साढ़े दस बजे हुई। बाद में फंसे लोगों को बचा लिया गया और एहतियात के तौर पर चॉल के सभी 40 फ्लैटों को खाली करा दिया गया।
ठाणे नगर निगम के आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के प्रमुख यासीन तड़वी ने बताया कि दिवा क्षेत्र में संजय म्हात्रे चॉल की पहली मंजिल पर गैलरी स्लैब का एक हिस्सा ढह गया।
उन्होंने बताया कि पहली मंजिल पर तीन फ्लैटों में दस लोग फंस गए थे और बाद में अग्निशमन कर्मियों ने उन्हें बचा लिया।
उन्होंने बताया कि एक मंजिला चॉल, जो अनुमानतः 15 से 20 वर्ष पुरानी है, खतरनाक इमारत की सूची में नहीं है।
संरचना की खतरनाक स्थिति को देखते हुए, अतिरिक्त सुरक्षा उपाय किए गए।
चॉल में कुल 40 फ्लैट हैं और एहतियात के तौर पर उन्हें खाली करा दिया गया है। अधिकारी ने बताया कि लगभग 35 से 40 निवासियों को अगले निरीक्षण और मरम्मत तक अस्थायी रूप से अपने रिश्तेदारों के घर चले जाने की सलाह दी गई है।
-
व्यापार5 years ago
आईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years ago
भगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
महाराष्ट्र3 months ago
हाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, मस्जिदों के लाउडस्पीकर विवाद पर
-
अनन्य3 years ago
उत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
न्याय1 year ago
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अपराध3 years ago
बिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
अपराध3 years ago
पिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार7 months ago
नासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा